*MC Chandigarh takes action against encroachments in Sector 15 Patel Market*

धान की बजाय दूसरी फसल की खेती करने पर मिलेंगे 7 हजार रुपये प्रति एकड़ : उप निदेशक कृषि

सिरसा, 10 मई।

मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत धान की जगह दूसरी खेती करने के लिए किसानों को किया जाएगा प्रोत्साहित


खरीफ के सीजन में धान की फसल की अधिक खेती होना भू-जल स्तर निचे गिरने के मुख्य कारणों में से एक हैं। गिरता हुआ भू-जल स्तर चिंता का विषय बनता जा रहा है। इस दिशा में अब सरकार ने मेरा पानी-मेरी विरासत योजना बनाई हैं, जिसके तहत किसानों को धान को छोड़कर दूसरी फसल की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। योजना के तहत यदि कोई धान की बजाए दूसरी खेती करता है, तो उसको सात हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

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यह जानकारी उप निदेशक कृषि डा. बाबू लाल ने दी। उन्होंने बताया कि धान की खेती में अन्य फसलों की तुलना में 50 से 60 प्रतिशत पानी की खपत ज्यादा होती है। यही कारण है कि धान की अधिकत खेती होने व इसमें अधिक पानी खपत होने कारण भू-जल स्तर नीचे जाता जा रहा है। सरकार द्वारा गिरते हुए भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए ‘मेरा पानी-मेरी विरासतÓ योजना बनाई गई है। उन्होंने बताया कि जैसा कि नाम से प्रतीत होता है कि पानी हमारी विरासत है व इसे बचा कर रखना हमारा कर्तव्य है। अगर हम इसे आज नहीं बचाएंगे तो आने वाली पीढी को विरासत के रूप में कुछ नहीं दे पाएगे। उन्होंने बताया कि इस योजना में हरियाणा के उन खंडों का चयन किया गया है जिन खण्डों का भूमिगत जल स्तर 40 मीटर से ज्यादा गहरा है। इसमें जिला के खंड सिरसा का चयन किया गया है।

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उन्होंने बताया सिरसा खंड में लगभग 30 हजार 500 हैक्टेयर में धान फसल की खेती होती है। स्कीम के अनुसार 50 प्रतिशत रकबा में अर्थात 15 हजार हैक्टेयर में फसल विविधीकरण के तहत अन्य फसलों की बिजाई का लक्ष्य दिया गया है। योजना के अनुसार खंड सिरसा में पिछले खरीफ सीजन 2019 में बोए गए धान के कुल रकबा में से 50 प्रतिशत रकबा में धान की खेती कर सकता है व अन्य 50 प्रतिशत रकबा में धान के अतिरिक्त अन्य फसलों जैसे कि कपास, मक्का, बाजरा व दलहन फसलों का की खेती करना अनिवार्य है। ऐसे किसानों को सरकार द्वारा सात हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।


उन्होंने कहा कि जिला का कोई भी किसान इस स्कीम का लाभ लेना चाहता है तो उसे पिछले खरीफ सीजन 2019 में बोए गए धान के राजस्व रिकार्ड सहित आवेदन करना होग। वह किसान भी 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि लेने का हकदार होगा। उन्होंने बताया कि जिस ग्राम पंचायत का भू-जल स्तर 35 मीटर या उससे ज्यादा गहरा है वे ग्राम पंचायत पंचायती जमीन में धान फसल की खेती नहीं कर सकती है। साथ ही उस ग्राम पचायत को फसल विविधिकरण करना अनिवार्य होगा तथा उस ग्राम पंचायत को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाऐगी।


उन्होंने बताया कि जिला सिरसा में 50 एचपी मोटर से बड़े बिजली कनैक्शन वाले किसानों द्वारा धान उगाने पर पूर्ण प्रतिबन्ध होगा। इस योजना का अभियान ट्रेनिग कै प, प्रदर्शन प्लाट लगाकर प्रचार-प्रसार किया जाएगा तथा फसल विविधिकरण में फसलों की बिजाई के कृषि यंत्र भी अनुदान पर उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि जो किसान इस योजना के निर्देशों की पालना नहीं करता है वे किसान विभाग द्वारा दी जाने वाली किसी भी स्कीम में अनुदान का पात्र नहीं होंगे तथा ऐसे किसानों की धान की फसल की खरीद सरकार द्वारा नहीं की जाएंगी। उन्होंने बताया कि जो किसान फसल विविधिकरण करके कपास, मक्का, बाजरा व दलहन फसलों की बिजाई करेगा उन किसानों की फसलों की खरीद सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर की जाएंगी। उन्होंने बताया कि जो किसान फसल विविधिकरण में टपका सिंचाई प्रणाली का प्रयोग करेगा उन किसानों को टपका सिंचाई विधि पर 85 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।

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