*MCC Fire and Rescue Committee reviews monsoon preparedness and Fire Safety initiatives*

जिला बाल कल्याण इकाई ने चलाया ऑप्रेशन मुस्कान व बाल श्रम मुक्त अभियान

सिरसा, 7 फरवरी।


जिला बाल कल्याण इकाई द्वारा ऑप्रेशन मुस्कान व बाल श्रम मुक्त अभियान के तहत शुक्रवार को शहर के विभिन्न स्थानों पर बाल श्रम करते हुए बच्चे व गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिए अभियान चलाया गया।


जिला बाल संरक्षण अधिकारी डा. गुरप्रीत कौर ने बताया कि टीम ने शुक्रवार को शहर में रोड़ी बाजार, चत्तरगढ पट्टïी, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, बरनाला रोड़ व अनाज मंडी में बाल श्रम करते हुए बच्चे व गुमशुदा बच्चों की तलाश की गई। इस दौरान दो बच्चे बाल श्रम करते हुए पाए गए। इन बच्चों को आगामी कार्रवाई के लिए बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया।


इस दौरान अनाजमंडी के नजदीक झुग्गी-झौपड़ी में रहने वाले बच्चों व अभिभावकों को बाल अधिकारों, जुवनाईन जस्टिस एक्ट, चाईल्ड हैल्पलाइन नम्बर 1098, स्पोंसर शिप व फोस्टर केयर स्कीम के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। इसके अलावा अभिभावकों को बच्चों से भीख न मंगवाने, बाल श्रम में न लगाने के बारे में भी जागरूक किया गया। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी गुमशुदा बच्चा मिलता है तो उसकी सूचना जिला बाल संरक्षण कार्यालय अथवा चाईल्ड हैल्पलाइन नम्बर 1098 पर दी जा सकती है। उन्होंने जागरूकता कैंप में बच्चों को शिक्षा के साथ जोडऩे की शपथ भी दिलवाई। उन्होंने बताया कि बच्चों से भीख मंगवाने, बाल श्रम करवाने आदि से बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाते हैं तो नशा जैसी गलत संगति के शिकार हो जाते हैं जिस कारण ये बच्चे अपने अधिकारों से भी वंचित हो जाते हैं।
बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा अनिता कुमारी ने बताया कि अगर कोई बच्चा लावारिस हालत में बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, बाजार, गलियों आदि में मिलता है तो नजदीकी पुलिस स्टेशन, जिला बाल संरक्षण ईकाई व हैल्पलाइन नम्बर 1098 पर सूचना दे ताकि बच्चे को उसके परिवार से मिलवाया जा सके। उन्होंने बताया कि ज्यूविनाईल जस्टिस एक्ट के तहत सूचना मिलने पर ऐसे गुमशुदा बच्चों को बाल देखरेख ग्रह में सुरक्षित ठहराव देते हुए परिवार की तालाश की जाती है। नियमानुसार किसी बच्चे के परिवार के न मिलने की स्थिति में ऐसे बच्चों को गोद प्रक्रिया में शामिल करके सामाजिक जीवन के साथ जोड़ा जाता है।


उन्होंने बताया कि स्पोंसरशिप स्कीम के तहत एक परिवार के अधिकतर दो बच्चों को 2 हजार रुपये प्रति माह स्कूल जाने पर दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि स्कीम का लाभ लेने के लिए परिवार की सालाना आय शहरी क्षेत्र में 30 हजार रुपये व ग्रामीण क्षेत्र में 24 हजार रुपये से अधिक न होने के साथ-साथ बच्चे की 75 प्रतिशत स्कूल हाजिरी अनिवार्य है।


इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता मीनाक्षी सिहाग, कोर्डिनेटर चाईल्ड हैल्पलाइन जसप्रीत सिंह, एएसआई रमेश चंद्र, सचएएचटीयू नाहन सिंह, ईएएसआई राज कुमार, होमगार्ड रोशनी मौजूद थे।

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