जल संरक्षण कोई विभाग का कार्य नहीं, बल्कि जन-जन का काम है : डीसी अशोक कुमार गर्ग
सिरसा, 8 जुलाई।
जल शक्ति अभियान को लेकर उपायुक्त की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन
उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि सिरसा जिला एग्रीकल्चर बेस्ड जिला है, यहां पानी की महत्वपूर्ण भूमिका है और जल संरक्षण की दिशा में कार्य के लिए बहुत संभावनाएं भी है।
वे आज स्थानीय लघु सचिवालय के बैठक कक्ष में जल शक्ति अभियान को लेकर आयोजित विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में सिंचाई, कृषि, वन, बिजली विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों उपस्थित थे। बैठक में उपायुक्त ने अधिकारियों से जल संरक्षण बारे सुझाव भी लिये।
उन्होंने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार जल संरक्षण को लेकर काफी गंभीर है। भारत सरकार विशेष तौर पर इस दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि जल है तो सबकुछ है, अधिकारी इसे विभागीय कार्य न समझ कर बल्कि समाज सेवा का कार्य समझ कर करें। उन्होंने सभी विभागध्यक्षों से कहा कि वे अपने-अपने कार्यालय की छतों पर बरसाती पानी के संचय हेतु आवश्यक इंतजाम करें ताकि जल संचय को बढावा मिल सके तथा इसकी रिपोर्ट भी भेजें। उन्होंने कहा कि अधिकारी जल संरक्षण को लेकर अपने-अपने सुझाव दें ताकि उनक सुझावों को लागू कर जल संरक्षण को बढावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभाग की अलग ड्यूटी है और वे अपने-अपने तरीके से जल संरक्षण की दिशा में योगदान दे सकते हैं।
उन्होंने उप निदेशक कृषि से कहा कि वे गांवों में अमेंडिडिड बोरवेल का सर्वें करें ताकि उनका उपयोग वाटर हारवेंस्टिंग के लिए किया जा सके और ग्राउंड वाटर लेवल को बढाया जा सके। उन्होंने वन विभाग को निर्देश दिये कि अब बरसाती मौसम शुरु हो गया है, वे एक जागरुकता अभियान चला कर जिला में अधिक से अधिक पौधारोपण करें। इसके अलावा स्कूलों से सम्पर्क कर पौधगिरी अभियान को बढावा दें ताकि विद्यार्थियों में जल संरक्षण के लिए जागरुकता आए और पर्यावरण संरक्षण को बढावा मिले। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे सभी स्कूलों के प्रिंसिपलों की बैठक लें और विद्यार्थियों में जल संरक्षण व पौधारोपण के लिए प्रति जागृति लाने बारे निर्देश दें। उन्होंने कहा कि वन विभाग व शिक्षा विभाग आपसी तालमेल से कार्य करें ताकि अभियान को तेज गति से आगे बढाया जा सके।
बैठक में जल संरक्षण और वर्षा जल संचय, पारंपरिक और अन्य जल निकायों तथा टैंकों का नवीकरण, ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के तालाबों का जीर्णोद्धार / गहरीकरण / डिसिल्टिंग का कार्य, सार्वजनिक निर्माण और निजी भवन पर छत के शीर्ष जल संचयन, माईक्रो इरिगेशन आदि विषयों पर चर्चा की गइ। उपायुक्त ने विभागाध्यक्षों से कहा कि वे तुरंत इन बिंदुओं की प्रगति रिपोर्ट भेजें ताकि वर्तमान स्थिति का पता चले और इस दिशा में भविष्य में कार्य योजना तैयार की जा सके।
उपायुक्त ने जिलावासियों से अपील की कि वे जल संरक्षण को बढावा दें, बरसात के समय अपने-अपने घरों की छतों का पानी भी भूमि में पहुंचाने के लिए आवश्यक इंतजाम करें ताकि भू-जल स्तर बढे।
इस बैठक में एसडीएम डबवाली ओम प्रकाश, नगराधीश जयवीर यादव, डीडीपीओ कुलभूषण बंसल, अधीक्षक अभियंता सिंचाई विभाग राजेश कुमार, उप कृषि निदेशक डा. बाबूलाल, उप जिला शिक्षा अधिकारी पवन सुथार, कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद अमन ढांडा, एक्सईएन बिजली विभाग डीआर वर्मा सहित बीडीपीओ, एबीपीओ व अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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