TRAI: महीने में 2% से ज्यादा ड्रॉप पर कपंनियों पर भारी जुर्माना देना पड़ सकता
टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) अगले महीने से देश भर के कॉल ड्रॉप और नेटवर्क में कमजोरी वाले इलाकों में विशेष अभियान शुरू करेगा। मार्च के आखिर तक अलग-अलग जगहों के आंकड़ों को जुटाकर उनकी समीक्षा की जाएगी। समीक्षा में बाद कमी पाए जाने पर उनके सुधार के लिए जरूरी उपाय किए जाएंगे।अब देश के करोड़ों मोबाइल यूजर को 1 अक्टूबर से नए पैरामीटर के अनुसार मोबाइल ऑपरेटर कंपनियों को सुविधाएं देनी होंगी, नहीं तो उन्हें भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। मालूम हो कि पिछले दिनों कॉल ड्रॉप पर बहुत विवाद हुआ था और इस मुद्दे पर राजनीति भी तेज हुई थी, जिसके बाद इसे सुधारने की दिशा में सरकार की ओर से पहल की गई थी।
कुछ और टेस्ट के बाद उन नतीजों की गहन समीक्षा की जाएगी। जरूरत पड़ने पर नए नियम भी बनाए जाएंगे ताकि लोगों को कॉल ड्रॉप से मुक्ति मिले। उन्होंने कहा कि मोबाइल सिग्नल के लिए गैर कानूनी तरीके से लगाए गए सिग्नल बूस्टर भी मुश्किल खड़ी कर रहे हैं। वे कॉल ड्रॉप के साथ साथ इंटरनेट स्पीड को प्रभावित कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कई बार कंपनियां नेटवर्क को मुद्दा बनाकर कॉल ड्रॉप से मुकर जाती हैं। अब ऐसा नहीं होगा। बात करने में आने वाली किसी तरह की दिक्कत को कॉल ड्रॉप की कैटिगरी में डाल दिया गया है। इसकी परिभाषा में 2010 के बाद पहली बार बदलाव किया गया है। इसके साथ ही ट्राई कॉल ड्रॉप पर नजर रखने के लिए अलग सिस्टम भी तैयार कर रहा है। यूजर इस बारे में रियल टाइम शिकायत कर सकेंगे।
हर मोबाइल टावर से जुड़े नेटवर्क की हर दिन की सर्विस का मिलान होगा। 2 फीसदी से ज्यादा कॉल ड्रॉप होने पर कंपनियों को 5 लाख का जुर्माना देना होगा।
डेटा ड्रॉप पर भी अंकुश लगाने की पहल ट्राई ने की है। इसके अनुसार महीने के प्लान में डाउनलोड में उपभोक्ता को कम से कम 90 फीसदी समय तय स्पीड के तहत सर्विस मिले। साथ ही महीने के प्लान में नेट ड्रॉप रेट अधिकतम 3 फीसदी हो।
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