नशा को खत्म करने के अभियान में सहयोग करें बैंक: उपायुक्त
सिरसा 26 जून।

उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने की अग्रणी बैंक योजना के तहत आयोजित जिला स्तरीय समीक्षा समिति बैठक की अध्यक्षता
उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि पैसा सभी आवश्यक जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है। जिला में आज सबसे बड़ी जरूरत नशा को जड़ से खत्म करने की है, क्योंकि इससे समाज बर्बादी की ओर जा रहा है। बैंक वित्तीय रूप से मालिक है, इसलिए वे नशा के प्रति जागरूकता अभियान में अपेक्षित सहयोग करते हुए इसको खत्म करने में अपनी भूमिका निभाएं।
वे आज अग्रणी बैंक योजना के तहत जिला स्तरीय समीक्षा समिति बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभिन्न बैंकों के अधिकारियों को संबोधित कर रहे रहे थे। इस अवसर पर मुख्य जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक अरूण सोनी, पीएनबी के उप महा प्रबंधक प्रेसदास, नाबार्ड से डीडीएम अजीत सिंह विभिन्न बैंकों के जिला कोर्डिंनेटर व अधिकारी उपस्थित थे।
उपायुक्त ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जिला में नशे का प्रकोप बहुत ज्यादा है, जोकि लोगों को विशेषकर युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहा है। जिला को नशामुक्त बनाने के अभियान में सभी को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। बैंक वित्तीय रूप से मजबूत है, इसलिए नशा मुक्त अभियान में अपना अपेक्षित सहयोग अवश्य करें। सामाजिक कार्यों में अपनी भागीदारी को बढ़ाकर समाज में फैली कुरीतियों को खत्म करने में अपनी भूमिका निभाएं।
उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई विभिन्न योजनाओं के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा मेंं किए गए बेहतर कार्य के लिए बैंकों को सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत दी जानी वाली वित्तीय सहायता के लिए निर्धारित लक्ष्यों को प्राथमिकता के साथ पूरा करें, क्योंकि ऐसे लोगों को आर्थिक सहायता की अधिक जरूरत रहती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बैंक कंपनियों के साथ बेहतर तालमेल बनाकर किसानों को उनकी फसल खराबे का कलेम निर्धारित समय में दिलवाएं, ताकि किसान को को किसी प्रकार की परेशानी ना हो।
उपायुक्त ने कहा कि स्टैंडअप इंडिया केंद्र सरकार का ड्रीम प्रोजैक्ट है। योजना के तहत निर्धारित लक्ष्यों को समयावधि में पूरा किया जाए। उन्होंने स्टैंडअप इंडिया के तहत निर्धारित लक्ष्यों को पूरा न करने पर नाराजगी जताते हुए बैंकों को इस दिशा में प्राथमिकता के साथ कार्य करने को कहा। स्कीम के तहत लाभार्थियों को 10 लाख से एक करोड़ तक की वित्तीय सहायता स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिए दी जाती है। इसमें प्रत्येक बैंक ब्रांच को दो लाभार्थियों को वित्तीय सहायता देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उन्होंने बैंको के रिकवरी मामलों की समीक्षा करते हुए कहा कि बैंक के संबंधित अधिकारी लोगों को लोन देते समय इस बात के लिए प्रेरित करे कि वह समय पर किश्त जमा करवाएं ताकि उसे आगामी समय में कोई बड़ा लोन लेने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना आए। उन्होंने कहा कि इससे लाभार्थी को फायदा होता है और बैंक को भी। उपायुक्त ने बैंकों से संबंधित सीएम विंडो, स्वयं सहायता ग्रूप, वित्तीय साक्षरता केंद्र आदि योजनाओं के कार्यों की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।