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INDIGENOUS SUSTAINABILITY: ENACTUS PANJAB UNIVERSITY UNVEILS ECO-FRIENDLY SOLUTIONS AT CHASCON 2024

जल संरक्षण करने वालों को किया जाएगा सम्मानित, राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2019 के लिए आवेदन आमंत्रित

सिरसा, 31 अक्तूबर।


                      केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग द्वारा विभिन्न श्रेणियों के लिए द्वितीय राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2019 के तहत जल संरक्षण तथा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले श्रेष्ठ राज्यों, जिलों, ग्राम पंचायतों, नगरनिगमों, पालिका निकायों, स्कूलों, टीवी शो तथा श्रेष्ठ समाचार पत्रों को सम्मानित किया जाएगा। प्रविष्टियां जमा करवाने की अंतिम तिथि 30 नवम्बर, 2019 है तथा पुरस्कार वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान दिल्ली में एक समारोह के दौरान दिए जाएंगे।


                      यह जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग द्वारा जल संरक्षण तथा प्रबंधन के क्षेत्र में विभिन्न श्रेणियों के लिए राष्ट्रीय जल पुरस्कार शुरू किए गये थे। उन्होंने बताया कि पुरस्कारों के लिए आवेदन फार्म आदि जमा करवाने के लिए केन्द्रीय भूजल बोर्ड को नोडल एजेंसी बनाया गया है। इस सम्बन्ध में और अधिक जानकारी www.jalshakti-dowr.gov.in या www.cgwb.gov.in से प्राप्त की जा सकती है। जल संरक्षण के लिए प्रधानमंत्री के निर्देशों तथा विभाग के प्रयासों पर बल देते हुए द्वितीय राष्ट्रीय जल पुरस्कार शुरू किया गया है। इससे जल संरक्षण और प्रबन्धन के क्षेत्र में भागीदारों के प्रयासों को मान्यता मिलेगी, जिससे न केवल उन्हें अपने कार्य जारी रखने के लिए प्रेरणा मिलेगी, बल्कि अन्य निकाय या संस्थाएं भी जल संरक्षण तथा प्रबन्धन के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य प्रणालियों को अपनाने के लिए प्रेरित होंगी।

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जल संरक्षण को लेकर गांव धोतड़ में स्कूल कैबिनेट आयोजित

सिरसा, 1 जून।

 हर घर को  स्वच्छ व उचित मात्रा में जल मिल सके इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जल स्वच्छता सहायक संगठन  व  जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव  धोतड़ के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्कूल कैबिनेट का आयोजन किया गया ।


       इस तरह अवसर पर खंड संसाधन संयोजक डॉ बलदेव राज ने संबोधित करते हुए कहा कि अमृत रूपी जल बचाने के लिए हम सभी को अपने-अपने स्तर पर पुरजोर प्रयास करने होंगे क्योंकि भारत में पूरी दुनिया के 15% लोग रहते हैं लेकिन पानी हमारे पास केवल दुनिया का 4% ही है। इसलिए हमें आज परंपरागत संसाधनों को पुनर्जीवित करना होगा और ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल संग्रह पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि जल की बढ़ती मांग, जल व्यवस्था का कुप्रबंधन व तेजी से हो रहे भूजल दोहन के कारण हमारे देश में वर्ष 2040 तक पानी की विकट समस्या पैदा हो जाएगी जिसका खामियाजा आने वाली पीढ़ी को भुगतना पड़ेगा । उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपील की कि वे अपने-अपने घरों में नलों के आगे टूटी लगाकर, गंदे कनेक्शनों को ठीक करवा कर व दूषित होने वाले जल को बचाकर जल बचाने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं ।

इस अवसर पर सरपंच विनोद सहारण ने संबोधित करते हुए कहा कि जल है तो कल है बिना जल के हमारा अस्तित्व ही नहीं रहेगा । उन्होंने कहा कि जितने ज्यादा पढ़े लिखे लोग हो रहे हैं उतनी ही ज्यादा प्रकृति के साथ छेड़छाड़ हो रही है जिसके परिणाम स्वरूप हमने हवा, पानी व खाने में जहर घोल दिया है और मानव आज  इतने वैज्ञानिक विकास के बावजूद भी गंभीर से गंभीर बीमारियों की चपेट में आ चुका है ।

 
       कनिष्ठ अभियंता समीर  कंबोज ने जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा जिला में अप्रैल माह से जल संबंधी ऑनलाइन सर्वे करवाया जा रहा है ताकि उन घरों का पता लगाया जा सके जिन घरों में पानी नहीं पहुंचा या कम पहुंच रहा है। साथ ही सक्षम टीमों द्वारा लोगों को घर-घर जाकर जल बचाने नलों पर टूटी लगाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है l उन्होंने लोगों से अपील की कि इस सर्वे में लोग ज्यादा से ज्यादा  सहयोग करें ताकि आगामी जल संबंधी योजनाएं मौजूदा समस्याओं को देखते हुए बनाई जा सके और लोगों को साफ व शुद्ध जल मुहैया करवाया जा सके ।


        इस अवसर पर प्राचार्य गुरजंट सिंह, अध्यापक, पंच व सक्षम टीम सदस्य पंकज कंबोज, अमनप्रीत व ऊषारानी भी उपस्थित थे।

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