उपायुक्त प्रभजोत सिंह ने अधिकारियों को दिए एक्शन प्लान पर नियमित प्रगति रिपोर्ट देने के निर्देश
सिरसा, 1 मई।
घग्घर को प्रदूषण मुक्त के लिए तैयार किया जाएगा एक्शन प्लान
घग्घर नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए राष्टï्रीय हरित प्राधिकरण(एनजीटी)के तय मापदंडों के तहत एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। इसके लिए संबंधित अधिकारी एक्शन प्लान पर अपनी नियमित रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। इसमें किसी प्रकार की ढिलाई ना बरती जाए और प्राथमिकता के आधार पर प्लान पर कार्य किया जाए।
ये निर्देश उपायुक्त प्रभजोत सिंह ने आज अपने कार्यालय में घग्घर नदी को प्रदूषण मुक्त करने बारे गठित कमेटी की मासिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने अधिकारियों से सख्त निर्देश देते हुए कहा कि ग्रामीण व शहरी इलाकों से निकलने वाला गंदा पानी घग्घर में ना जाए। इसके लिए संबंधित विभाग कार्य योजना बना कर तत्काल कार्रवाई करें ताकि घग्घर को प्रदूषण मुक्त किया जा सके। बैठक में डीडीपीओ कुलभूषण बंसल, उप निदेशक कृषि डा. बाबूलाल, सीएमओ डा. गोबिंद गुप्ता, डीएसपी जगदीश कुमार, वैज्ञानिक सुनील कुमार, कार्यकारी अभियंता पंचायती राज भरत सिंह, एक्सईएन आरके शर्मा, डीएफओ राम कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
उपायुक्त ने कहा कि राष्टï्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) निर्देशानुसार घग्घर को प्रदूषण मुक्त किया जाना है। जिसके तहत सभी विभागों द्वारा प्रस्तावित एक्सन प्लान तैयार किया जाएगा। सभी विभाग एनजीटी के निर्देशानुसार एक्सन प्लान बना कर घग्घर में आने वाले गंदे पानी की समुचित रोकथाम सुनिश्चित करें। उपायुक्त ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों से भी निकलने वाले गंदे पानी की निकासी को घग्घर में न डालें, इसके लिए ट्रिटमैंट प्लांट लगा कर पानी को साफ किया जाए। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक पर प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि बॉयोमेडिकल वेस्ट के निष्पादन पर प्रभावी कदम उठाए जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे घग्घर नदी के साथ लगते सभी गांवों में स्वास्थ्य जागरुकता कैंप लगाएं और लोगों के स्वास्थ्य की जांच करें। इसके साथ-साथ लोगों को घग्घर को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए जागरुक भी करें। वन विभाग घग्घर के किनारों पर अधिकाधिक संख्या में वृक्षारोपण करें।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ पेयजल की सप्लाई सुनिश्चित की जाए और जो गांव घग्घर के किनारे लगते हैं, उन गांवों में पीन के पानी के टेंकों के सैंपल समय-समय पर लिए जाएं और उस पानी में हैवी मैटल सहित अन्य प्रदूषित अव्वयों की मात्रा की जांच करवाई जाए। उन्होंने कहा कि भूमिगत जल स्तर को स्वच्छ रखने के लिए कोई भी संस्थान या उद्योग अपने गंदे पानी को जमीन में न डालें। उपायुक्त ने सभी विभागों को निर्देश दिये कि वे घग्घर को स्वच्छ बनाने के लिए गठित कमेटी को नियमित रुप से अपनी प्रगति रिपोर्ट भेजें।