भाजपा सरकार के दो साल पूरा होने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की छवि बदली
उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के दो साल पूरा होने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस की।
उन्होंने सरकार के दो साल के कार्यकाल का हिसाब देते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में राज्य में विकास का माहौल बना है।
पहले प्रदेश की पहचान अपराध और अव्यवस्था से होती थी। सपा शासनकाल में हर साल दंगे होते थे पर भाजपा की सरकार में प्रदेश की कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा कि यूपी की पहचान एक बीमारू राज्य के रूप में होती थी, लेकिन पिछले दो साल में प्रदेश की छवि बदली है। हमारी सरकार आने के बाद 86 लाख किसानों का कर्ज माफ किया गया।
प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट के द्वारा करीब चार लाख 28 हजार करोड़ रुपये निवेश के प्रस्ताव पास हुए। कानून-व्यवस्था में सुधार की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पिछले दो साल में 3300 इनकाउंटर हुए जिससे कि अपराधियों में भय का माहौल व्याप्त हुआ।
74 कुख्यात अपराधी मारे गए। 12000 से ज्यादा अपराधियों ने इनकाउंटर किया। प्रदेश में दो साल में एक भी दंगा नहीं हुआ, जबकि सपा-बसपा कार्यकाल में तो दंगे लगातार होते थे। महिलाओं में सुरक्षा की भावना आई। इन दो वर्षों में एसिड अटैक की एक भी घटना नहीं हुई।
योगी ने किसानों के लिए किए गए सरकार के कामों का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने आते ही प्रदेश के 86 लाख लघु एवं सीमांत किसानों का कर्जमाफ किया।
किसानों को उनकी फसलों का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलने लगा है।
गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1460 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1840 रुपये प्रति क्विंटल किया गया।
सरकार ने बिचौलियों पर लगाम लगाई। आज प्रदेश उन राज्यों में शामिल हो गया है जहां किसानों को 18 घंटे बिजली मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से किसानों को आर्थिक सहायता मिल रही है।
इस योजना के तहत किसानों को हर वर्ष छह हजार रुपये दिया जाएगा। जिसकी पहली किस्त दी जा चुकी है। जिससे देश भर के करीब 12 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं।
दो वर्षों में लंबे समय से लटकी प्रदेश की बाणसागर परियोजना को पूरा किया गया। सीएम योगी ने कहा कि कैराना-कांधला से पलायन करने वाले हिंदू वापस आए हैं।
प्रदेश के 53 जिलों में मोबाइल मेडिकल यूनिट चलाई जा रही हैं। जिससे कि पहले अगर मरीज डॉक्टर के पास आता था तो अब डॉक्टर खुद मरीज के पास जाता है।