लोकसभा चुनाव में मतदान कर्मियों को बूथों तक पहुंचाने के लिए इस बार बसों की व्यवस्था करने में विभाग को पसीने छूट रहे
देवरिया:

लोकसभा चुनाव में मतदान कर्मियों को बूथों तक पहुंचाने के लिए इस बार बसों की व्यवस्था करने में विभाग को पसीने छूट रहे हैं। एआरटीओ विभाग में चुनाव ड्यूटी से गाड़ी हटाने के लिए लोग दौड़ लगा रहे हैं।
विभाग ऐसे वाहन स्वामियों को चिन्हित कर रहा है जो चुनाव ड्यूटी में वाहन नहीं भेजने के लिए जोर लगा रहे हैं। विभाग ऐसे वाहन स्वामी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराएगा।
अब तक लोकसभा चुनाव में मतदेय स्थल तक मतदान कर्मियों को ले जाने के लिए ट्रक, डीसीएम और प्राइवेट बसों का उपयोग किया जाता था। ट्रक और डीसीएम पर महिलाओं को चढ़ने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
ट्रकों और डीसीएम पर मतदान कर्मी बैठ नहीं पाते हैं। इसे देखते हुए डीएम अमित किशोर ने इस बार एआरटीओ राजीव चतुर्वेदी से ट्रक और डीसीएम के स्थान पर बसों का इंतजाम करने को कहा। इसके बाद एआरटीओ विभाग बसों के इंतजाम करने में लग गया।
लोक सभा चुनाव में पोलिंग पार्टियों को भेजने के लिए 533 बसों की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही दो दर्जन बसों को रिजर्व में रखा जाएगा।
जिले में प्राइवेट कुल 400 बसें ही हैं।विभाग ने जिले के तीन हजार वाहन स्वामियों को गाड़ियों का अधिग्रहण 16 मई तक निर्वाचन कार्य के लिए करने के बारे में पत्र भेजा है।
बसों के अधिग्रहण करने का पत्र मिलने के बाद से बस मालिक वाहनों को चुनाव ड्यूटी से कटवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।
कुछ बस मालिक पहले से बसों की बुकिंग का बहाना कर रहे हैं तो कुछ गाड़ी के खराब होने की बात कहकर चुनाव में गाड़ी भेजने से कतरा रहे हैं।
कुछ विद्यालय अपनी सभी बसों को नहीं भेजने के लिए भाग दौड़ कर रहे हैं। इसके लिए बस मालिक शादी का कार्ड लगाकर एडीएम को प्रार्थना पत्र दे रहे हैं।
इस संबंध में जब एआरटीओ देवरिया राजीव चतुर्वेदी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि लोक सभा चुनाव में पोलिंग पार्टियों को भेजने के लिए परिवहन विभाग बसों का इंतजाम करने में लगा है।
जिले में आवश्यकता के अनुसार बसें कम हैं। कुछ बस मालिक बसों के खराब होने और शादी के लिए बुकिंग होने का प्रार्थना पत्र दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जो भी समय पर बसों और वाहनों को उपलब्ध नहीं कराएगा, उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।