विद्यार्थियों एवम अभिभावकों से चिंतन कर खोले जाएंगे शिक्षा संस्थान-कोविड ने खोली उच्च शिक्षा व्यवस्था की पोल : एस सी डी कालेज एवम पी सी एम ए ने करवाई प्रिंसिपल एवम प्रोफ़ेसर्स की वर्चुअल कान्फरेन्स

उच्च शिक्षा संस्थानों को खोलते समय विद्यार्थियों एवम अभिभावकों से चिंतन कर ही कोई निर्णय लिया जाए तथा फाइनल वर्ष की परीक्षाओं को ही लिया जाए ,तथा बाकी परीक्षाओं को आंतरिक मूल्यांकन तथा विद्यार्थियों के पिछले समेस्टर को नंबर को आधार बना कर प्रोमोट किया जाना चाहिए इस प्रकार की सहमति आज सतीश धवन सरकारी कालेज लुधियाना द्वारा पंजाब कामर्स एवम मैनेजमेंट अस्सोसीएशन से सयुंक्त तत्वाधान में करवाई गई वर्चुअल राउंड टेबल कांफ्रेंस जिसमें राज्य भर के प्रिन्सिपल्ज़ तथा प्रोफेससोर्स ने भाग लिया तथा अपने विचार रखे।
इस कांफ्रेंस के मुख्य उद्देश्य ” कोविड 19- अनलाकिंग आफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूटशन तथा स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर रहा। कांफ्रेंस में स्वागत भाषण देते हए एस सी डी सरकारी कालेज लुधियाना के प्रिंसिपल डॉ धर्म सिंह संधू ने कहा कि कोविड ने पूरे शिक्षा यन्त्र को ध्वस्त कर दिया है और अब हमें न्यू नार्मल की तरफ जाना होगा तथा ऑनलाइन टीचिंग , सोशल डिस्टनसिंग के साथ क्रोना के साथ जीना होगा। इस वर्चुअल कांफ्रेंस का उदघाटन पंजाब विश्विद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ कर्मजीत सिंह ने किया। अपने उध्घाटनी भाषण में डॉ कर्मजीत सिंह ने कहा जिस प्रकार के हालात बने हुए हैं जुलाई 15, 2020 से पहले किसी प्रकार की परीक्षा नहीं करवाई जा सकती तथा न ही शिक्षा संस्थानों को खोला जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस असमंजस के स्थिति में एक ऐसी स्ट्रेटिजी बनाये जाने की आवश्यकता है जिसमें ऑनलाइन टीचिंग को कारगर तरीके से माध्यम बनाया जाना होगा। उन्होंने कहा विश्विद्यालय इस पर काम कर रहा है तथा जल्द एक पालिसी की घोषणा भी जाएगी।
इस अवसर पर बोलते हुए पी सी एम ए के अध्यक्ष डॉ अश्विनी भल्ला ने कहा कि विश्वविद्यालयों को कालेजों को इस कोविड के समय अटानामी दी जानी चाहिए तथा अध्यापकों द्वारा दिये आंतरिक मूल्याँकन तथा पिछले समेस्टर का आधार लेकर तुरन्त नतीजो की घोषणा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा डिजिटल डिवाइड को समाप्त करने के लिए सभी टी वी चेनल का 50% समय कक्षाओं के लिए आरक्षित किया जाना होगा तथा गरीब तथा गांवो में इंटेरनेट तथा बैंडविड्थ की कारगर व्यवस्था करनी होगी। म्युनिसिपल करपोरेशनज़, पंचायतों को सदृढ़ व्यवस्था से इस डिजिटल डिवाइड को पाटना होगा। उन्होंने संस्थाओं को खोलने से पहले स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर को कारगर बनाने के लिए व्यापक कार्य करने होंगे तथा स्वास्थ्य विभाग से सर्टिफिकेशन के बाद ही संस्थाएं खोली जानी चाहिये।
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