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बादल परिवार की “बहू” हरसिमरत के समक्ष बठिंडा लोकसभा सीट पर जीत की चुनौती

बठिंडा:

बादल परिवार की “बहू” हरसिमरत के समक्ष बठिंडा लोकसभा सीट पर जीत की चुनौती

बादल परिवार की बहू एवं केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर को बठिंडा लोकसभा सीट को तीसरी बार जीतने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

उनके परिवार के गढ़ रहे इस निर्वाचन क्षेत्र में उनका मुकाबला दो मौजूदा विधायकों तथा आम आदमी पार्टी के एक बागी से है।

पारंपरिक रूप से बठिंडा सीट अकाली दल का गढ़ रही है क्योंकि इसके उम्मीदवारों ने यहां से आठ मौकों पर जीत दर्ज की है।

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने दिग्गज अकाली नेता प्रकाश सिंह बादल की बहू हरसिमरत कौर बादल पर बठिंडा सीट से फिर विश्वास जताया है।

हालांकि शुरू में अटकलें थीं कि उन्हें फिरोजपुर सीट से मैदान में उतारा जा सकता है। अकाली दल संरक्षक और पांच बार के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल अपनी बहू के लिए प्रचार कर रहे हैं।

सत्तारूढ़ कांग्रेस ने इस सीट से गिद्दड़बाहा के मौजूदा विधायक अमरिंदर सिंह राजा वारिंग को तथा आम आदमी पार्टी ने तलबंडी साबो की विधायक बलजिंदर कौर को मैदान में उतारा है।

आप के बागी एवं पंजाबी एकता पार्टी के प्रमुख सुखपाल सिंह खैरा भी यहां से चुनावी मैदान में हैं।

उन्होंने पिछले महीने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हरसिमरत ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 2009 के आम चुनावों के साथ की।

इन चुनावों में शिअद से हरसिमरत ने चुनाव लड़ा जिसमें उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार रनिंदर सिंह को हराया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने इस सीट से जीत दर्ज की थी।

बठिंडा लोकसभा क्षेत्र में नौ विधानसभा सीट हैं जिनमें से पांच पर आप का कब्जा है तथा दो सीट शिअद और दो सीट कांग्रेस की झोली में हैं। क्षेत्र में 15.89 लाख मतदाता हैं।