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जम्मू-कश्मीर से Article 370 खत्म ‘मोदी है तो मुमकिन है’ का दावा फिर हुआ सही साबित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कमान देकर बदलाव की आशा जताई थी और साहसिक कदम उठाकर मोदी ने यह जता दिया कि संकल्पशक्ति हो तो हर काम हो सकता है।

सत्तर साल से देश के अंदर ही एक अलग देश की तरह चलते रहे जम्मू-कश्मीर को सही मायने में अभिन्न अंग बनाने का कदम पहली बार उठाया गया। विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ा है।

ऐसे कई लोग और दल हैं जिन्हें यह कदम रास नहीं आ रहा है, लेकिन उनसे ज्यादा बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जिनके लिए यह ऐतिहासिक दिन है। सही मायने में जम्मू-कश्मीर अब भारत और भारतवासियों का हुआ है।

तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने एक चूक की थी जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुरुस्त किया है। ‘मोदी है तो मुमकिन है’ का दावा एक बार फिर साबित हो गया है।

पहले काल में नोटबंदी और जीएसटी, फिर तीन तलाक और अब अनुच्छेद-370 का समापन। वह भी सरकार में आने के महज दो तीन महीनों के अंदर। यही साबित करता है कि सरकार में संकल्पशक्ति अदभुत है।

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Breaking News: Jammu Kashmir से धारा 370 खत्म, राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पास, पक्ष में पड़े 125 वोट

आज सुबह पीएम आवास पर मोदी कैबिनेट में बड़ा फैसला लिया गया।

बैठक खत्म होने के तुरंत बाद गृह मंत्री अमित शाह संसद पहुंचे और राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने की सिफारिश की।

Jammu Kashmir से धारा 370 खत्म, राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पास, पक्ष में पड़े 125 वोट

जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने वाला विधेयक जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल राज्यसभा से पारित करवा कर मोदी सरकार ने इतिहास रच दिया है।

हालांकि, अभी लोकसभा में इस विधेयक का पास होना बाकी है, मगर लोकसभा में नंबर को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि वहां भी यह बिल आसानी से पास हो जाएगा।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त करने, जम्मू कश्मीर को विधायिका वाला केंद्र शासित क्षेत्र और लद्दाख को बिना विधायिका वाला केंद्र शासित क्षेत्र बनाने संबंधी सरकार के दो ”साहसिक एवं जोखिम भरे संकल्पों एवं दो संबंधित विधेयकों को सोमवार को राज्यसभा की मंजूरी मिल गई।

एक धारा को छोड़ सभी धाराओं को संशोधन किया गया। सरकार के इस फैसले को राष्ट्रपति ने भी अपनी मंजूरी दे दी।

इस दौरान राज्यसभा में अमित शाह के बयान के बाद विपक्ष ने सदन में जोरदार हंगामा किया।

इसको लेकर भारत सरकार का राजपत्र भी जारी हो गया है। मोदी सरकार के इस फैसले से कई विपक्षी दल नाराज है तो कई ने इस फैसले का स्वागत किया है।

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