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*Andhra Pradesh and Karnataka councillors & Officials Appreciate Chandigarh's Innovative Waste Processing Units during study tour*

Google ने होली के त्यौहार पर एक रंगीन डूडल बनाकर किया समर्पित

Google का डूडल

21 मार्च को Google ने होली के त्यौहार को एक रंगीन डूडल के रूप में चिह्नित किया है जो त्यौहार की उज्ज्वल और मज़ेदार भावना को दर्शाता है।

Google में भव्य कलाकृतियों के साथ-साथ होली के महत्व को बताते हुए एक कला और संस्कृति भी प्रदर्शित है।

होली, जिसे “रंगों का त्योहार” भी कहा जाता है, एक हिंदू त्योहार है जो वसंत के आगमन और सर्दियों के अंत का प्रतीक है।

भारत और नेपाल दो ऐसे देश हैं जो हर साल श्रद्धापूर्वक होली मनाते हैं। हालांकि, पूरे विश्व में भारतीय प्रवासी की उपस्थिति ने इसे एशिया और पश्चिम में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय भारतीय त्योहारों में से एक बना दिया है।

हिंदू कैलेंडर में ‘फाल्गुन’ महीने की पूर्णिमा पर – होली पूर्णिमा की रात को आती है।

परंपरागत रूप से, होली के लिए उत्सव मनाया जाता है – 20 और 21 मार्च को इस वर्ष – हिंदुओं द्वारा। पहले दिन समारोह लोगों के साथ उनके समुदाय या पिछवाड़े में बड़े अलाव जलाते हैं, और कच्चे नारियल और मकई का प्रसाद बनाते हैं।

दूसरे दिन, लोग रंगों, पिचकारियों, पानी की बंदूकें और पानी के गुब्बारे के साथ खेलते हैं।

21 march Holi

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होली का पर्व फूलों और रंगों का त्योहार

रंग हमारी भावनाओं को दर्शाते हैं। रंगों के माध्यम से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित होता है। यही कारण है कि हमारी भारतीय संस्कृति में होली का पर्व फूलों, रंग और गुलाल के साथ खेलकर मनाया जाता है।

रंगों का पर्व होली एक सांस्कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक त्यौहार है।

बल्कि यह पर्यावरण से लेकर आपकी सेहत के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। 

सनातन (हिंदू) धर्म में प्रत्येक मास की पूर्णिमा का बड़ा ही महत्व है और यह किसी न किसी उत्सव के रूप में मनाई जाती है।

उत्सव के इसी क्रम में होली, वसंतोत्सव के रूप में फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है।

फाल्गुन पूर्णिमा, हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का अंतिम दिन होता है। इससे आठ दिन पूर्व होलाष्टक आरंभ हो जाते हैं।

अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक के समय में कोई शुभ कार्य या नया कार्य आरंभ करना शास्त्रों के अनुसार वर्जित माना गया है।

होली शब्द का संबंध होलिका दहन से भी है अर्थात पिछले वर्ष की गल्तियां एवं वैर-भाव को भुलाकर इस दिन एक-दूसरे को रंग लगाकर, गले मिलकर रिश्तों को नए सिरे से आरंभ किया जाए। इस प्रकार होली भाईचारे, आपसी प्रेम एवं सद्भावना का पर्व है। 

होली, भारतीय समाज में लोकजनों की भावनाओं को अभिव्यक्त करने का आईना है। परिवार को समाज से जोड़ने के लिए होली जैसे पर्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार होली उत्तर प्रदेश के ब्रजमंडल में ‘लट्ठमार होली’ के रूप में, असम में ‘फगवाह’ या ‘देओल’, बंगाल में ‘ढोल पूर्णिमा’ और नेपाल देश में ‘फागु’ नामों से लोकप्रिय है।

मुगल साम्राज्य के समय में होली की तैयारियां कई दिन पहले ही प्रारंभ हो जाती थीं। मुगलों के द्वारा होली खेलने के प्रमाण कई ऐतिहासिक पुस्तकों में मिलते हैं। सम्राट अकबर, हुमायूं, जहांगीर, शाहजहां और बहादुरशाह जफर ऐसे बादशाह थे, जिनके समय में होली उल्लास से खेली जाती थी।

कुछ वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि रंगों से खेलने से स्वास्थ्य पर इनका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्योंकि रंग हमारे शरीर तथा मानसिक स्वास्थ्य पर कई तरीके से असर डालते हैं। पश्चिमी फीजिशियन और डॉक्टरों का मानना है कि एक स्वस्थ शरीर के लिए रंगों का महत्वपूर्ण स्थान है।

होली यह संदेश लेकर आती है कि जीवन में आनंद, प्रेम, संतोष एवं दिव्यता होनी चाहिए। जब मनुष्य इन सबका अनुभव करता है, तो उसके अंतःकरण में उत्सव का भाव पैदा होता है, जिससे जीवन स्वाभाविक रूप से रंगमय हो जाता हैं। रंगों का पर्व यह भी सिखाता है कि काम, क्रोध, मद, मोह  एवं लोभ रूपी दोषों को त्यागकर ईश्वर भक्ति में मन लगाना चाहिए। 

रंग हमारी भावनाओं को दर्शाते हैं। रंगों के माध्यम से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित होता है। यही कारण है कि हमारी भारतीय संस्कृति में होली का पर्व फूलों, रंग और गुलाल के साथ खेलकर मनाया जाता है।

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शहर भर में मनचले और हुड़दंगी पर रहेगी पुलिस की नजर

होली:

पीयू प्रशासन ने सभी शिक्षकों व कर्मचारियों से कहा है कि वह आईकार्ड को संभालकर रखें ताकि उन्हें दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

होली के मद्देनजर कल पंजाब यूनिवर्सिटी में बाहरी लोगों की एंट्री बैन रहेगी। वहीं शहर भर में मनचले और हुड़दंगी पुलिस की नजर में रहेंगे।

पीयू के शिक्षक व कर्मचारियों को इस दौरान बाहर जाने या अंदर प्रवेश करते समय आई कार्ड दिखाना होगा।

बताया गया कि गेट नंबर- 1 और 3 पूरा दिन बंद रहेगा। गेट नंबर- 2 पर सुबह 8.00 से 4.00 तक आई कार्ड से ही एंट्री होगी।

पीयू प्रशासन ने बताया कि यदि जबरन कोई प्रवेश करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान सुरक्षा बंदोबस्त के कड़े प्रबंध होंगे।

ड्रंकन-ड्राइव, सार्वजनिक स्थल पर शराब के सेवन, ट्रिपल राइडिंग और विदाउट हेलमेट ड्राइविंग करने वालों पर पुलिस की विशेष नजर रहेगी।

मनचले-हुड़दंगी और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों ने होली पर अगर जरा सी भी गड़बड़ी की तो उनकी खैर नहीं। होली पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर यूटी पुलिस मुस्तैद हो गई है।

साथ ही यातायात नियमों की अवहेलना पर शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से भी चालान जारी किए जाएंगे।

गर्ल्स हॉस्टल और गर्ल्स पीजी के पास महिला पुलिसकर्मी ड्यूटी पर तैनात रहेंगी।

किसी भी प्रकार से ध्वनि प्रदूषण करने वालों के खिलाफ पंजाब पुलिस एक्ट के तहत कार्रवाई कर उनके म्यूजिक सिस्टम को जब्त किया जाएगा।

कानून व्यवस्था और यातायात व्यवस्था को मजबूती देने का जिम्मा 6 डीएसपी स्तर के अधिकारी, 26 इंस्पेक्टर/एसएचओज, एनजीओ, ओआरएस-672 समेत कुल 860 पुलिसकर्मियों पर है। ट्रैफिक पुलिस चालान करने समेत वाहन जब्त करने की कार्रवाई करेगी।

शहर के अंदरूनी इलाकों में कुल 64 नाके लगाए जाएंगे। सेक्टर-11/12 मार्केट के टर्न से सेक्टर-10 गेड़ी रूट को लिमिटेड व्हीकल जोन चिह्नित किया गया है।

मुख्य मार्केट और मॉल समेत कालोनी व गांवों में भी सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस चौकन्नी रहेगी।

पुलिसकर्मियों को सुबह नौ बजे से ही ड्यूटी पर मुस्तैद रहने के निर्देश दे दिए गए हैं।

थानों की पुलिस समेत ट्रैफिक पुलिस ने भी बीते सालों से सबक लेते हुए इस बार रैश ड्राइविंग करने वाले युवकों और उपद्रव करने वालों, ड्रंकन-ड्राइव करने वालों और छेड़छाड़ समेत अन्य प्रकार से लोगों की शांति भंग करने वालों को दबोचने के लिए भी रणनीति तैयार की है।

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होली और कब इसका दहन करना शुभकारी ?

होली एक ऐसा त्यौहार है जिस की सांस्कृतिक विरासत अत्यंत समृद्ध है इसी कारण इसे सतरंगी त्योहार कहा जाता है एक और जहां इसकी पौराणिक धार्मिक महत्‍ता है।

वहीं दूसरी ओर साहित्य संगीत चित्रकला सामाजिक समरसता इत्यादि से संबंधित परंपराएं भी कम महत्वपूर्ण नहीं हैं।

रंगों का सजीला पर्व होली आ रहा है। हर पर्व की तरह इस पर्व के लिए भी मुहूर्त का विशेष महत्व है।

होलिका का विधि विधान से पूजन किया जाता है और सामूहिक रूप से विधि विधान से दहन किया जाता है।

होली और कब इसका दहन करना शुभकारी होगा।

इस वर्ष 2019 में 20 मार्च को होलिका का दहन होगा और

21 मार्च को रंगों से होली खेली जाएगी।

शुभ मुहूर्त…

होली पर्व तिथि व मुहूर्त 2019

होली 2019

20 मार्च

होलिका दहन मुहूर्त- 20:58 से 00:30

भद्रा पूंछ- 17:24 से 18:25

भद्रा मुख- 18:26 से 20:09

रंगवाली होली- 21 मार्चपूर्णिमा तिथि आरंभ- 10:44 (20 मार्च)

पूर्णिमा तिथि समाप्त- 07:15 (21 मार्च)