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Paras Health Introduces Panchkula’s First Robotic Surgery System with Da Vinci Xi

10 सालों में किसानों पर 300 प्रतिशत ऋण बढ़ा , डिफाल्टर किसानों की संख्या में भी 350 फीसदी का इजाफा

चंडीगढ़: 

हरियाणा में फसल बीमा योजना व अन्य कृषि कल्याण योजनाएं लागू होने के बावजूद राज्य के किसानों के ऊपर कृषि ऋण भी बढ़ रहा है और डिफाल्टर किसानों की संख्या भी बढ़ रही है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वर्ष 2017- 18 में लागू हुई थी। तब से मार्च 2019 तक के दो वर्ष के कार्यकाल में किसानों पर कृषि ऋण 7913 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 53954 करोड़ रुपये हो चुका है।

यानि डिफाल्टर किसानों की संख्या और राशि भी लगातार बढ़ी है।  दो वर्ष में डिफाल्टर राशि 2420 करोड़ की वृद्धि के साथ 5878 करोड़ हो चुकी है और किसानों पर मार्च 2019 तक , कुल कृषि ऋण 53954 करोड़ रुपये है।

राज्य में सत्ताधारी भाजपा सूत्रों  के अनुसार आगामी विधान सभा चुनावों में चुनाव घोषणा पत्र में पार्टी किसानों के कल्याण के लिए किसी न किसी योजना की घोषणा करेगी।

हालांकि कृषि ऋण को लेकर हरियाणा में चल रही योजनाओं से किसानों की स्थिति में गिरावट कम हुई है लेकिन ऋण और डीफॉल्ट राशि बढ़ी है।राज्य के बैंकों द्वारा उपलब्ध करवाए आंकड़ों में इस बात की पुष्टि होती है कि किसानों पर ऋण का बोझ लगातार बढ़ रहा है।

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दस वर्ष पहले की बात की जाये तो वर्ष 2009  के दिसंबर माह में किसानों का बैंक ऋण 17986 करोड़ था, जो 10 वर्षों के सफर में 53954 करोड़ रुपये तक आ पहुंचा है। करीब 300 प्रतिशत अधिक। केवल क़र्ज़ ही नहीं बल्कि किसानों की ऋण अदा करने की क्षमता भी कम हुई है।

पांच वर्ष पहले 2014 में 1. 39 लाख किसान ऐसे थे , जो ऋण की किश्तें चुका पाने में अक्षम रहे और बैंकों ने उन्हें 1615 करोड़ रुपये ऋण का डिफाल्टर घोषित कर दिया।

ये आंकड़ा कम नहीं हुआ।  मार्च 2019 तक किश्तें न चुका पाने वाले किसानों की संख्या 1,72,673 हो गई और डीफॉल्ट राशि 350 प्रतिशत से अधिक , 5878 करोड़ तक पहुंच गई।

डिफाल्टर होने की रफ़्तार भी 11 प्रतिशत की तेज़ी से बढ़ी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल का इस बारे में कहना था कि सरकार इस ओर तेज़ी से बढ़ रही है कि कैसे वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना किया जाये।

कहा कि अतीत की सरकारों की नीतियों की वजह से किसानों की ऐसी हालत हुई है। जबकि भाजपा सूत्रों का दावा है कि देश में किसान कल्याण की चल रही योजनाओं के अलावा आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी अपने घोषणा पत्र में किसानों के कल्याण के लिए अन्य योजनाएं लाने की भी तैयारी कर रही है। 

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स्वीप के तहत ग्रामीणों को किया मतदान के लिए प्रेरित

सिरसा, 29 अप्रैल।

जिला में व्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं चुनावी भागीदारी (स्वीप) कार्यक्रम के तहत मतदाता जागरुकता अभियान तीव्र गति से आगे बढ रहा है। अब तक इस अभियान के तहत हजारों लोगों को मतदान के लिए जागरुक किया जा चुका है। साथ ही लोगों को शत प्रतिशत मतदान के लिए प्रेरित करते हुए स्टिकर व पंपलेट भी वितरित किये जा रहे हैं। जिला में स्वीप कार्यक्रम अतिरिक्त उपायुक्त मनदीप कौर के मार्गदर्शन में चलाया जा रहा है।

मतदाता जागरुकता पर आधारित मोबाइल स्टीकर व पम्फलैट बांटे

इसी कड़ी में स्वीप मास्टर टे्रनर नरेश ग्रोवर ने गांव वैदवाला के राजकीय उच्च विद्यालय, गांव हांडीखेड़ा व झोपड़ा के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में मतदाता जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया। इस अवसर पर स्कूली बच्चों को मतदान के महत्व के बारे में अवगत करवाया। उन्होंने स्कूली बच्चों से कहा कि वे अपने अभिभावकों व आस पड़ोस के सभी नौजवान, पुरुष, महिलाओं, बुजुर्गों, रिश्तेदारों को मतदान के लिए प्रेरित कर मतदान प्रक्रिया में भागीदार बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि 12 मई को लोकसभा आम चुनाव है, इसे त्यौहार की तरह मनाएं। यह त्यौहार 5 वर्षों में एक बार आता है। इसलिए हम सबका कर्तव्य और भी अधिक बढ़ जाता है। उन्होंने कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने में मतदान प्रणाली एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें सभी लोगों को समान रूप से भाग लेना अति आवश्यक है।

स्कूली बच्चों व ग्रामीणों ने ली मतदाता जागरुकता शपथ

इस अवसर पर मास्टर ट्रेनर ने स्कूली बच्चों व अध्यापकों को मतदान में सहयोग व मतदान करने की शपथ दिलाई। गांव हांडीखेड़ा के स्कूली बच्चों ने मतदाता जागरूकता पर आधारित गीत व कविताएं सुनाई। इसके अलावा गांव वैदवाला के बच्चों ने मतदाता संबंधी नारे लगाए व रंगोली बनाई। इसके अतिरिक्त मतदाता जागरूक पम्फलैट भी बांटे गए एवं सभी के वाहनों व मोबाइलों पर मतदाता संबंधी नारे ‘सारे काम छोड़ दो-सबसे पहले वोट दोÓ एवं ‘सिरसा का अभिमान-100 प्रतिशत मतदानÓ के स्टीकर लगाए गए। इस दौरान गांव के लोगों ने भी यह आश्वासन दिया कि वे 12 मई को चुनाव में वोट डालने अवश्य जाएंगे और शतप्रतिशत मतदान करेंगे।