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कैथल सहकारी चीनी मिल को उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ चीनी मिल किया गया घोषित

कैथल:

राज्य स्तरीय समारोह में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किया उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी तथा शुगर मिल के एमडी जगदीप सिंह को सम्मानित।

हरियाणा में कैथल सहकारी चीनी मिल को पिराई सत्र 2018-2019 की उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ चीनी मिल घोषित किया गया है। राज्य स्तरीय सहकारिता दिवस पर यमुनानगर के तेजली स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में कृषि एवं किसान कल्याण केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सहकारी चीनी मिल की अध्यक्ष एवं उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी तथा शुगर मिल के एमडी जगदीप सिंह को सर्वश्रेष्ठ चीनी मिल का पुरस्कार प्रदान किया।

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उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि सहकारी चीनी मिल का पिराई सत्र गत 17 नवंबर से शुरू होकर 30 अप्रैल तक 166 दिन तक चला। इस दौरान मिल ने 40 लाख 43 हजार म्ंिटल गन्ने की पिराई करके 10.20 प्रतिशत की रिकवरी दर से 41 लाख 1 हजार 394 म्ंिटल चीनी का उत्पादन किया। जबसे मिल की स्थापना हुई है 10.20 प्रतिशत की चीनी रिकवरी इस वर्ष पहली बार हुई है। उन्होंने बताया कि पिराई सत्र 2018-2019 के दौरान मिल की क्षमता का प्रयोग 98.38 प्रतिशत रहा, जोकि स्थापना से लेकर अब तक सर्वाधिक है। मिल द्वारा एनर्जी सेविंग के क्षेत्र में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए 11 लाख 73 हजार 726 म्ंिटल खोई का उत्पादन करते हुए 2 करोड़ रुपए से अधिक का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त किया है। मिल ने पिराई सत्र के दौरान 40 लाख 43 हजार म्ंिटल गन्ने की पिराई की, जिसमें अगेती किस्म के गन्ने की मात्रा 92.40 प्रतिशत, मध्यम किस्म के गन्ने की मात्रा 7.31 प्रतिशत तथा सामान्य किस्म के गन्ने की मात्रा 0.29 प्रतिशत रही। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के किसानों को अगेती किस्म के गन्ने की बिजाई के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप क्षेत्र के किसान अगेती किस्म के गन्ने की बिजाई में सफल रहे हैं।

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उन्होंने बताया कि मिल की दैनिक पिराई क्षमता 25 हजार म्ंिटल होने के बावजूद 17 दिसंबर 2018 को 31 हजार 100 म्ंिटल गन्ने की पिराई करके मिल ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। मिल द्वारा अपनी क्षमता का 110 प्रतिशत तक प्रयोग लगातार किया गया है। इस कार्य के लिए इस वर्ष स्वींग टाईप केन कटर व चौथी मिल पर टीआरएफ सिस्टम लगाया गया, जिसके फल स्वरूप मिल अपनी क्षमता से अधिक गन्ने की पिराई करने में सफल रहा। मिल द्वारा इस वर्ष जीपीएस के माध्यम से किसानों के गन्ने का सर्वे किया जा रहा है तथा शीघ्र ही सरकार द्वारा मेरी फसल-मेरा ब्यौरा के अंतर्गत गन्ना किसानों का पंजीकरण किया जाएगा। जीपीएस प्रणाली से गन्ने का सर्वे करवाने वाली यह पहली मिल है। उपायुक्त ने इस उपलब्धि के लिए क्षेत्र के गन्ना उत्पादक, किसानों, मिल प्रबंधन, निदेशक मंडल, अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई दी।

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