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पुलवामा हमले के बाद किसानों ने टमाटर को पाकिस्तान नहीं भेजने का फैसला किया

पूरा देश इस समय सरकार के साथ खड़ा है।देश सबसे बड़ा है, आम लोगों से लेकर कारोबारियों, व्यापारियों और किसानों में भारी गुस्सा है।अगर हमारे पांच रुपए के टमाटर की कीमत 80 रुपए मिले तो भी हम इसे पाकिस्तान नहीं भेजेंगे।

देश की सीमाओं अपनी जान गंवाने वाले वीर जवानों के सम्मान में ये ऐलान है खेतों में पसीने से फसल उपजाने वाले किसानों का।

हर कोई अपने-अपने तरह से इस हमले का बदला लेना चाहता है। इसी कड़ी में कारोबारियों ने जहां पाकिस्तान से आए सीमेंट के कंटेनरों को लौटा दिया है, वहीं किसानों ने टमाटर को पाकिस्तान नहीं भेजने का फैसला किया है।

पुलवामा हमले के बाद छत्तीसगढ़ के किसानों ने पाकिस्तान को करारा जवाब देने के लिए सब्जियों और फलों की आपूर्ति पूरी तरह से बंद कर दी है।

साथ ही ऐलान किया है कि जिस टमाटर की कीमत यहां 5 रुपए मिल रही है, उसकी कीमत 80 से 100 रुपए होने के बाद भी वे पाकिस्तान के लिए उत्पाद नहीं भेजेंगे।

छत्तीसगढ़ से हर दिन 15 से 20 ट्रक टमाटर, हरी मिर्च समेत अन्य सब्जियां दिल्ली और पंजाब के रास्ते पाकिस्तान जाती थी, लेकिन अब प्रदेश के सब्जी विक्रेताओं ने अपने उत्पाद पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया है।

इससे हर दिन किसानों और सब्जी विक्रेताओं को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। टमाटर को सड़कों पर फेंकने की स्थिति निर्मित हो रही है, इसके बावजूद सब्जी विक्रेता अपना माल पाक के लिए भेजने तैयार नहीं हैं।

उसके बाद इस्लामाबाद से आने वाली सभी तमाम चीजों पर 200 फीसद आयात शुल्क लगा दिया है। इससे पाकिस्तान के निर्यात पर बुरा असर पड़ रहा और आने वाले दिनों में इसका और भी असर देखने को मिलेगा।पाकिस्तान की इस कायराना हरकत से भारतीय कारोबारियों और व्यापारियों में भी भारी गुस्सा है। 

प्रदेश की सबसे बड़ी सब्जी मंडी डूमरतराई के सब्जी विक्रेताओं का कहना है, पूरा देश इस समय सरकार के साथ खड़ा है और सरकार आर्थिक नाकेबंदी के माध्यम से पाकिस्तान का कमर तोड़ने की कोशिशों में जुटी है।

ऐसे में वहां माल भेजना ठीक नहीं है। इसीलिए यह निर्णय़ लिया है कि कम कीमत पर अपने माल यहीं खपाएंगे, लेकिन किसी भी सूरत में पाकिस्तान के लिए माल नहीं भेजेंगे।

लेकिन किसानों और सब्जी विक्रेताओं का हौसला ही है, जो देश की सुरक्षा और अस्मिता के लिए नुकसान भी सहने को तैयार हैं।

कारोबारियों की मानें तो हर दिन प्रदेशभर से 400 टन टमाटर पाकिस्तान के लिए लोड होता था। सीमा पर तनाव के बाद से यह पूरी तरह बंद है।

पैसों में इसका आंकलन किया जाए, तो कीमत 14 से 20 लाख होता है। इसी तरह दूसरी सब्जियों की आपूर्ति भी पूरी तरह बंद है।

जबकि सामान्य दिनों में छत्तीसगढ़ से टमाटर, आलू जैसे उत्पाद पाकिस्तान भेजे जाते रहे हैं।पाकिस्तान की इस कायराना हरकत से भारतीय कारोबारियों और व्यापारियों में भी भारी गुस्सा है। 

पाकिस्तान में कई जगह 200 रुपये किलो तक टमाटर बिकने की खबरें मिल रही हैं। टमाटर की कीमत बढ़ने से लोग बेहाल हो गए हैं। हफ्तेभर के अंदर टमाटर में करीब 100 रुपये तक का उछाल आया है।

लेकिन किसानों और सब्जी विक्रेताओं का हौसला ही है, जो देश की सुरक्षा और अस्मिता के लिए नुकसान भी सहने को तैयार हैं।पूरा देश इस समय सरकार के साथ और पाकिस्तान के खिलाफ खड़ा है।

आतंकियों और सुरक्षाबलों की मुठभेड़, मेजर समेत 4 जवानों के शहीद होने की खबर – पुलवामा

पुलवामा: गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के खिलाफ देश में गुस्सा बना हुआ है और इस बीच यहां आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई है। प्रारंभिक रूप से मिल रही जानकारी के अनुसार पुलवामा के पिंगलान इलाके में यह मुठभेड़ हो रही है। अब तक मुठभेड़ में एक मेजर समेत सुरक्षाबलों के चार जवान जवानों के शहीद होने की सूचना है। वहीं इस दौरान एक नागरिक के मारे जाने की सूचना है।

जम्मू कश्मीर के पुलवामा सेक्टर के पिंगलान में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ की खबर है। वहीं सुरक्षाबलों को 2 से 3 आतंकी के छिपे होने की खबर मिली है। 

 मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुठभेड़ के दौरान 4 जवान शहीद हो गए हैं। जिसमें एक मेजर भी शामिल है। इस मुठभेड़ के दौरान एक नागरिक के घायल होने की खबर है। जानकारी के मुताबिक, पुलवामा अटैक के बाद सुरक्षाबल के जवान एक्शन में दिख रहे हैं।

पुलवामा में सेना का सर्च ऑपरेशन भी जारी है। बीते रविवार को राज्य सरकार ने अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली थी। 

बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में आतंकियों ने आत्मघाती हमला कर सीआरपीएफ की एक बस को निशाना बनाया। जिसमें 40 जवान शहीद हो गए तो वहीं दो दिन बाद नौशेरा सेक्टर में लैंडमाइन डिफ्यूज करते वक्त एक मेजर शहीद हो गए और जवान घायल हो गया। जिसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार एक बड़ी रणनीति पर काम कर रही है

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार एक बड़ी रणनीति पर काम कर रही है। खबर है कि भारत आतंकी संगठन जैश पर डोजियर तैयार कर रहा है। इस काम में खुफिया एजेंसियां काम कर रही हैं।  

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जैश, आईएसआई और तहरीके-ए-तालिबान के खिलाफ डोजियर तैयार हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर पुलवामा हमले को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि पुलवामा हमले को लेकर 57 देशों ने कड़ी निंदा की है और आतंकवाद को खत्म करने के लिए भारत के समर्थन में भी खड़े हो गए हैं।  

पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में शामिल करने के लिए भारत ने अगले सप्ताह पेरिस में होने वाली एफएटीएफ की पूर्ण सभा और वर्किंग ग्रुप बैठक में भी अन्य देशों पर दबाव बनाने की तैयारी की है। बता दें कि पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकियों को होने वाली फंडिंग पर नजर रखकर सचेत करने वाला संगठन है। 

पुलवामा आतंकी हमले में शहीद होने वाले जवानों में पांच राजस्थान के हैं।

पुलवामा आतंकी हमले में शहीद होने वाले 40 सीआरपीएफ जवानों में से पांच राजस्थान के हैं। इन्हीं में से एक हैं, कोटा जिले के सांगोद क्षेत्र स्थित विनोद कलां गांव के 43 वर्षीय हेमराज मीणा। उन्होंने करीब 18 साल पहले सीआरपीएफ में नौकरी शुरू की थी और 61वीं बटालियन में सेवा दे रहे थे। वह एक दिन पहले अपनी बटालियन में ड्यूटी पर पहुंचे थे। घर से विदा होने से पूर्व उन्होंने परिवार को भरोसा दिलाया था कि वह 20 दिन में वापस आएंगे। वह वापस तो चार दिन बाद ही पहुंच गए, लेकिन तिरंगे में लिपटकर।

मीडिया से बात करते हुए उनके बड़े भाई रामबिलास ने बताया कि जम्मू-कश्मीर जाने से पहले हेमराज महाराष्ट्र के नागपुर में ट्रेनिंग पर गए हुए थे। ट्रेनिंग से लौटते वक्त सोमवार रात वह कुछ देर के लिए गांव आए थे। चंद घंटे घर पर बिताने के बाद मंगलवार सुबह करीब छह बजे ही वह गांव से वापस लौट गए थे। बुधवार को ही वह जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे। मंगलावर सुबह घर से निकलते वक्त हेमराज ने पत्नी से कहा था कि वह 20 दिन में वापस आ जाएंगे।

रामबिलास मीणा ने कहा कि भारत सरकार को पाकिस्तान को इस हमले का करारा जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं खुद सीमा पर जाकर पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देना चाहता हूं। उनके पिता हरदयाल मीणा ने कहा कब तक हम आतंकी हमले सहन करते रहेंगे। हमारे सैनिक कब तक ऐसे शहीद होते रहेंगे। मुझे संतोष तब मिलेगा, जब भारत पाकिस्तान से इसका बदला लेगा। हेमराज तीन वर्ष से कश्मीर में ही तैनात थे। इससे पहले वह लंबे समय तक नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तैनात रहे हैं।

18 माह बाद उन्हें सेवानिवृत्त होना था। उनकी पत्नी मधुबाला ने बताया कि शादी के वक्त हेमराज सीआरपीएफ में नहीं थे। शादी के बाद उनकी नौकरी लगी थी। उन्होंने सोचा था सेवानिवृत्त होने के बाद खुशी-खुशी जीवन बिताएंगे, लेकिन क्या पता था कि महज 18 महीने की नौकरी में ऐसा दिन देखना पड़ेगा।

भारत की यही रीति, पहले हम छेड़ते नहीं और छेड़ा तो फिर छोड़ते नहीं – पीएम मोदी

महाराष्ट्र:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र के धुले में एक जनसभा को संबधित करते हुए पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए हमले का जिक्र किया। उन्होंने कहाकि आप सभी के बीच ऐसे वक्त पर आया हूं जब पुलवामा में हमारे जवानों पर हमले को लेकर देश आक्रोशित है। एक तरफ देश गुस्से में है तो दूसरी तरफ हर आंख नम है।

उन्होंने कहा कि एक देश के नाते हमारा काम यहीं से शुरु होता है। जिन्होंने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, उनके परिवार के साथ हम हमेशा खड़े रहें। ये संयम का समय है, संवेदनशीलता का समय है, ये शोक का समय है। लेकिन हर परिवार को मैं ये भरोसा देता हूं कि हर आंसू का जवाब लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि भारत नई रीति और नई नीति का देश है, ये अब दुनिया भी अनुभव करेगी। भारत की ये नीति रही है कि हम किसी को छेड़ते नहीं हैं, लेकिन नए भारत को किसी ने छेड़ा तो वो छोड़ता भी नहीं है। पीएम ने कहा कि ये हमारा सुरक्षाबलों ने पहले भी कर दिखाया है और अब भी कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

धुले की विकास परियोजनाओं का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा- धुले शहर में औद्योगिक शहर बनने की पूरी संभावना है। ये ऐसी जगह स्थित है, जहां से देश के अलग-अलग शहरों में व्यापार की संभावना है। यहां से कई बड़े-बड़े नेशनल हाईवे गुजरते हैं। आज यहां की कनेक्टिविटी को और सशक्त करते हुए दो रेल लाइनों का शिलान्यास किया गया है।