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*27 दिसम्बर को जिला के बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों की जाएगी सुनवाई*

नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया, जिसे उन्होंने आज ट्वीट कर सार्वजनिक किया।

चंडीगढ़: 

पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। सिद्धू ने 10 जून को राहुल गांधी के नाम से त्याग पत्र भेजा था, जिसे उन्होंने आज ट्वीट कर सार्वजनिक किया।

हालांंकि मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल का कहना है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पास अभी तक नवजोत सिंह सिद्धू का कोई इस्तीफा नहीं पहुंचा है। इस्तीफे की जानकारी उन्हें मीडिया से ही पता चली है। 

वहीं, सिद्धू ने एक अन्य ट्वीट कर कहा है कि वह अपना इस्तीफा सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को सौंपेेंगे। एक माह पूर्व कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उनके विभाग में बदलाव किया था।

सिद्धू स्थानीय निकाय मंत्री थे, कैप्टन ने लोकसभा चुनाव के बाद मंत्रिमंडल मेंं बदलाव करते हुए उन्हें ऊर्जा मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी, लेकिन सिद्धू इससे नाराज थे। उन्होंने अभी तक ऊर्जा मंत्री के रूप में कार्यभार नहीं संभाला था। 

नवजोत सिंह सिद्धू ने बताया कि राहुल गांधी को वह अपना इस्तीफा 10 जून 2019 को दे दिया था लेकिन खुलासा आज किया। जानकारी के लिए आपको बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू के बीच कुछ दिनों से मनमुटाब की खबरें थीं।

लोकसभा चुनाव 2019 में पंजाब में कांग्रेस की अच्छी सीटें नहीं मिली थी। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसकी ठीकरा नवजोत सिंद्धू पर फोड़ा था साथ ही उन्होंने आलाकमान से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव के बाद 6 जून को हुई कैबिनेट की पहली ही बैठक में नवजोत सिंह सिद्धू सहित कई मंत्रियों के विभाग बदल दिए थे।

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*27 दिसम्बर को जिला के बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों की जाएगी सुनवाई*

नवजोत सिंह सिद्धू की जिद पर कांग्रेस आलाकमान उनकी सुनवाई में जुट गई है।

चंडीगढ़ :

पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर द्वारा नवजोत सिंह सिद्धू का विभाग बदले जाने के एक महीनें बाद भी वे अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। सिद्धू की जिद पर कांग्रेस आलाकमान उनकी सुनवाई में जुट गई है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह का भी रूख थोड़ा नरम हुआ है। अहमद पटेल से मिलने के बाद से अमरिंदर सिंह अब बचाव की मुद्रा धारण कर लिए हैं।

मीडिया सूत्रों के मुताबिक अहमद पटेल करीब एक हफ्ते के भीतर तीन बार कैप्टन से मिल चुके हैं। हालांकि अभी भी कोई फैसला नहीं लिया गया है।

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लोकसभा चुनाव के परिणाम जारी होने के बाद से ही अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू में सियासी लड़ाई जारी है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि राज्य में कोई मंत्री अपना कार्यभार एक महीने तक न संभाला हो।

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी कार्रवाई के बदले अब सुनवाई की तरफ ध्यान देने वाली है। सिद्धू का विभाग 6 जून को बदला गया था तब से वे नाराज चल रहे हैं। इस बाबत उन्होंने राहुल गांधी से शिकायत भी किए थे।

कांग्रेस आलाकमान ने इस मामले को सुलझाने के लिए वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को पंजाब भेजा है। बीते शनिवार को अहमद पटेल पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह से मुलाकात किए थे।

इसमें सीएम के राजनीतिक सलाहकार कैप्टन संदीप संधू भी मौजूद थे। इस बैठक के बाद से ही स्थानीय निकाय सक्रिय हो गया है।

कैप्टन ने सिद्धू के साथ साथ 13 मंत्रियों का विभाग बदल दिया था। सिद्धू को कारण बताया गया कि वे अपने विभाग को संभाल नहीं पा रहे हैं। इसी वजह से चुनाव में पार्टी को नुकसान हुआ है।

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सिद्धू बोले, स्थायी समाधान के लिए हो बातचीत : पुलवामा हमला


चंडीगढ़: जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को कहा कि इस समस्या को स्थायी तौर पर हल करने के लिए बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने आतंकी हमले को निंदनीय और कायरतापूर्ण करार दिया। 

सिद्धू ने कहा, ‘आखिर कब तक हमारे जवान अपनी जान देते रहेंगे, हमें इसका स्थायी समाधान निकालने के लिए बात करनी चाहिए’ उन्होंने कहा कि इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए, गालियां देने से कुछ नहीं होगा। पाकिस्तान पर नरम रुख दिखाते हुए सिद्धू ने यह भी कहा कि आतंकवाद का कोई देश नहीं होता, आतंकियों का कोई मजहब नहीं होता और ना ही उनकी कोई जाति होती है।