आम बजट 2019-20: केंद्र सरकार आगामी पांच जुलाई को पेश होने वाले आम बजट में 16 नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने का प्रावधान कर सकती है।
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार आगामी पांच जुलाई को पेश होने वाले आम बजट में 16 नई वंदे भारत एक्सप्रेस (ट्रेन-18) ट्रेन चलाने का प्रावधान कर सकती है। स्वदेशी तकनीक वाली सेमी हाईस्पीड (160 किलोमीटर प्रतिघंटा) इस ट्रेन को प्रमुख रेल मार्गों पर चलाया जाएगा। इसके अलावा 240 से अधिक मेल-एक्सप्रेस सहित राजधानी और शताब्दी ट्रेन को चलाने की व्यवस्था की जाएगी।
देश के प्रमुख रेल मार्गों पर रेल यात्रियों के लिए प्रत्येक पांच से सात मिनट में ट्रेन चलाने के लिए प्रमुख रेल मार्गों पर दिल्ली-कोलकाता-चेन्नई-मुंबई के बीच हाईस्पीड कॉरिडोर बनाने की बजट में व्यवस्था होने की उम्मीद है।
इस बार टैक्स (Tax) को लेकर भी बदलाव दिया जा सकता है। लेकिन हम बजट इतिहास (Budget History) पर नजर डालें तो सभी तथ्य सामने आ जाएंगे जो कि देश के आर्थिक हालात बताते हैं।
स्वतंत्र भारत (Independent India) के पहले बजट से लेकर अब तक अनेकों मौके आए हैं जब बजट के प्रावधानों ने देश को नई दिशा देने की कोशिश की है।
बजट के समय में बदलाव वर्ष 2001 में अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने किया था। एनडीए सरकार ने अंग्रेजी परंपरा को तोड़कर सुबह 11 बजे संसद में बजट पेश करनी की परंपरा शुरू की।
साल 2000 तक अंग्रेजी परंपरा के अनुसार बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था। लेकिन साल 2001 में पहली बार सुबह 11 बजे तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बजट पेश करने की शुरुआत की थी।
तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा को साल 2002 के केंद्रीय बजट (Budget) में सबसे अधिक रोलबैक (Rollback) शामिल करने के लिए जाना जाता है।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने साल 1994 के अपने बजट में सर्विट टैक्स (Service Tax) के टर्म को भारत के सामने रखा था। इसी साल के केंद्रीय बजट में सर्विस टैक्स का प्रावधान किया गया। जिसे पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने पेश किया था।
साल 1973-74 के बजट को भारत के ब्लैक बजट के नाम से जाना जाता है, क्योंकि इस साल देश का बजट घाटा 550 करोड़ रुपए था।
इस बजट के माध्यम से सामान्य बीमा कंपनियों, भारतीय तांबा निगम (Indian copper corporation) और कोयला खानें के राष्ट्रीयकरण के लिए 56 करोड़ रुपए मुहैया कराए गए। वित्त वर्ष 1973-74 के लिए बजट में अनुमानित घाटा 550 करोड़ का था। यह बजट यशवंतराव बी. चव्हाण ने 28 फरवरी 1973 को पेश किया था।
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