खर्च पर्यवेक्षक डाॅ. मनदीप सिह लोकसभा चुनाव लड रहे उम्मीदवारों के चुनाव खर्च की जांच करते हुये।
पंचकूला 6 मई।
अम्बाला लोकसभा क्षेत्र के खर्च पर्यवेक्षक डाॅ. मनदीप सिह ने लोकसभा चुनाव लड रहे उम्मीदवारों के चुनाव खर्च की जांच की। उन्होंने खर्च निरीक्षण प्रक्रिया में शामिल न होने के कारण चार प्रत्याशियों को नोटिस जारी किये गये है। डाॅ. मनदीप सिंह ने बताया कि जिन प्रत्याशियों को नोटिस जारी किया गया है उनमें कम्यूनिस्ट पार्टी आफ इंडिया के अरूण कुमार, निर्दलीय अरूण कुमार बेटा मामचन्द रत्तुवाला और सूरजभान शामिल है। यह निरीक्षण 4 से 6 मई तक यह निरीक्षण लोक निर्माण विश्राम गृृह सैक्टर 1 में किया गया है। उन्होंने बताया इससे पहले प्रथम चरण के निरीक्षण में यमुनानगर में प्रत्याशियों का खर्च जांचा जा चुका है और तीसरे चरण में यह निरीक्षण अम्बाला में 9,10 व 11 मई को किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि चुनाव लड रहे प्रत्याशियों को अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान नियमित रूप से तीन बार देना अनिवार्य है। इसके तहत दूसरी बार पंचकूला के लोक निर्माण विभाग में सभी गठित टीमों ने चुनावी खर्चे का निरीक्षण किया। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी व्यक्ति एक रूपया प्रति पेज के हिसाब से नोडल खर्च सेल से किसी भी चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार के चुनावी खर्च के बारे में जानकारी ले सकते है, यह खर्च सी.ई.ओ हरियाणा साईट पर अपलोड कर दिया जायेगा ताकि कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्मीदवार का चुनावी खर्च जब चाहे देख सकता है।
उन्होंने बताया कि अम्बाला संसदीय क्षेत्र में गठित टीमों द्वारा रैली, टैंट, कुर्सी, गाड़ियां, जलपान आदि के खर्चे का ब्यौरा वीडियो व्यूविंग टीमों के द्वारा लिया जा रहा है तथा उसे शैडो रजिस्टर में अनुमानित रूप से लिखा जाता है। उसके बाद उम्मीदवार के चुनावी खर्च से मिलान किया जाता है ताकि उम्मीदवार चुनाव आयोग की हिदायतों अनुसार 70 लाख रुपए से अधिक खर्च न कर सके। यदि वह चुनावी खर्च आपस में मेल खाता है तो ठीक है, अन्यथा खर्च अधिक होने की स्थिति में उम्मीदवार को नोटिस जारी किया जाता है। यदि नोटिस का निर्धारित अवधि में जवाब देता है तो उसे चुनाव प्रचार के दौरान बनाई गई वीडियो से संतुष्ट किया जाता है और जवाब न देने की स्थिति में वह चुनावी खर्च में शामिल किया जाता है। उन्होंने बताया कि यह चुनावी खर्च की दरें एजेंटों की सलाह से ही तय की जाती है।
उन्होंने बताया कि अगर यह प्रत्याशी अगली बार भी अनुपस्थित रहे तो यह मान लिया जाएगा कि वह चुनावी खर्च रजिस्टर का रखरखाव नहीं कर रहे। इसके लिए उस पर केस दर्ज कर सीआरपीसी की धारा 171 के तहत उसकी सारी परमिशन वापिस कर ली जाएगी। चुनावी खर्च रजिस्टर का रखरखाव करने में असफल रहने पर उम्मीदवार को 3 साल के लिये चुनाव लडने के अयोग्य घोषित भी किया जा सकता है। चुनाव व्यय पर्यवेक्षक ने कहा कि पंचकूला के नागरिक किसी भी प्रकार की चुनाव संबधी शिकायत सी विजल पर कर सकते है। इसके अलावा टोल फ्री नम्बर 1950 पर भी शिकायते की जा सकती है। अब तक संसदीय क्षेत्र में सी विजल पर कुल 2276 शिकायतें आई हैं इनमें से 2203 ठीक पाई गई जिनका 100 घण्टें में समाधान सुनिश्चित किया गया। उन्होंने बताया कि पंचकूला में केवल 64 शिकायतें दर्ज हुई जिनमें से 48 सही पाई गई। पंचकूला के नागरिक सी विजल का कम प्रयोग कर रहे हैं।