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“मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन पोषण 2.0 हेतु क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं का सुदृढ़ीकरण” को लेकर कार्यशाला का हुआ आयोजन

उपायुक्त मुकेश कुमार आहुजा गांव भगवानपुर, भरेली और मानक टबरा में विकास कार्यो का जायजा लेते हुए।

पंचकूला, 28 जुलाई:-


उपायुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने आज बरवाला व रायपुरानी खंड के तीन गांवो का दौरा किया। उन्होने इन गांवों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत किए गये कार्यों का निरीक्षण किया। उनके साथ जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी कंवर दमन सिंह व विकास एवं पंचायत विभाग के अन्य अधिकारी और सम्बन्धित गांवो के सरपंच भी मौजूद रहे। 

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श्री आहुजा ने गांव भगवानपुर, भरेली और मानक टबरा में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों के निर्माण, कुडा प्रबंधन व अन्य गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होने गांववासियों से भी स्वच्छता विषय पर चर्चा की और उन्हें ओडीएफ प्लस गतिविधियों में सहयोग करने के लिए प्रेरित किया। इसके उपरांत उन्होंने इन गांवों मेंं तैयार की गई व्यायामशालाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि वे योग इत्यादि गतिविधियों को अपने जीवन का हिस्सा बनायें। उन्होने कहा कि स्वस्थ व्यक्ति ही अपने परिवार, समाज और देश के उत्थान में सहयोग दे सकता है। उपायुक्त ने इन तीनों गांवों में मनरेगा के तहत किये गये विकास कार्यों की जानकारी भी प्राप्त की और कहा कि इस योजना के तहत पंचायत अपनी इच्छानुसार योजना तैयार करके जितने चाहे विकास कार्य करवा सकती है। उन्होने कहा कि इसमें गांव का विकास होने के साथ-साथ गांव के लोगों को अपने ही गांव में वर्ष में 100 दिन का रोजगार भी मिलता है। जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी ने उपायुक्त को इन तीनों योजनाओं के तहत गांव में हुए विकास कार्यों की जानकारी दी। 

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“मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य और मिशन पोषण 2.0 हेतु क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं का सुदृढ़ीकरण” को लेकर कार्यशाला का हुआ आयोजन

जिला पंचकूला में सिख इतिहास से जुड़े कई महत्वपूर्ण स्थल है। रायपुररानी के नजदीक मानक टबरा का ऐतिहासिक गुरुद्वारा भी गुरु गोविंद सिंह के जीवन से जुड़े इतिहास से संबंधित है।

रायपुररानी, 17 जुलाई-

जिला पंचकूला में सिख इतिहास से जुड़े कई महत्वपूर्ण स्थल है। रायपुररानी के नजदीक मानक टबरा का ऐतिहासिक गुरुद्वारा भी गुरु गोविंद सिंह के जीवन से जुड़े इतिहास से संबंधित है। इस क्षेत्र के राजा के मुख्यालय कहे जाने वाले रायपुर की रानी द्वारा गुरु गोविंद सिंह व उनके लावलश्कर की श्रद्धापूर्वक सेवा के कारण ही रायपुर को रायपुररानी का दर्जा हासिल हुआ था। 

राज्य सरकार द्वारा गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में 4 अगस्त को राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन करने का निर्णय लिया गया है। इस समारोह में जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु गुरु नानक देव जी के जीवन दर्शन से रू-ब-रू होंगे वहीं प्रदेश में सिख इतिहास से संबंधित ऐतिहासिक गुरुद्वारों की जानकारी भी जुटाई जा रही है ताकि उसे एक पुस्तक के रूप में सभी प्रदेशवासियों तक पंहुचाया जा सके।  

पंचकूला जिला में पिंजौर में स्थित गुरु नानक देव जी के चरण स्पर्श गुरुद्वारा मंजी सहिब, गुरु गोविंद सिंह के चरण स्पर्श पंचकूला स्थित गुरुद्वारा नाडा साहिब और गुरु नानक सिंह के जीवन से जुड़े मानक टबरा गुरुद्वारों की जानकारी भी जुटाई गई है ताकि इन ऐतिहासिक गुरुद्वारों के इतिहास के बारे में प्रदेश व देश के अधिक से अधिक लोगों को जानकारी मिल सके। 

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ऐसा ही धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व का गुरुद्वारा रायपुररानी तहसील के नजदीक मानक टबरा में स्थित है। इस स्थान पर गुरु गोबिंद सिंह पोंटा साहिब से आनंदपुर साहिब जाते समय वर्ष 1689 में कुछ समय के लिये रूके थे।

रायपुर रिसायत की रानी गुरु गोबिंद सिंह को श्रद्धा और आदर के साथ हमेशा याद करती थी। गुरु गोबिंद सिंह रानी की इस आस्था को देखकर पोंटा साहिब से वापिसी के दौरान रायपुर पंहुचे लेकिन यहां किसी ने उनकी पहचान नहीं की। गुरुजी यहां से मानक टबरा स्थान पर चले गये और जब रानी को इस बात की सूचना मिली तो वह पश्चाताप करने के लिये मानक टबरा में गुरु गोबिंद सिंह से मिलने पंहुची। गुरुजी के दर्शन करने उपरांत इस रियासत की रानी ने गुरु गोबिंद सिंह और उनके साथ उपस्थित सिक्खों व अन्य लश्कर की श्रद्धा सहित सेवा की। गुरु जी ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि आज के बाद रायपुर का राजा की बजाय रानी के नाम से जाना जायेगा और तब से ही रायपुर का नाम रायपुररानी प्रसिद्ध हुआ और आज तक रायपुररानी के नाम से जाना जाता है। इस स्थान पर स्थानीय लोगों के साथ साथ हरियाणा, पंजाब, चंड़ीगढ़ व देश के अन्य राज्यों के श्रद्धालु भी बड़ी संख्या में दर्शनों के लिये आते है। 

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