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*MC Chandigarh takes action against encroachments in Sector 15 Patel Market*

श्रीमद भागवत कथा के उपरांत निशुल्क आयुर्वेदिक चेकअप कैम्प लगाया।

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 15 से 21 सितंबर तक मेला ग्राउंड, नजदीक शालीमार मेगा माल सेक्टर 5 पंचकूला में भागवत कथा का आयोजन किया गया। भागवत कथा के सफल आयोजन के बाद आज संस्थान के श्री आशुतोष महाराज आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र द्वारा निशुल्क आयुर्वेदिक चिकित्सा एवं परामर्श कैम्प लगाया गया।

इस कैम्प विशेष रूप से वैद्य हरप्रीत जी नूरमहल से पधारे। उन्होंने कैम्प में आये है लोगो को मधुमेह के लक्षण, उपचार एवं बचाव के बारे में अवगत करवाया तथा आयुर्वेद के अनुसार जीवन शैली में परिवर्तन लाने के लिए जागरूक किया। वैद्य जी ने उपस्थित लोगों को हाइपरटेंशन, डिप्रेशन, त्वचा एवं पेट संबंधी रोगों के बारे में चिकित्सीय परामर्श एवं स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक किया। कैम्प में पहुंचे असंख्य लोगों ने आयुर्वेद अनुसार खानपान, ऋतुचर्या, दिनचर्या एवं शरीर को स्वस्थ रखने आवश्यक उपायों के प्रति जानकारी प्राप्त की। साथ ही कैम्प में चिकित्स्यो द्वारा बहुत से मरीजों को निशुल्क चिकित्सीय परामर्श के साथ ईलाज किया गया।


कैम्प में श्री आशुतोष महाराज आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक दवाइयों के स्टाल्स भी लगाए गए। लगभग 400 के करीब लोगो ने इस कैम्प का लाभ प्राप्त किया।

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दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से मेला ग्राउंड, शालीमार माल के पास, सेक्टर-5 पंचकूला में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन किया गया।

21-09-2019

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से मेला ग्राउंड, शालीमार माल के पास, सेक्टर-5 पंचकूला में 15 से 21 सितम्बर तक सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। जिसका समय प्रतिदिन सांय 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक है। षष्टम दिवस यजमान के रूप विधिवत पूजन गणेश पेपर्स से सुभाष मित्तल उनकी धर्मपत्नी सरिता मित्तल, बजरंग लाल गोयल उनके पुत्र संदीप गोयल उनकी पुत्रवधू अंशुमन गोयल, डी एस सैनी उनकी धर्मपत्नी सत्या सैनी उनकी बेटी पूनम सैनी, करतार सिंह उनकी धर्मपत्नी राजिंदर कौर द्वारा किया गया। षष्ठम दिवस कथा का शुभारंभ गुरजीत राणा एमएलए कपूरथला पंजाब, गुरमीत सिंह, विक्रम खंडेलवाल एबीवीपी संगठन मंत्री, उपिंदर कौर अहलूवालिया पूर्व मेयर पंचकूला, अजय शुक्ला प्रधान संपादक आईटीवी नेटवर्क्स, संजय पांडे स्थानीय संपादक अमर उजाला, प्रवीण पांडे बयूरो चीफ पंजाब एवं हरियाणा अमर उजाला, आज समाज से हरनेश अग्निहोत्री जी ने प्रभु की पावन ज्योति को प्रज्वलित कर के किया।

श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या भागवताचार्य साध्वी कालिंदी भारती जी ने कहा कि श्रीमद् भागवत महापुराण पुराणों में श्रेष्ठ है। वह उस दर्पण की तरह है जो मनुष्य को उसकी आंतरिक सुंदरता का बोध करवाता है। इन्हीं भावों को साध्वी जी ने मथुरा गमन प्रसंग के द्वारा समझाया। जब संशयग्रस्त अकरूर जी श्रीकृष्ण और बलराम जी को रथ पर बैठाकर मथुरा की ओर बढ़ रहे थे, तब मार्ग में वे नदी में स्नान करने के लिए रुके। उन्होंने नदी में स्नान करते हुए प्रभु की दिव्यता का दर्शन किया और मन के सभी संशयों से मुक्ति को प्राप्त किया। लोग यह समझते हैं कि उनको नदी में ही श्रीकृष्ण व बलराम जी का दर्शन हो गया। परंतु ऐसा नहीं है। भागवत महापुराण समाधि की उत्कृष्टतम अवस्था में लिखा गया ग्रंथ है फिर एक साधारण मानव इनमें छिपे गूढ़ अर्थ को अपनी साधारण सी बुद्धि से कैसे समझ सकता है? वास्तविकता में अ1रूर जी ने ध्यान की नदी में उतरकर प्रभु का दर्शन किया था। आधाुनिक समाज में कोई बल्ब पर दृष्टि एकाग्र करने को ध्यान कहता है तो कोई मोमबती पर। कोई मन को कल्पना के द्वारा किसी सुंदर स्थान पर ले जाने को ध्यान की प्रक्रिया समझ रहा है तो कोई बाहरी नेत्रें को मूँद कर बैठ जाने को ध्यान कहता है। श्री आशुतोष महाराज जी कहते हैं- उपास्य के बिना उपासना कैसी! साध्य के बिना साधना कैसी! ध्यान दो शब्दों का जोड़ है- ध्येय ध्याता। ध्याता हम हैं जो ध्यान करना चाहते हैं लेकिन हमारे पास ध्येय नहीं है जो स्वयं ईश्वर है। इसलिए सबसे पहले ध्येय की प्राप्ति करनी होगी। उस ईश्वर, ध्येय को प्राप्त करने का केवल एक ही माध्यम है। जिसके बारे में यक्ष ने भी युधिष्ठिर से प्रश्न किया- क: पन्था:? युधिष्ठिर ने कहा-तर्कोप्रतिष्ठ: श्रुतयोविभिपा: नेकोट्टषिर्यस्य वच: प्रमाण धर्मस्य तत्तवं निहितं गुहायां महाजनो येन गत: स पन्था:।। अर्थात् महापुरुषों के द्वारा बताए गए मार्ग पर चलना होगा यानि उस ध्येय की प्राप्ति के लिए हमें भी किसी ब्रह्मनिष्ठ सद्गुरु की शरण में जाना होगा। अंत में साध्वी जी ने ‘कंस वध’ प्रसंग का उल्लेख किया। प्रभु की पावन आरती में नरिंदर बिष्ट डायरेक्टर टीडीएस ग्रुप्स सपरिवार, बंसल ग्राफिक्स चंडीगढ़ से संजीव बंसल, महिला संकीर्तन मण्डल रघुनाथ मन्दिर सेक्टर 15 से पंचकूला के सभी सदस्य, राधा माधव मन्दिर सेक्टर 4 के सभी सदस्य, प्रेम मन्दिर सेक्टर 4 पंचकूला के सभी सदस्य, राम मंदिर हरिपुर के सभी सदस्य विशेष रूप से समिलित हुए। अंत में आये हुए सभी श्रदालुओं में छप्पन भोग के प्रसाद का वितरण किया गया। जिसकी सेवा रिवरडेल अपार्टमेंट्स के डायरेक्टर विजय गर्ग जी के परिवार द्वारा की गयी।

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दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा अंतराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर ग्रीन पार्क नंबर 5 सेक्टर 11 पंचकूला में एक दिवसीय योग शिविर का आयोजन किया गया

 पंचकूला:   

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा अंतराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर ग्रीन पार्क नंबर 5 सेक्टर 11 पंचकूला में एक दिवसीय योग शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी सतबीरानन्द जी ने अपने उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि महर्षि पतंजलि ने योग सुत्र की रचना इसीलिए ही की है कि एक इंसान योग का सहारा लेकर अपने शरीर व मन को स्वस्थ कर सकें। अगर शरीर स्वस्थ है तो प्रत्येक कार्य में इंसान अपना सम्पूर्ण योगदान दे पाएगा। हमारे शास्त्र भी कहते है ।

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पहला सुख निरोगी काया। हमारे शरीर के माध्यम से हम समस्त कर्मो को करते है और उन कर्मो के आधार पर ही हमें सुख या दु:ख की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर उपस्थित श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्या योगाचार्य श्रीमति अनु गुप्ता जी ने कहा कि अगर इंसान अपने जीवन काल में योग का अभ्यास करता रहे तो वह इंसान कभी रोगी नहीं हो सकता है। योग के द्वारा प्रत्येक समस्या का निराकरण संभव है। योगाचार्य जी ने उपस्थित लोगों को योगाभ्यास करवाते हुए कपाल भाती यौगिक क्रिया सिखाई और बताया कि केवल मात्र कपाल भाती क्रिया करने से 80 प्रतिशत से अधिक बिमारियों का निदान हो जाता है। उन्होंने कहा कि जो साधक कपाल भाती यौगिक क्रिया करता है उसको कभी हार्ट अटैक, किडनी की समस्या, लीवर की समस्या, शूगर का रोग, ब्रेन सट्रोक, बी.पी. हाई रहना, बी.पी. लो रहना होने की कोई संभावना ही नहीं रहती। फिर उन्होनें कहा कि कपाल भाति के बीच में अगर हम तीन बंध लगाने से कपाल भाति की शक्ति बहुत ज्यादा बढ़ जाती है इस लिए कपाल भाती करते समय बीच बीच में तीन बंध का प्रयोग करते रहना चाहिए। उसके बाद उन्होनें ने अनुलोम विलोम प्राणायाम करते हुए कहा कि मॉडर्न मैडीकल साइंस का मानना है कि हमारे ब्रेन के दो पार्ट होते हैं। अगर ब्रेन के दाईं ओर बल्ड की सरकूलेशन में कमी आती है तो बाईं ओर की साइड को पैरालाइज़ हो जाता है। अगर यह समस्या बाईं ओर आती है तो दाई ओर की साईड को पैरालाईस हो जाता है। अगर हम दाईं ओर से श्वास भरते हैं तो बाई साईड एक्टिवेट होती है बाई ओर से श्वास भरने से दाईं साईड एक्टिवेट होती है तो जब हम दोनों द्वारा बार बार से श्वास भरते हैं तो दोनो साईड सक्रिय होती है। यह केवल मात्र अनुलोम विलोम प्राणायाम से ही संभव होता है। भ्रामरी प्राणायाम करने से हाइपर टैंशन, माइग्रेन, स्मरण शक्ति कम होना जैसी अनेक बिमारियों का निदान संभव है। योग के माध्यम से अगर आप अपने शरीर को तंदुरूस्त रखते है तो आप के सौ वर्ष तक जीवन को भोगने की संभावना बढ जाती है। हमारे पुरातन समय के ऋषि इसका ज्वलंत उदाहरण है। अंत में योगाचार्य जी उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे जीवन का लक्ष्य उन्नत जीवन जीते हुए प्रभु चरणों की प्राप्ति है। यह संभव तभी हो सकता है जब हमारे जीवन में एक ऐसे संत का पर्दापण हो जाए जो हमें वास्तिविक सत्य से जोडक़र हमारा कल्याण कर दें। यह केवल समय का पुर्ण संत ही कर सकता है।

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