राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश का हर युवा शिक्षा, कौशल और अवसरों से पूर्ण रूप से सक्षम बने – भारत भूषण भारती।
युवाओं को प्रकृति, संस्कृति और जिम्मेदारी से जोड़ने की हरियाणा सरकार की विशेष दो दिवसीय योजना- नरेंद्र सिंह।

पंचकूला, 25 नवंबर : महर्षि वाल्मीकि संस्कृति विश्वविद्यालय, कैथल के विद्यार्थियों ने मंगलवार को पंचकूला स्थित नेचर कैंप थापली का दौरा किया, जहाँ उन्हें हरियाणा सरकार द्वारा आयोजित यह दो दिवसीय विशेष भ्रमण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रकृति, संस्कृति और राज्य की विरासत के साथ प्रत्यक्ष संवाद का अवसर प्राप्त हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में पर्यावरणीय संवेदनशीलता, सांस्कृतिक चेतना, नेतृत्व गुणों और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को प्रोत्साहित करना है।
मुख्यमंत्री हरियाणा के ओएसडी भारत भूषण भारती ने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए बताया की राज्य सरकार का उद्देश्य युवाओं को हरियाणा के धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों से जोड़ना है, ताकि वे अपने प्रदेश की समृद्ध विरासत को स्वयं देख-समझ सकें। उन्होंने बताया कि युवाओं को पर्यटन गतिविधियों में शामिल करने से न केवल उनका दृष्टिकोण व्यापक होता है, बल्कि उनमें संस्कृति, इतिहास और परंपराओं के प्रति गहरी समझ भी विकसित होती है।
उन्होंने विशेष रूप से कुरुक्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का उल्लेख करते हुए कहा कि यह महोत्सव युवाओं के लिए भारतीय सभ्यता, गीता दर्शन, अध्यात्म और प्राचीन आस्था-स्थलों को निकट से जानने का एक अद्भुत अवसर है। भारत भूषण भारती ने कहा कि इस प्रकार के सांस्कृतिक पर्यटन कार्यक्रम युवाओं में गर्व की भावना जगाते हैं तथा उन्हें अपनी जड़ों से जोड़कर भविष्य के लिए अधिक सजग और जिम्मेदार बनाते हैं।
युवा कल्याण संयोजक नरेंद्र सिंह ने कहा कि यह पहल युवाओं को वास्तविक परिस्थितियों, सामाजिक मूल्यों और भारतीय दर्शन से जोड़ने पर केंद्रित है। अगले चरण में विद्यार्थी कुरुक्षेत्र में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का भी अवलोकन करेंगे, जिससे युवाओं को भारतीय संस्कृति, नैतिक मूल्यों और आध्यात्मिक परंपराओं को निकट से समझने का अवसर मिलेगा।
उन्होंने बताया कि अनुभवाधारित सीख, सामुदायिक सहभागिता और सांस्कृतिक सरोकार — आने वाली पीढ़ी को बेहतर निर्णय क्षमता, व्यक्तित्व विकास और राष्ट्रहित के प्रति जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ने में सहायक सिद्ध होते हैं।
यह राज्य स्तरीय योजना 19 नवंबर से 5 दिसंबर 2025 तक विभिन्न विश्वविद्यालयों की भागीदारी के साथ प्रतिदिन आयोजित की जा रही है।
नेचर कैंप थापली में रेंज ऑफिसर संजय द्वारा विद्यार्थियों को स्थानीय जैव विविधता, वन्यजीव संरक्षण और ट्रैकिंग मार्गों की विशेषताओं के बारे में जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि वन विभाग द्वारा यहां 153 किलोमीटर लंबा सात-दिवसीय ट्रैकिंग मार्ग विकसित किया गया है, जो साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझने का एक उत्कृष्ट माध्यम है।
राज्य सरकार की यह पहल युवाओं को प्रकृति से जुड़ने, विरासत को समझने और समाज के प्रति उत्तरदायित्व विकसित करने की दिशा में एक दूरदर्शी और प्रभावशाली कदम साबित हो रही है।
हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के चेयरमैन बी बी सिंगल समेत , महर्षि वाल्मीकि संस्कृति विश्वविद्यालय, कैथल से डॉ गोविन्द बल्लभ , डॉ शर्मिला , डॉ अमन , इंदु , शिवानी प्राध्यापक के रूप में एवं छात्र दल का नेतृत्व करते विष्णु , प्रतिमा ,अक्षय और प्रिया समेत अन्य विद्वार्थी उपस्थित रहे।