स्वदेशी हमारी संस्कृति और आत्मनिर्भर भारत की पहचान : गौरव गौतम
प्रधानमंत्री के स्वदेशी आह्वान को साकार करता महोत्सव : श्याम सिंह राणा

पंचकूला के सेक्टर-5 स्थित परेड ग्राउंड में आयोजित स्वदेशी महोत्सव 2025 में हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम और कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। अतिथियों ने महोत्सव में लगी विभिन्न स्वदेशी स्टॉलों का निरीक्षण किया और हरियाणा की पुरातन संस्कृति, परंपराओं एवं स्वदेशी उत्पादों की सराहना की।
खेल मंत्री गौरव गौतम ने महोत्सव की सराहना करते हुए कहा कि स्वदेशी महोत्सव हमारी सांस्कृतिक विरासत और आत्मनिर्भर भारत की भावना को मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि हजारों की संख्या में लोग इस मेले में पहुंच रहे हैं, जो स्वदेशी के प्रति बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। स्वदेशी जागरण मंच द्वारा किया गया यह प्रयास वास्तव में प्रशंसनीय है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर खेल मंत्री ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं की भारत को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एकजुट होकर निंदा करनी चाहिए।
कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए स्वदेशी के आह्वान को धरातल पर उतारने का कार्य इस महोत्सव के माध्यम से स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी महोत्सव छोटे और मध्यम उद्यमियों को मंच प्रदान करता है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। ऐसे आयोजन नियमित रूप से होने चाहिए, ताकि समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक इसका लाभ पहुंचे।
महोत्सव के उद्देश्य पर विस्तार से जानकारी देते हुए उत्तर भारत समन्वयक एवं मेला आयोजक राजेश गोयल ने कहा कि स्वदेशी महोत्सव केवल एक मेला नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय आंदोलन है। यह आंदोलन भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में मजबूत आधार तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी अपनाने से न केवल देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। हर नागरिक को स्वदेशी उत्पादों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए।
वहीं मेला आयोजक रजनीश गर्ग ने कहा कि स्वदेशी आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। यह सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि भारत के उज्ज्वल भविष्य का मार्ग है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी महोत्सव का उद्देश्य लोगों को विदेशी उत्पादों के विकल्प के रूप में गुणवत्तापूर्ण भारतीय उत्पाद उपलब्ध कराना है और समाज में स्वदेशी के प्रति सकारात्मक सोच विकसित करना है।
महोत्सव में भाग ले रहे दुकानदारों ने भी स्वदेशी मेले को अत्यंत उपयोगी बताया।
घरेलू तेल और मसाले बनाने वाले उमेश मित्तल ने कहा कि स्वदेशी वस्तुएं ही हमारी असली पहचान हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह के मेलों से छोटे उत्पादकों को सीधा लाभ मिलता है और उनके उत्पाद सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचते हैं।
हस्तनिर्मित कपड़ों की स्टॉल लगाने वाली रीना वर्मा ने कहा कि स्वदेशी महोत्सव जैसे आयोजनों से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलता है। यहां लोगों का रुझान स्वदेशी उत्पादों की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
वहीं आयुर्वेदिक उत्पादों के दुकानदार संजय अग्रवाल ने कहा कि स्वदेशी मेले नियमित रूप से आयोजित होने चाहिए। इससे न केवल छोटे व्यापारियों को पहचान मिलती है, बल्कि लोगों में भारतीय उत्पादों के प्रति विश्वास भी बढ़ता है।
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