*पंचकूला बनेगा हरियाणा की सांस्कृतिक राजधानी- पी के दास*
*किताबें पढ़कर ही नई ईबारत लिखेंगे हरियाणा के नौनिहाल- आर के सिंह*
*अगले वर्ष आने के वादे के साथ सम्पन्न हुआ चतुर्थ पंचकूला पुस्तक मेला*

पंचकूला नवंबर 13 : हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की प्रेरणा से ऊर्जा संस्कृति समिति की पहल पर ऊर्जा विभाग, पुलिस विभाग, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, नगर निगम, महिला एवं बाल विकास विभाग, कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, अक्षय ऊर्जा विभाग, परिवहन विभाग, शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन पंचकूला की संयुक्त पहल से आयोजित चतुर्थ पंचकूला पुस्तक मेले के आखरी दिन नगर निगम पंचकूला के सहयोग से स्वच्छ पंचकूला सुन्दर पंचकूला के विषय पर विमर्श एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया।
पुस्तक मेले के समापन अवसर पर पंचकूला के मेयर श्री कुलभूषण गोयल ने कहा कि एक स्वच्छ एवं सुन्दर शहर का निर्माण तभी संभव है जब वहां के लोग साक्षर हों और एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते वह अपने कर्तव्यों के प्रति भी सजग हों। इस तरह के प्रयोग एक आदर्श नगर के निर्माण में सबसे बड़ा मील का पत्थर होते हैं। इस तरह के कार्यक्रमों से ही हम एक स्वच्छ और स्वस्छ पंचकूला के सपने को साकार कर सकते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ऊर्जा संस्कृति समिति के संरक्षक श्री पी के दास ने कहा कि यह मेला अनेक विभागों के सामूहिक साझेदारी का परिणाम है। पंचकूला एवं हरियाणा के युवाओं के लिए इस तरह के प्रयोग और भी बड़े स्तर पर होते रहेंगे।
कार्यक्रम में स्वागत करते हुए नगर निगम आयुक्त श्री आर के सिंह ने कहा कि किताबों से ही एक स्वस्थ समाज का निर्माण संभव है। उन्होने यह भी बताया कि नगर निगम अपने स्तर पर एक लाख रूपये की पुस्तक मेले से किताबे खरीद कर लोगों में वितरित कर रहा है।
मेले का भ्रमण करते हुये पुलिस उपायुक्त श्रीमती सृष्टि गुप्ता ने कहा कि किताबें पढ़ना बहुत आवश्यक है। यहां पर आ रही बच्चों की भीड़ यह आश्वस्त कर रही है कि इस राष्ट्र का भविष्य सुरक्षित है।
विमर्श में भाग लेते हुए वरिष्ठ साहित्यकार अमृतलाल मदान ने कहा कि बच्चों के हाथ में ही भारत का भविष्य है। अगर इन नौनिहालों के हाथ में किताब होगी तो वह हाथ एक उज्जवल और विकसित भारत का निर्माण करेंगे।
प्रख्यात रंगकर्मी एवं लेखक अनीश आजमी ने कहा कि किताबे मुनष्य की सबसे सच्ची मित्र हैं। कला से लेकर विज्ञान की गहराईयों का हर ज्ञान किताब अपने पन्नों में समेटे हुये है। आज भी ई-बुक्स के दौर में छपी हुई पुस्तकों का कोई विकल्प नही है। इस तरह के पुस्तक मेले आज के नौनिहालों को एक अच्छा मनुष्य बनाये रखने के लिए एक अभिनव प्रयोग है।
डॉ. राजबीर परासर ने कहा कि इस देश के सबसे बड़े नायकों में से एक शहीद-ए-आजम भगत सिंह भी अपने आखरी वक्त में भी किताब पढ़ रहे थे। हमें उनसे सीख लेनी चाहिए और इस देश के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा किताब पढ़कर अपने मुल्क की बेहतरी के लिए रास्ता बनाना चाहिए।
प्रख्यात शिक्षाविद् जनाब नोमान ने कहा कि पुस्तकें ज्ञान का भण्डार हैं। वह एक अच्छे मनुष्य को जन्म देती हैं। किताबों से ही एक विकसित राष्ट्र का निर्माण होगा।
यू एच बी वी एन एल के चीफ इंजीनियर चन्दन सिंह ने बांसुरी वादन से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के सहयोग से पद्दमश्री एवं संगीत नाटक अकादमी अवार्ड से सम्मानित डॉ. महावीर गुड्डू द्वारा प्रस्तुति दी गई। डी ए वी पुलिस पब्लिक स्कूल पंचकूला से हरियाणवी ग्रुप डांस, डी ए वी पुलिस पब्लिक स्कूल कुरूक्षेत्र से ग्रुप डांस एवं राजकीय आदर्श संस्कृति उच्च माध्यमिक विद्यालय सैक्टर-26 पंचकूला के छात्र सार्थक ने बांसुरी वादन किया।
मेले के समापन अवसर पर ऊर्जा विभाग, पुलिस विभाग, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, नगर निगम, महिला एवं बाल विकास विभाग, कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, अक्षय ऊर्जा विभाग, परिवहन विभाग, शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन पंचकूला के अधिकारीगण विशेष रूप से मौजूद रहे।
