सिरसा 14 अक्तूबर । धान की पराली/भूंसे/अवशेष को किसानों द्वारा रात्रि में जलाने की कोशिश की जाती है जिसके मद्देनजर जिलाधीश अशोक गर्ग ने दि पंजाब विलेज एंड स्माल टाउन पैट्रोल एक्ट, 1918 की धारा 3(1) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला के सरपंचों को ग्रामीण क्षेत्रों में 5-5 स्वस्थ नौजवानों को रात्रि में ठीकरी पहरा लगाने हेतु आदेश जारी किए हैं।
आदेशों में कहा गया है कि इस कार्य के लिए सबंधित तहसीलदार, थानाध्यक्ष तथा खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी की जिम्मेवारी होगी। यदि कोई भी किसान रात्रि में धान की पराली/भूंसे/अवशेष जलाने की कोशिश करता है तो ठीकरी पहरा देने वाले नौजवान उसे रोकेंगे। सभी संबंधित तहसीलदार, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी ग्राम स्तर पर कमेटी का गठन करेंगे तथा किसी प्रकार की आगजनी की घटना होने पर कमेटी कंट्रोल रूम 01666-248882 (कार्यालय जिला राजस्व अधिकारी सिरसा) व लिखित रूप में उप कृषि निदेशक को सूचित करेंगे। यह आदेश धान की फसल की सीजन खत्म होने तक लागू रहेंगे।
जिलाधीश ने बताया कि पराली/भूसे को जलाने से भूमि के मित्र कीट मर जाते हैं जिससे भूमि की उर्वरक शक्ति कम होने से फसल की पैदावार पर भी प्रभाव पड़ता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली के आदेश क्रमांक ओ.ए. नबर 118 ऑफ 2013 दिनांक 10 दिसंबर 2015 के आदेशानुसार धान व गेहूं के अवशेष जलाने पर जुर्माने का भी प्रावधान है।
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