जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है।
जेट एयरवेज वर्तमान में भारी नकदी संकट से जूझ रही है।
यह फैसला आज एयरलाइन बोर्ड की बैठक में लिया गया है। स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के मुताबिक जेट एयरवेज ने जानकारी दी है कि नरेश गोयल, अनीता गोयल और एतिहाद एयरवेज पीजेएससी के एक नॉमिनी ने बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है।
फाइलिंग में यह भी कहा गया है कि नरेश गोयल अब कंपनी के चेयरमैन भी नहीं रहेंगे।
जेट एयरवेज ने अप्रैल अंत तक अपनी 14 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को भी रद्द कर दिया है, जबकि उसके 80 से अधिक विमान परिचालन से बाहर जा चुके हैं।
इनमें से कंपनी को पट्टे के किराये का भुगतान न करने के कारण अपने 54 विमानों को परिचालन से बाहर रखना पड़ा है।
अब गोयल की हिस्सेदारी घटकर 25.5 फीसद हो जाएगी जो वर्तमान में 51 फीसद है।
वहीं एतिहाद एयरवेज की भी हिस्सेदारी कम होकर 12 फीसद हो जाएगी।
जेट एयरवेज में अबू धाबी की विमानन कंपनी एतिहाद की मौजूदा 24 फीसद हिस्सेदारी है।
इससे बैंकों के लिए कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को 50.5 फीसद करने का रास्ता साफ हो जाएगा।
एक बिलियन डॉलर से अधिक के कर्ज में डूबी जेट पर पर बैंकों, सप्लायर्स की देनदारी और पायलट और पट्टे का भुगतान बकाया है।
इनमें से अधिकांश ने कंपनी के साथ लीज को समाप्त करना भी शुरू कर दिया है।
एसबीआई की अगुवाई में सरकारी बैंकों का समूह कंपनी को दीवालिया प्रक्रिया में भेजे बिना इसे संकट से निकालने की दिशा में काम कर रहा है।


