विरासत प्रदर्शनी से जीवंत हो उठी गांव की संस्कृति

पंचकूला दिसम्बर 20: स्वदेशी जागरण मंच की ओर से आयोजित किए गए दस दिवसीय स्वदेशी महोत्सव 2025 में विरासत दि हेरिटेज विलेज कुरुक्षेत्र द्वारा लगाई गई विरासत सांस्कृतिक प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। इस प्रदर्शनी में जहां एक आरे हरियाणा की लोक सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया गया है। वहीं पर दूसरी ओर हरियाणा के स्वदेशी उत्पादों को भी प्रदर्शित किया गया है। यह जानकारी स्वदेशी मेला के संयोजक राजेश गोयल ने दी। उन्होंने बताया कि पर्यटकों में हरियाणा की सांस्कृतिक प्रदर्शनी के प्रति विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है। इस प्रदर्शनी में लोक सांस्कृतिक तरीके से विषय-वस्तुओं को जिस स्वरूप में प्रस्तुत किया गया है उससे स्वदेशी मेले में स्वदेशी गांव की झलक जीवंत हो उठी है।
उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी में100 से अधिक पुरानी बैलगाड़ी, दोघड उठाई हुई हरियाणवी महिला, चक्की चलाती हुई महिला, ओखल कूटती हुई महिला, 100 साल पुराना देशी नलका, हाथ से चलाने वाला गंडासा ऐसे शेल्फी प्वाईंट हैं जो पर्यटकों को खूब भा रहे हैं। पर्यटक इनके साथ सेल्फी लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल हो रहे हैं। उधर विरासत हेरिटेज विलेज के संयोजक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि स्वदेशी मेला में विरासत की ओर से भव्य स्वदेशी दरवाजा तैयार किया गया है। इसके अतिरिक्त हरियाणा की पगड़ी के विविध स्वरूप यहां पर देखने को मिल रहे हैं। चौपाल का दृश्य जिसमें दादा-पोता चारपाई पर बैठे हुए हैं विशेष आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। इसके साथ ही यहां पर हरियाणा की कृषि संस्कृति से जुड़ी हुई विषय-वस्तुएं जिनमें प्राचीन हल, खेतों में प्रयोग की जाने वाली बैलों की गोडी, कूंए में प्रयोग किए जाने वाले डोल, किसान द्वारा अनाज को मापने के मापक, बीज बीजने के लिए प्रयोग किए जाने वाले ओरने, पशुओं के गले की लकड़ी की घंटियां, किसानी संस्कृति में उपयोग होने वाली 70 साल से अधिक पुरानी जेली व टांगलियां पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। इसके साथ ही लुगदी के बने बोहिये तथा दो सौ साल पुराने बर्तन भी सबके लिए कौतुहल का कारण बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि आगामी 28 दिसंबर तक यह स्वदेशी महोत्सव पर्यटकों के लिए खुला रहेगा।