
पंचकूला, 24 नवंबर : इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर, रेवाड़ी के विद्यार्थियों ने सोमवार, 24 नवंबर को पंचकूला स्थित नेचर कैंप थापली का दौरा किया। हरियाणा सरकार द्वारा आयोजित यह दो-दिवसीय विशेष भ्रमण कार्यक्रम युवाओं को राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक संसाधनों और पर्यटन स्थलों से प्रत्यक्ष रूप से अवगत कराने हेतु चलाए जा रहे अभियान का महत्वपूर्ण अंग है।
युवा कल्याण संयोजक नरेंद्र सिंह ने बताया कि यह विशेष भ्रमण योजना विद्यार्थियों में पर्यावरणीय समझ, सांस्कृतिक जागरूकता और पर्यटन के प्रति गहरी रुचि विकसित करने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि भ्रमण के अगले चरण में विद्यार्थी कुरुक्षेत्र में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का भी अवलोकन करेंगे, जहाँ वे भारतीय संस्कृति, दर्शन और ऐतिहासिक परंपराओं से निकटता से रूबरू होंगे।
युवाओं को केवल पुस्तक आधारित ज्ञान तक सीमित रखना पर्याप्त नहीं है। व्यवहारिक एवं अनुभवात्मक शिक्षा—जैसे प्राकृतिक स्थलों का प्रत्यक्ष अध्ययन, सांस्कृतिक आयोजनों में सहभागिता और ऐतिहासिक धरोहरों का अवलोकन—युवाओं में नेतृत्व क्षमता, निर्णय कौशल, संवेदनशीलता तथा सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना विकसित करने में अत्यंत सहायक है। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम 19 नवंबर से 5 दिसंबर 2025 तक प्रतिदिन विभिन्न विश्वविद्यालयों की सहभागिता के साथ आयोजित किया जा रहा है।
नेचर कैंप थापली में रेंज ऑफिसर संजय ने विद्यार्थियों को कैंप की संरचना, स्थानीय जैव-विविधता, वन्यजीवों की मौजूदगी और ट्रैकिंग मार्गों की विशेषताओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वन विभाग ने यहाँ लगभग 153 किलोमीटर का सात दिनों में पूरा होने वाला ट्रैकिंग मार्ग विकसित किया है, जो साहसिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझने का उत्कृष्ट अवसर प्रदान करता है।
राज्य सरकार की यह पहल युवाओं को प्रकृति संरक्षण, सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन गतिविधियों से गहराई से जोड़ने की दिशा में एक प्रभावी और भविष्य-निर्माणकारी कदम मानी जा रही है। यह कार्यक्रम युवा पीढ़ी में जागरूकता, जिम्मेदारी और सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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मुस्कान ने बताया कि नेचर कैंप थापली में ट्रैकिंग और पर्यावरण से जुड़ी जानकारी ने प्रकृति के महत्व को नए दृष्टिकोण से समझाया। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में शामिल होना उनके लिए सांस्कृतिक मूल्यों और भारतीय दर्शन को निकट से जानने का विशेष अवसर होगा।
दिव्या ने कहा कि थापली का शांत और प्रेरणादायक वातावरण बेहद मनोहारी रहा। ट्रैकिंग के दौरान प्रकृति के साथ बिताया हर क्षण सीख से भरा और यादगार रहा। उन्होंने सरकार की इस पहल को युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए सराहनीय बताया।
विनीता ने कहा कि नेचर कैंप थापली का प्राकृतिक माहौल अत्यंत प्रेरक रहा। दो दिवसीय विशेष कैंप ने उन्हें पर्यावरण, संस्कृति और पर्यटन के प्रति नई दृष्टि प्रदान की। उन्होंने राज्य सरकार की इस पहल की प्रशंसा की।
यादवेंद्र ने बताया कि थापली के प्राकृतिक वातावरण और ट्रैकिंग अनुभव ने उन्हें प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम ने टीमवर्क और अनुशासन के महत्व को समझने में भी मदद की।