आयुर्वेद सिर्फ दवा नहीं, बल्कि जीवन का दर्शन
भारत के पुराने ज्ञान और मॉडर्न साइंटिफिक इनोवेशन पर इवेंट में रोशनी डाली गई
हरियाणा ने आयुर्वेद और होलिस्टिक वेलनेस के लिए कमिटमेंट दिखाया- राज्यपाल

पंचकूला 12 दिसंबर- हरियाणा के राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष ने कहा कि आयुर्वेद सिर्फ दवा का एक सिस्टम नहीं है। यह जीवन का एक दर्शन है जो मन, शरीर और आत्मा के बीच तालमेल सिखाता है। इसमें प्रकृति, स्वास्थ्य और इंसानी सेहत की गहरी समझ शामिल है, जिसमें रोकथाम, पर्सनलाइज्ड केयर और सस्टेनेबल जीवन पर जोर दिया गया है।
राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष ने आज यहां नेशनल आयुर्वेद फेस्टिवल-2025 का उद्घाटन करने के बाद ये बातें कहीं। यह फेस्टिवल भारत के पुराने ज्ञान, साइंटिफिक सूझबूझ और होलिस्टिक हेल्थकेयर प्रैक्टिस को श्रद्धांजलि है।

इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल की धर्मपत्नी श्रीमती मित्रा घोष और मुख्यमंत्री के पॉलिटिकल सेक्रेटरी श्री तरुण भंडारी भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि हरियाणा हमेशा से तरक्की, शिक्षा और वेलनेस की धरती रहा है। इतने बड़े लेवल का इवेंट होस्ट करना आयुर्वेद, इनोवेशन और होलिस्टिक हेल्थकेयर को बढ़ावा देने के लिए राज्य के कमिटमेंट को दिखाता है।
उन्होंने कहा कि आज के जमाने में, जहाँ मॉडर्न हेल्थकेयर को पुरानी बीमारियों, लाइफस्टाइल डिसऑर्डर और मेंटल हेल्थ की चिंताओं जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, आयुर्वेद के सिद्धांत ऐसी जानकारी देते हैं जो हमेशा रहने वाली और आज के लिए जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि जो चीज आयुर महोत्सव-2025 को सच में खास बनाती है, वह है इसमें शामिल होने वालों की बड़ी संख्या और गहराई। उन्होंने आगे कहा कि टॉप एकेडेमिक्स, आचार्यों और जानकारों की मौजूदगी यह पक्का करती है कि क्लासिकल टेक्स्ट और पारंपरिक ज्ञान को साइंटिफिक सख्ती के साथ समझा, एनालाइज और लागू किया जाए, जिससे पुराने और नए जमाने के बीच की खाई कम हो।
राज्यपाल ने कहा कि बड़े आयुर्वेद ब्रांड्स, वेलनेस ऑर्गनाइजेशन और रिसर्च इंस्टीट्यूशन का हिस्सा लेना भी उतना ही इंस्पायरिंग है। हाई क्वालिटी फॉर्मूलेशन, स्टैंडर्ड थेरेपी और ग्लोबल हेल्थकेयर सॉल्यूशन बनाने की उनकी कोशिशें एक्सीलेंस के प्रति कमिटमेंट को दिखाती हैं। इस फेस्टिवल की सबसे रोमांचक पहलों में से एक स्टार्टअप कॉन्क्लेव है। स्टार्टअप्स पर्सनलाइज्ड वेलनेस सॉल्यूशन, डिजिटल थेराप्यूटिक्स, हर्बल डायग्नोस्टिक टूल्स और एआई एंड इनेबल्ड हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म ला रहे हैं, जो ट्रेडिशन को कटिंग-एज टेक्नोलॉजी के साथ मिला रहे हैं।
प्रोफेसर असीम कुमार घोष ने कहा कि आयुर्वेद हमें यह भी सिखाता है कि हेल्थ एक बैलेंस की स्थिति है, सिर्फ बीमारी का न होना नहीं, बल्कि जीवन के सभी पहलुओं में बैलेंस होना। यह रोकथाम, लाइफस्टाइल रेगुलेशन और इम्यूनिटी बढ़ाने वाले कॉन्सेप्ट पर जोर देता है जो आज की दुनिया में बहुत जरूरी हैं। क्लासिकल नॉलेज को मॉडर्न रिसर्च, क्लिनिकल स्टडीज और टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन के साथ मिलाकर, आयुर्वेद ऐसे सॉल्यूशन दे सकता है जो होलिस्टिक, सस्टेनेबल और ग्लोबली रेलिवेंट हों। इस मौके पर, उन्होंने मौजूद युवा प्रैक्टिशनर्स और इनोवेटर्स से रिसर्च, एविडेंस-बेस्ड प्रैक्टिस और एथिकल इनोवेशन को अपनाने और लोगों के जीवन में एक बड़ा बदलाव लाने की अपील की।
इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली मुल्तानी फार्मा, झंडू, इमामी कंपनियों के प्रतिनिधियों को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। नेशनल आयुर्वेद फेस्टिवल-2025 के अवसर पर राज्यपाल ने प्रसिद्ध समाज सेवी व ब्लैक बैल्ट ताईक्वांडो अमिता मारवाह को योगागुरु आवार्ड का प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर ईमानी समूह के उपाध्यक्ष अजीत पाल सिंह, राष्ट्रीय आयुर्वेद महोत्सव के आयोजन अध्यक्ष डॉ. ऋषभ दीक्षित, केंद्रीय आयुष मंत्रालय के पूर्व सदस्य डॉ. रामपाल सोमानी, केंद्रीय आयुष मंत्रालय के एनएमपीबी के सीईओ डॉ. महेश दाधीच, पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण, आयुष विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के कुलपति डॉ. करतार सिंह धीमान, गौ विद्यापीठ, गांधीनगर के प्रो-वाइस चांसलर डॉ. हितेश जानी, सीआईआई चंडीगढ़ के अध्यक्ष श्री तरनजीत सिंह भामरा और आयुर्वेदिक चिकित्सक, विद्वान, आचार्य, उद्योग के नेता, नवप्रवर्तक और छात्र भी उपस्थित थे।