Chandrayan 2 : ISRO को विक्रम लैंडर का पता चला, लेकिन अभी तक संपर्क नहीं
नई दिल्ली:

भारतीय स्पेस एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि विक्रम लैंडर का पता चल गया है। ऑर्बिटर से ली गई कुछ तस्वीरों में इसकी जानकारी होने की पुष्टि हुई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसरो ने बताया कि विक्रम लैंडर के सटीक जगह का पता चल गया है। लैंडर चंद्रयान-2 ऑर्बिटर की मदद से उस जगह का पता लगा सका है।
लैंडर के साथ संचार अभी तक स्थापित नहीं किया गया है। ऑर्बिटर विक्रम लैंडर की सटीक तस्वीरें लेने में कामयाब रहा। शनिवार को अपने निर्धारित नरम लैंडिंग से कुछ समय पहले अंतरिक्ष एजेंसी के साथ संपर्क टूट गया था।

चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर 7 सितंबर को सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान इसरो से संपर्क टूट गया था। शनिवार की सुबह 1:40 मिनट से पहले लैंडिंग हो रही थी। इसरो चंद्रयान -2 के लैंडर विक्रम के साथ संपर्क की कोशिश में जुटा हुआ है। इसके कई कारकों की जांच करेगा। चंद्रयान -2 टीम विक्रम लैंडर के साथ संचार हानि के पीछे के कारण का पता लगाने में जुटा हुआ है।
इसरो प्रमुख ने चंद्रयान 2 मिशन को 95% सफल बताया था। उन्होंने कहा था कि ऑर्बिटर पूरी तरह ठीक है और उसमें 7.5 साल तक काम करने की क्षमता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गगनयान सहित इसरो के सभी मिशन निर्धारित समय पर पूरे होंगे। बता दें कि लैंडर ‘विक्रम’ अगर ऐतिहासिक लैंडिंग में सफल हो जाता तो भारत चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करा चुके अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की कतार में शामिल हो जाता।
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