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इनेलो विधायक रणबीर गंगवा गुरुवार को भाजपा में शामिल हो गए

चंडीगढ़:

हिसार जिले के नलवा विधानसभा क्षेत्र से इनेलो विधायक ‘रणबीर गंगवा’ गुरुवार को भाजपा में शामिल हो गए हैं।

भाजपा मुख्यालय में मुख्यमंत्री मनोहर लाल, प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन, लोकसभा सहप्रभारी विश्वास सारंग, प्रदेशाध्यक्ष अध्यक्ष सुभाष बराला की मौजूदगी में गंगवा ने भाजपा दामन थामा।

रणबीर गंगवा प्रजापति समुदाय के प्रदेश में सबसे दिग्गज नेता हैं। प्रजापति समुदाय के साथ उनकी ओबीसी वर्ग में भी अच्छी खासी पैठ है।

उन्हें प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के नेता के रूप में भी देखा जाता है। रणबीर वर्ष 2014 में इनेलो की टिकट पर नलवा से विधायक बने थे। 

बता दें कि नलवा विधनासभा 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। इस सीट पर पश्चिमी हिसार का हिस्सा, आदमपुर के कुछ गांव व हांसी हलके कुछ गांव आते हैं।

भजनलाल परिवार का घर इसी विधानसभा क्षेत्र में आता है। वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में भजनलाल की पत्नी जसमा देवी कांग्रेस के संपत सिंह से चुनाव हार गई थी, जबकि 1987 में जस्मा देवी आदमपुर से विधायक रह चुकी हैं।

वर्ष 2014 में रणबीर सिंह गंगवा पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन को हराकर विधायक बने थे। 2009 के चुनाव में जस्मा देवी की हार दरअसल भजनलाल परिवार के किसी सदस्य की पहली हार है। 

नलवा से 2009 और 2014 दोनों चुनाव में अपनी पार्टी के राज्यसभा सदस्य रणबीर सिंह गंगवा पर दांव लगाते हुए टिकट दी थी।

2010 में राज्यसभा सदस्य बने रणबीर गंगवा ने विधानसभा में चुनाव लड़ने के लिए संसद से इस्तीफा दे दिया था।

पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक गलियारों में रणबीर सिंह गंगवा प्रजापति के इनेलो छोड़कर चले जाने की चर्चाएं चली हुई थी।

पिछले लंबे अर्से से प्रजापति समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले रणबीर गंगवा को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि वे भाजपा की तरफ जा सकते हैं, क्योंकि जींद उपचुनाव से एक मैसेज साफ दिख रहा है कि हरियाणा का ओबीसी और एससी समाज कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी की तरफ शिफ्ट हो गया है, जिसे कांग्रेस का कोर वोटर कहा जाता था।

उसने अपनी आस्था भाजपा में दिखानी जतानी शुरू कर दी है। वैसे भी कांग्रेस के पास फिलहाल ओबीसी और एससी समाज का प्रतिनिधित्व देने वाला एक भी जमीनी नेता नहीं है, जिसकी कीमत कांग्रेस लंबे समय तक चुकाएगी।

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650 करोड़ की लागत से बनाया गया कल्पना चावला मैडिकल कॉलेज,जहां थैलेसीमिया और हिमोफिलिया के मारीजों के लिए ईलाज की कोई उचित व्यवस्था नहीं

करनाल:

 करनाल में सामान्य अस्पताल के साथ-साथ 650 करोड़ की लागत से बनाया गया कल्पना चावला मैडिकल कॉलेज, जहां बेहतर इलाज के बड़े-बड़े दावे किए जाते है।

लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि मैडिकल कॉलेज व सामान्य अस्पताल में थैलेसीमिया और हिमोफिलिया के मारीजों के लिए ईलाज की कोई उचित व्यवस्था नहीं है।

ईलाज के नाम पर इन मरीजों को रक्त को चढ़ा दिया जाता है, लेकिन मरीजों के लिए आवश्यक जांच और दवा की कोई भी व्यावस्था नहीं है।

इन मरीजों को जांच के लिए या तो शहर से दूर जाना पडता है या फिर निजी अस्पतालों में भारी भरकम राशि अदा करनी पड़ती है। करनाल में इस समय 52 थैलेसीमिया और 32 हिमोफिलिया के मरीज है। 

जिन्हें आवश्यक जांच के लिए बाहर जाना पड़ता है। यह आनुवांशिक रोग जितना घातक है, इसके बारे में जागरूकता का उतना ही अभाव है। सामान्य रूप से शरीर में लाल रक्त कणों की उम्र करीब 120 दिनों की होती है, परंतु थैलेसीमिया के कारण इनकी उम्र सिमटकर मात्र 20 दिनों की हो जाती है।

इसका सीधा प्रभाव शरीर में स्थित हीमोग्लोबीन पर पड़ता है। हीमोग्लोबीन की मात्रा कम हो जाने से शरीर दुर्बल हो जाता है तथा अशक्त होकर हमेशा किसी न किसी बीमारी से ग्रसित रहने लगता है।

थैलेसीमिया नामक बीमारी प्राय: आनुवांशिक होती है। इस बीमारी का मुख्य कारण रक्तदोष होता है। यह बीमारी बच्चों को अधिकतर ग्रसित करती है तथा उचित समय पर उपचार न होने पर बच्चे की मृत्यु तक हो सकती है।

इस बीमारी के शिकार बच्चों में रोग के लक्षण जन्म से 4 या 6 महीने में ही नजर आने लगते हैं। बच्चे की त्वचा और नाखूनों में पीलापन आने लगता है।

आँखें और जीभ भी पीली पडऩे लगती हैं। उसके ऊपरी जबड़े में दोष आ जाता है। उन्होने बताया कि इस बाबत वह हरियाणा के मुख्यमंत्री को भी पत्र लिख चुके है और संबंधित विभागों के साथ पत्राचार भी किया।

लेकिन ऐसे मरीजों के लिए अभी तक कोई भी ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।इस बारे में मैडिकल कॉलेज के निदेशक डा. सुरेन्द्र कश्यप ने बुधवार को कहा कि कॉलेज में ऐसे मरीजों के लिए कोई विशेष यूनिट नहीं है।

उन्होने बताया कि जिले में 52 थैलेसीमिया के मरीज है। दिन में कभी एक तो कभी दो मरीज आते है। ऐसे में अलग से वार्ड बनाना संभव नहीं है। कॉलेज प्रशासन के पास जो सुविधा है, वह इन मरीजों को दी जा रही है।

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Google ने होली के त्यौहार पर एक रंगीन डूडल बनाकर किया समर्पित

Google का डूडल

21 मार्च को Google ने होली के त्यौहार को एक रंगीन डूडल के रूप में चिह्नित किया है जो त्यौहार की उज्ज्वल और मज़ेदार भावना को दर्शाता है।

Google में भव्य कलाकृतियों के साथ-साथ होली के महत्व को बताते हुए एक कला और संस्कृति भी प्रदर्शित है।

होली, जिसे “रंगों का त्योहार” भी कहा जाता है, एक हिंदू त्योहार है जो वसंत के आगमन और सर्दियों के अंत का प्रतीक है।

भारत और नेपाल दो ऐसे देश हैं जो हर साल श्रद्धापूर्वक होली मनाते हैं। हालांकि, पूरे विश्व में भारतीय प्रवासी की उपस्थिति ने इसे एशिया और पश्चिम में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय भारतीय त्योहारों में से एक बना दिया है।

हिंदू कैलेंडर में ‘फाल्गुन’ महीने की पूर्णिमा पर – होली पूर्णिमा की रात को आती है।

परंपरागत रूप से, होली के लिए उत्सव मनाया जाता है – 20 और 21 मार्च को इस वर्ष – हिंदुओं द्वारा। पहले दिन समारोह लोगों के साथ उनके समुदाय या पिछवाड़े में बड़े अलाव जलाते हैं, और कच्चे नारियल और मकई का प्रसाद बनाते हैं।

दूसरे दिन, लोग रंगों, पिचकारियों, पानी की बंदूकें और पानी के गुब्बारे के साथ खेलते हैं।

21 march Holi

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होली का पर्व फूलों और रंगों का त्योहार

रंग हमारी भावनाओं को दर्शाते हैं। रंगों के माध्यम से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित होता है। यही कारण है कि हमारी भारतीय संस्कृति में होली का पर्व फूलों, रंग और गुलाल के साथ खेलकर मनाया जाता है।

रंगों का पर्व होली एक सांस्कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक त्यौहार है।

बल्कि यह पर्यावरण से लेकर आपकी सेहत के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। 

सनातन (हिंदू) धर्म में प्रत्येक मास की पूर्णिमा का बड़ा ही महत्व है और यह किसी न किसी उत्सव के रूप में मनाई जाती है।

उत्सव के इसी क्रम में होली, वसंतोत्सव के रूप में फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है।

फाल्गुन पूर्णिमा, हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का अंतिम दिन होता है। इससे आठ दिन पूर्व होलाष्टक आरंभ हो जाते हैं।

अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक के समय में कोई शुभ कार्य या नया कार्य आरंभ करना शास्त्रों के अनुसार वर्जित माना गया है।

होली शब्द का संबंध होलिका दहन से भी है अर्थात पिछले वर्ष की गल्तियां एवं वैर-भाव को भुलाकर इस दिन एक-दूसरे को रंग लगाकर, गले मिलकर रिश्तों को नए सिरे से आरंभ किया जाए। इस प्रकार होली भाईचारे, आपसी प्रेम एवं सद्भावना का पर्व है। 

होली, भारतीय समाज में लोकजनों की भावनाओं को अभिव्यक्त करने का आईना है। परिवार को समाज से जोड़ने के लिए होली जैसे पर्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार होली उत्तर प्रदेश के ब्रजमंडल में ‘लट्ठमार होली’ के रूप में, असम में ‘फगवाह’ या ‘देओल’, बंगाल में ‘ढोल पूर्णिमा’ और नेपाल देश में ‘फागु’ नामों से लोकप्रिय है।

मुगल साम्राज्य के समय में होली की तैयारियां कई दिन पहले ही प्रारंभ हो जाती थीं। मुगलों के द्वारा होली खेलने के प्रमाण कई ऐतिहासिक पुस्तकों में मिलते हैं। सम्राट अकबर, हुमायूं, जहांगीर, शाहजहां और बहादुरशाह जफर ऐसे बादशाह थे, जिनके समय में होली उल्लास से खेली जाती थी।

कुछ वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि रंगों से खेलने से स्वास्थ्य पर इनका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्योंकि रंग हमारे शरीर तथा मानसिक स्वास्थ्य पर कई तरीके से असर डालते हैं। पश्चिमी फीजिशियन और डॉक्टरों का मानना है कि एक स्वस्थ शरीर के लिए रंगों का महत्वपूर्ण स्थान है।

होली यह संदेश लेकर आती है कि जीवन में आनंद, प्रेम, संतोष एवं दिव्यता होनी चाहिए। जब मनुष्य इन सबका अनुभव करता है, तो उसके अंतःकरण में उत्सव का भाव पैदा होता है, जिससे जीवन स्वाभाविक रूप से रंगमय हो जाता हैं। रंगों का पर्व यह भी सिखाता है कि काम, क्रोध, मद, मोह  एवं लोभ रूपी दोषों को त्यागकर ईश्वर भक्ति में मन लगाना चाहिए। 

रंग हमारी भावनाओं को दर्शाते हैं। रंगों के माध्यम से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित होता है। यही कारण है कि हमारी भारतीय संस्कृति में होली का पर्व फूलों, रंग और गुलाल के साथ खेलकर मनाया जाता है।

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स्वामी असीमानंद के बरी होने पर पाकिस्तान में मची खलबली

नई दिल्ली: 

पाकिस्तान ने समझौता ट्रेन में विस्फोट के आतंकी मामले में सभी चार आरोपियों के बरी किए जाने को लेकर भारतीय राजदूत को तलब किया.

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान ने भारतीय राजदूत को तलब किया और समझौता ट्रेन में विस्फोट के आतंकी मामले में सभी चार आरोपियों के बरी किए जाने को लेकर कड़ी निंदा करते हुए विरोध जताया है.

2007 में हुए इस धमाके में 68 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें ज्यादातर पाकिस्तानी थे. भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली इस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को हरियाणा के पानीपत के नजदीक धमाका हुआ था. 

असीमानंद को बरी किये जाने पर बोलीं महबूबा- दोहरा मापदंड क्यों?
उधर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को एक अदालत द्वारा समझौता ट्रेन धमाका मामले के आरोपियों को बरी किये जाने के आधारों पर सवाल उठाया.

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने बुधवार को कहा, “महत्वपूर्ण सबूत होने के बावजूद आरएसएस के एक पूर्व सदस्य समेत आरोपियों को बरी कर दिया गया.

भगवान न करे, अगर वह कश्मीरी या मुस्लिम होते तो उन्हें दोषी ठहरा दिया जाता और निष्पक्ष सुनवाई के बिना ही जेल में डाल दिया जाता.

भगवा आतंक को लेकर ऐसी नर्मी और दोहरे मापदंड क्यों? महबूबा मुफ्ती का यह बयान हरियाणा की एक विशेष अदालत द्वारा समझौता ट्रेन धमाका मामले में स्वामी असीमानंद तथा अन्य तीन आरोपियों को बरी किये जाने के बाद आया है. 

पाकिस्तान के लिए भी अहम था फैसला
भारत-पाकिस्तान के बीच सप्ताह में दो दिन चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 में बम धमाका हुआ था.

ट्रेन दिल्ली से लाहौर जा रही थी. विस्फोट हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नजदीक हुआ था.

हादसे में 68 लोगों की मौत हो गई थी. ब्लास्ट में 12 लोग घायल हो गए थे. धमाके में जान गंवाने वालों में अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे इसलिए पाकिस्तान की नज़रे भी इस मामले पर टिकी हुई थी. मारे जाने वाले 68 लोगों में 16 बच्चों समेत चार रेलवे कर्मी भी शामिल थे.

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Dr.Navneet Arora awarded a project grant of Rupees ten lakh only to conduct the research work under the IMPRESS

Chandigarh March 20, 2019

            Dr. Navneet Arora, Associate Professor of Sociology, University Institute of Legal Studies has been awarded a project grant of Rs. 10,00,000 (Rupees ten lakh only) to conduct the research work under the IMPRESS (Impactful Policy Research in Social Science) Scheme.

            IMPRESS is an initiative of Ministry of Human Resource and Development, Government of India and is being implemented by ICSSR (Indian Council of Social Science Research). The title of the project is “Obsession of Children with Digi Screens: A study into Social and Health Effects of Electronic Media” under Domain ‘Media Culture and Society’ has been approved by the competent authority on the recommendations of the steering Committee. 

           The research will be a unique exercise in exploring the social and health effects of Digital Screens and electronic media on toddlers, preschoolers, kids and teenagers. Digital screens are out and everywhere. Anytime, anywhere and everywhere presence of digital media is exciting but alarming too. The danger it has caused to the children is enormous and unthought-of. The massive presence of media and the time spent on media technologies by children are clear indicators that there is a shift in lifestyles and priorities for our new generation. Children as young as in their infancy are exposed to vibrant colours and music of electronic screens. All types of screens television, cell phone, tablets, video games, etc. have been termed as best baby sitters. These not only keep the baby busy but help in feeding and calming a crying baby. Since there is no ban on buying of electronic gadgets nor there is any limit of ‘Screen time’. Over indulgence on such smart devices is making the young generation dependent on varieties of media and they are compromising on their social and health aspects. Also, the growing incidence of crime has left no other option for parents except to give them screen time. There is a need to assess the damage it has caused and is causing on children. For the present study, all kinds of screens and electronic gadgets being used by children below 18 years would be investigated.

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DGP : Children should make healthy choices in life

Chandigarh 20.03.2019 :

Children who are vulnerable to substance abuse and are being imparted life skills training under “URJA” program of Chandigarh Police celebrated Holi with Shri Sanjay Baniwal, Director General of Police, Chandigarh. Events was organized in three pockets of Chandigarh i.e. Dhanas, Bapudham and Ramdarbar by Chandigarh Police in partnership with SPYM to celebrate the occasion with underprivileged children. On this occasion, Ms. NilambariJagdale, SSP Chandigarh and other officials of Chandigarh Police were also present.

Children shared their experience being part of the initiative of Chandigarh Police and how it has helped them change their behavior. Mr. Manish Kumar, SPYM briefed the DGP about the initiative and progress made in the direction of making the community drug free. DGP in his address to the children talked about the importance of education in making meaningful contribution to the family and society. He urged children to make healthy choices in life to help the family & society grow with positive energy. In Bapudham, SSP interacted with the children as part of the event and asked them to lead a healthy & meaningful life. She asked children to stay away from substance abuse and also help family members stay away from the same. Children enjoyed spending time with police officials and thanked Chandigarh Police for this initiative and showed their willingness to be part of the program in time to come.  

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वन विभाग द्वारा गांव चीकन में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुये डा0 अमरिन्द्र कौर

 वन विभाग द्वारा गांव चीकन में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुये डा0 अमरिन्द्र कौर

पंचकूला,( चीकन ) 20 मार्च 2019

वन विभाग द्वारा चीकन के विश्रामगृह में विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डाॅ0 अमरिन्द्र कौर, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, कम-प्रबन्धक निदेशक, हरियाणा, वन विकास निगम थीे। 

उन्होंने इस अवसर पर बोलते हुये कहां कि हमे इस दिवस पर गौरैया चिड़िया केे संरक्षण की शपथ लेनी चाहिये। हमें चिड़ियों के प्रति संवदेनशीलता रखते हुये उनके सरंक्षण में सहयोग करना चाहिये ं। गर्मीयों में उनको दाना व पानी डालकर उनके प्रति हमे प्रेम रखना चाहिये, क्योंकि मानव को नष्ट होने से बचाने के लिए प्रकृति का संरक्षण जरूरी है । उन्होंने कहा कि मानव व प्रकृति का गहरा रिस्ता है। इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, व मुख्य वन्यप्राणी वार्डन, हरियाणा वी0एस0 तंवर ने भी गौरैया को बचाने की अपील की। उन्होंने स्कूली बच्चों से अनुरोध किया के वे पशु-पक्षीयों से प्रेम करना अपने जीवन का हिस्सा बनायें। जगदीष चन्द्र, प्रधान मुख्य वन संरक्षक व प्रबन्ध निदेषक, हरियाणा कृषि उद्योग ने भी चिड़िया की कम होती जनसंख्या पर चिंता जताई और इनकी कमी के कारणों पर प्रकाश डाला। एम0एल0 राजवंशी, वन संरक्षक, वन्यप्राणी ने चिड़ियों की कम होती जनसंख्या के लिए फसल चक्कर परिवर्तन को काफी हद तक दोषी माना तथा आये हुये सभी मेहमानों का स्वागत भी किया। इस अवसर पर अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक, विनोद कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में वन व वन्यप्राणी विभाग के मण्डलीय अधिकारी जगमोहन शर्मा, शिव सिंह, दीपक, पवन गरोवर, मुख्य प्रचार अधिकारी श्री धर्मबीर, डाॅ0 चेतना शर्मा, डाॅ0 विभूव प्रकोष्ठ उपस्थित रहें। मंच का सफल संचालन राजीव रंजन ने किया। इस अवसर पर शुरूवात समिति के रंग कार्मीयों द्वारा वन्य प्राणियों के साथ जीना होगा नामक नाटक की प्रस्तुति की गई तथा प्रचार एवं शिक्षा विंग अम्बाला द्वारा गौरैया संरक्षण पर आधारित प्रर्दशनी का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर वन विभाग के विभिन्न कर्मचारी तथा स्कूल के बच्चों व आस-पास के 400 ग्रामीणों ने भाग लिया। 

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मानसिक रोगियों के लिये लगाये गये शिविर में जानकारी देते हुये सी0जे0एम विवेक गोयल

पंचकूला,20 मार्च-

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मानसिक रोगों और मानसिक रूप से दिव्यांग लोगों की पहचान के लिये एक विशेष अभियान आरम्भ किया गया है । कदम मिलाकर चलना होगा नामक इस अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से जिला के विभिन्न क्षेत्रों में शिविर आयोजित करके मानसिक रोगियों और मानसिक रूप से दिव्यांग लोगों की पहचान की जा रही है।

मुख्य न्याय दंडाधिकारी विवेक गोयल ने बताया कि ऐसे लोगों की पहचान करके उनके परिजनों को कानूनी अधिकारों की प्रति जागरूक किया जायेगा और परिवारजनों को ऐसे लोगों के साथ दैनिक जीवन में पेश आने वाली दिक्कतों से निपटनें के लिये ही आवश्यक जानकारी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिवक्ताओं ओैर पैरालीगल वालंटियर के माध्यम से भी ऐसे लोगों की पहचान की जायेगी। उन्होंने बताया की ऐसे लोगों और उन के परिजनों को मानसिक रोगियों व मानसिक रूप से दिव्यांग लोगों से सम्बन्धित मैंटल हैल्थ केयर एक्ट 2017 तथा पर्सनस विद डिसएब्लटी एक्ट 1995 के तहत उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी भी दी जायेगी ।

उन्होंने बताया कि भारत के सविधान द्वारा देश के सभी नागरिकों को एक समान अधिकार दिये गये है और रोजगार के अवसरों में भी समान अधिकार का प्रावधान है । उन्होंने बताया कि सविधान में मानसिक रूप से रोगी लोगों के लिये भी कानूनी सरंक्षण,सामाजिक सुरक्षा,शिक्षा और रोजगार के कानून का प्रावधान किया गया है ।  उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चों के लिये विशेष स्कूल स्थापित किये गये है और उन्हें 18 वर्ष की आयु तक निःशुल्क शिक्षा का अधिकार दिया गया है । इसके अलावा सरकारी रोजगार के अवसरों में भी 3 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है ।

उन्होंने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा ऐसे लोगों की जानकारी के लिये राजीव कालोनी,मनसा देवी कम्पलैक्स,बस अडडो,राजकीय माध्यमिक विद्यालय सैक्टर-19 में शिविर लगाकर लोगों को जागरूक किया गया । इसके अलावा आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को भी इनके अधिकारों और योजनाओं की जानकारी दी गई है ताकि हर योग्य पात्र तक  यह जानकारी पहुंचाई जा सके ।

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सभी राजनैतिक दल चुनाव आदर्श आचार संहिता का सख्ती से करें पालन-उपायुक्त

पंचकूला, 20. मार्च-

उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डाॅ0 बलकार सिंह ने सभी राजनैतिक दलों को चुनाव आदर्श आचार संहिता का इमानदारी व सख्ती से पालन करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिला के दोनों विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव आचार संहिता की पालना सुनिश्चित करने के लिये अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। चुनाव प्रचार में कहीं पर भी चुनाव आयोग के निर्देशों की अवेहलना पाये जाने पर सख्त कार्रवाही अमल में लाई जायेगी। उन्होंने बताया कि चुनाव संहिता के उल्लघन सम्बन्धी कोई भी शिकायत चुनाव आयोग द्वारा तैयार किये गये मोबाईल एप पर भी की जा सकती है ।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में छठे चरण में मतदान होगा और इसके लिये नोटिफिकेशन 16 अप्रैल को होगी और नामांकन पत्र 23 अप्रैल तक दाखिल किये जा सकते है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिये मतदान 12 मई को होगा और मतगणना 23 मई को की जायेगी। उन्होंने बताया कि ऐसे मतदाता जिन्होंने अभी तक अपना वोट नहीं बनवाया है, वे 12 अप्रैल तक फार्म नंबर 6 भरकर अपना वोट बनवा सकते है। उन्होंने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से भी ऐसे मतदाताओं को वोट बनवाने के लिये प्रेरित करने में सहयोग करना का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि मतदाता अपनी वोट से सम्बन्धित जानकारी हैल्प लाईन नं0 1950 पर प्राप्त कर सकता है। इस हैल्प लाईन नं0 पर चुनाव से सम्बन्धित शिकायत भी दर्ज करवाई जा सकती है।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि कोई भी राजनैतिक दल ऐसी कोई भी कार्रवाही न करें, जिससे लोगों की धार्मिक व सांप्रदायिक भावनाओं को ठेस पंहुचे। उन्होंने कहा कि धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगना, चुनाव प्रचार के लिये किसी धार्मिक स्थान का प्रयोग करना भी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जायेगा। चुनाव प्रचार के लिये रैली, जनसभा, रोड शो और जलूस इत्यादि के आयोजन के लिये राजनैतिक दलों को जिला प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी होगी और इसकी सूचना पुलिस को भी देनी होगी। 

उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के लिये होर्डिंग्स, पोस्टर और झंडे इत्यादि जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थानों पर ही लगाये जा सकते है और बिना अनुमति के किसी भी सरकारी संपति पर यह सामग्री चिपकाने व लगाने की स्थिति में संबंधित उम्मीदवार और राजनैतिक दल के विरूद्ध डिफेसमैंट आॅफ प्रोपर्टी एक्ट के तहत कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। उन्होंने कहा कि लोगों की निजी संपति और भवनों पर झंडे लगाने व प्रचार सामग्री चस्पा करने से पहले भी  लिखित अनुमति लेना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि कोई भी राजनैतिक दल दूसरे राजनैतिक दल की जनसभा व जलूस में बाधा नहीं डाल सकता। यदि एक ही दिन में दो या उससे अधिक पार्टीयों द्वारा जलूस निकाला जाता है तो उन्हें अपने रूट प्लान सहित प्रशासन से पूर्व अनुमति लेनी होगी। उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देश दिये कि जो भी राजनैतिक दल अथवा प्रत्याशी जनसभा, जलूस निकालने अथवा प्रचार सामग्री इत्यादी चिपकाने के स्थानों के लिये पहले आवेदन करेगा, उसे ही पहले अनुमति दी जाये। 

उपायुक्त ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को यह निर्देश भी दिये कि वे चुनाव प्रचार व जनसभा में लाउड स्पीकर इत्यादि का प्रयोग करने के लिये भी प्रशासन से पूर्व अनुमति अवश्य लें। उन्होंने कहा कि लाउड स्पीकर का प्रयोग प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक ही किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के लिये प्रयोग किये जाने वाले वाहनों की भी अनुमति लेना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं को धन, शराब, उपहार व अन्य प्रकार के प्रलोभन देना चुनाव आदर्श संहिता का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान धन व शराब के गैर कानूनी प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिये दोनों विधानसभा क्षेत्रों में प्लाइंग्स स्क्वायर्ड गठित की जा रही है। उन्होंने कहा कि इन टीमों द्वारा न केवल गैर कानूनी गतिविधियों पर नजर रखी जायेगी  बल्कि ऐसा कोई मामला ध्यान में आने पर पूरी कार्यवाही की विडियो ग्राफी भी की जायेगी।