*Chandigarh MC celebrates its foundation day*

60 फुट गहरे बोरवेल में फंसा बच्चा, 40 घंटे बाद निकाला गया बाहर

हिसार:

हरियाणा में हिसार जिले के बालसमंद गांव में 60 फुट गहरे बोरवेल में गिरे डेढ़ साल के बच्चे को निकाल लिया गया है।

बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। बच्चा बुधवार को खेलने के दौरान बोरवेल में गिर गया था।

अधिकारियों ने बताया कि पिछले 40 घंटे से बच्चे को बोरवेल से बाहर निकालने का अभियान जारी था।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और सेना के विशेषज्ञों के एक दल द्वारा चलाए जा रहे बचाव अभियान में असैन्य और पुलिस अधिकारियों की मदद से यह ऑपरेशन सफल हो पाया है।

जब बचावकर्मी शुक्रवार को उस स्थान के निकट पहुंचे जहां बच्चा फंसा था तो मशीन से खुदाई रोक दी गई फिर आगे बढ़ने के लिये हाथ से ही खुदाई की गई ताकि इस बात को सुनिश्चित किया जा सके कि मिट्टी बच्चे पर नहीं गिरे।

उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने इससे पहले बोरवेल से 20 फुट दूर इसके समानांतर खुदाई शुरू की थी। प्रशासन की योजना सुरंग बनाकर बच्चे को सुरक्षित निकालने की थी।

बोरवेल में ‘नाइट विज़न कैमरा’ डाला गया है, जिसके जरिए बच्चे की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। स्थानीय लोगों के अनुसार बच्चे का नाम नदीम है और वह कुछ दोस्तों के साथ खेल रहा था तभी वह अचानक से बोरवेल में गिर गया। बच्चे के पिता मजदूर हैं।

*Chandigarh MC celebrates its foundation day*

पुलिस उपायुक्त – पंचकूला में शस्त्र लाइसेंस धारकों को 31 मार्च तक लेना होगा यूआईएन नंबर

पंचकूला 22 मार्च- 

पुलिस उपायुक्त कमलदीप गोयल ने जिला में स्थित शस्त्र लाईसैंस धारकों को निर्देश दिये कि वे 31 मार्च तक अपना यू0आई0एन(यूनिक आडनटी नं0) अवश्य प्राप्त कर ले ।

उन्होंने कहा कि गृहमंत्रालय भारत सरकार द्वारा  प्रत्येक शस्त्र लाईसैंस धारक के लिये यू0आई0एन जारी किया है । उन्होंने कहा कि जिन लाईसैंस धारकों ने अभी तक यह नं0 डाउन लाउड नहीं किया है वे 31 मार्च तक यह नं0 अवश्य प्राप्त कर ले । उन्होंने कहा कि जिन शस्त्र लाईसैंस धारकों के पास यू0आई0एन0 न0 नही होगा उनके लाईसैंस की वैधता नही रहेगी ।

*Chandigarh MC celebrates its foundation day*

जिला सचिवालय में अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुये अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह

पंचकूला 22 मार्च- 

जिला सचिवालय में अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुये अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह।

हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा 31 मार्च को हरियाणा सिविल सर्विस की परीक्षा आयोजित की जायेगी। पंचकूला जिला में 20 शिक्षण संस्थानों में आयोजित होने वाली इस परीक्षा के लिये 27 परीक्षा केन्द्र स्थापित किये जायेगें।

यह जानकारी आज अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह ने जिला सचिवालय में इस परीक्षा के प्रबन्धों के लिये आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुये दी। उन्होंने कहा कि परीक्षा को शान्तिपूर्वक और नकल रहित आयोजित करने के लिये प्रशासन द्वारा पुख्ता प्रबन्ध किये गये है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक तीन से चार परीक्षा केन्द्रों पर एक डियूटी मैजिस्ट्रेट तैनात रहेगा। उन्होंने कहा कि परीक्षा केन्द्रों पर पर्याप्त संख्या में पुरूष कर्मी तैनात रहेंगे। उन्होंने कहा कि इन परीक्षा केन्द्रों पर 7392 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे।

उन्होंने बताया कि प्रत्येक परीक्षार्थी को तलाशी के बाद ही परीक्षा केन्द्र में प्रवेश करने की इजाजत होगी। परीक्षार्थी परीक्षा केन्द्र में पैन,व्यक्तिगत पहचान पत्र और परीक्षा प्रवेश पत्र ही साथ ले जा सकेगा। उन्होंने कहा कि परीक्षार्थी व्यक्तिगत पहचान के लिये क्या-क्या दस्तावेज प्रस्तुत कर सकता है,इसकी जानकारी उसके एडमिट कार्ड पर  दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि सभी परीक्षा केन्द्रों पर सी0सी0टी0वी0 कैमरे और जैमर लगाये जायेगें। उन्होंने बताया कि परीक्षार्थी को यह परीक्षा दो सत्र में देनी होगी। पहला सत्र 10 बजे से 12 बजे तक और दूसरा सत्र 3 बजे से 5 बजे तक होगा।

अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि परीक्षार्थी को परीक्षा अवधि के दौरान परीक्षा केन्द्र से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जायेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रातःकालीन सत्र के बाद परीक्षार्थी परीक्षा केन्द्र से बाहर जा सकता है लेकिन बाद दोपहर सत्र में उसके प्रवेश से पूर्व पुनः तलाशी ली जायेगी।उन्होंने इस परीक्षा को आयोजित करने के लिये आवश्यक प्रबन्धों और हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा जारी हिदायतों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस परीक्षा के लिये एसडीएम पंचकूला पंकज सेतिया को नोडल अधिकारी तैनात किया गया है।

*Chandigarh MC celebrates its foundation day*

सभी विभागों को निर्देश दिये कि वे आई0टी0आई का कोर्स करने वाले विद्यार्थियों को अपने कार्यालय में प्रशिक्षण देने के लिये समय से आवेदन करे – उत्तम सिंह

पंचकूला 22 मार्च-  

 अतिरिक्त उपायुक्त उत्तम सिंह ने सभी विभागों को निर्देश दिये कि वे आई0टी0आई का कोर्स करने वाले विद्यार्थियों को अपने कार्यालय में प्रशिक्षण देने के लिये समय से आवेदन करे । उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्यालय में स्टाफ की उपलब्धता के आधार पर 2.5 प्रतिशत से लेकर 10 प्रतिशत तक ऐसे विद्यार्थियों को एक वर्ष के लिये प्रशिक्षण के लिये कार्यालय में रखा जा सकता है ।

अतिरिक्त उपायुक्त आज जिला सचिवालय के कान्फ्रैंस हाल में आयोजित अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे । उन्होंने कहा कि आई0टी0आई के जिन विद्यार्थियों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है,उनकी कार्यशैली की अस्समैंट भी निर्धारित प्रोफार्मा में भरकर जल्द आई0टी0आई में उपलब्ध करवाये । उन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है वह स्वंय भी यह अस्समैंट लेकर आई0टी0आई0 में जमा करवा सकते है । उन्होंने स्पष्ट किया कि आफ लाईन अस्समैंट के साथ-साथ सभी कार्यालयों को आन लाईन अस्समैंट भी प्रस्तुत करनी है  और इसके लिये किसी प्रकार की दिक्कत आने की स्थिति में आई0टी0आई से मार्गदर्शन लिया जा सकता है । उन्होंने कहा कि सभी विभाग आफ लाईन अस्समैंट 10 अप्रैल तक अवश्य जमा करवाये ।

उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को दी जाने वाली छात्रवृति का 25 प्रतिशत भाग औद्योगिक प्रशिक्षणएवं व्यवासयिक शिक्षा विभाग द्वारा दिया जाता है । इसके लिये सम्बन्धित विभाग को आईटीआई बैवसाईट पर  आन लाईन आवेदन करना होगा । उन्होंने कहा कि यह 25 प्रतिशत छात्रवृति प्रत्येक तीन महीने के बाद कलेम की जा सकती है । उन्होंने कहा कि आईटीआई में कोर्स करने वाले विद्यार्थियों के लिये अप्रंेटिशिप व्यावारिक ज्ञान हासिल करने का एक बेहतर माध्यम है और सम्बन्धित अधिकारी उन्हें अपने कार्यालय की कार्यप्रणाली सिखाने में हर सम्भव सहयोग करे ।

*Chandigarh MC celebrates its foundation day*

भारतीय जनता पार्टी द्वारा लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी,यूपी के 6 मौजूदा सांसद बाहर

भारतीय जनता पार्टी द्वारा बृहस्पतिवार को जारी लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची में उत्तर प्रदेश के 28 प्रत्याशियों के नाम घोषित किये गये है।

पार्टी ने अपने छह वर्तमान सांसदों के टिकट काट दिये है। इनमें केंद्रीय मंत्री कृष्णा राज, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग चेयरमैन राम शंकर कठेरिया शामिल है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी तथा राजनाथ सिंह लखनऊ की अपनी पहले की सीटों पर दोबारा किस्मत आजमायेंगे।

पार्टी ने वीवीआईपी सीट मानी जाने वाली अमेठी लोकसभा की सीट से स्मृति ईरानी को एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाधी का मुकाबला करने के लिये मैदान में उतारा है।

भाजपा के एक नेता ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा की सीटें है बाकी सीटों के प्रत्याशियों की घोषणा जल्द ही कर दी जायेगी।

भाजपा की पहली सूची में कृष्णा राज. शाहजहापुर, और राम शंकर कठेरिया आगरा के अलावा अंशुल वर्मा हरदोई, बाबू लाल चौधरी फतेहपुर सीकरी, अंजू बाला मिश्रिख और सत्यपाल सिंह संभल का टिकट काटा गया है। इन सीटों पर जो नये प्रत्याशी घोषित किये गये है उनमें एसपी सिंह बघेल आगरा, परमेश्वर लाल सैनी संभल, राजकुमार चाहर फतेहपुर सीकरी, जयप्रकाश रावत हरदोई, अशोक रावत मिश्रिख और अरूण सागर शाहजहांपुर से शामिल हैं। 

पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी में नरेंद्र मोदी को 5,81,022 वोट मिले थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वन्दी अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 वोट मिले थे और मोदी ने यह चुनाव 3,71,784 वोटो से जीता था। 

भाजपा की पहली सूची में उत्तर प्रदेश में जिन लोगों को लोकसभा टिकट दिया गया है उनमें राघव लखनपाल सहारनपुर, संजीव कुमार बालियान मुजफफरनगर, कुंवर भारतेंद्र सिंह बिजनौर, राजेंद्र अग्रवाल मेरठ, सत्यपाल सिंह बागपत, विजय कुमार सिंह गाजियाबाद और महेश शर्मा गौतमबुद्ध नगर शामिल है।

इनमें वीके सिंह केंद्र सरकार में विदेश राज्य मंत्री, महेश शर्मा पर्यटन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार जबकि सत्यपाल सिंह भी राज्य मंत्री है।

वर्तमान में बिजनौर के सांसद कुंवर भारतेंद्र सिंह, संजीव कुमार बालियान मुजफफरनगर, राघव लखनपाल सहारनपुर , राजेंद्र अग्रवाल मेरठ, सत्यपाल सिंह बागपत, विजय कुमार सिंह गाजिया बाद और महेश शर्मा गौतमबुद्ध नगर से चुनाव लड़ेंगे।

उत्तर प्रदेश में पहले चरण में 11 अप्रैल को जिन लोकसभा सीटों पर मतदान होना है उनमें बागपत, बिजनौर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और कैराना शामिल है।


*Chandigarh MC celebrates its foundation day*

इनेलो विधायक रणबीर गंगवा गुरुवार को भाजपा में शामिल हो गए

चंडीगढ़:

हिसार जिले के नलवा विधानसभा क्षेत्र से इनेलो विधायक ‘रणबीर गंगवा’ गुरुवार को भाजपा में शामिल हो गए हैं।

भाजपा मुख्यालय में मुख्यमंत्री मनोहर लाल, प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन, लोकसभा सहप्रभारी विश्वास सारंग, प्रदेशाध्यक्ष अध्यक्ष सुभाष बराला की मौजूदगी में गंगवा ने भाजपा दामन थामा।

रणबीर गंगवा प्रजापति समुदाय के प्रदेश में सबसे दिग्गज नेता हैं। प्रजापति समुदाय के साथ उनकी ओबीसी वर्ग में भी अच्छी खासी पैठ है।

उन्हें प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के नेता के रूप में भी देखा जाता है। रणबीर वर्ष 2014 में इनेलो की टिकट पर नलवा से विधायक बने थे। 

बता दें कि नलवा विधनासभा 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी। इस सीट पर पश्चिमी हिसार का हिस्सा, आदमपुर के कुछ गांव व हांसी हलके कुछ गांव आते हैं।

भजनलाल परिवार का घर इसी विधानसभा क्षेत्र में आता है। वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में भजनलाल की पत्नी जसमा देवी कांग्रेस के संपत सिंह से चुनाव हार गई थी, जबकि 1987 में जस्मा देवी आदमपुर से विधायक रह चुकी हैं।

वर्ष 2014 में रणबीर सिंह गंगवा पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन को हराकर विधायक बने थे। 2009 के चुनाव में जस्मा देवी की हार दरअसल भजनलाल परिवार के किसी सदस्य की पहली हार है। 

नलवा से 2009 और 2014 दोनों चुनाव में अपनी पार्टी के राज्यसभा सदस्य रणबीर सिंह गंगवा पर दांव लगाते हुए टिकट दी थी।

2010 में राज्यसभा सदस्य बने रणबीर गंगवा ने विधानसभा में चुनाव लड़ने के लिए संसद से इस्तीफा दे दिया था।

पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक गलियारों में रणबीर सिंह गंगवा प्रजापति के इनेलो छोड़कर चले जाने की चर्चाएं चली हुई थी।

पिछले लंबे अर्से से प्रजापति समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले रणबीर गंगवा को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि वे भाजपा की तरफ जा सकते हैं, क्योंकि जींद उपचुनाव से एक मैसेज साफ दिख रहा है कि हरियाणा का ओबीसी और एससी समाज कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी की तरफ शिफ्ट हो गया है, जिसे कांग्रेस का कोर वोटर कहा जाता था।

उसने अपनी आस्था भाजपा में दिखानी जतानी शुरू कर दी है। वैसे भी कांग्रेस के पास फिलहाल ओबीसी और एससी समाज का प्रतिनिधित्व देने वाला एक भी जमीनी नेता नहीं है, जिसकी कीमत कांग्रेस लंबे समय तक चुकाएगी।

*Chandigarh MC celebrates its foundation day*

650 करोड़ की लागत से बनाया गया कल्पना चावला मैडिकल कॉलेज,जहां थैलेसीमिया और हिमोफिलिया के मारीजों के लिए ईलाज की कोई उचित व्यवस्था नहीं

करनाल:

 करनाल में सामान्य अस्पताल के साथ-साथ 650 करोड़ की लागत से बनाया गया कल्पना चावला मैडिकल कॉलेज, जहां बेहतर इलाज के बड़े-बड़े दावे किए जाते है।

लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि मैडिकल कॉलेज व सामान्य अस्पताल में थैलेसीमिया और हिमोफिलिया के मारीजों के लिए ईलाज की कोई उचित व्यवस्था नहीं है।

ईलाज के नाम पर इन मरीजों को रक्त को चढ़ा दिया जाता है, लेकिन मरीजों के लिए आवश्यक जांच और दवा की कोई भी व्यावस्था नहीं है।

इन मरीजों को जांच के लिए या तो शहर से दूर जाना पडता है या फिर निजी अस्पतालों में भारी भरकम राशि अदा करनी पड़ती है। करनाल में इस समय 52 थैलेसीमिया और 32 हिमोफिलिया के मरीज है। 

जिन्हें आवश्यक जांच के लिए बाहर जाना पड़ता है। यह आनुवांशिक रोग जितना घातक है, इसके बारे में जागरूकता का उतना ही अभाव है। सामान्य रूप से शरीर में लाल रक्त कणों की उम्र करीब 120 दिनों की होती है, परंतु थैलेसीमिया के कारण इनकी उम्र सिमटकर मात्र 20 दिनों की हो जाती है।

इसका सीधा प्रभाव शरीर में स्थित हीमोग्लोबीन पर पड़ता है। हीमोग्लोबीन की मात्रा कम हो जाने से शरीर दुर्बल हो जाता है तथा अशक्त होकर हमेशा किसी न किसी बीमारी से ग्रसित रहने लगता है।

थैलेसीमिया नामक बीमारी प्राय: आनुवांशिक होती है। इस बीमारी का मुख्य कारण रक्तदोष होता है। यह बीमारी बच्चों को अधिकतर ग्रसित करती है तथा उचित समय पर उपचार न होने पर बच्चे की मृत्यु तक हो सकती है।

इस बीमारी के शिकार बच्चों में रोग के लक्षण जन्म से 4 या 6 महीने में ही नजर आने लगते हैं। बच्चे की त्वचा और नाखूनों में पीलापन आने लगता है।

आँखें और जीभ भी पीली पडऩे लगती हैं। उसके ऊपरी जबड़े में दोष आ जाता है। उन्होने बताया कि इस बाबत वह हरियाणा के मुख्यमंत्री को भी पत्र लिख चुके है और संबंधित विभागों के साथ पत्राचार भी किया।

लेकिन ऐसे मरीजों के लिए अभी तक कोई भी ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।इस बारे में मैडिकल कॉलेज के निदेशक डा. सुरेन्द्र कश्यप ने बुधवार को कहा कि कॉलेज में ऐसे मरीजों के लिए कोई विशेष यूनिट नहीं है।

उन्होने बताया कि जिले में 52 थैलेसीमिया के मरीज है। दिन में कभी एक तो कभी दो मरीज आते है। ऐसे में अलग से वार्ड बनाना संभव नहीं है। कॉलेज प्रशासन के पास जो सुविधा है, वह इन मरीजों को दी जा रही है।

*Chandigarh MC celebrates its foundation day*

Google ने होली के त्यौहार पर एक रंगीन डूडल बनाकर किया समर्पित

Google का डूडल

21 मार्च को Google ने होली के त्यौहार को एक रंगीन डूडल के रूप में चिह्नित किया है जो त्यौहार की उज्ज्वल और मज़ेदार भावना को दर्शाता है।

Google में भव्य कलाकृतियों के साथ-साथ होली के महत्व को बताते हुए एक कला और संस्कृति भी प्रदर्शित है।

होली, जिसे “रंगों का त्योहार” भी कहा जाता है, एक हिंदू त्योहार है जो वसंत के आगमन और सर्दियों के अंत का प्रतीक है।

भारत और नेपाल दो ऐसे देश हैं जो हर साल श्रद्धापूर्वक होली मनाते हैं। हालांकि, पूरे विश्व में भारतीय प्रवासी की उपस्थिति ने इसे एशिया और पश्चिम में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय भारतीय त्योहारों में से एक बना दिया है।

हिंदू कैलेंडर में ‘फाल्गुन’ महीने की पूर्णिमा पर – होली पूर्णिमा की रात को आती है।

परंपरागत रूप से, होली के लिए उत्सव मनाया जाता है – 20 और 21 मार्च को इस वर्ष – हिंदुओं द्वारा। पहले दिन समारोह लोगों के साथ उनके समुदाय या पिछवाड़े में बड़े अलाव जलाते हैं, और कच्चे नारियल और मकई का प्रसाद बनाते हैं।

दूसरे दिन, लोग रंगों, पिचकारियों, पानी की बंदूकें और पानी के गुब्बारे के साथ खेलते हैं।

21 march Holi

*Chandigarh MC celebrates its foundation day*

होली का पर्व फूलों और रंगों का त्योहार

रंग हमारी भावनाओं को दर्शाते हैं। रंगों के माध्यम से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित होता है। यही कारण है कि हमारी भारतीय संस्कृति में होली का पर्व फूलों, रंग और गुलाल के साथ खेलकर मनाया जाता है।

रंगों का पर्व होली एक सांस्कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक त्यौहार है।

बल्कि यह पर्यावरण से लेकर आपकी सेहत के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। 

सनातन (हिंदू) धर्म में प्रत्येक मास की पूर्णिमा का बड़ा ही महत्व है और यह किसी न किसी उत्सव के रूप में मनाई जाती है।

उत्सव के इसी क्रम में होली, वसंतोत्सव के रूप में फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है।

फाल्गुन पूर्णिमा, हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का अंतिम दिन होता है। इससे आठ दिन पूर्व होलाष्टक आरंभ हो जाते हैं।

अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक के समय में कोई शुभ कार्य या नया कार्य आरंभ करना शास्त्रों के अनुसार वर्जित माना गया है।

होली शब्द का संबंध होलिका दहन से भी है अर्थात पिछले वर्ष की गल्तियां एवं वैर-भाव को भुलाकर इस दिन एक-दूसरे को रंग लगाकर, गले मिलकर रिश्तों को नए सिरे से आरंभ किया जाए। इस प्रकार होली भाईचारे, आपसी प्रेम एवं सद्भावना का पर्व है। 

होली, भारतीय समाज में लोकजनों की भावनाओं को अभिव्यक्त करने का आईना है। परिवार को समाज से जोड़ने के लिए होली जैसे पर्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार होली उत्तर प्रदेश के ब्रजमंडल में ‘लट्ठमार होली’ के रूप में, असम में ‘फगवाह’ या ‘देओल’, बंगाल में ‘ढोल पूर्णिमा’ और नेपाल देश में ‘फागु’ नामों से लोकप्रिय है।

मुगल साम्राज्य के समय में होली की तैयारियां कई दिन पहले ही प्रारंभ हो जाती थीं। मुगलों के द्वारा होली खेलने के प्रमाण कई ऐतिहासिक पुस्तकों में मिलते हैं। सम्राट अकबर, हुमायूं, जहांगीर, शाहजहां और बहादुरशाह जफर ऐसे बादशाह थे, जिनके समय में होली उल्लास से खेली जाती थी।

कुछ वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि रंगों से खेलने से स्वास्थ्य पर इनका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्योंकि रंग हमारे शरीर तथा मानसिक स्वास्थ्य पर कई तरीके से असर डालते हैं। पश्चिमी फीजिशियन और डॉक्टरों का मानना है कि एक स्वस्थ शरीर के लिए रंगों का महत्वपूर्ण स्थान है।

होली यह संदेश लेकर आती है कि जीवन में आनंद, प्रेम, संतोष एवं दिव्यता होनी चाहिए। जब मनुष्य इन सबका अनुभव करता है, तो उसके अंतःकरण में उत्सव का भाव पैदा होता है, जिससे जीवन स्वाभाविक रूप से रंगमय हो जाता हैं। रंगों का पर्व यह भी सिखाता है कि काम, क्रोध, मद, मोह  एवं लोभ रूपी दोषों को त्यागकर ईश्वर भक्ति में मन लगाना चाहिए। 

रंग हमारी भावनाओं को दर्शाते हैं। रंगों के माध्यम से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित होता है। यही कारण है कि हमारी भारतीय संस्कृति में होली का पर्व फूलों, रंग और गुलाल के साथ खेलकर मनाया जाता है।

*Chandigarh MC celebrates its foundation day*

स्वामी असीमानंद के बरी होने पर पाकिस्तान में मची खलबली

नई दिल्ली: 

पाकिस्तान ने समझौता ट्रेन में विस्फोट के आतंकी मामले में सभी चार आरोपियों के बरी किए जाने को लेकर भारतीय राजदूत को तलब किया.

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान ने भारतीय राजदूत को तलब किया और समझौता ट्रेन में विस्फोट के आतंकी मामले में सभी चार आरोपियों के बरी किए जाने को लेकर कड़ी निंदा करते हुए विरोध जताया है.

2007 में हुए इस धमाके में 68 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें ज्यादातर पाकिस्तानी थे. भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली इस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को हरियाणा के पानीपत के नजदीक धमाका हुआ था. 

असीमानंद को बरी किये जाने पर बोलीं महबूबा- दोहरा मापदंड क्यों?
उधर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को एक अदालत द्वारा समझौता ट्रेन धमाका मामले के आरोपियों को बरी किये जाने के आधारों पर सवाल उठाया.

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने बुधवार को कहा, “महत्वपूर्ण सबूत होने के बावजूद आरएसएस के एक पूर्व सदस्य समेत आरोपियों को बरी कर दिया गया.

भगवान न करे, अगर वह कश्मीरी या मुस्लिम होते तो उन्हें दोषी ठहरा दिया जाता और निष्पक्ष सुनवाई के बिना ही जेल में डाल दिया जाता.

भगवा आतंक को लेकर ऐसी नर्मी और दोहरे मापदंड क्यों? महबूबा मुफ्ती का यह बयान हरियाणा की एक विशेष अदालत द्वारा समझौता ट्रेन धमाका मामले में स्वामी असीमानंद तथा अन्य तीन आरोपियों को बरी किये जाने के बाद आया है. 

पाकिस्तान के लिए भी अहम था फैसला
भारत-पाकिस्तान के बीच सप्ताह में दो दिन चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 में बम धमाका हुआ था.

ट्रेन दिल्ली से लाहौर जा रही थी. विस्फोट हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नजदीक हुआ था.

हादसे में 68 लोगों की मौत हो गई थी. ब्लास्ट में 12 लोग घायल हो गए थे. धमाके में जान गंवाने वालों में अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे इसलिए पाकिस्तान की नज़रे भी इस मामले पर टिकी हुई थी. मारे जाने वाले 68 लोगों में 16 बच्चों समेत चार रेलवे कर्मी भी शामिल थे.