PM Modi : आंध्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में रैलियां

मिशन 2019′ की तैयारी में जुटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के अलग-अलग इलाकों में ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं। नॉर्थ-ईस्ट के बाद पीएम की नजर अब दक्षिण भारत पर है और रविवार को वह आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में रैलियां करने वाले हैं। इससे दक्षिण भारत का सियासी पारा गरमा गया है। इस बीच आंध्र प्रदेश के कई शहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से पहले मोदी विरोधी पोस्टरों से पटे हुए हैं। 

वे डरे हुए हैं, उन्हें नींद नहीं आती है। परेशानी से जूझ रहे हैं। यहां के मुख्यमंत्री को तकलीफ है कि आपका यह चौकीदार… मेरी सरकार उनसे हिसाब मांगती है। पहले उन्हें दिल्ली के गलियारों में कभी भी हिसाब नहीं देना पड़ता था। अब मोदी पूछता है कि आंध्र के विकास के लिए, जो पैसा दिया गया, उसकी पाई-पाई का हिसाब दीजिए। यहीं उन्हें अखरता है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आंध्र प्रदेश के गुंटुर में एक रैली को संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपने कार्यकर्ताओं को शनिवार को कॉल करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के दौरान गांधीवादी प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। एक टेलिकॉन्फ्रेंस के जरिए नायडू ने अपने पार्टी नेताओं से बात करते हुए कहा, ‘यह काला दिन है। पीएम मोदी यह देखने आ रहे हैं कि उन्होंने आंध्र प्रदेश के साथ क्या अन्याय किया है। मोदी राज्यों और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर रहे हैं। पीएमओ का राफेल में दखलअंदाजी करना देश का अपमान करना है। हम पीली और काली टीशर्ट और गुब्बारों के साथ शांतिपूर्वक गांधीवादी प्रदर्शन करेंगे।

आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने के समझौते से केंद्र सरकार के इनकार के बाद टीडीपी, बीजेपी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार से अलग हो गई। चंद्रबाबू ने मोदी द्वारा विपक्षी गठबंधन को महामिलावट कहने पर कड़ी आपत्ति जाहिर की। नायडू बीजेपी विरोधी मोर्चा बनाने की कवायद में जुटे हैं।

बीजेपी की तमिलनाडु यूनिट भी तिरुपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के लिए तैयार है। इस वर्ष अंतरिम बजट पेश किए जाने के बाद यह मोदी की राज्य की पहली यात्रा होगी। चर्चा है कि बीजेपी-एआईडीएमके के बीच संभावित गठबंधन पर भी मुहर लग सकती है। तमिलनाडु में ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष एसके खरवेंटन ने, ‘एक सरकारी समारोह में भाग लेने के बाद, मोदी एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करेंगे, जिसमें 150,000 लोगों के शामिल होने की संभावना है। वह सात लोकसभा क्षेत्रों- ऊटी, कोयंबटूर, पोलाची, इरोड, करूर, तिरुपुर और सालेम स्थित पार्टी के सदस्यों और अन्य लोगों को संबोधित करेंगे।’ 

आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर भाजपा और टीडीपी के बीच तनातनी बनी हुई है। इसी मांग को लेकर टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने अपनी पार्टी को एनडीए से अलग कर लिया था। इसके बाद से लगातार नायडू भाजपा पर हमला करते देखे गए। वहीं, सदन में भी टीडीपी सांसद लगातार अपनी इस मांग को जोर-शोर से उठा रहे हैं।

सरस्वती पूजा : 2019 : वसंत पंचमी

देश में वसंत पंचमी  का त्योहार मनाया जा रहा है। पंचमी तिथि शनिवार 9 फरवरी को दिन में 8 बजकर 55 मिनट से लग रही है, जो रविवार 10 फरवरी को दिन में 9 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि ग्राह्य होने से 10 फरवरी को ही वसंत पंचमी मनाई जाएगी।

इस दिन मां सरस्वती की पूजा का विशेष दिन माना जाता है और मां सरस्वती ही बुद्धि और विद्या की देवी हैं। मान्यता है कि जिस छात्र पर मां सरस्वती की कृपा हो उसकी बुद्धि बाकी छात्रों से अलग और बहुत ही प्रखर होती है। 

मां सरस्वती की प्रतिमा अथवा तस्वीर को सामने रखकर उनके सामने धूप-दीप, अगरबत्ती, गुगुल जलाएं जिससे वातावरण में सकारात्मक उर्जा का संचार हो और आसपास से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी। 

प्रात:काल स्नानादि कर पीले वस्त्र धारण करें. मां सरस्वती की प्रतिमा को सामने रखें तत्पश्चात क्लश स्थापित कर भगवान गणेश और नवग्रह की विधिवत पूजा करें. फिर मां सरस्वती की पूजा करें. मां की पूजा करते समय सबसे पहले उन्हें आचमन और स्नान कराएं. फिर माता का श्रृंगार कराएं. माता श्वेत वस्त्र धारण करती हैं इसलिए उन्हें श्वेत वस्त्र पहनाएं. प्रसाद के रुप में खीर अथवा दूध से बनी मिठाईयां अर्पित करें. श्वेत फूल माता को अर्पण करें !




TRAI: महीने में 2% से ज्यादा ड्रॉप पर कपंनियों पर भारी जुर्माना देना पड़ सकता

टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) अगले महीने से देश भर के कॉल ड्रॉप और नेटवर्क में कमजोरी वाले इलाकों में विशेष अभियान शुरू करेगा। मार्च के आखिर तक अलग-अलग जगहों के आंकड़ों को जुटाकर उनकी समीक्षा की जाएगी। समीक्षा में बाद कमी पाए जाने पर उनके सुधार के लिए जरूरी उपाय किए जाएंगे।अब देश के करोड़ों मोबाइल यूजर को 1 अक्टूबर से नए पैरामीटर के अनुसार मोबाइल ऑपरेटर कंपनियों को सुविधाएं देनी होंगी, नहीं तो उन्हें भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। मालूम हो कि पिछले दिनों कॉल ड्रॉप पर बहुत विवाद हुआ था और इस मुद्दे पर राजनीति भी तेज हुई थी, जिसके बाद इसे सुधारने की दिशा में सरकार की ओर से पहल की गई थी। 

कुछ और टेस्ट के बाद उन नतीजों की गहन समीक्षा की जाएगी। जरूरत पड़ने पर नए नियम भी बनाए जाएंगे ताकि लोगों को कॉल ड्रॉप से मुक्ति मिले। उन्होंने कहा कि मोबाइल सिग्नल के लिए गैर कानूनी तरीके से लगाए गए सिग्नल बूस्टर भी मुश्किल खड़ी कर रहे हैं। वे कॉल ड्रॉप के साथ साथ इंटरनेट स्पीड को प्रभावित कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कई बार कंपनियां नेटवर्क को मुद्दा बनाकर कॉल ड्रॉप से मुकर जाती हैं। अब ऐसा नहीं होगा। बात करने में आने वाली किसी तरह की दिक्कत को कॉल ड्रॉप की कैटिगरी में डाल दिया गया है। इसकी परिभाषा में 2010 के बाद पहली बार बदलाव किया गया है। इसके साथ ही ट्राई कॉल ड्रॉप पर नजर रखने के लिए अलग सिस्टम भी तैयार कर रहा है। यूजर इस बारे में रियल टाइम शिकायत कर सकेंगे।

 हर मोबाइल टावर से जुड़े नेटवर्क की हर दिन की सर्विस का मिलान होगा। 2 फीसदी से ज्यादा कॉल ड्रॉप होने पर कंपनियों को 5 लाख का जुर्माना देना होगा। 

डेटा ड्रॉप पर भी अंकुश लगाने की पहल ट्राई ने की है। इसके अनुसार महीने के प्लान में डाउनलोड में उपभोक्ता को कम से कम 90 फीसदी समय तय स्पीड के तहत सर्विस मिले। साथ ही महीने के प्लान में नेट ड्रॉप रेट अधिकतम 3 फीसदी हो। 

गुर्जर पटरियों से हटने को तैयार नहीं

जयपुर: पांच फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में दो दिन से किए जा रहे गुर्जर आंदोलन की वजह से रेलवे ने शनिवार को 14 ट्रेनें रद्द कर दीं। चार के मार्ग बदले गए हैं। शुक्रवार को भी 25 ट्रेनों पर असर पड़ा था। सवाईमाधोपुर के मलारना स्टेशन और नीमोदा रेलवे स्टेशन के बीच गुर्जरों ने ट्रैक पर ही तंबू लगा लिया है और अलाव जलाकर बैठे हैं। इससे दिल्ली और मुंबई के बीच ट्रेनों का आवागमन बंद हो गया।कर्नल बैंसला के आह्वान के बाद भरतपुर, कोटा और सवाई माधोपुर के साथ कई अन्य स्थानों पर भी ट्रेनें रोकी गई हैं. आंदोलन के आह्वान के साथ ही गुर्जरों ने सवाई माधोपुर में अवध एक्सप्रेस और भरतपुर के बयाना में चंडीगढ़ कोच्चि ट्रेन रोक दी।

गुर्जर समाज के पंचों के बीच यह फैसला लेते हुए कर्नल बैंसला ने रेलवे ट्रैक की ओर कूच कर दिया था. बैंसला ने कहा है कि  यह आंदोलन शान्तिपूर्ण होगा लेकिन गुर्जर समाज तब तक पटरी पर बैठेगा जब तक आरक्षण की मांग पूरी नहीं होगी. उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुर्जर समाज से शांति बनाए रखने की अपील की है. साथी सरकार ने तीन मंत्रियों की एक कमेटी का गठन भी कर दिया है.

मंत्री विश्वेंद्र सिंह और वरिष्ठ आइएएस अधिकारी नीरज के. पवन वार्ता का न्योता लेकर शनिवार शाम धरनास्थल पहुंचे। विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि गुर्जर समाज का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को जयपुर या ट्रैक के आसपास ही बातचीत के लिए आ जाए। इसके जवाब में बैंसला ने साफ कहा कि उनका कोई प्रतिनिधिमंडल कहीं नहीं जाएगा। जब केंद्र सरकार सात दिन में आर्थिक पिछड़ों को दस प्रतिशत आरक्षण दे सकती है तो हमें 14 साल से क्यों परेशान किया जा रहा है। सरकार से यहीं बात होगी। इसके बाद विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि इस मसले पर वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात करेंगे। सरकार मामले में कानूनी राय भी ले रही है। हम अपना प्रस्ताव लेकर यहां आ जाएंगे।

इस बीच राजस्थान भाजपा ने कहा है कि सरकार मामले का जल्द हल निकाले, क्योंकि आंदोलन से जनता को परेशानी हो रही है। भाजपा सरकार में मंत्री रहे अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि हमारी सरकार ने गुर्जर आरक्षण के लिए काफी गंभीर प्रयास किए थे, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया।

गुरदासपुर : विनोद खन्ना की पत्नी ने की टिकट की दावेदारी

पंजाब : गुरदासपुर सीट का चुनाव इस बार भी हाई प्रोफाइल होगा। गुरदासपुर से पूर्व सांसद रहे अभिनेता विनोद खन्ना की पत्नी ने भाजपा से टिकट की दावेदारी पेश की है।पिछले लोकसभा चुनाव के बाद लंबे समय तक मीडिया से दूर रहीं कविता खन्ना के बारे में कई अटकलें लगाई जा रहीं थी। लेकिन सभी पर विराम लगाते हुए उन्होंने कहा कि गुरदासपुर में हुई रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारा दिया था कि वह विनोद खन्ना के सपने को पूरा करें। इतना ही नहीं पार्टी की सीनियर लीडरशिप से भी फीडबैक मिला है कि हलके की जनता उन्हें सांसद के रूप में देखना चाहती है। 

कविता खन्ना ने एक सवाल के जबाव में कहा कि वैसे तो अब इस बात का कोई मतलब नहीं कि टिकट उन्हें दिया गया होता तो चुनाव परिणाम क्या होता। उन्होंने पार्टी से यह ज़रूर कहा था कि टिकट उन्हें दिया जाए तो वह चुनाव जीत कर सीट पार्टी की झोली में डालेंगी। कविता ने कहा कि वह पिछले कई दिनों से पठानकोट इसलिए नहीं आई क्योंकि वह बीमार थी।

शेयर मार्केट : निफ्टी 11,000 के नीचे

हफ्ते का आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार के लिए बेहद बुरा रहा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स जहां 424.61 अंक टूटकर 36,546.48 पर बंद हुआ वहीं, निफ्टी 125.80 अंकों की गिरावट के साथ 11000 के नीचे 10,943.60 पर बंद हुआ। निफ्टी ने पिछले कारोबारी सेशन में 11000 के ऊपर क्लोजिंग दी थी। सेंसेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट टाटा मोटर्स, वेदांता, टाटा स्टील, एनटीपीसी और ओएनजीसी के शेयरों में रही। जबकि सबसे ज्यादा मजबूती कोटक बैंक भारती एयरटेल, एचसीएलटेक, बजाज फाइनेंस, हीरो मोटर के शेयरों में आई। निफ्टी के 9 शेयर हरे निशान और 41 लाल निशान पर कारोबार कर बंद हुए।

अखिलेश-मायावती के गठबंधन के बावजूद, नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बरकरार

उत्तर प्रदेश: लोकसभा चुनाव की बढ़ती सरगर्मी के बीच सबकी निगाहें उत्तर प्रदेश पर हैं। करीब 23 करोड़ की आबादी वाले इस राज्य में लोकसभा की 80 सीटें हैं। जाहिर तौर पर यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा और विपक्षी महागठबंधन, दोनों के लिए ‘जय या क्षय’ तय करने वाला राज्य है। भाजपा से बढ़ रही नाराजगी के बावजूद राज्य में नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता कायम है। जबकि चुनाव पूर्ण गठबंधन से बसपा-सपा खासा उत्साहित हैं। प्रियंका गांधी के राजनीति में औपचारिक रूप से आने के बाद कांग्रेस भी काफी उत्साह से भरी है। हालांकि फिलहाल कोई भी भविष्यवाणी करना कठिन होगा।

2014 में भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 80 संसदीय सीटों में से 71 पर जीत हासिल की थी। जबकि उसके गठबंधन सहयोगी अपना दल को दो अन्य सीटें मिली थीं। बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा को जितनी सीटें हासिल हुई थीं उसका 25 फीसदी उत्तर प्रदेश से ही था। लेकिन 2019 के आम चुनाव में भाजपा के सामने उत्तर प्रदेश में अपनी पिछली कामयाबी दोहराने की बड़ी चुनौती होगी। अगर वह अपना पिछला आंकड़ा हासिल नहीं करेगी तो उसे बहुमत हासिल करने के लिए संघर्ष करना होगा। 

भाजपा को उम्मीद है कि वह पूर्वोत्तर समेत उन स्थानों पर नई सीटें जीतेगी, जहां वह हाल में एक खिलाड़ी के रूप में उभरी है। इसके बावजूद अगर उत्तर प्रदेश में सीटों का नुकसान होता है तो उसकी भरपाई करना असंभव भले न हो, मुश्किल होगा। राज्य में बसपा और सपा ने चुनावी गठबंधन बना लिया है, जो बीते दो दशक से राज्य की सत्ता के लिए आपस में तीखा संघर्ष करती हैं। भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में उन दोनों को हरा दिया था, लेकिन मार्च 2018 में बसपा और सपा की करीबी ने रंग दिखाया, जब उन्होंने उपचुनाव में गोरखपुर और फूलपुर की संसदीय सीटें भाजपा से छीन लीं।

एकतरफ भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने इन चुनावों को पानीपत की तीसरी लड़ाई जैसा बताया तो दूसरी तरफ सपा और बसपा के बीच रिश्तों में दशकों पुराने खटास की खाई खत्म होती नजर आई। यह गठबंधन यूपी की सियासत में विपरीत पाटों पर खड़े दो ऐसे दलों का गठबंधन है, इसके पहले 1990 के दशक में ही यह संयोग बना था जब यूपी की राजनीति में सपा-बसपा एकदूसरे के करीब आए थे। लेकिन लखनऊ के गेस्ट हाउस कांड ने इन दोनों दलों के बीच खाई इतनी चौड़ी कर दी कि इसे भर पाना असंभव नजर आने लगा था।

2019 में बसपा और सपा 38-38 सीट पर चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने दो सीट कांग्रेस के लिए और दो सीट राष्ट्रीय लोकदल के लिए छोड़ी है। हालांकि अभी कोई भविष्यवाणी करना कठिन है, जानकारों का अनुमान है कि बसपा-सपा महागठबंधन भाजपा की आधी सीटें झटक सकता है। कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि वह उत्तर प्रदेश में अपने बूते चुनाव लड़ेगी। उसने प्रियंका गांधी को महसचिव बनाकर अपने इरादे और स्पष्ट कर दिए हैं। प्रियंका का आना निश्चय ही यह एक अहम कारक रहेगा। तीसरी चीज यह है कि भाजपा से नाराजगी के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता अभी कायम है।

इस बार चुनाव में तीन मसले अहम होंगे : मतदाताओं का रुझान, हिंदू मतदाताओं का ध्रुवीकरण और अर्थव्यवस्था को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में बेचैनी। 2014 में भाजपा ने यह समीकरण बखूबी साधा था। 

उत्साह बढ़ाए रखने की जरूरत
2019 में भाजपा की सफलता इस पर निर्भर करेगी कि वह अपने समर्थकों को प्रेरित कर पाती है या नहीं और कितने मतदाता मतदान केंद्र तक पहुंचते हैं। देखा गया है कि जिन क्षेत्रों में अधिक मतदान हुए, खासकर महिला मतदाताएं वोट देने निकलीं वहां भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहा। युवा मतदाताओं से भी उसे काफी मदद मिली।

ग्रामीणों की बदहाली 
उत्तर प्रदेश की 78 फीसदी आबादी ग्रामीण है। यह भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है। जानकारों की मानें तो यह किसानों की नाराजगी ही थी जिसके कारण राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सत्ता से भाजपा को बेदखल होना पड़ा। यह मसला उत्तर प्रदेश में भी अहम है।

पीएम मोदी: देश लूटने वालों को डरना ही होगा




नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में विपक्ष पर जमकर हमले किए। उन्होंने अपने भाषण में रोजगार से लेकर राफेल डील तक तमाम मुद्दों पर विपक्ष के हमलों का जवाब दिया। भ्रष्टाचार पर अपनी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक कहा कि देश को लूटने वालों को मोदी डराकर रखेगा, उन्हें डरना ही होगा। नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के बजट अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा पूरे सदन को धन्यवाद दिया। आगामी चुनावों में सभी दलों को शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनौतियों को चुनौती देने वाले ही आगे बढ़ते हैं। उन्होंने विपक्ष पर वार करते हुए कहा कि महामिलावट वाली सरकार दिल्ली नहीं पहुंच पाएगी

मोदी ने यह साफ कर दिया है कि जांच न सिर्फ चलती रहेगी बल्कि चुनाव में भी भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा रहेगा। अवसर तो था राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का, लेकिन लगभग पौने दो घंटे के जवाब में प्रधानमंत्री ने एक तरह से चुनावी शंखनाद ही कर दिया।

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर बोला हमला- कहा, जिन्होंने देश को लूटा है उन्हें डरना ही होगा। जनता ने मुझे इसी काम के लिए यहां बैठाया है।

सदन में दिन भर चली चर्चा में खासतौर से कांग्रेस की ओर से बार-बार यह याद दिलाया गया कि सरकार विपक्ष को डरा रही है। जाहिर तौर पर इशारा राबर्ट वाड्रा के खिलाफ चल रही जांच की ओर भी था। ऐसे में प्रधानमंत्री ने भाषण की शुरूआत भी भ्रष्टाचार से ही और अंत भी। उन्होंने कहा- ‘जो देश लूट रहे है, गरीबों का पैसा लूट रहे हैं उन्हें डरना ही होगा, कोई नहीं बचेगा। हमारी सरकार की पहचान ही है भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और पारदर्शिता।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन मे एक भी रक्षा सौदा बिचौलियों के बिना नहीं हुआ। और अब जब राजदार पकड़े जा रहे हैं तो उनके चेहरे मुरझाए हुए हैं क्योंकि पकड़े जाने का डर सता रहा है। और इस बौखलाहट में सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन इसमें कोई सुस्ती नहीं आएगी। 

मोदी ने कहा कि लोगों ने उस काम को देखा है जिसकों पूर्ण बहुमत वाली सरकार कर सकती है। उन्होने हमारा काम देखा है। वे उन लोगों की महामिलावट सरकार नहीं चाहते जो हाल ही में कोलकाता में इकठ्ठा हुए हैं।  उन्होने कहा कि मिलावटी सरकार के कारनामे तो देख चुके हैं, मगर अब तो महामिलावट की तैयारी की जा रही है।

हमारी सरकार देश के लोगों के अच्छे स्वास्थ्य और भलाई के लिए काम कर रही है। हार्ट स्टेंट, घुटने की सर्जरी और दवाओं की कीमतें लगातार कम हो रही हैं, जिससे गरीब से गरीब व्यक्ति की मदद हो रही है। 

जो कहते हैं कि ये अमीरों की सरकार है, तो मैं कहता हूं कि देश के गरीब ही मेरे अमीर हैं। गरीब ही मेरा इमान है, वही मेरी जिंदगी हैं, उन्ही के लिए जीता हूं, उन्हीं के लिए यहां आया हूं।

शासन सचिवालय की डिसपेंसरी के निरीक्षण में गैर-हाजिर मिले 6 कार्मिक

जयपुर: विशिष्ट शासन सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं मिशन निदेशक एनएचएम डाॅ.समित शर्मा ने बुधवार सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर सचिवालय परिसर स्थित राजकीय डिसपेंसरी का निरीक्षण किया। आकस्मिक किये गये इस निरीक्षण में 6 स्वास्थ्य कार्मिक गैर-हाजिर मिले और बायोमेट्रिक एटेन्डेंस मशीन सहित दो महत्वपूर्ण मशीने भी खराब मिलीं। डाॅ. शर्मा ने इसे गंभीरता से लिया और गैर-हाजिर मिले 6 कार्मिकों सहित डिसपेंसरी के संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर-प्रथम डाॅ. नरोत्तम शर्मा ने संबंधित कार्मिकों को नोटिस जारी कर कार्यवाही प्रारंभ कर दी है।

मिशन निदेशक ने बताया कि प्रदेश के समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों एवं कार्यालयों के निर्धारित समय पर खुलने एवं सेवाएं शुरू करने के निर्देश जारी किये गये हैं और इस अनुशासन के पालन में लापरवाही बरतने वालों के विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि सचिवालय स्थित राजकीय डिसपेंसरी के खुलने का समय सर्दियों में प्रातः साढ़े 9 बजे से हैं वाबजूद इसके बुधवार को उनके द्वारा इस डिसपेंसरी में प्रातः 9.40 बजे किये औचक निरीक्षण में नर्स ग्रेड प्रथम, दो फार्मासिस्ट, रेडियोग्राफर, एएनएम एवं वार्ड बाॅय अनुपस्थित मिले।

उन्होंने बताया कि वहां उपस्थित कार्मिकों ने निर्धारित गणवेश भी नहीं पहनी थी और साढ़े 9 बजे से तो डिसपेंसरी में साफ-सफाई शुरू होना चिंतनीय है। 
डाॅ. समित ने बताया कि सचिवालय डिसपेंसरी में उपलब्ध बायोमेट्रिक एटेन्सडेंस मशीन, सेमी आॅटोऐनेलाइजर व रेफ्रिजरेटर जैसी महत्वपूर्ण मशीने भी खराब पायी गयी हैं जिन्हें शीघ्र मरम्मत करवाकर उपयोग करने के निर्देश दिये गये हैं।

नोएडा के सेक्टर 12 में मेट्रो हॉस्पिटल में लगी आग

नोएडा के सेक्टर 12 स्थित एक निजी अस्पताल के दूसरी मंजिल पर गुरुवार दोपहर भयंकर आग लग गई।

कई लोग अभी भी हॉ़स्पिटल में फंसे हुए हैं। मरीजों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों ने बिल्डिंग का शीशा भी तोड़ा ताकि बिल्डिंग में धुआं न भरे। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची हैं। बचाव कार्य जारी है। हालांकि घटना में अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

मुख्य दमकल अधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे विभाग को सेक्टर 12 स्थित मेट्रो अस्पताल में आग लगने की सूचना मिली। तुरंत आठ दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया।

उन्होंने बताया कि आग अस्पताल की इमारत की दूसरी मंजिल पर लगी है। अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। सिंह ने बताया कि हादसे में अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। दमकलकर्मी लगातार आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे हैं।