खराब बोरवैल खुला छोडऩे पर होगी कार्रवाही, धारा 144 लागू
सिरसा, 11 जून।

जिलाधीश प्रभजोत सिंह ने जिला में खराब बोरवैल को खुला छोडऩे पर दि पंजाब विलेज एंड स्माल टाउन पैट्रोल एक्ट 1918 की धारा 3(1) व दंड प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 लागू की है। खराब ट्यूबवैल का बोरवैल खुला छोडऩे वाले व्यक्तियों के विरुद्घ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाही की जाएगी।
प्राय: देखने में आया है कि किसानों द्वारा खराब ट्यूबवैल को उखाड़ कर अन्य स्थानों पर शिफ्ट कर लिया जाता है तथा ट्यूबवैल को शिफ्ट करने उपरांत बोरवैल को खुला छोड़ दिया जाता है एवं ना ही उसे मिट्टïी से भरकर समतल किया जाता। इस कारण बच्चों के बोरवैल में गिरने की घटनाएं देश में अकसर होती रहती ह जिससे जानमाल का नुकसान होने के साथ-साथ कानून एवं शांति व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसलिए हरियाणा सरकार द्वारा भी समय-समय पर खराब बोरवैल को बंद करके भूमि समतल करने बारे आदेशों की कड़ाई से पालना हेतु निर्देश दिये जाते हैं।
जिलाधीश ने दि पंजाब विलेज एंड स्माल टाउन पैट्रोल एक्ट 1918 की धारा 3(1) व दंड प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला के सभी सरपंचों को निर्देश दिये हैं कि वे पंचायती भूमि पर खुले व खराब बोरवैल को तुरंत बंद करवाएं, ऐसा न पाये जाने पर संबंधित सरपंच व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेवार होंगे। इसके अलावा निजी भूमि पर बोरवैल खुला पाये जाने पर स्वयं भूमि मालिक खुले बोरवैल को बंद करवाना सुनिश्चित करेंगा तथा व्यक्तिगत तौर पर स्वयं जिम्मेवार होगा। इसी प्रकार नगर परिषद / पालिका के कार्यकारी अधिकारी अपने अधीन क्षेत्रों में खुले बोरवैल को बंद करवाना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही अधीक्षण अभियंता जनस्वास्थ्य विभाग अपने अधीन ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में खुले व खराब बोरवैल बंद करवाने के लिए जिम्मेवार होंगे। इन आदेशों की पालना करवाने के लिए संबंधित तहसीलदार, थानाध्यक्ष तथा बीडीपीओ व ग्राम पंचायत जिम्मेवार होगी।
इन आदेशों की उल्लंघना करने वाले व्यक्ति के विरुद्घ दि पंजाब विलेज एंड स्माल टाउन पैट्रोल एक्ट 1918 की धारा 3(1) के अंतर्गत तथा सरपंच के खिलाफ हरियाणा पंचायत राज एक्ट 19 (4) में दी गई कर्तव्य पालना में बरती गई कोताही के तहत दोषी समझकर कार्यवाही की जायेगी। आदेशों की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो वह भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंड का भागी होगा।
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