आपदा संकट प्रबंधन में युवाओं की भूमिका” विषय पर एक विशेष व्याख्यान
पंचकूला 1 फरवरी – राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या प्रोमिला मलिक के तत्वाधान में रेड क्रॉस सोसाइटी और भूगोल विभाग के सहयोग से “आपदा संकट प्रबंधन में युवाओं की भूमिका” विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉक्टर जगबीर सिंह रहे जो दिल्ली विश्वविद्यालय के स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में भूगोल विभाग के प्रोफेसर हैं। डॉ जगबीर सिंह ने आपदा प्रबंधन, पर्यावरण और सतत विकास से संबंधित 30 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन- सह – कार्यशालाएं और 50 राष्ट्रीय सम्मेलन और कार्यशालाएं आयोजित की हैं।
डॉ जगबीर सिंह ऑस्ट्रेलिया के ग्रेट बैरियर रीफ के पारिस्थितिक और पर्यावरणीय खतरों पर पीएचडी पूरी करने वाले पहले भारतीय अनुसंधान वैज्ञानिक हैं।
डॉ जगबीर सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आपदा प्रबंधन में युवाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है आपदाओं से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले लोग बच्चे और युवा वर्ग ही होते हैं इसीलिए आपदा प्रबंधन में युवाओं को सम्मिलित करना बहुत आवश्यक है आपदा जोखिम न्यूनीकरण में युवाओं की भागीदारी से आपदाओं के जोखिम और उनके प्रभाव को कम किया जा सकता है। युवाओं में आपदा प्रबंधन के लिए जरूरी कौशल विकसित किया जा सकते हैं। युवाओं को आपातकालीन स्थितियों में जिम्मेदारी लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। आपदाओं के खतरे को देखते हुए युवाओं को सही ट्रेनिंग के जरिए आपदाओं से निपटने के लिए तैयार किया जा सकता है।
आपदा दो प्रकार की होती है प्राकृतिक और मानव निर्मित। प्राकृतिक आपदाएं पृथ्वी की प्राकृतिक प्रक्रियाओं के कारण होती है जबकि मानव निर्मित आपदाएं मानवीय गतिविधियों के कारण होती हैं। प्राकृतिक आपदाओं के उदाहरण हैं भूकंप, चक्रवात, बाढ़, सूखा, सुनामी। मानव निर्मित आपदाओं के उदाहरण है औद्योगिक दुर्घटनाएं, आग या विस्फोट, वायु, रेल और समुद्री दुर्घटनाएं, रासायनिक रिसाव, भूजल प्रदूषण आदि।
डॉ जगबीर सिंह ने विद्यार्थियों को आपदा से बनाने के लिए ह्यूमन चेन अर्थात मानव श्रृंखला बनाने का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने कहा कि मानव निर्मित आपदाओं से बचने के लिए आपातकालीन योजना बनाएं और आपदा प्रबंधन के उपाय का पालन करें। प्रस्तुत कार्यक्रम रेड क्रॉस सोसायटी की प्रभारी प्रोफेसर डॉक्टर कविता और भूगोल विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर गुलशन कुमार के मार्गदर्शन और दिशा निर्देशन में किया गया।