हरियाणा पुलिस की “बी” टीम को प्रथम, असम राइफल की “ए” टीम को द्वितीय तथा पंजाब पुलिस की “बी” टीम को मिला तृतीय स्थान
आज के दिन हरियाणा पुलिस की “बी” टीम को प्रथम, असम राइफल की “ए” टीम को द्वितीय तथा पंजाब पुलिस की “बी” टीम को तृतीय स्थान मिला ।
43वीं अखिल भारतीय पुलिस घुड़सवारी प्रतियोगिता एवं घुड़सवार पुलिस ड्यूटी मीट – 2024-25 का आज के दिन रहा इनके नाम।
Tent Pegging (Team) प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रहे हरियाणा पुलिस की “बी” टीम के अश्व मृगनैनी के साथ घुड़सवार ए.एस.आई. हरिकेश, अश्व पद्मिनी के साथ घुड़सवार हैड कांस्टेबल सुरेश, अश्व सुल्तान के साथ घुड़सवार एस.आई. प्रदीप तथा अश्व करिश्मा के साथ घुड़सवार ए.एस.आई. रणबीर, द्वितीय स्थान पर रहे असम राइफल की “ए” टीम के अश्व तजेस के साथ घुड़सवार दिनेश कारलेकर, अश्व सम्राट के साथ घुड़सवार संतोष कुमार दास, अश्व ग्लोरीअस के साथ घुड़सवार बी.आर. जेना तथा अश्व मोनार्क के साथ घुड़सवार हवलदार डब्लू. लम्माटी और तृतीय स्थान पर रहे पंजाब पुलिस की “बी” टीम के अश्व तूफान के साथ घुड़सवार ए.एस.आई. गुरदीप सिंह, अश्व आफताब के साथ घुड़सवार ए.एस.आई. मंजीत सिंह, अश्व डॉल्फ़िन के साथ घुड़सवार सीनियर कांस्टेबल रमन कुमार तथा अश्व सुल्तान के साथ घुड़सवार सीनियर कांस्टेबल करणदीप सिंह।
इस प्रतियोगिता में 4-4 घोड़ों व घुड़सवारों की टीम होती है तथा इसको दो राउंड में करवाया जाता है । पहले राउंड मे परेग की चोड़ाई 6 सेंटीमीटर की होती है तथा उसको भाले से उठाना होता है , जबकि दूसरे राउंड में परेग की चोड़ाई 4 सेंटीमीटर की होती है तथा इसको तलवार से उठाना होता । परेग की कुल लंबाई 30 सेंटीमीटर होती जो की 13 सेंटीमीटर जमीन के अंदर तथा 17 सेंटीमीटर जमीन के ऊपर होती है। इस प्रतियोगिता का दूसरा राउंड काफी मुसकिल होता है तथा इसी पर विजेता का चयन होता है। इस प्रतियोगिता में जैसे-जैसे इवेंट बढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे इवेंट के साथ साथ घोड़ों के सामने आने वाली रुकावटों मे जटिलता तथा जंप की ऊंचाई बढ़ती चली जाती है। घोड़े को सवार के मुताबिक काम करना होता है।
प्रतियोगिता के विभिन्न इवेंट्स में विजेताओं को आज के मुख्यातिथि ब्रिगेडियर जी.एस. गिल, उप महानिरीक्षक, प्राथमिक प्रशिक्षण केंद्र भानू ने पदक और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।