’श्री माता मनसा देवी पर चोला अर्पित करने की ऑनलाइन बुकिंग प्रक्रिया शुरू’

न्यूज़ 7 वर्ल्ड की अपील हरियाणा के सभी मतदाताओं से 12 मई को अपने मतदान का प्रयोग अवश्य करे

पंचकूला, 11 मई-

न्यूज़ 7 वर्ल्ड की अपील

हरियाणा के सभी मतदाताओं से अपील हैं कि 12 मई को अपने मतदान का प्रयोग करने के लिए अवश्य जाए जो भी उम्मीदवार आपको सही लगे उसको वोट अवश्य दे !

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कच्चे आम का अचार बनाने की विधि

Kacche Aam ka Achar Recipe : 

आपने अक्सर घर के बड़ों को अचार से पानी को दूर रखने वाली हिदायत को जरूर सुना होगा।

क्योंकि अक्सर अचार में पानी पड़ने से खराब हो जाता है।

आमतौर पर अचार को पानी से दूर रखा जाता है। क्योंकि अक्सर अचार में पानी पड़ने से खराब हो जाता है। ऐसे में अगर हम आपको पानी वाले कच्चे आम के अचार के बारे में बताएं, तो शायद आपको यकीन नहीं होगा।

कच्चे आम का अचार रेसिपी सामग्री

कच्चे आम – 350 ग्राम

पीली सरसों – 50 ग्राम (दरदरी कुटी हुई)

नमक – स्वादानुसार

सरसों का तेल – ¼ कप

सौंफ पाउडर – 2 टेबल स्पून

लाल मिर्च पाउडर – 1 टेबल स्पून

सफेद सिरका – 2 टेबल स्पून

हल्दी पाउडर – 2 चम्मच

मेथी दाना – 1 चम्मच

राई के दाने – 1 चम्मच

सौंफ – 1 चम्मच

हींग – ¼ चम्मच

कच्चे आम का अचार रेसिपी सामग्री

  • कच्चे आम का पानी वाला अचार रेसिपी बनाने के लिए सबसे पहले कच्चे आम को अच्छी तरह से साफ पानी से धोकर, साफ कपड़े से पोंछ लें।
  • इसके बाद आम को चाकू की मदद से काट लें और गुठली को अलग कर दें।
  • अब एक बड़े बर्तन में दरदरी कुटी पीली सरसों, दरदरी कूटी हुई सौंफ, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, नमक और पानी डालकर सभी चीजों को अच्छे से मिक्स कर लें।
  • इसके बाद मसाले में आम के टुकड़ों को डालकर मिक्स कर लें।
  • अब एक पैन में तेल डालकर गर्म करें, फिर उसमें मेथी, राई के दाने, हींग डालकर भूनें और सिरके के साथ आम के अचार के मिश्रण में डालकर मिक्स कर लें।
  • अब कच्चे आम के पानी वाले अचार को एक कांच की बर्नी या कंटेनर में भरकर 3-4 दिनों के लिए धूप में रखें। रोजाना अचार को हिलाते रहें। जिससे मसाले अचार में अच्छे से मिक्स हो सकें।
  • अब तैयार यानि कच्चे आम के पानी वाले अचार के नरम होने पर अपने मनपसंद खाने के साथ खाएं।
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सुप्रीम कोर्ट में मध्यस्थता के आदेश के बाद अयोध्या राम जन्मभूमि मामला की आज पहली सुनवाई

उच्चतम न्यायालय अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद प्रकरण पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा।

उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर जारी नोटिस के अनुसार प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पांच सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले पर सुनवाई करेगी।

इस विवाद के सर्वमान्य समाधान की संभावना तलाशने के लिये शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एफ एम कलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति के गठन के छह मार्च के आदेश के बाद पहली बार इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी।

इस समिति के अन्य सदस्यों में आध्यत्मिक गुरू और आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पांचू शामिल थे।

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Google ने डूडल बनाकर लुसी विल्स के 131 वें जन्मदिन को मनाया

Google ने डूडल

Google अपने 131 वें जन्मदिन पर Google डूडल के साथ अंग्रेजी हेमेटोलॉजिस्ट लुसी विल्स के जीवन और कार्य का जश्न मना रहा है।

उसे प्रसवपूर्व एनीमिया की रोकथाम के लिए अग्रणी अनुसंधान के लिए याद किया जाता है, 1888 में इंग्लैंड में पैदा हुआ था।

खोज की दिग्गज कंपनी ने एक मेज पर लूसी विल्स के साथ एक डूडल और रोटी के कुछ टुकड़े और उसकी मेज पर एक कप चाय समर्पित की।

आज का डूडल अंग्रेजी के हेमटोलॉजिस्ट लुसी विल्स को मनाता है, जो अग्रणी मेडिकल शोधकर्ता हैं, जिनके जन्मपूर्व एनीमिया के विश्लेषण ने हर जगह महिलाओं के लिए निवारक जन्मपूर्व देखभाल का चेहरा बदल दिया,” Google ने कहा।

लूसी विल्स का जन्म 10 मई 1888 को यूनाइटेड किंगडम में बर्मिंघम के पास सुटन कोल्डफील्ड में हुआ था। विल्स पिता ओवेन्स कॉलेज मैनचेस्टर के विज्ञान स्नातक थे।

वैज्ञानिक मामलों में परिवार की गहरी रुचि थी। लुसी विल्स के परदादा, विलियम विल्स, ब्रिटिश एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ़ साइंस से जुड़े थे और उन्होंने मौसम विज्ञान और अन्य वैज्ञानिक टिप्पणियों पर पत्र लिखे थे।

1911 में, उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के न्यूहैम कॉलेज में वनस्पति विज्ञान और भूविज्ञान में पहला सम्मान अर्जित किया, महिलाओं को शिक्षित करने के मामले में एक और संस्था, इसके बाद लंदन स्कूल ऑफ मेडिसिन फॉर वुमन, महिला डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने वाला ब्रिटेन का पहला स्कूल था।

हालांकि, प्रथम विश्व युद्ध के दौरान दक्षिण अफ्रीका में एक नर्स के रूप में काम करने वाली एक स्टेंट ने उन्हें चिकित्सा में कैरियर का फैसला करने के लिए प्रेरित किया, जो केवल हाल ही में इंग्लैंड में महिलाओं के लिए एक विकल्प था।

वह लंदन लौटीं और लंदन स्कूल ऑफ मेडिसिन फॉर वूमेन, इंग्लैंड की पहली मेडिकल स्कूल फॉर वूमेन (बोडेन 2001) में प्रवेश किया और 1920 (Roe 1978) में लंदन विश्वविद्यालय के माध्यम से अपनी मेडिकल डिग्री प्राप्त की।

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वह इमरजेंसी मेडिकल सर्विस में पूर्णकालिक पैथोलॉजिस्ट थीं। जुलाई 1944 में कुछ दिनों के लिए पैथोलॉजी विभाग में काम बाधित हो गया (और कई लोग मारे गए) जब अस्पताल को वी 1 फ्लाइंग बम का सीधा झटका लगा।

युद्ध के अंत तक, वह रॉयल फ्री में पैथोलॉजी की प्रभारी थीं और उन्होंने वहां पहले हेमटोलॉजी विभाग की स्थापना की थी।

अपनी सेवानिवृत्ति के बाद, लुसी विल्स ने बड़े पैमाने पर यात्रा की, जिसमें जमैका, फिजी और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे, पोषण और एनीमिया पर अपनी टिप्पणियों को जारी रखा।

लुसी विल्स 1928 और 1933 के बीच भारत में थे, जो ज्यादातर बॉम्बे में हाफकीन इंस्टीट्यूट में थे।

1929 की गर्मियों में, अप्रैल से अक्टूबर तक, उन्होंने अपना काम कुन्नूर के भारतीय पाश्चर संस्थान (जहाँ सर रॉबर्ट मैकक्रिसन पोषण अनुसंधान निदेशक था) में स्थानांतरित कर दिया, और 1931 की शुरुआत में वे मद्रास में जाति और गोशाला अस्पताल में काम कर रही थीं ।

1930, 1931 और 1932 के प्रत्येक ग्रीष्मकाल में वह कुछ महीनों के लिए इंग्लैंड लौट गई और रॉयल फ्री में पैथोलॉजी प्रयोगशालाओं में अपना काम जारी रखा।

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IGNOU, Regional Centre, Chandigarh Organized A Placement Drive on 9th May, 2019

Panchkula:

Indira Gandhi National Open University (IGNOU), Regional Centre, Chandigarh organized Placement Drive for the pass out students of Bachelor Degree Programmes which include BA/BCOM/BTS/BSW and some Master Degree Programmes in collaboration with Axis Bank Ltd. at its Regional Centre, SCO – 208, Sector –  14, Panchkula. Students were informed through SMS and their confirmation was also obtained through online Google Form. More than 150 students took interest and registered online for the said placement for Business Development Executive in Axis Bank Ltd. After scrutiny of their applications around 150 students were invited to take part in the placement drive and 91 students reported for placement drive. The HR Team of Axis Bank including Mr. Varun Naagar (Assistant Manager, NIIT Ltd.), Mr. Suryansh and Mr. Rishbh (Cluster Head, Chandigarh) made presentation about the Bank, job profile etc. The students went under several round of screening before final interview. The recruitment team finally selected 16 candidates as Business Development Executive for Axis Bank Ltd. and their training will be held on 11thMay, 2019 at Axis Bank Ltd. Hqrs., New Delhi. Dr. Anil K. Dimri (Regional Director) and Dr. Nurul Hasan (Asstt. Regional Director) of IGNOU provide all the support to Axis Bank Ltd. recruitment team to make the placement initiative successful.

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हेमा मालिनी : पाकिस्तान से विपक्षियों का है पुराना याराना

बस्ती। 

जनता की सच्ची हितैषी व विकास के पहिए पर ले जाने वाली एक मात्र सरकार बीजेपी की ही है। अब तक जितनी गैर बीजेपी सरकारें केन्द्र व प्रदेश में आईं, उन्होंने सिर्फ और सिर्फ अपना पेट भरा और देश को लूटकर खोखला करने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि अगर भारत को दुनिया की नजर में शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में देखना चाहते हैं तो बीजेपी की सरकार लाना होगा।

कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियों पर तंज कसते हुए कहा कि ये पार्टियां पाकिस्तान की भाषा बोल रही हैं क्योंकि इनका पाकिस्तान से पुराना याराना है। 

उक्त बातें बीजेपी की सांसद व प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी ने बुधवार को बस्ती से बीजेपी के उम्मीदवार हरीश चन्द्र द्विवेदी के समर्थन में कप्तानगंज बाजार स्थित अभिलाषा इण्टर कालेज में जनसभा को संबोधित करते हुए कहीं।

यहां आने पर हेमा मालिनी का जिलाध्यक्ष पवन कसौधन ने फूल-मालाओं से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अगर बस्ती का वास्तविक विकास देखना चाहते हैं तो एक बार फिर बीजेपी की सरकार को लाना होगा।

क्योंकि विकास का सपना साकार करने का साहस सिर्फ भारतीय जनता पार्टी की सरकार में ही है।

भारतीय संस्कृति पर एकता पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, इसाई को एक साथ लेकर चलने वाली सरकार है। आज पांच सालों में ही देश का विकास आप सभी के सामने है।

जहां लोग भारत को ध्येय नजरों से देखते थे आज हमारा देश विकास व तकनीकी के क्षेत्र में विश्व में 14वें स्थान पर आ चुका है। हमारी संस्कृति व सभ्यता विलुप्तता के कगार पर आ चुकी थी।

आज लोग देशों और विदेशों से आगर हमारे उसी संस्कृति और सभ्यता का गुणगान करते हैं।

उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से आह्वान करते हुए कहा कि कमल के फूल को केवल धरती पर ही नहीं आसमान में भी खिलाना होगा। 

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Fani Cyclone : ओडिशा के तट से टकराएगा, सबसे भीषण तूफान, जानिए आगे ?

ओडिशा :

Fani Cyclone : तटीय ओडिशा में चक्रवात फैनी की वजह से बारिश और तेज हवाएं चलने के बीच करीब 12 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।

साथ ही लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है। यह तूफान पुरी के पास सुबह साढ़े नौ बजे दस्तक देगा। अत्यंत प्रचंड च्रकवात ओडिशा के तट की ओर बढ़ रहा है और यह अनुमानित समय दोपहर बाद तीन बजे से बहुत पहले ही सुबह में तटीय क्षेत्र से टकराएगा।

इस बीच, मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय तटरक्ष बल और नौसेना ने भी राहत इंतजाम में अपने पोत और कर्मियों को तैनात किया है।

तट रक्षक बल ने ट्वीट कर कहा कि चक्रवाती तूफान फैनी को देखते हुए 34 राहत दलों और चार तटरक्षक पोतों को राहत कार्य के लिए तैनात किया गया है।

बता दें कि फैनी तूफान के कारण लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं। तटीय इलाके के लोगों को दूसरी जगह पर भेज दिया गया है। ओडिशा के भुवनेश्वर हवाई अड्डे (बीबीआई) से गो-एयर की सभी उड़ानें तीन मई 2019 तक रद कर दी है।

राज्य के मुख्य सचिव ए पी पधी ने कहा कि चक्रवात के धार्मिक नगरी पुरी के बेहद करीब शुक्रवार सुबह साढ़े नौ बजे पहुंचने की आशंका है और इसके यहां टकराने की पूरी प्रक्रिया चार-पांच घंटे की होगी।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लोगों से अपील की है कि वे इस दौरान घरों के अंदर ही रहें और कहा कि लोगों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं।

ओडिशा सरकार द्वारा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का कार्य पहले से ही किया जा रहा है। सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जा रहे लोगों के रहने के लिए लगभग 900 तूफान आश्रय स्थल पहले ही तैयार कर लिए गए हैं। 

भारतीय मौसम विभाग ने आगाह करते हुए कहा कि लगभग 1.5 मीटर ऊंची तूफानी लहर उत्पन्न होने की प्रबल आशंका है, जिससे तटीय क्षेत्र से तूफान के टकराने के समय ओडिशा के गंजाम, खुर्दा, पुरी और जगतसिंहपुर जिलों के निचले तटीय क्षेत्रों में बाढ़ आ सकती है।

कैबिनेट सचिव ने राज्यों एवं केन्द्र की विभिन्न एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि असुरक्षित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों एवं तूफान संबंधी आश्रय स्थलों पर पहुंचाया जाए और आवश्यक खाद्य पदार्थों, पेयजल एवं दवाओं का इंतजाम किया जाए।

भारतीय तट रक्षक बल और भारतीय नौसेना ने राहत एवं बचाव कार्य के लिए पोतों तथा हेलीकॉप्टरों को तैनात किया है जबकि भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना को तीन राज्यों में तैयार रहने को कहा गया है।

कैबिनेट सचिव ने आम जनता के लिए एक केन्द्रीय टोल फ्री हेल्पलाइन शुरू करने का निर्देश दिया है।

उन्होंने केन्द्रीय मंत्रालयों से नियंत्रण कक्ष स्थापित करने को कहा है, ताकि राहत एवं बचाव कार्यों में समुचित समन्वय स्थापित किया जा सके।

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आज अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 2019 है, जिसे मई दिवस के नाम से भी जाना जाता है

दुनियाभर में 1 मई का दिन अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस या मई दिवस के तौर पर मनाया जाता है। 

World Labor Day 2019

जो हर बाधा को करता है दूर, उसका ङटकर मुकाबला करता है, उसका नाम है मज़दूर !

मज़दूर दिवस की शुभकामनाएं!

मई दिवस और मजदूरों की कुर्बानियों के इतिहास के बीच यह भी गौरतलब है कि लड़ कर हासिल तमाम मजदूर अधिकारों का आज छीनने का दौर चल रहा है।

आज अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 2019 है, जिसे मई दिवस के नाम से भी जाना जाता है।

लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है ,

मजदूर दिवस।

आज ही के दिन 1886 में अमेरिका के शिकागो शहर में मजदूरों ने पूंजीवादी शोषण के खिलाफ और काम के घंटे निर्धारित किये जाने, यूनियन बनाने के अधिकार समेत तमाम मजदूर अधिकारों के लिए ऐतिहासिक हड़ताल की थी।

इस हड़ताल पर बर्बर दमन ढाया गया। कई दिनों तक चले संघर्ष में कई मजदूर हताहत हुए और 8 मजदूर नेताओं को तो एक साल बाद नवम्बर 1887 में फांसी पर चढ़ा दिया गया।

8 घंटे का कार्यदिवस जो पूरी दुनिया मे लागू हुआ, उस अधिकार के लिए मजदूरों की कुर्बानियों के इतिहास का प्रतीक दिन है-मई दिवस। भारत में भी मजदूर अधिकारों के संघर्षों की लंबी परम्परा है।

उसके बाद निरन्तर कपड़ा मिलों, जूट मिलों समेत तमाम कारखानों में मजदूर अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहे और हड़ताल को संघर्ष के सब से प्रभावी हथियार के तौर पर उपयोग में लाते रहे।

1908 में देश के मजदूरों ने पहली राजनीतिक हड़ताल की। लोकमान्य तिलक को जून 1908 में अंग्रेजों ने राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया। इस गिरफ्तारी के खिलाफ हजारों मजदूर सड़कों पर उतर आए। जुलाई के महीने में जब मुकदमें की कार्यवाही शुरू हुई तो मजदूरों का संघर्ष और तीखा हो गया।

रूस के क्रांतिकारी नेता कामरेड लेनिन ने इस हड़ताल का स्वागत किया और कहा कि तिलक की गिरफ्तारी के खिलाफ उभरा मजदूरों का यह संघर्ष और उससे पैदा हुए वर्ग चेतना अंग्रेजी साम्राज्य को नेस्तनाबूद कर देगी।

मई दिवस और मजदूरों की कुर्बानियों के इतिहास के बीच यह भी गौरतलब है कि लड़ कर हासिल तमाम मजदूर अधिकारों का आज छीनने का दौर चल रहा है। 8 घण्टे काम का अधिकार हो या यूनियन बनाने का अधिकार, सब धीरे-धीरे खत्म किये जा रहे हैं।

वाइट कॉलर नौकरीपेशा लोगों की एक बड़ी जमात है, जो स्वयं को मजदूर कहलाना पसंद नही करती, लेकिन पूंजी के शोषण की भरपूर मार झेलती है।

मजदूर अधिकारों और श्रम कानूनों पर हमले के इस दौर में अथाह कुर्बानियों से हासिल इन अधिकारों को बचाने के लिए मजदूरों के एकताबद्ध संघर्ष ही एकमात्र रास्ता हैं।

दुनिया में मजदूर अधिकारों का संघर्ष और भारत मे मजदूर अधिकारों के संघर्ष का इतिहास बताता है कि दुनिया भर में मजदूरों ने एक ही तरह से लड़ कर अपने अधिकार हासिल किए हैं।

इसलिये आज जो मई दिवस को बाहरी बता रहे हैं, वे मजदूरों की कुर्बानियों के समूचे इतिहास को ही मिटा देना चाहते हैं। वे मजदूरो के पक्षधर लोग नही हैं। वे मजदूरों के जायज हकों पर डाका डालने वाले, सत्ता में बैठे बाउंसर हैं।

इसलिए मजदूरों के कुर्बानियों के इतिहास में दरार पैदा करने की कोशिशों के खिलाफ मजदूरों की एकता के जरिये मुंहतोड़ जवाब दिया जाए।

दुनियाभर के मेहनतकशों की एकजुटता का आह्वान करने वाले कार्ल मार्क्स के नारे को बुलन्द करें- दुनिया के मजदूरो, एक हो।

जो हर बाधा को करता है दूर, उसका ङटकर मुकाबला करता है, उसका नाम है मज़दूर !

“मज़दूर दिवस की शुभकामनाएं”!

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मोदी वाराणसी में आज अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे

वाराणसी:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को वाराणसी में एक रोड शो करेंगे और गंगा ‘आरती’ में भाग लेंगे. इसके अगले दिन यानी शुक्रवार को प्रधानमंत्री वाराणसी संसदीय सीट से नामांकन पत्र दाखिल करेंगे. पार्टी के एक पदाधिकारी ने यह जानकारी दी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में आज अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। इस दौरान उनके साथ उद्धव, नीतीश और बादल समेत कई नेता शामिल होंगे।

पीएम मोदी के नामांकन में शामिल होने के लिए थोड़ी देर में वाराणसी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे। वहीं दूसरी तरफ एनडीए के बड़े नेता इसमें शामिल हो रहे हैं।

भाजपा ने कहा है कि शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजकर 30 मिनट पर मोदी द्वारा नामांकन पत्र दाखिल किये जाने के समय जदयू अध्यक्ष तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी मौजूद रहने की संभावना है।

शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान भी इस दौरान मौजूद रहेंगे।

प्रधानमंत्री शुक्रवार सुबह 9.30 बजे बूथ प्रमुखों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे और फिर पूर्वाह्न 11 बजे काल भैरव को पुष्प अर्पित करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में नामांकन पत्र दाखिल करने से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को रोड शो किया, जिसमें लोगों की भारी भीड़ उमड़ी।

मोदी के इस कार्यक्रम को राजनीतिक सुर्खियों में शीर्ष पर लाने के लिए इसमें शाह के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के कई वरिष्ठ नेता उनके साथ मौजूद थे।

मोदी ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपना सात किलोमीटर लंबा रोड शो शुरू किया।

रोड शो के बाद मोदी ने ट्वीट किया कि आपके स्नेह और गर्मजोशी के लिये आभारी हूं! हालांकि, कांग्रेस ने कहा है मोदी के रोड शो का लक्ष्य जनता से किये गये वादे को पूरा नहीं कर पाने की अपनी नाकामी पर पर्दा डालना है।

शक्ति प्रदर्शन के लिहाज से किये गये इस आयोजन का समापन दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के साथ हुआ, जिसमें मोदी ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ हिस्सा लिया।

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रिलायंस जियो के टैरिफ प्लान अब महंगे हो सकते हैं

रिलायंस जियो के टैरिफ प्लान अब महंगे हो सकते हैं

यदि आप भी रिलायंस जियो के ग्राहक हैं तो आपको जल्द ही झटका लग सकता है, क्योंकि खबर है कि जियो अपने टैरिफ प्लान की कीमत में इजाफा करने की तैयारी में है।

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रिलायंस जियो इन्फोकॉम इस वित्त वर्ष में टैरिफ की कीमतें बढ़ा सकती है।

दरअसल मामला कुछ ऐसा है कि जियो को फाइबर और टावर लगाने में काफी खर्च लग रहा है। इसके अलावा कई सारे प्रोजेक्ट्स पर भी कंपनी का करीब 9 हजार करोड़ का सालाना खर्च हो रहा है।

ऐसे में कंपनी अपनी सेवाओं की कीमतें बढ़ाने का फैसला ले सकती है। इन्वेस्टमेंट बैंक जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट के अनुसार जापान की सॉफ्टबैंक जियो में 14-21 हजार करोड़ निवेश कर सकती है। 

गौरतलब है कि वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल जैसी कंपनियां भी पूंजी जमा करने के लिए योजनाएं बना रही हैं।

ऐसे में जियो को भी अपनी प्लानिंग करनी होगी। कहा जा रहा है कि वोडाफोन-आइडिया व एयरटेल राइट इश्यू से कीरब 25-25 हजार करोड़ इकट्ठा करने में जुटी हैं।

अभी हाल ही में आई एक रिपोर्ट में सामने आया था कि जियो सिर्फ 600 रुपये में जियो गीगाफाइबर लॉन्च करेगा।

इस कीमत पर ग्राहकों को ब्रॉडबैंड, लैंडलाइन और टीवी की सुविधा मिलेगी। इस प्लान के तहत ग्राहकों को अनलिमिटेड कॉलिंग भी मिलेगी।