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योग गुरू बाबा रामदेव ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि देश की खराब स्थिति के लिए जिम्मेदार

योग करो बिमारी को दूर भगाअो

योग गुरू बाबा रामदेव ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि देश की खराब स्थिति के लिए जिम्मेदार

योग गुरू बाबा रामदेव ने रविवार को कहा कि जनसंख्या वृद्धि देश की खराब स्थिति के लिए जिम्मेदार है। इसके नियंत्रण के लिए सरकार को कानून लाना चाहिए। दो के बाद पैदा होने वाले तीसरी संतान को वोट डालने सहित अन्य नागरिक अधिकारी नहीं मिलने चाहिए।

रामदेव ने कहा कि हम 2050 तक जनसंख्या को काबू नहीं कर पाए तो देश में खाने-पीने एवं प्राकृतिक संसाधनों का आकाल पैदा हो जाएगा। इस स्थिति से बचने को दो से अधिक बच्चे पैदा करने की प्रवृति पर कानूनी रूप से बंदिश लगाना चाहिए। तीसरे बच्चे को सरकारी  सुविधाओं से भी वंचित किया जाना चाहिए। इस तरह का कानून देश भर में लागू किया जाना चाहिए।


विपक्ष को योग की सलाह

बाबा ने चुनाव में प्रचंड जीत पर मोदी को बधाई भी दी। कहा, मोदी सरकार से जनता की अपेक्षाएं बढ़ गई हैं। उन्हें और अधिक जिम्मेदारी से कार्य करना होगा। विपक्ष को कहा कि वह सदमे हैं। वे  पतंजलि योगपीठ में आकर योग एवं प्राणायाम कर स्वास्थ लाभ प्राप्त करें।  हरिद्वार में गंगा स्नान करने का आमंत्रण भी दिया ।

रामदेव की सरकार से अपेक्षाएं

  • देश में एक राष्ट्र एक कानून 
  • 370 समाप्त होनी चाहिए 
  • नागरिक अधिकारों में भेदभाव करने वाली संविधान की धारा 35-ए को भी समाप्त करना चाहिए
  • राम मंदिर निर्माण के लिए निणार्यक प्रयास के लिएकार्यवाही करें
  • सरकार मंदिर के निर्माण में अब ज्यादा देर न करे 

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पीएस गोले के नाम से प्रसिद्ध प्रेम सिंह तमांग आज सिक्किम के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

सिक्किम : सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के अध्यक्ष पीएस गोले के नाम से प्रसिद्ध प्रेम सिंह तमांग आज सिक्किम के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। राजभवन के सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि राज्यपाल गंगा प्रसाद पलजोर स्टेडियम में सोमवार सुबह 10 बजे 51 वर्षीय गोले को शपथ दिलाएंगे। गोले के साथ कुछ मंत्री के भी शपथ ले सकते हैं। गोले को शनिवार रात एसकेएम विधायक दल का नेता चुना गया था। गोले और उनकी पार्टी के 17 नवनिर्वाचित विधायकों ने शनिवार को राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार गठन का दावा पेश किया था। सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा को हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में कुल 32 सीटों में से 17 सीटों पर जीत मिली थी जबकि 15 सीटों पर सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) ने जीत हासिल की थी।

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पीएम नरेंद्र मोदी आज जाएंगे अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी

वाराणसी :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन पर फिर से विश्वास जताने पर लोगों का आभार व्यक्त करने और प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचेंगे।

वाराणसी पहुंचने के बाद मोदी सड़क मार्ग से पुलिस लाइन से बांसफाटक तक जायेंगे।

उनका काफिला शहर के विभिन्न हिस्सों से गुजरेगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सूत्रों के अनुसार वह सोमवार सुबह काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा करेंगे और बाद में अपनी पार्टी भाजपा के कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करेंगे।

शनिवार को मोदी ने ट्वीट किया कि मां से आशीर्वाद लेने के लिए कल शाम गुजरात जाऊंगा।

मुझपर पुन: विश्वास जताने के लिए परसों मैं काशी की महान भूमि के लोगों का आभार जताने वहां जाऊंगा।

जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री की यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा के भारी बंदोबस्त किये गये हैं। सिंह ने पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी के साथ मोदी की यात्रा से जुड़ी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।

मोदी जहां जहां से गुजरेंगे वहां सुरक्षा, अर्धसैनिक और विशेष सुरक्षा दल के कर्मी बड़ी संख्या में तैनात किये गये हैं।

वाराणसी से लोकसभा चुनाव 4.79 लाख वोटों के अंतर से जीतने के बाद मोदी की अपने निर्वाचन क्षेत्र की यह पहली यात्रा होगी।

उन्होंने न केवल अपनी सीट बचाए रखी बल्कि उन्होंने जीत का अंतर भी 2014 के चुनाव की तुलना में करीब एक लाख वोट बढ़ा लिये।

19 मई के मतदान से पहले एक वीडियो संदेश में मोदी ने अपने आप को ‘काशीवासी’ बताया था और इस नगरी को अपना मार्गदर्शक कहा था। 

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अमेठी के कार्यकर्ता की हत्या के बाद लखनऊ जा रही हैं स्मृति ईरानी

उत्तर प्रदेश:

अमेठी में बरौलिया गांव के पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह को देर रात अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी।  इलाज के लिए उन्हें लखनऊ के ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। सुरेंद्र सिंह अमेठी से हाल में लोकसभा चुनाव जीत कर आईं स्मृति ईरानी के काफी करीबी थे। गौरतलब है कि बरौलिया गांव को मनोहर पर्रिकर ने गोद लिया था।

इस घटना के बाद इलाके की सियासत गरमा गई है। नवनिर्वाचित सांसद स्मृति ईरानी खुद लखनऊ जा रही हैं, जहां वह मृतक के परिजनों से मुलाकात करेंगी। वहीं, मृतक के परिवार ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हमले का आरोप लगाया है। पुलिस ने कुछ संदिग्ध हमलावरों को हिरासत में भी लिया है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक बदमाशों ने उस वक्त इस घटना को अंजाम दिया जब पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह अपने घर के बाहर सो रहे थे। घटना की खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और मामला दर्ज कर इसकी पड़ताल शुरू कर दी है। इस हत्या के बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल है।घटनास्थल पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता की मौत अत्यंत दुखद है। वह परिश्रमी कार्यकर्ता थे।

भले ही हत्यारे जमीन के भीतर क्यों ना छिपे हों, उन्हें पकड़ लिया जाएगा। इस घटना से पूरी अमेठी दुखी है। उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा की कोई गुंजाइश नहीं है। हत्यारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

सिंह की हत्या पर भाजपा के अमेठी लोकसभा क्षेत्र के संयोजक राजेश अग्रहरि ने कहा कि कांग्रेस की हताशा और घटना के हालात को देखते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। 

राजेश ने कहा कि चुनाव के बाद से कांग्रेस में हताशा है इसलिए घटना की गहन जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने कहा कि इस घटना के राजनीतिक हत्या होने से इंकार नहीं किया जा सकता। सभी पहलुओं पर जांच हो रही है।

सिंह पूर्व प्रधान रहे हैं इसलिए यह पुरानी रंजिश का मामला भी हो सकता है। लोकसभा चुनाव के दौरान जूता वितरण प्रकरण में सुरेंद्र सिंह काफी चर्चा में रहे थे।

उन्हें स्मृति ईरानी का करीबी माना जाता था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने स्मृति ईरानी पर बरौलिया गांव के लोगों को जूते बांटने का आरोप लगाते हुए इसे अमेठी के लोगों का अपमान बताया था। बरौलिया गांव को पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया था। 

अमेठी सीट पर इससे पहले 16 चुनाव और दो उपचुनाव हुए हैं। इनमें से कांग्रेस ने यहां 16 बार जीत दर्ज की है। 1977 में लोकदल और 1998 में बीजेपी को यहां से जीत मिली थी। यहां से संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी के अलावा राहुल गांधी सांसद रहे हैं और अब यह सीट स्मृति की हो गई है।

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निकोबार द्वीप के बाद भूकंप के झटकों से हिला बंगाल, रिक्‍टर पैमाने पर तीव्रता 4.5

आज सुबह निकोबार द्वीप में आए भूकंप के बाद पश्चिम बंगाल से भी हिलने की खबर है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.8 रही।

पश्चिम बंगाल के अलावा झारखंड और बिहार के कई ईलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

एएनआई के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के बांकुरा में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.8 रही।

यहीं मुख्य केंद्र भी रहा। वहीं आज सुबह 8 बजे के आस पाल निकोबार द्वीप भूकंप के ये झटके महसूस हुए थे।

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जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल देश छोड़कर जाने की फिराक में था,एयरपोर्ट पर रोक दिया

जेट एयरवेज के पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल को आव्रजन अधिकारियों ने शनिवार को मुंबई हवाई अड्डे पर विदेश यात्रा करने से रोक दिया।

सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि गोयल और उनकी पत्नी दुबई जाने वाली एमिरेट्स की उड़ान संख्या ईके 507 में यात्रा करने वाले थे।

आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें उड़ान की इजाजत देने से इनकार कर दिया। यही नहीं, अनीता गोयल का सामान भी विमान से उतार दिया गया।

उड़ान दोपहर तीन बजकर 35 मिनट पर रवाना होनी थी। नरेश गोयल ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

वहीं, एमिरेट्स की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है। पिछले महीने जेट एयरवेज के अधिकारी एवं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष किरण पावसकर ने मुंबई पुलिस आयुक्त को चिट्ठी लिखी थी।

कई महीनों से कर्मचारियों का वेतन नहीं देने के लिए गोयल, अन्य निदेशकों और जेट एयरवेज प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों के पासपोर्ट जब्त करने को कहा था।

नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल ने मार्च में जेट एयरवेज के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया था। नरेश गोयल ने 26 साल पहले जेट एयरवेज की स्थापना की थी।

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भारतीय चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के अंतिम नतीजे जारी,भाजपा ने 303 और कांग्रेस ने 52 जीतीं सीटें

नई दिल्ली:

 भारतीय चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के अंतिम नतीजे शुक्रवार को जारी कर दिए हैं। लोकसभा की 543 में से 542 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा ने 303 सीटें प्राप्त हुई हैं, जबकि विपक्षी कांग्रेस को 52 सीटें मिली हैं।

चुनाव आयोग के नतीजों के अनुसार कुल 542 सीटों के लिए हुए चुनाव में भाजपा को 303, कांग्रेस को 52, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) को 23,  तृणमूल कांग्रेस को 22, वाईएसआर-कांग्रेस पार्टी को 22, शिवसेना को 18, जेडीयू को 16, बीजेडी को 12,  बीएसपी को 10, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को नौ,  लोक जनशक्ति पार्टी को छङ, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को पांच, समाजवादी पार्टी (एसपी) को पांच, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) को तीन, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को तीन, नेशनल कॉन्फ्रेंस तीन, तेलुगु देशम (टीडीपी) को तीन, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को दो, अपना दल (सोनेलाल) को दो, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी को दो, शिरोमणि अकाली दल को दो सीटें मिली हैं।

इनके अलावा आम आदमी पार्टी (आप), ऑल इंडिया झारखंड स्‍टूडेंट यूनियन (एजेएसयू), अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक), ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट, जनता दल (सेकुलर), झारखंड मुक्ति मोर्चा, केरल कांग्रेस (एम), मिजो नेशनल फ्रंट, नागा पीपुल्स फ्रंट, नेशनल पीपुल्स पार्टी, राष्ट्रवादी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, क्रांतिकारी सोशलिस्ट पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, विदुथलाई चिरुथिगाल काची को एक-एक सीट मिली है।

चार निर्दलीय भी जीते हैं। चुनाव आयोग ने लोकसभा की 543 सीटों पर चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा की थी, लेकिन करीब 11 करोड़ रुपये की नकदी बरामद होने के बाद तमिलनाडु की वेल्लोर सीट पर चुनाव रद्द कर दिया गया। इस कारण सिर्फ 542 सीटों पर ही चुनाव कराए गए। वेल्लोर सीट पर चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा अगले महीने हो सकती है।

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भाजपा की प्रचंड जीत के बाद सरकार गठन पर टिकी सबकी निगाहें

भाजपा की प्रचंड जीत के बाद देश बदलाव की तरफ

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा केंद्रीय मंत्रियरों का इस्तीफा स्वीकार किये जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि इस सरकार के कार्यकाल का सूरज भले ही अस्त हो गया है, लेकिन इसके काम की रोशनी से लोगों की जिंदगी में उजाला बिखरता रहेगा।

लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारतीय जनता पार्टी के लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने के बाद सभी निगाहें अब सरकार के गठन पर टिक गई है। ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही है कि सरकार में अमित शाह समेत कई नये चेहरों को स्थान दिया जा सकता है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित केंद्रीय मंत्रिपरिषद ने शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया। राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री सहित मंत्रिपरिषद का इस्तीफा स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री से नयी सरकार बनने तक पद पर बने रहने का आग्रह किया है। भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन राजग के नवनिर्वाचित सांसदों की शनिवार को बैठक होने जा रही है जिसमें वे औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना नेता चुनेंगे। इसके साथ ही सरकार के गठन की दिशा में प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकेगा। 

मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने लोकसभा चुनाव में 303 सीटों पर जीत दर्ज की है और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन राजग को चुनाव में 350 सीटें हासिल हुई है। सरकार गठन को लेकर जारी गहमागहमी के बीच पार्टी के कई नेताओं का ऐसा विचार है कि शाह, मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होंगे और उन्हें गृह, वित्त, विदेश या रक्षा में से कोई एक मंत्रालय दिया जा सकता है। 

वित्त मंत्री अरूण जेटली और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के समक्ष स्वाथ्य संबंधी समस्याएं हैं। ऐसे में उनके नई सरकार में शामिल होने को लेकर शंकाएं हैं । जेटली राज्य सभा के सदस्य हैं और वह 2014 के चुनाव में अमृतसर सीट पर हार गए थे। सुषमा स्वराज ने पिछला चुनाव मध्य प्रदेश के विदिशा से जीता था। हालांकि इस बार उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा। इन दोनों नेताओं ने नयी सरकार में शामिल होने या नहीं होने पर कोई टिप्पणी नहीं की है। चुनाव प्रचार के दौरान शाह ने भी इस बारे में पूछे गए सवालों को टाल दिया और कहा कि यह पार्टी और प्रधानमंत्री के अधिकार क्षेत्र का विषय है। ऐसी उम्मीद है कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण नयी सरकार में मुख्य भूमिका में रह सकती हैं। स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी से पराजित किया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पार्टी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। वहीं, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रकाश जावड़ेकर को नए मंत्रिमंडल में बनाये रखे जाने की संभावना है। जदयू और शिवसेना को भी नये कैबिनेट में स्थान दिया जा सकता है क्योंकि दोनों दलों ने क्रमश: 16 और 18 सीट दर्ज करके शानदार प्रदर्शन किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना से नये चेहरों को स्थान दिया जा सकता है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि मंत्री परिषद में कई युवा चेहरों को स्थान दिये जाने की संभावना है क्योंकि भाजपा नेतृत्व पार्टी की दूसरी कतार तैयार करना चाहता है। 17वीं लोकसभा का गठन तीन जून से पहले किया जाना है। इस बारे में तीनों चुनाव आयुक्त राष्ट्रपति से मिलेंगे और नये चुने गए सदस्यों की सूची उन्हें सौपेंगे।

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सूरत: तक्षशिला कॉम्पलैक्स में लगी भीषण आग, 15 लोगों की मौत

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सूरत: तक्षशिला कॉम्पलैक्स में लगी भीषण आग, 15 लोगों की मौत

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समृति ईरानी की महेनत रगं ला गई अमेठी का किला फतह किया,भाजपा की प्रचंड जीत

समृति ईरानी की महेनत रगं ला गई अमेठी का किला फतह किया,भाजपा की प्रचंड जीत

स्मृति ईरानी की सालों की मेहनत आखिर अमेठी में रंग लाई। इस बार उन्होंने वो कर दिखाया जिसके बारे में सिर्फ सोचा ही जा सकता था। इसे जमीन पर उतारना आसान कतई नहीं था। स्मृति ने गांधी परिवार की परंपरागत सीट पर जीत के कदम बढ़ा दिए हैं। ये इस चुनाव का सबसे बड़ा उलटफेर कहा जा सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष को हराना उन्हें भारत के सियासी इतिहास में दर्ज करवा देगा। 

नई दिल्ली
दिल्ली के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मीं स्मृति इरानी का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है। ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ टीवी सीरियल से घर-घर में पहचान बनाने वाली इरानी ने जब बीजेपी के जरिये सियासत में कदम रखा तो उस वक्त किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि वह एक दिन देश के सबसे प्रभावशाली राजनीतिक परिवार के गढ़ में उनके बर्चस्व को तोड़ देंगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेठी में अपनी हार स्वीकर कर ली है और इरानी को जीत की बधाई भी दे दी है। इससे पहले 1977 में संजय गांधी को अमेठी में हार का सामना करना पड़ा था। 

2004 में पहले ही चुनाव में मिली हार
स्मृति 2003 में उस वक्त बीजेपी में शामिल हुईं, जब उनका ऐक्टिंग करियर उफान पर था। उसके अगले ही साल वह महाराष्ट्र यूथ विंग की उपाध्यक्ष बनाई गईं। 2004 में इरानी पहली बार चांदनी चौक लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उथरीं लेकिन उन्हें कांग्रेस के कपिल सिब्बल के हाथों हार का मुंह देखना पड़ा। 2010 में इरानी को बीजेपी महिला मोर्चा की कमान दी गई। 2011 में बीजेपी ने उन्हें राज्य सभा भेजा। अगले ही साल वह पार्टी की उपाध्यक्ष बनाई गईं। 

राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ना रहा करियर में टर्निंग पॉइंट
इरानी के राजनीतिक करियर में टर्निंग पॉइंट तब आया, जब बीजेपी ने उन्हें 2014 में गांधी परिवार के गढ़ अमेठी में राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतार दिया। वह 1 लाख से ज्यादा वोटों से हार गईं, लेकिन चुनाव के दौरान उन्होंने जिस जुझारूपन का परिचय दिया, वह सबको प्रभावित किया। इसका उन्हें इनाम भी मिला। लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें न सिर्फ अपने कैबिनेट में जगह दी, बल्कि मानव संसाधन जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय से नवाजा। बाद में उन्हें कपड़ा मंत्रालय में भेजा गया। 

2014 में हार के बाद भी अमेठी से जोड़े रखा नाता
2014 में करीबी मुकाबले में हारने के बावजूद स्मृति ने अमेठी से अपना रिश्ता कायम रखा। वह लगातार नियमित अंतराल पर अमेठी का दौरा करती रहीं। स्मृति ने पिछले 5 सालों में खुद को राहुल गांधी के गंभीर प्रतिद्वंद्वी के तौर पर स्थापित किया। संसद से लेकर संसद से बाहर तक वह अहम मसलों पर राहुल गांधी को काउंटर करती रहीं और उन पर हमले का कोई मौका नहीं खोया। राहुल गांधी के अमेठी के अलावा केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने को इरानी और बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष का डर करार दिया था। 


स्मृति इरानी अपनी शैक्षिक योग्यता को लेकर विवादों में रहीं। उन पर आरोप लगा कि 2004 और 2014 के चुनावी हलफनामों में उन्होंने अपनी शैक्षिक योग्यता अलग-अलग बताई थीं। 2004 में इरानी ने अपने ऐफिडेविट में बताया था कि वह स्नातक हैं। हलफनामे के मुताबिक, उन्होंने 1996 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ करेस्पॉन्डेंस से बीए की डिग्री हासिल की। हालांकि, 2014 में उन्होंने अपने हलफनामे में बताया था कि उन्होंने 1994 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम पार्ट 1 का एग्जाम पास किया था और कोर्स पूरा नहीं कर पाई थीं। इसके अलावा स्मृति उस वक्त विवादों में आ गईं जब उन्होंने कहा कि उनके पास अमेरिका के मशहूर येल यूनिवर्सिटी की डिग्री है।

बहरहाल, अमेठी की हार राहुल के लिए कभी न भुलाने वाला सपना साबित हो सकता है। इस सीट से उनके पिता राजीव गांधी, संजय गांधी चुने जाते रहे हैं। अंत में पिता की विरासत को राहुल गांधी संभाल नहीं सके। बकौल राहुल, अब अमेठी स्मृति ईरानी के हवाले हो गया है। वह राहुल गांधी की जगह लेंगी। उम्मीद है कि अमेठी की जनता को अब वह सब मिलेगा जिसका उन्होंने वादा किया है। 

इस जीत के साथ ही नए कैबिनेट में उनका कद बढ़ना तय हो गया है। उन्होंने उस नेता को हराया है जो हालिया समय में भाजपा और मोदी-शाह पर सबसे बड़ा हमलावर रहा है। ऐसे में अगर स्मृति को एक बड़ा मंत्रालय दे दिया जाए तो हैरत किसी को नहीं होनी चाहिए।