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राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी की देशभक्ति पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बैठक के दौरान उन्होंने भारत की ‘क्षेत्रीय अखंडता’ का मुद्दा नहीं उठाया

चुनाव के मौसम में राष्ट्रवाद का मुद्दा छाए रहने के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देशभक्ति पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बैठक के दौरान उन्होंने भारत की ‘क्षेत्रीय अखंडता’ का मुद्दा नहीं उठाया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि प्रधानमंत्री ने कुछ साल पहले जब अपने गृह राज्य गुजरात में चीनी राष्ट्रपति शी की मेजबानी की थी तो प्रधानमंत्री ने सीमा मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं बोला।

गांधी ने अरुणाचल प्रदेश की राजधानी में एक चुनावी रैली में कहा कि भारत में शी चिनफिंग के साथ बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को उनके साथ चाय पीते देखा गया और उन्होंने सीमा विवाद पर एक शब्द भी नहीं कहा।

यहां तक कि उन्होंने अपनी चीन यात्रा के दौरान कभी भी डोकलाम मुद्दे को नहीं उठाया। भारत और चीन अरुणाचल प्रदेश को लेकर लंबे समय से विवाद में उलझे हुए हैं।

इसको लेकर अक्सर दोनों देशों की सेना एक-दूसरे के भूभाग में घुसपैठ कर जाती है।

जून 2017 में चीन और भारत के बीच सैन्य गतिरोध पैदा हो गया क्योंकि चीनी सैनिकों ने डोकलाम में सड़क बनाने का प्रयास किया और भारतीय सैनिकों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया।

गांधी ने रैली में कहा कि वह खुद के देशभक्त होने का दावा कैसे कर सकते हैं जब उन्होंने देश की क्षेत्रीय अखंडता का मुद्दा नहीं उठाया।

देश को ऐसे देशभक्तों की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लोग अधिक देशभक्त हैं क्योंकि वे पूरे जोश-खरोश के साथ देश के भूभाग की रक्षा कर रहे हैं।

गांधी ने कहा कि मोदी ने लंबित सीमा विवाद के मुद्दे पर ‘बिना किसी एजेंडा’ के चीन की यात्रा की थी।

जब चीन भारत के खिलाफ कदम उठाता है तो उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकलता है… ‘मोदी की चीन कूटनीति : गुजरात में शी के साथ झूला झूलना, दिल्ली में गले लगाना, चीन में घुटने टेक देने की रही।

कांग्रेस अध्यक्ष ने एकबार फिर अपने आरोपों को दोहराया कि जब पुलवामा में आतंकवादी हमले में 40 जवान शहीद हुए तो प्रधानमंत्री ने उस वक्त कॉर्बेट नेशनल पार्क में एक वृत्तचित्र की शूटिंग जारी रखी।

अरुणाचल प्रदेश में कुछ समुदायों को स्थायी निवास का प्रमाण पत्र दिये जाने के खिलाफ आंदोलन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में तीन लोगों के हाल में मारे जाने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस गोलीबारी की कोई जरुरत नहीं थी।


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आल इंडिया उलेमा बोर्ड : 48 घंटों में राम जन्मभूमि फिल्म को बैन करें

भोपाल: 

ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड की मध्यप्रदेश इकाई ने फिल्म ‘राम जन्मभूमि’ पर मंगलवार को दो फतवे जारी करने के साथ-साथ केन्द्र एवं मध्य प्रदेश सरकार से मंगलवार को मांग की कि वे इस फिल्म पर रोक लगाएं.

एक फतवा इस फिल्म की मुस्लिम अभिनेत्री नाज़नीन पाटनी के खिलाफ जारी कर उसे सलाह दी है कि वह अपने ईमान को तजदीद करे, जबकि दूसरे फतवे में देश के मुस्लिम समुदाय से अपील की गई है कि वह इस फिल्म को देखने से गुरेज़ करें.

ये दोनों फतवे मंगलवार को आल इंडिया उलेमा बोर्ड के मध्यप्रदेश अध्यक्ष एवं क़ाज़ी सय्यद अनस अली नदवी ने जारी किये.

29 मार्च को रिलीज हो रही है फिल्म
उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैय्यद वसीम रिजवी द्वारा निर्मित यह फिल्म 29 मार्च को समूचे देश में रिलीज होने वाली है.

आल इंडिया उलेमा बोर्ड, मध्य प्रदेश के उपाध्यक्ष नूर उल्लाह यूसुफ ज़ई ने  संवाददाताओं को बताया, ‘‘फिल्म ‘राम जन्मभूमि’ न सिर्फ विवादित है, बल्कि दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करने वाली है.

इस फिल्म में शरीयत के साथ खिलवाड़ किया गया है. इस्लाम के दो अहम और संजीदा मुद्दों को विवादित करने की कोशिश की गई है.’’ 

तीन तलाक को किया गलत तरीके से पेश- बोर्ड
उन्होंने कहा, ‘‘इस फिल्म में तीन तलाक को गलत तरह से पेश किया गया है. इसके अलावा, इसमें बताया गया है कि एक ससुर बहू के साथ हलाला करता है.

यह पूरे तौर पर गलत है. पूरी दुनिया में इसकी मिसाल नहीं मिलती. इसने मुस्लिम समुदाय के जज्बात को बुरी तरह आहत किया है.’’ 


शरीयत के साथ खिलवाड़- उलेमा बोर्ड
ज़ई ने बताया, ‘‘बोर्ड यह कतई बर्दाश्त नहीं करेगा कि शरीयत से कोई खिलवाड़ करे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम मध्य प्रदेश सरकार एवं केन्द्र सरकार से मांग करते हैं कि फिल्म ‘राम जन्मभूमि’ के प्रदर्शन पर 48 घंटे के अंदर रोक लगाई जाए.’’

उन्होंने कहा कि यदि 48 घंटे के अंदर इस फिल्म के रिलीज पर रोक नहीं लगाई गई, तो हम अदालत का दरवाजा खटखटांगे.

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सोने की कीमतों में आया उछाल

मंगलवार के कारोबार में सोने की कीमत में तेज रिकवरी देखने को मिली है।

दिन का कारोबार खत्म होने पर सोना 140 रुपये के उछाल के साथ 32,970 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ है।

ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के मुताबिक सकारात्मक वैश्विक संकेत और स्थानीय ज्वैलर्स की ओर से ताजा खरीदारी के कारण कीमतों में तेजी देखने को मिली है।

सोने की ही तर्ज पर चांदी की कीमतों में भी तेजी देखने को मिली है।

आज के कारोबार में चांदी 235 रुपये की मजबूती के साथ 38,960 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर बंद हुई है।

आज के कारोबार में चांदी की कीमतों में तेजी की वजह औद्योगिक इकाईयों और सिक्का निर्माताओं की ओर से तेज उठान रही है।

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केकेआर टीम से फैंस को काफी उम्मीदें -IPL

इंडियन प्रीमियर लीग के 12वें सीजन में कोलकाता नाइटराइडर्स की टीम से फैंस को काफी उम्मीदें हैं। टीम में अनुभव और युवा जोश का मिश्रण है।

केकेआर की टीम 23 मार्च से शुरू हो रहे इस टी-20 लीग में तीसरी बार विजेता बनने के इरादे से मैदान में उतरेगी।

केकेआर को टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही युवा पेसर कमलेश नागरकोटी और शिवम मावी के रूप में तगड़ा झटका लगा है, जो चोटिल होने की वजह से टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं।

केकेआर की टीम ने पिछले 11 सीजन में से 6 बार प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई किया है।


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प्रमोद सावंत को गोवा का नया मुख्यमंत्री बनाया गया

प्रमोद सावंत को गोवा का नया मुख्यमंत्री बनाया गया है। 46 वर्षीय सावंत ने मनोहर पर्रिकर का स्थान लिया है जिनका रविवार को निधन हो गया था। तटीय राज्य के शीर्ष पद पर उनकी पदोन्नति भाजपा और इसके गठबंधन सहयोगियों के बीच गहन चर्चा के बाद हुई।

गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने यहां देर रात लगभग दो बजे राजभवन में 46 वर्षीय सावंत को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। 

सावंत के अलावा पर्रिकर के नेतृत्व वाली कैबिनेट का हिस्सा रहे 11 विधायकों ने भी मंत्रियों के रूप में शपथ ली।

सावंत गोवा विधानसभा के अध्यक्ष थे। शपथ लेने से पहले सावंत ने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा ने उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी दी है। आयुर्वेद के डॉक्टर से लेकर गोवा के मुख्यमंत्री बनने तक सावंत ने एक लंबी यात्रा तय की है।

उत्तरी गोवा के संखालिम से दो बार के विधायक चुने गए सांवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक समर्पित कार्यकर्ता हैं।

वह हाल ही में संघ के एक कार्यक्रम में आरएसएस की ड्रेस में दिखे थे। भाजपा में सावंत के राजनीतिक करियर की शुरुआत युवा नेता के रूप में हुई थी। वह दिवंगत पर्रिकर के पक्के समर्थक थे और उन्होंने उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। 

सावंत ने 2012 और 2017 में उत्तरी गोवा के संखालिम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की थी जो कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था।

वह भाजपा के उन गिने चुने विधायकों में से हैं जो दो साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से दोबारा विजयी हुए थे। इस चुनाव में पार्टी को केवल 13 सीटें मिलीं, जबकि 2012 में इसने 21 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 

पर्रिकर के प्रयासों से 2017 में भाजपा नीत गठबंधन सरकार बनी जिसमें गोवा फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और निर्दलीय विधायक शामिल थे।

सावंत को विधानसभा अध्यक्ष निर्वाचित किया गया था। वह गोवा राज्य अवसंरचना विकास निगम के अध्यक्ष भी रहे।

तटीय राज्य में विभिन्न अवसंरचना कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए इस निगम की स्थापना पर्रिकर ने की थी। 

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भाजपा सरकार के दो साल पूरा होने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की छवि बदली

उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के दो साल पूरा होने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस की।

उन्होंने सरकार के दो साल के कार्यकाल का हिसाब देते हुए कहा कि पिछले दो वर्षों में राज्य में विकास का माहौल बना है।

पहले प्रदेश की पहचान अपराध और अव्यवस्था से होती थी। सपा शासनकाल में हर साल दंगे होते थे पर भाजपा की सरकार में प्रदेश की कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा कि यूपी की पहचान एक बीमारू राज्य के रूप में होती थी, लेकिन पिछले दो साल में प्रदेश की छवि बदली है। हमारी सरकार आने के बाद 86 लाख किसानों का कर्ज माफ किया गया।

प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट के द्वारा करीब चार लाख 28 हजार करोड़ रुपये निवेश के प्रस्ताव पास हुए। कानून-व्यवस्था में सुधार की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पिछले दो साल में 3300 इनकाउंटर हुए जिससे कि अपराधियों में भय का माहौल व्याप्त हुआ।

74 कुख्यात अपराधी मारे गए। 12000 से ज्यादा अपराधियों ने इनकाउंटर किया। प्रदेश में दो साल में एक भी दंगा नहीं हुआ, जबकि सपा-बसपा कार्यकाल में तो दंगे लगातार होते थे। महिलाओं में सुरक्षा की भावना आई। इन दो वर्षों में एसिड अटैक की एक भी घटना नहीं हुई।

योगी ने किसानों के लिए किए गए सरकार के कामों का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने आते ही प्रदेश के 86 लाख लघु एवं सीमांत किसानों का कर्जमाफ किया।

किसानों को उनकी फसलों का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलने लगा है।

गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1460 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1840 रुपये प्रति क्विंटल किया गया।

सरकार ने बिचौलियों पर लगाम लगाई। आज प्रदेश उन राज्यों में शामिल हो गया है जहां किसानों को 18 घंटे बिजली मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से किसानों को आर्थिक सहायता मिल रही है।

इस योजना के तहत किसानों को हर वर्ष छह हजार रुपये दिया जाएगा। जिसकी पहली किस्त दी जा चुकी है। जिससे देश भर के करीब 12 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं।

दो वर्षों में लंबे समय से लटकी प्रदेश की बाणसागर परियोजना को पूरा किया गया। सीएम योगी ने कहा कि कैराना-कांधला से पलायन करने वाले हिंदू वापस आए हैं।

प्रदेश के 53 जिलों में मोबाइल मेडिकल यूनिट चलाई जा रही हैं। जिससे कि पहले अगर मरीज डॉक्टर के पास आता था तो अब डॉक्टर खुद मरीज के पास जाता है।

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प्रियंका गांधी अपने यूपी दौरे के तहत गंगा यात्रा की शुरुआत

नई दिल्‍ली : 

प्रियंका गांधी ने सोमवार को प्रयागराज के बड़े हनुमान मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की. प्रियंका गांधी आज प्रयागराज से अपनी तीन दिनी गंगा यात्रा की शुरुआत नाव से कर रही हैं.140 किमी लंबी यह गंगा यात्रा स्‍टीमर बोट के जरिये प्रयागराज के छतनाग से वाराणसी के अस्‍सी घाट तक होगी. वह 20 मार्च को वाराणसी पहुंचेंगी

कांग्रेस महासचिव और पूर्वी यूपी चुनाव प्रभारी प्रियंका गांधी अपने यूपी दौरे के तहत गंगा यात्रा की शुरुआत प्रयागराज से सोमवार को कर दी है. इसके लिए वह प्रयागराज के मनैया घाट पहुंचीं. वहां उन्‍होंने पहले बच्‍चों से मुलाकात की.

इसके बाद स्‍टीमर बोट पर कांग्रेस नेताओं के साथ सवार होकर वाराणसी के लिए रवाना हो गईं. प्रयागराज पहुंचीं प्रियंका गांधी ने सोमवार सुबह संगम में त्रिवेणी तट पर पूजा-अर्चना की. साथ ही वह प्रयागराज के प्राचीन बड़े हनुमान मंदिर भी गईं. वहां उन्‍होंने दर्शन किए थे. 

प्रयागराज के स्‍वराज भवन पहुंचकर प्रियंका ने एक तस्‍वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘स्वराज भवन के आंगन में बैठे हुए वह कमरा दिख रहा है जहां मेरी दादी (इंदिरा गांधी) का जन्म हुआ. रात को सुलाते हुए दादी मुझे जोन ऑफ आर्क की कहानी सुनाया करती थीं. आज भी उनके शब्द दिल में गूंजते हैं. कहती थीं- निडर बनो और सब अच्छा होगा.’  

पीएम मोदी पर कसा तंज

जनसभा को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर प्रहार किया। प्रियंका ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि चौकीदार गरीबों और किसानों के नहीं होते, बल्कि अमीरों के होते है। उन्होंने आगे कहा कि आज देश में किसानों को उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है। प्रियंका गांधी ने कहा कि मौजूदा सरकार में किसानों का हाल बेहाल है। देश में युवा बेरोजगार घूम रहा है और केंद्र सरकार ने बड़े बिजनेसमैन दोस्तों को हजारों करोड़ रुपये बांट दिए।


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Guava Halwa

Ingredients for

Guava Halwa Recipe 

  • अमरुद – 4 (500 ग्राम)
  • चीनी – 1 कप (230 ग्राम)
  • घी – ¼ कप
  • काजू – 2-3 टेबल स्पून (बारीक कटे हुए)
  • बादाम – 2-3 टेबल स्पून (बारीक कटे हुए)
  • दूध – ½ लीटर
  • इलायची – ½ छोटी चम्मच
  • चुकंदर – 1 इंच टुकड़ा

अमरूद का हलवा रेसिपी विधि

  • हलवा बनाने के लिए सबसे पहले मावा बना कर तैयार करेंगे.
  • मावा बनाने के लिए पैन में दूध डालकर गैस पर उबलने के लिए रखें. दुध को बीच-बीच में चलाते रहें.
  • लगभग 40 मिनिट में दूध अच्छे से गाढ़ा होने के बाद मावा बन कर तैयार है. गैस बंद कर दिजिए.
  • अमरुद को बड़े-बड़े टुकड़ों में काट लीजिए.
  • कुकर को गैस पर रखें, अमरुद के टुकड़ों को कुकर में डाल दीजिए साथ में ½ कप पानी और चुकंदर का टुकड़ा डाल कर कुकर का ढक्कन बंद कीजिए और 1 सीटी आने तक पका लीजिए.
  • कुकर में सीटी आने पर गैस बंद कर दीजिए और कुकर का प्रैशर खत्म होने के बाद कुकर को खोलें, इसमें से अमरुद को निकाल कर प्याले में रख दीजिए और अमरुद को थोड़ा ठंडा होने दीजिए.
  • अमरुद के ठंडा होने पर इसे मिक्सर जार में डाल कर पेस्ट तैयार कर लीजिए, अमरुद के पेस्ट को छान लीजिए और जो बीज वाला हिस्सा बचा है उसे हटा दीजिए.
  • हलवा बनाने के लिए सबसे पहले मावा बना कर तैयार करेंगे. मावा बनाने के लिए पैन में दूध डालकर गैस पर उबलने के लिए रखें.
  • दुध को बीच-बीच में चलाते रहें. लगभग 40 मिनिट में दूध अच्छे से गाढ़ा होने के बाद मावा बन कर तैयार है. गैस बंद कर दिजिए.
  • 3-4 मिनट पका लेने के बाद इसमें इलायची पाउडर डाल कर अच्छे से मिक्स कीजिए। अब हलवे को और 3-4 मिनट पका लीजिए। 
  • अब तैयार अमरुद का हलवा को एक बॉउल में डालें और बारीक कटे हुए बादाम और काजू से गार्निश करके गर्मा गर्म सर्व करें।
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ठंडाई सेहत के लिए अमृत

गर्मियों का मौसम आते ही दिमाग में ठंडी-ठंडी ठंडाई का ख़्याल आने लगता है, जो पेट को ठंडक देने के साथ मन को भी संतुष्ट करती है.

ठंडाई सेहत के लिए अमृत

लेकिन साथ ही ये भी ख़्याल आता है कि कौन सी ठंडाई है बेहतर? आजकल बाजार में ठंडाई के बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं जिसमें से सही और सेहतमंद ठंडाई का चयन करना मुश्किल हो जाता है.

गर्मियों में ठंडाई पीना अमृत से कम नहीं, ठंडाई गर्मी के प्रकोप को दूर करने के साथ साथ शरीर को तुरंत शक्ति देने वाला ग़ज़ब का पेय है.

दिमागी टॉनिक के साथ ये अनेक बड़े रोगों की रामबाण दवा भी है. आजकल के मॉडर्न युवा जहाँ प्यास बुझाने के लिए कोल्ड ड्रिंक्स जैसे ज़हर इस्तेमाल करते हैं, वहीँ पर भारतीय घरों में गर्मियों की शान है ठंडाई, ये बाज़ार में बनी बनाई मिल जाती है, जिसको एक गिलास पानी या दूध की लस्सी (एक हिस्सा दूध और तीन हिस्से पानी) में  सिर्फ 20 – 30 मि. ली. डालकर तुरंत पी सकतें हैं. और ठंडाई को आप घर पर भी बना सकते हैं.

बाज़ार में मिलने वाली ठंडाई जहाँ चीनी से बनी होती है और इसमें प्रिस्र्वेटिवस भी मिले होतें हैं. वही पर आप इसको मिश्री डालकर खुद ही घर पर बनायें तो इसके गुणों में चार चाँद लग जायेंगे.

ठंडाई बनाने के लिए आवश्यक सामग्री:-

  •     सौंफ 100 ग्राम
  •     खस खस 50 ग्राम
  •     मगज खरबूजा 50 ग्राम (खरबूजे से निकलने वाले बीजो की गिरियाँ)
  •     काली मिर्च 60 ग्राम
  •     बादाम 150 ग्राम
  •     इलायची दाना 20 ग्राम
  •     केसर 3 ग्राम
  •     गुलाब जल 30 मि ली
  •     मिश्री 2.0 कि ग्रा
  •     वंश लोचन 3 ग्राम
  •     पानी 1.5 लीटर

ठंडाई बनाने की विधि:-

  1. रात को बादाम, सौंफ, काली मिर्च, मगज और खस खस को अलग अलग भिगो देंवें।
  2. सुबह इन सबको अलग अलग पीस लें। बादाम के छिलके उतार कर पीसना है।
  3. अब पिसे हुए सौंफ को 1.5 लीटर पानी में उबालें। (इतना उबालें कि, आधा लीटर तक पानी उड़ जाये।) इस पानी में से सौंफ को छान कर फेंक दें। छने हुए पानी को पुनः उबालें। एक उबाल आने पर मिश्री डाल कर 10 मिनट तक उबलने दें। पानी के ऊपर से मैल निकाल लें। इस मिश्री युक्त पानी को छान लीजिये और छानने के बाद इस में पिसे हुए बादाम, खस खस, काली मिर्च और मगज मिलाकर आधे घण्टे तक उबालने के बाद ठंडा होने दें।
  4. वंश लोचन को बारीक पीस लें।
  5. केसर और इलायची दाने को पीस कर गुलाब जल में घोट लें।
  6. वंशलोचन, केसर इलायची और गुलाबजल के मिश्रण को ठंडाई में मिला कर बोतलों में भर लें।

ठंडाई के फायदे.

1. एसिडिटी – पेट में गर्मी

जिनको अम्ल पित्त, पित्त प्रकोप और उदर में ज्यादा गर्मी होने की तथा पेट में जलन होने की शिकायत हो उनको गर्मियों में सुबह खाली पेट दूध की लस्सी में ठंडे डालकर पीना बहुत फायदेमंद है.
2. मुंह में छाले

मुँह में छाले होते रहते हों तो ठंडाई का नित्य सेवन करने से छाले होना बंद हो जायेंगे.
3. पेशाब में जलन

अगर पेशाब करते समय जलन हो तो ठंडाई का नित्य सेवन करने से ये समस्या दूर हो जाती है.
4. आँखों में जलन

आँखों में जलन हो ठंडाई का रोजाना सेवन करने से इसमें बहुत आराम आता है.
5. अलसर (पेट के छालों में)

पेट में अल्सर होने पर यह बहुत ही रामबाण है. दिन में 3-4 बार दूध की लस्सी में ठंडाई डालकर पीने से अल्सर में थोड़े दिनों में ही आराम होता है.
6. स्वपनदोष और शीघ्रपतन

शरीर में अति उष्णता बढ़ जाने से तथा पित्त के कुपित रहने से जिन्हे स्वप्नदोष और शीघ्रपतन होने की शिकायत हो उनके लिए इसका सेवन अत्यधिक फायदेमंद है. शीघ्रपतन के रोगियों को इसे दूध में डालकर पीना चाहिए. और स्वपन दोष के रोगियों को इसे दूध की लस्सी में.
7. रक्तप्रदर और श्वेत प्रदर में.

स्त्रियों को रक्तप्रदर या श्वेतप्रदर की समस्या होने पर 40 दिन तक नियमित रूप से ठंडाई का सेवन करने से बहुत लाभ होता है।
8. दिमागी टॉनिक.

ठंडाई एक प्रकार का दिमागी टॉनिक भी है. गर्मियों में ठंडाई का नियमित सेवन दिमागी काम करने वालों और पढने वाले बच्चों के लिए ये विशेष रूप से लाभकारी है.

नोट : इस आर्टिकल में दी गई जानकारियां रिसर्च पर आधारित हैं । इन्‍हें लेकर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूरी तरह सत्‍य और सटीक हैं, इन्‍हें आजमाने और अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

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पणजी में पर्रिकर के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी भीड़,राष्ट्रिय शोक घोषित, भाजपा के सभी कार्यक्र्म रद्द

पणजी: 

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का अंतिम संस्कार सोमवार शाम यहां मिरामर में किया जाएगा. बीजेपी के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी. चार बार के मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर (63) फरवरी 2018 से ही अग्नाशय संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे.

पिछले एक साल से बीमार चल रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता का स्वास्थ्य दो दिन पहले बहुत बिगड़ गया था. 

सूत्रों ने बताया कि पूर्व रक्षा मंत्री पर्रिकर शनिवार देर रात से ही जीवनरक्षक प्रणाली पर थे. राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री का निधन रविवार शाम छह बजकर चालीस मिनट पर हुआ.

वक्ता ने बताया कि पर्रिकर का पार्थिव शरीर सोमवार को सुबह साढ़े नौ से साढ़े दस बजे तक बीजेपी मुख्यालय में रखा जाएगा. उसके बाद पार्थिव शरीर को कला अकादमी ले जाया जाएगा.

उन्होंने बताया कि लोग सुबह 11 बजे से लेकर शाम चार बजे तक कला अकादमी में पर्रिकर के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दे सकेंगे.  पर्रिकर की अंतिम यात्रा शाम चार बजे शुरू होगी. उनकी अंतिम संस्कार शाम करीब पांच बजे मिरामर में किया जाएगा.

केंद्र सरकार ने उनके निधन पर सोमवार को राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी, केंद्र शासित प्रदेशों और राज्य की राजधानियों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा.

सोमवार को सुबह 10 बजे केंद्रीय मंत्रिमंडल की विशेष बैठक होगी. पर्रिकर का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.


मध्यमवर्गिय परिवार में 13 दिसंबर, 1955 में जन्मे पर्रिकर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में करियर शुरू किया. यहां तक कि आईआईटी बंबई से स्नातक करने के बाद भी वह संघ से जुड़े रहे.

सक्रिय राजनीति में पर्रिकर का पदार्पण 1994 में पणजी सीट से भाजपा टिकट पर चुनाव जीतने के साथ हुआ. वह 2014 से 2017 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट में रक्षा मंत्री रहे.


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के तौर पर शुरुआत कर गोवा के मुख्यमंत्री और देश के रक्षा मंत्री बनने वाले पर्रिकर की छवि हमेशा ही बहुत सरल और सामान्य व्यक्ति की रही.

वह सर्वस्वीकार्य नेता थे. ना सिर्फ भाजपा बल्कि दूसरे दलों के लोग भी उनका मान-सम्मान करते थे. उन्होंने गोवा में भाजपा को मजबूत आधार प्रदान किया. लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रहने वाले गोवा में क्षेत्रीय संगठनों की पकड़ के बावजूद भाजपा उनके कारण मजबूत हुई.


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया है, ‘गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन की सूचना पाकर शोकाकुल हूं.’ उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में वह ईमानदारी और समर्पण की मिसाल हैं. गोवा और भारत की जनता के लिए उनके काम को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा.

पर्रिकर के निधन पर शोक जताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया है, ‘श्री मनोहर पर्रिकर बेमिसाल नेता थे. एक सच्चे देशभक्त और असाधारण प्रशासक थे, सभी उनका सम्मान करते थे. देश के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा पीढ़ियों तक याद रखी जाएगी. उनके निधन से बहुत दुखी हूं. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदनाएं. शांति.’