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गूगल ने डूडल के जरिये – फ़ारसी गणितज्ञ, दार्शनिक, कवि और खगोलशास्त्री उमर खैय्याम का 971 वां जन्मदिन मनाया

गूगल ने डूडल के जरिये फ़ारसी गणितज्ञ, दार्शनिक, कवि और खगोलशास्त्री उमर खैय्याम का 971 वां जन्मदिन मनाया।

गणितज्ञ और खगोलशास्त्री उमर खैय्याम को उनके 971वें जन्मदिवस पर श्रद्धांजलि।

गूगल ने डूडल के जरिये गणितज्ञ और खगोलशास्त्री उमर खैय्याम को उनके 971वें जन्मदिवस पर श्रद्धांजलि।

पूर्वोत्तर ईरान के निशापुर में 18 मई, 1048 को जन्मे उमर खैय्याम कई गणितीय और वैज्ञानिक खोजों के लिए जाने जाते हैं।

महज 22 साल की उम्र में खय्याम में गणितज्ञ के क्षेत्र में अपना नाम कमाना शुरू कर दिया था। 22 साल की उम्र में, खय्याम पहले से ही गणित के क्षेत्र में अलजेब्रा और संतुलन (Balancing) में अपना योगदान देकर अपना नाम बना लिया था।

उमर खैय्याम ने क्यूबिक इक्वेशन्स को सॉल्व करने के लिए एक सामान्य तरीका बनाया जहां उन्होंने कॉनिक्स के इंटरसेक्शन के जरिए जियोमेट्रिक सल्यूशन दिए।

उमर खैय्याम को जलाली कैलेंडर के लिए भी जाना जाता है, बाद में यह कई अन्य कैलेंडर का आधार बन गया।

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समलैंगिक विवाह को मान्यता देने वाला एशिया का पहला देश बना ताइवान

ताइवान की संसद ने कानून पास किया, बड़ी संख्या में संसद के बाहर जुटे थे समलैंगिक

ताइवान की संसद ने रूढ़िवादी सांसदों के विरोध के बावजूद शुक्रवार को एशिया के पहले समलैंगिक विवाह को कानूनी अमलीजामा पहना दिया है।

देश के राष्ट्रपति ने कानून पास होने के बाद कहा कि आज सच्चे अर्थों में बराबरी की दिशा में कदम बढ़ाया

द्वीपीय देश के सांसदों ने एक विधेयक को मंजूरी दे दी जिससे समलैंगिक जोडों को ‘विशिष्ट स्थायी संघ’ बनाने और सरकारी एजेंसियों में ‘विवाह के लिए पंजीकरण’ कराने की अनुमति दी।

इंटरनेशनल डे एगेंस्ट होमोफोबिया, ट्रांसफोबिया और बाइफोबिया के दिन हुआ यह वोट ताइवान के एलजीबीटी समुदाय के लिए बड़ी जीत है जिन्होंने अलग-अलग लिंग के दंपत्तियों की तरह ही समान विवाह अधिकारों के लिए वर्षों तक संघर्ष किया।

संसद में मतदान के बीच भारी बारिश के बावजूद सैकड़ों समलैंगिक अधिकार समर्थक संसद के समीप एकत्रित हो गए।

इस मुद्दे को लेकर देश के लोगों की राय बंटी हुई है।

समलैंगिक अधिकार समूहों ने शुक्रवार को मतदान की तारीफ करते हुए कहा कि विवाह पंजीकरण के लिए आवेदन देने का अधिकार मिलने से उनके समुदाय को अलग-अलग लिंग के दंपत्तियों के समान अधिकार मिल गया है।

गौरतलब है कि ताइवान की शीर्ष अदालत ने कहा था कि एक ही लिंग के जोड़ों को शादी करने की अनुमति ना देना संविधान का उल्लंघन होगा।

न्यायाधीश ने सरकार को कानून में बदलाव करने के लिए इस साल 24 मई तक का समय दिया है।

लेकिन उनके पास कोई दिशा निर्देश नहीं है कि यह कैसे किया जाएगा।

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न्यूज़ 7 वर्ल्ड की अपील चंडीगढ़,पंजाब के सभी मतदाताओं से 19 मई को अपने मतदान का प्रयोग अवश्य करे

चंडीगढ़ 18 मई-

न्यूज़ 7 वर्ल्ड की अपील

19 मई को होने वाले लोकसभा आम चुनाव के मतदान में बढचढकर भाग लेकर देश की लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत करने में अपना सहयोग करें।

चंडीगढ़,पंजाब के सभी मतदाताओं से अपील हैं कि 19 मई को अपने मतदान का प्रयोग करने के लिए अवश्य जाए जो भी उम्मीदवार आपको सही लगे उसको वोट अवश्य दे !

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सेटअप बॉक्स के बिना भी आप देख सकेंगे टीवी

दिल्ली: आज टीवी हर एक व्यक्ति के घर में है। टीवी ही एक ऐसा साधन है, जिसके जरिए लोग अपना मनोरंजन करते हैं।

वैसे तो मार्केट में कई डीटूएच कंपनियां मौजूद हैं, लेकिन उनमे से सिर्फ वीडियोकॉम और टाटा स्काई ऐसी कंपनियां हैं, जो कि अपने ग्राहकों को कम कीमत में ज्यादा चैनल दे रही हैं।

वहीं, टीवी पर चैनल्स देखने के लिए लोगों को सेटअप बॉक्स लगाना पड़ता है, तभी चैनल देखें जा सकते हैं।

अगर हम कहें कि अब आप भी बिना सेटअप बॉक्स के ही टीवी चैनल देख सकते हैं, तो आपको यह बात सुनकर थोड़ी हैरानी होगी। 

दरअसल, डीटूएच कंपनी Tata Sky ने अपने ग्राहकों के लिए Tata Sky Binge सेवा को लॉन्च किया है। टाटा स्काई बिंग बिलकुल अमेज़न फायर स्टिक की तरह है और इसके जरिए बिना सेटअप बॉक्स के ही टीवी देखा जा सकता है।

Tata Sky Binge अपने ग्राहकों को अमेज़न फायर स्टिक की तरह की प्रीमियम कंटेंट देखने का एक्सिस देता है।

वहीं, ग्राहक भी टाटा स्काई बिंग पर केवल 249 रुपए में अपने अनुसार टीवी पर अपना पसंदीदा कंटेंट देख सकेंगे।

इसके लिए ग्राहकों को प्रति माह 249 रुपए का भुगतान करना होगा।

अगर आपके पास स्मार्ट टीवी है या फिर ऐसा टीवी है, जिसमें एचडीएमआई पोर्ट हो। तो तभी आप टाटा स्काई की नई सेवा लाभ उठा सकेंगे और इसके लिए घर में वाई-फाई इंटरनेट कनेक्शन भी होना चाहिए।

टाटा स्काई बिंग को इस्तेमाल करने के लिए लोगों को अपने फोन में टाटा स्काई ऐप से कंटेंट को एक्सिस करना होगा और इसके बाद लोग फोन में मौजूदा कंटेंट को देख सकेंगे।

इसके अलावा लोगों को टाटा स्काई बिंग के साथ एक रिमोट मिलेगा, जो कि वॉयस कमांड फीचर से लैस होगा।

टाटा स्काई की इस सेवा का लाभ उठाने के लिए आपको सबसे पहले टाटा स्काई एडिशन पैक को खरीदना होगा, जिसमें आपको टाटा स्काई बिंग प्री-लोडेड ही मिलेगा।

आप भी टाटा स्काई बिंग को 3,999 रुपए में खरीद सकते हैं और इसके बाद कंटेंट के लिए आपको हर महीने 249 रुपए का भुगतान करना होगा।

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अमेरिका : कैलिफोर्निया में F-16 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया

अमेरिका : कैलिफोर्निया में मार्च एयर रिजर्व बेस के बाहर एक गोदाम में एफ-16 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

लेकिन दुर्घटना के ठीक पहले पायलट विमान से कूद गया था।

बेस के नागरिक मामलों के निदेशक मेजर पेरी कोविंगटन ने बताया कि पायलट को कोई चोट नहीं आयी है।

टेलीविजन समाचारों में दिखाया जा रहा है कि लॉस एंजिलिस से करीब 105 किलोमीटर पूर्व में इमारत के भीतर छत पर एक बड़ा छेद हो गया है।

मोबाइल से ली गई तस्वीरों और वीडियो में विमान का पिछला हिस्सा मुड़ा हुआ और गत्ते के बक्से का ढेर दिखाई दे रहा है।

गोदाम में काम करने वाले एक कर्मचारी डेनियल गालेगोस ने बताया कि उन्हें विमानों के आने और जाने की आवाजें आती रहती है लेकिन दुर्घटना से पहले की आवाज बहुत तेज थी।

मार्च एयर रिजर्व बेस के उप दमकल प्रमुख तिमोथी होलीडे ने बताया कि दुर्घटना तब हुई जब पायलट नियमित प्रशिक्षण के बाद लैंडिंग कर रहा था।

उन्होंने कहा कि पायलट को हाइड्रोलिक दिक्कतें आयी। उसने विमान पर से नियंत्रण खो दिया।

उन्होंने बताया कि गोदाम को मामूली नुकसान पहुंचा है और कोई बड़ी आग नहीं लगी जिसे उन्होंने चमत्कार बताया।

उन्होंने बताया विमान में केवल पायलट सवार था और उसे चिकित्सा जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया।

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बुधवार के दिन भगवान गणेश का विधिवत पूजन करने से मनुष्य के जीवन के सभी कष्ट समाप्त होते ऐसा माना जाता है

पंचकूला: बुधवार का दिन रिद्धि -सिद्धि (Ridhi Sidhi) के देवता श्री गणेश को समर्पित है।

इस दिन भगवान गणेश का विधिवत पूजन करने से मनुष्य के जीवन के सभी कष्ट समाप्त होते हैं।

माना जाता है जो भी व्यक्ति गणेश जी की पूजा करता है उसके घर में रिद्धि और सिद्धि का वास होता है। यानी घर में धन के साथ-साथ सुख और समृद्धि दोनों आती है।

गणेश जी की अराधना से कुंडली में बुध ग्रह के दोष भी दूर होते हैं।

अगर आप इस दिन कुछ उपाय भी करते हैं तो आपके जीवन में किसी प्रकार का कष्ट नहीं रहेगा।

  • यदि आपके में नकारात्मक का वास है तो शुक्लपक्ष के बुधवार के दिन घर की पूरी तरह सफाई करें। इसके बाद गणपति की सफेद प्रतिमा स्थापित करें। फिर विधि-विधान से इनकी पूजा करें। 
  • बुधवार के दिन भगवान गणेश के समक्ष गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करने से मनुष्य की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
  • प्रत्येक बुधवार को गाय को हरी घास खिलाएं। यदि हरी घास खिलाना संभव न हो तो हरी सब्जी खिला सकते हैं। ऐसा करने से आपके घर के समस्त क्लेश दूर होते हैं और घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। 
  • बुधवार के दिन गणेश जी को सिंदूर अर्पित करें। उन्हें सिंदूर चढ़ाने से व्यक्ति की समस्त परेशानियां दूर होती है।
  • साथ ही घर-परिवार और नौकरी पेशे से संबंधित सभी समस्याओं का समाधान होता है।
  • भगवान गणेश के मंदिर में जाकर उन्हें दूर्वा घास और लड्डू अर्पित करें। गणपति को दूर्वा और लड्डू दोनों ही बहुत अधिक प्रिय हैं। ये चढ़ाने से वो जल्द प्रसन्न हो कामनाओं की पूर्ति करते हैं।
  • यदि आपके में नकारात्मक का वास है तो शुक्लपक्ष के बुधवार के दिन घर की पूरी तरह सफाई करें। इसके बाद गणपति की सफेद प्रतिमा स्थापित करें। फिर विधि-विधान से इनकी पूजा करें। 
  • बुधवार के दिन भगवान गणेश के समक्ष गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करने से मनुष्य की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
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Delhi-NCR के कई इलाकों में तेज बारिश से मौसम सुहवना

दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में तेज बारिश से मौसम सुहवना हो गया। साथ ही लोगों को गर्मी से राहत भी मिली। दिल्ली-एनसीआर में मौसम का मिजाज बदल गया है।

सुबह-सुबह हुई बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। तेज बारिश से कई इलाकों में पानी भर गया है। 

वहीं, इससे पहले दिल्ली-एनसीआर में सोमवार रात हुई बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दिला दी।

मौसम की इस मेहरबानी के कारण 40 पार चल रहा तापमान 35.6 डिग्री आ पहुंचा। यह बीते तीन साल में 14 मई का सबसे कम तापमान रहा है। 

मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक दिल्ली में अगले दो-तीन घंटों में बादलों की गड़गड़ाहट के साथ हवाएं चल सकती हैं। दिल्ली से सटे हुए इलाकों में मौसम राहत दे सकता है।

दिल्ली से सटे हुए हरियाणा के हिसार, जींद, रोहतक, कैथल, गोहना, पानीपत, करनाल, सोनीपत और गुरुग्राम में भी मौसम बिगड़ने की संभावना है।

अगले दो दिन से तीन दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह रह सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, आज रात से एक पश्चिमी विक्षोभ दस्तक दे रहा है।

इसका असर दिल्ली-एनसीआर समेत पश्चिमी हिमालयन क्षेत्र पर होने की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार, 16 मई को हल्की बारिश व गरज के साथ छींटे पड़ सकती हैं। अगले 2 दिन में उत्तर पश्चिमी भारत में अधिकतम तापमान में विशेष परिवर्तन नहीं होगा।

उत्तर पश्चिमी भारत के मैदानों में धूल उड़ाती हवाएं चलने की संभावना है।

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लोकसभा चुनाव में मतदान कर्मियों को बूथों तक पहुंचाने के लिए इस बार बसों की व्यवस्था करने में विभाग को पसीने छूट रहे

देवरिया: 

लोकसभा चुनाव में मतदान कर्मियों को बूथों तक पहुंचाने के लिए इस बार बसों की व्यवस्था करने में विभाग को पसीने छूट रहे हैं। एआरटीओ विभाग में चुनाव ड्यूटी से गाड़ी हटाने के लिए लोग दौड़ लगा रहे हैं।

विभाग ऐसे वाहन स्वामियों को चिन्हित कर रहा है जो चुनाव ड्यूटी में वाहन नहीं भेजने के लिए जोर लगा रहे हैं। विभाग ऐसे वाहन स्वामी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराएगा।

अब तक लोकसभा चुनाव में मतदेय स्थल तक मतदान कर्मियों को ले जाने के लिए ट्रक, डीसीएम और प्राइवेट बसों का उपयोग किया जाता था। ट्रक और डीसीएम पर महिलाओं को चढ़ने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।

ट्रकों और डीसीएम पर मतदान कर्मी बैठ नहीं पाते हैं। इसे देखते हुए डीएम अमित किशोर ने इस बार एआरटीओ राजीव चतुर्वेदी से ट्रक और डीसीएम के स्थान पर बसों का इंतजाम करने को कहा। इसके बाद एआरटीओ विभाग बसों के इंतजाम करने में लग गया। 

लोक सभा चुनाव में पोलिंग पार्टियों को भेजने के लिए 533 बसों की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही दो दर्जन बसों को रिजर्व में रखा जाएगा।

जिले में प्राइवेट कुल 400 बसें ही हैं।विभाग ने जिले के तीन हजार वाहन स्वामियों को गाड़ियों का अधिग्रहण 16 मई तक निर्वाचन कार्य के लिए करने के बारे में पत्र भेजा है।

बसों के अधिग्रहण करने का पत्र मिलने के बाद से बस मालिक वाहनों को चुनाव ड्यूटी से कटवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।

कुछ बस मालिक पहले से बसों की बुकिंग का बहाना कर रहे हैं तो कुछ गाड़ी के खराब होने की बात कहकर चुनाव में गाड़ी भेजने से कतरा रहे हैं।

कुछ विद्यालय अपनी सभी बसों को नहीं भेजने के लिए भाग दौड़ कर रहे हैं। इसके लिए बस मालिक शादी का कार्ड लगाकर एडीएम को प्रार्थना पत्र दे रहे हैं। 

इस संबंध में जब एआरटीओ देवरिया राजीव चतुर्वेदी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि लोक सभा चुनाव में पोलिंग पार्टियों को भेजने के लिए परिवहन विभाग बसों का इंतजाम करने में लगा है।

जिले में आवश्यकता के अनुसार बसें कम हैं। कुछ बस मालिक बसों के खराब होने और शादी के लिए बुकिंग होने का प्रार्थना पत्र दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जो भी समय पर बसों और वाहनों को उपलब्ध नहीं कराएगा, उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। 

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पनामा में 6.1 की तीव्रता से आया तेज भूकंप

पनामा में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। इस वजह से इमारतों और मकानों को नुकसान पहुंचा है और कम से कम पांच लोग जख्मी हुए हैं।

अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने बताया कि भूकंप का केंद्र देश के पश्चिमी हिस्से में कोस्टा रिका सीमा के पास 37 किलोमीटर की गहराई में था।

राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा प्रणाली ने कहा कि भूकंप की वजह से चार मकानों को नुकसान पहुंचा और पांच लोग जख्मी हुए हैं।

राष्ट्रपति जुआन कार्लोस वरेला ने पहले ट्वीट किया था कि प्यर्टो आर्मुलेस में सिर्फ एक व्यक्ति घायल हुआ है। उन्होंने बताया कि मकानों और कारोबारी इमारतों को नुकसान पहुंचा है।

राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा प्रणाली ने कहा कि दो क्षतिग्रस्त घर गिर गए हैं। बहरहाल, प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने सुनामी की चेतावनी जारी नहीं की है।

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श्री सीता नवमी 2019 को जानकी नवमी भी कहते हैं, जानिेए कैसे ?

श्री सीता नवमी 2019:

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को जनकनंदनी एवं प्रभु श्रीराम की प्राणप्रिया, सर्वमंगलदायिनी, पतिव्रताओं में शिरोमणि श्री सीताजी का प्राकट्य हुआ। यह दिन जानकी नवमी या सीता नवमी के नाम से जाना जाता है। धर्मशास्त्रों के अनुसार इस पावन पर्व पर जो भी भगवान राम  सहित माँ जानकी का व्रत-पूजन करता है, उसे पृथ्वी दान का फल एवं समस्त तीर्थ भ्रमण का फल स्वतः ही प्राप्त हो जाता है एवं समस्त प्रकार के दु:खों, रोगों व संतापों से मुक्ति मिलती है।

भगवान श्रीराम की अर्द्धांगिनी देवी सीता जी का जन्मदिवस फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को तो मनाया जाता ही है परंतु वैशाख मास के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि को भी जानकी-जयंती के रूप में मनाया जाता है क्योंकि रामायण के अनुसार वे वैशाख में अवतरित हुईं थीं, किन्तु ‘निर्णयसिन्धु’ के ‘कल्पतरु’ ग्रंथानुसार फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष के दिन सीता जी का जन्म हुआ था इसीलिए इस तिथि को सीताष्टमी के नाम से भी संबोद्धित किया गया  है अत: दोनों ही तिथियाँ उनकी जयंती हेतु मान्य हैं तथा दोनों ही तिथियां हिंदू धर्म में बहुत पवित्र मानी गई हैं। इस दिन वैष्णव संप्रदाय के भक्त माता सीता के निमित्त व्रत रखते हैं और पूजन करते हैं। मान्यता है कि जो भी इस दिन व्रत रखता व श्रीराम सहित सीता का विधि-विधान से पूजन करता है, उसे पृथ्वी दान का फल, सोलह महान दानों का फल तथा सभी तीर्थों के दर्शन का फल अपने आप मिल जाता है। अत: इस दिन व्रत करने का विशेष महत्त्व है। 

शास्त्रों के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन पुष्य नक्षत्र में जब महाराजा जनक संतान प्राप्ति की कामना से यज्ञ की भूमि तैयार करने के लिए हल से भूमि जोत रहे थे, उसी समय पृथ्वी से एक बालिका का प्राकट्य हुआ। जोती हुई भूमि को तथा हल की नोक को भी ‘सीता’ कहा जाता है, इसलिए बालिका का नाम ‘सीता’ रखा गया। 

सीता जन्म कथा सीता के विषय में रामायण और अन्य ग्रंथों में जो उल्लेख मिलता है, उसके अनुसार मिथिला के राजा जनक के राज में कई वर्षों से वर्षा नहीं हो रही थी। इससे चिंतित होकर जनक ने जब ऋषियों से विचार किया, तब ऋषियों ने सलाह दी कि महाराज स्वयं खेत में हल चलाएँ तो इन्द्र की कृपा हो सकती है। मान्यता है कि बिहार स्थित सीममढ़ी का पुनौरा नामक गाँव ही वह स्थान है, जहाँ राजा जनक ने हल चलाया था। हल चलाते समय हल एक धातु से टकराकर अटक गया। जनक ने उस स्थान की खुदाई करने का आदेश दिया। इस स्थान से एक कलश निकला, जिसमें एक सुंदर कन्या थी। राजा जनक निःसंतान थे। इन्होंने कन्या को ईश्वर की कृपा मानकर पुत्री बना लिया। हल का फल जिसे ‘सीत’ कहते हैं, उससे टकराने के कारण कालश से कन्या बाहर आयी थी, इसलिए कन्या का नाम ‘सीता’रखा गया था। ‘वाल्मीकि रामायण’ के अनुसार श्रीराम के जन्म के सात वर्ष, एक माह बाद वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को जनक द्वारा खेत में हल की नोक (सीत) के स्पर्श से एक कन्या मिली, जिसे उन्होंने सीता नाम दिया। जनक दुलारी होने से ‘जानकी’, मिथिलावासी होने से ‘मिथिलेश’ कुमारी नाम भी उन्हें मिले। वर्तमान में मिथिला नेपाल का हिस्सा हैं अतः नेपाल में इस दिन को बहुत उत्साह से मनाते हैं । वास्तव में सीता, भूमिजा कहलाई क्यूंकि राजा जनक ने उन्हें भूमि से प्राप्त किया था । 

वेदों, उपनिषदों तथा अन्य कई वैदिक वाङ्मय में उनकी अलौकिकता व महिमा का उल्लेख एवं  उनके स्वरूप का विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है जहाँ ऋग्वेद में एक स्तुति के अनुसार कहा गया है कि असुरों का नाश करने वाली सीता जी आप हमारा कल्याण करें एवं इसी प्रकार सीता उपनिषद जो कि अथर्ववेदीय शाखा से संबंधित उपनिषद है जिसमें सीता जी की महिमा एवं उनके स्वरूप को व्यक्त किया गया है। इसमें सीता को शाश्वत शक्ति का आधार बताया गया है तथा उन्हें ही प्रकृति में परिलक्षित होते हुए देखा गया है। सीता जी को प्रकृति का स्वरूप कहा गया है तथा योगमाया रूप में स्थापित किया गया है।

अष्टमी तिथि को ही नित्यकर्मों से निर्मित होकर शुद्ध भूमि पर सुंदर मंडप बनाएं, जो तोरण आदि से मंडप के मध्य में सुंदर चौकोर वेदिका पर भगवती सीता एवं भगवान श्री राम की स्थापना करनी चाहिए। पूजन के लिए स्वर्ण, रजत, ताम्र, पीतल, एवं मिट्टी इनमें से यथासंभव किसी एक वस्तु से बनी हुई प्रतिमा की स्थापना की जा सकती है। मूर्ति के अभाव में चित्रपट से भी काम लिया जा सकता है। जो भक्त मानसिक पूजा करते हैं उनकी तो पूजन सामग्री एवं आराध्य सभी भाव में ही होते हैं। भगवती सीता एवं भगवान श्री राम की प्रतिमा के साथ साथ पूजन के लिए राजा जनक, माता सुनैना, पुरोहित शतानंद जी, हल और माता पृथ्वी की भी प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। नवमी के दिन नित्य कर्म से निवृत्त होकर श्री जानकी राम का संकल्प पूर्वक पूजन करना चाहिए। सर्वप्रथम पंचोपचार से श्री गणेश जी और भगवती पार्वती का पूजन करना चाहिए। फिर मंडप के पास ही अष्टदल कमल पर विधिपूर्वक कलश की स्थापना करनी चाहिए। यदि मंडप में प्राण-प्रतिष्ठा हो तो मंडप में स्थापित प्रतिमा या चित्र में प्राण प्रतिष्ठा करनी चाहिए। प्रतिमा के कपड़ों का स्पर्श करना चाहिए। भगवती सीता का श्लोक के अनुसार ध्यान करना चाहिए।आज के दिन माता सीता की पूजन करने से सर्वश्रेष्ठ लाभ प्राप्त होता है।

श्री वाल्मीकि रामायण के अनुसार श्री राम के जन्म के सात वर्ष तथा एक माह पश्चात भगवती सीता जी का प्राकट्य हुआ। गोस्वामी तुलसीदास जी बालकांड के प्रारम्भ में आदिशक्ति सीता जी की वंदना करते हुए कहते हैं :

‘‘उद्भवस्थिति संहारकारिणी क्लेशहारिणीम्।

सर्वश्रेयस्करीं सीतां नतोऽहं रामवल्लभाम्॥’’

माता जानकी ही जगत की उत्पत्ति, पालन और संहार करने वाली तथा समस्त संकटों तथा क्लेशों को हरने वाली हैं। वह मां भगवती सीता सभी प्रकार का कल्याण करने वाली रामवल्लभा हैं। उन भगवती सीता जी के चरणों में प्रणाम है, मां सीता जी ने ही हनुमान जी को उनकी असीम सेवा भक्ति से प्रसन्न होकर अष्ट सिद्धियों तथा नव-निधियों का स्वामी बनाया।

‘‘अष्टसिद्धि नव-निधि के दाता।

अस वर दीन जानकी माता॥’’

सीता-राम वस्तुत: एक ही हैं।