पुलवामा आतंकी हमले में शहीद होने वाले जवानों में पांच राजस्थान के हैं।

पुलवामा आतंकी हमले में शहीद होने वाले 40 सीआरपीएफ जवानों में से पांच राजस्थान के हैं। इन्हीं में से एक हैं, कोटा जिले के सांगोद क्षेत्र स्थित विनोद कलां गांव के 43 वर्षीय हेमराज मीणा। उन्होंने करीब 18 साल पहले सीआरपीएफ में नौकरी शुरू की थी और 61वीं बटालियन में सेवा दे रहे थे। वह एक दिन पहले अपनी बटालियन में ड्यूटी पर पहुंचे थे। घर से विदा होने से पूर्व उन्होंने परिवार को भरोसा दिलाया था कि वह 20 दिन में वापस आएंगे। वह वापस तो चार दिन बाद ही पहुंच गए, लेकिन तिरंगे में लिपटकर।

मीडिया से बात करते हुए उनके बड़े भाई रामबिलास ने बताया कि जम्मू-कश्मीर जाने से पहले हेमराज महाराष्ट्र के नागपुर में ट्रेनिंग पर गए हुए थे। ट्रेनिंग से लौटते वक्त सोमवार रात वह कुछ देर के लिए गांव आए थे। चंद घंटे घर पर बिताने के बाद मंगलवार सुबह करीब छह बजे ही वह गांव से वापस लौट गए थे। बुधवार को ही वह जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे। मंगलावर सुबह घर से निकलते वक्त हेमराज ने पत्नी से कहा था कि वह 20 दिन में वापस आ जाएंगे।

रामबिलास मीणा ने कहा कि भारत सरकार को पाकिस्तान को इस हमले का करारा जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं खुद सीमा पर जाकर पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देना चाहता हूं। उनके पिता हरदयाल मीणा ने कहा कब तक हम आतंकी हमले सहन करते रहेंगे। हमारे सैनिक कब तक ऐसे शहीद होते रहेंगे। मुझे संतोष तब मिलेगा, जब भारत पाकिस्तान से इसका बदला लेगा। हेमराज तीन वर्ष से कश्मीर में ही तैनात थे। इससे पहले वह लंबे समय तक नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तैनात रहे हैं।

18 माह बाद उन्हें सेवानिवृत्त होना था। उनकी पत्नी मधुबाला ने बताया कि शादी के वक्त हेमराज सीआरपीएफ में नहीं थे। शादी के बाद उनकी नौकरी लगी थी। उन्होंने सोचा था सेवानिवृत्त होने के बाद खुशी-खुशी जीवन बिताएंगे, लेकिन क्या पता था कि महज 18 महीने की नौकरी में ऐसा दिन देखना पड़ेगा।

भारत की यही रीति, पहले हम छेड़ते नहीं और छेड़ा तो फिर छोड़ते नहीं – पीएम मोदी

महाराष्ट्र:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र के धुले में एक जनसभा को संबधित करते हुए पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए हमले का जिक्र किया। उन्होंने कहाकि आप सभी के बीच ऐसे वक्त पर आया हूं जब पुलवामा में हमारे जवानों पर हमले को लेकर देश आक्रोशित है। एक तरफ देश गुस्से में है तो दूसरी तरफ हर आंख नम है।

उन्होंने कहा कि एक देश के नाते हमारा काम यहीं से शुरु होता है। जिन्होंने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, उनके परिवार के साथ हम हमेशा खड़े रहें। ये संयम का समय है, संवेदनशीलता का समय है, ये शोक का समय है। लेकिन हर परिवार को मैं ये भरोसा देता हूं कि हर आंसू का जवाब लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि भारत नई रीति और नई नीति का देश है, ये अब दुनिया भी अनुभव करेगी। भारत की ये नीति रही है कि हम किसी को छेड़ते नहीं हैं, लेकिन नए भारत को किसी ने छेड़ा तो वो छोड़ता भी नहीं है। पीएम ने कहा कि ये हमारा सुरक्षाबलों ने पहले भी कर दिखाया है और अब भी कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

धुले की विकास परियोजनाओं का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा- धुले शहर में औद्योगिक शहर बनने की पूरी संभावना है। ये ऐसी जगह स्थित है, जहां से देश के अलग-अलग शहरों में व्यापार की संभावना है। यहां से कई बड़े-बड़े नेशनल हाईवे गुजरते हैं। आज यहां की कनेक्टिविटी को और सशक्त करते हुए दो रेल लाइनों का शिलान्यास किया गया है।

पुलवामा अटैक – सहवाग बोले- सुधर जाओ वरना सुधार देंगे

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवानों की शहादत से खेल जगत भी सदमे में है। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, सुरेश रैना, पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदूलकर, वीरेंद्र सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण और मोहम्मद कैफ ने ट्वीट कर दुख जताया है। सहवाग ने आंतकियों को धमकी देते हुए लिखा, ‘सुधर जाओ वरना सुधार देंगे।’

वीरेंद्र सहवाग ने लिखा कि -‘ जम्मू कश्मीर के पुलवामा में वे इस कायराने हमले ने मुझे बेहद दर्द पहुंचाया है, हमारे वीर जवान शहीद हुए हैं. इस दर्द को बयां करने के लिए कोई शब्द नहीं है. उम्मीद करता हूं घायल जवान जल्द ही ठीक होंगे। जिसके बाद विरेंद्र सहवाग ने ट्वीट की सबसे निचली लाइन में लिखा कि ‘सुधर जाओ वरना सुधार देंगे’

बता दें कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में यह हमला उस समय हुआ जब सीआरपीएफ के जवानों को श्रीनगर से पुलवामा ले जाया जा रहा था। इस काफिले में सीआरपीएफ की लगभग 39 गाड़ियां थी. खबरों के अनुसार एक छोटी गाड़ी में फिदायीन हमलावर बैठा हुआ था जो 350 किलो विस्फोटक से भरी गाडी लेकर बस से टकरा गया। जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।

अंतिम तिथि 31 मार्च,करदाताओं का पैन से आधार जोड़ना ‘अनिवार्य’

नयी दिल्ली: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने जोर देकर कहा है कि जो लोग आयकर रिटर्न दाखिल कर रहे हैं उनके लिए पैन कार्ड को आधार से जोड़ना ‘अनिवार्य’ है। इस काम को 31 मार्च तक पूरा किया जाना है।

सीबीडीटी ने बृहस्पतिवार को जारी एक परामर्श पत्र में कहा कि पिछले साल सितंबर में उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में आधार की संवैधानिक मान्यता को बरकरार रखा था। इसी क्रम में आयकर कानून-1961 की धारा-139एए के तहत सीबीडीटी द्वारा 30 जून, 2018 को जारी आदेश मान्य हो जाता है।


इसके अनुसार आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों को 31 मार्च, 2019 से पहले पैन कार्ड को आधार से जोड़ना अनिवार्य है। उच्चतम न्यायालय ने दोबारा यह निर्णय दिल्ली उच्च न्यायालय के एक फैसले के खिलाफ केंद्र की याचिका पर दिया है।

उच्चतम न्यायालय ने छह फरवरी को अपने आदेश में पुष्टि की कि आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए पैन कार्ड को आधार से जोड़ना अनिवार्य है।

इस पर न्यायामूर्ति एक. के. सीकरी और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत इस मामले में पहले ही फैसला दे चुकी है और उसने आयकर की धारा 139एए को बरकरार रखा है। उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल सितंबर में केंद्र की आधार योजना को मान्य करार दिया था, लेकिन बैंक खातों, मोबाइल फोनों और स्कूलों में प्रवेश जैसे कुछ काम अनिवार्य बनाने वाले प्रावधानों को रद्द कर दिया था।

आज है, जया एकादशी व्रत 2019

Jaya Ekadashi Vrath 2019

जया एकादशी : हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियां होती हैं, आैर जब भी अधिकमास या मलमास आता है तो इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। पौराणिक मान्यताआें के अनुसार एक बार धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण से पूछा कि माघ शुक्ल एकादशी को किसकी पूजा करनी चाहिए, तथा इस एकादशी का क्या महात्मय है। इस भगवान ने उत्तर दिया कि इस एकादशी को जया एकादशी कहते हैं। यह एकादशी बहुत ही पुण्यदायी होती है। इसका व्रत करने से व्यक्ति सभी नीच योनि अर्थात भूत, प्रेत, पिशाच की योनि से मुक्त हो जाता है। श्री कृष्ण ने इस से जुड़ी एक कथा भी युधिष्ठिर को सुनाई, जो इस प्रकार है।

भगवान के बताया कि एक बार नंदन वन में उत्सव चल रहा था। इस उत्सव में सभी देवता, सिद्ध संत और दिव्य पुरूष आये थे। इसी दौरान एक कार्यक्रम में गंधर्व गायन कर रहे थे और गंधर्व कन्याएं नृत्य कर रही थीं। इसी सभा में गायन कर रहे माल्यवान नाम के गंधर्व पर नृत्यांगना पुष्पवती मोहित हो गयी। अपने प्रबल आर्कघण के चलते वो सभा की मर्यादा को भूलकर ऐसा नृत्य करने लगी कि माल्यवान उसकी ओर आकर्षित हो जाए। एेसा ही हुआ आैर माल्यवान अपनी सुध बुध खो बैठा और गायन की मर्यादा से भटक कर सुर ताल भूल गया। इन दोनों की भूल पर इन्द्र क्रोधित हो गए आैर दोनों को श्राप दे दिया कि वे स्वर्ग से वंचित हो जाएं और पृथ्वी पर अति नीच पिशाच योनि को प्राप्त हों। श्राप के प्रभाव से दोनों पिशाच बन गये और हिमालय पर्वत पर एक वृक्ष पर अत्यंत कष्ट भोगते हुए रहने लगे। एक बार माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन दोनो अत्यंत दु:खी थे जिस के चलते उन्होंने सिर्फ फलाहार किया आैर उसी रात्रि ठंड के कारण उन दोनों की मृत्यु हो गर्इ। इस तरह अनजाने में जया एकादशी का व्रत हो जाने के कारण दोनों को पिशाच योनि से मुक्ति भी मिल गयी। वे पहले से भी सुन्दर हो गए और पुन: स्वर्ग लोक में स्थान भी मिल गया। जब देवराज इंद्र ने दोनों को वहां देखा तो चकित हो कर उनसे मुक्ति कैसे मिली यह पूछा। तब उन्होंने बताया कि ये भगवान विष्णु की जया एकादशी का प्रभाव है। इन्द्र इससे प्रसन्न हुए और कहा कि वे जगदीश्वर के भक्त हैं इसलिए अब से उनके लिए आदरणीय हैं अत: स्वर्ग में आनन्द पूर्वक विहार करें।

शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि : पुलवामा आतंकी हमला

दिल्ली: दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में बृहस्पतिवार को हुए भयावह आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ के 40 जवानों की पार्थिव देह जब उनके पैतृक गांवों के लिए रवाना की गईं तो गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शहीदों को कंधा दिया। सीआरपीएफ, एनआईए और गृह मंत्रालय के अधिकारियों के उच्चस्तरीय दल के साथ शुक्रवार यहां पहुंचते ही राजनाथ सिंह पास के सीआरपीएफ परिसर पहुंचे जहां दिवंगत जवानों की पार्थिव देह पर पुष्पचक्र चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

दरअसल, गुरुवार को सीआरपीएफ का काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था. इस काफिले में करीब 70 गाड़ियां थीं और 2500 जवान शामिल थे. उसी दौरान सामने से विस्फोटक से लदी एक एसयूवी कार आई और उसने सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी. आतंकवादी ने जिस कार से टक्कर मारी थी, उसमें करीब 350 किलो विस्फोटक थे. इसकी वजह से विस्फोट इतना घातक हुआ कि इसमें 40 जवान शहीद हो गए. इस घटना पर पीएम मोदी ने सीधे तौर पर कहा है कि आतंकी बहुत बड़ी गलती कर चुके हैं और अब उन्हें इसका अंजाम भी भूगतना होगा. 

दिल्ली से यहां पहुंचते ही गृह मंत्री ने श्रद्धांजलि सभा में शिरकत की जहां 40 सीआरपीएफ जवानों की पार्थिव देह तिरंगे में लिपटे ताबूतों में रखी गईं। समारोह में उपस्थित एक अधिकारी ने बताया कि सिंह ने एक शहीद सीआरपीएफ जवान को कंधा भी दिया। इसके बाद पार्थिव देह को विमान से जम्मू कश्मीर से ले जाया गया।

बल की ओर से अंतिम श्रद्धांजलि के लिए बिगुल बजाया गया और जवानों ने शहीदों के सम्मान में शस्त्र उल्टा रखने की शोक सलामी शस्त्र’ की परिपाटी को पूरा किया। इसके बाद दो मिनट का मौन रखा गया। इसके पश्चात गृह मंत्री ने एक जवान को कंधा दिया जिसकी पार्थिव देह को विमान से उसके पैतृक स्थल ले जाया जा रहा था।

गृह मंत्री सिंह, जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, गृह सचिव राजीव गौबा, सीआरपीएफ महानिदेशक आर आर भटनागर, जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह और अन्य लोगों ने शहीद जवानों को पुष्पांजलि अर्पित की। सिंह ने कहा कि राष्ट्र हमारे बहादुर सीआरपीएफ जवानों के सर्वेाच्च बलिदान को नहीं भूलेगा।

उन्होंने कहा कि मैंने पुलवामा के शहीदों को अपनी अंतिम श्रद्धांजलि दे दी है। बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। अधिकारी के अनुसार जब तक ताबूतों को श्रीनगर हवाईअड्डे जा रहे ट्रक में रखा गया तब तक उपस्थित सभी गणमान्य लोग मौन खड़े रहे। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में बृहस्पतिवार को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये और पांच घायल हो गये।

सिद्धू बोले, स्थायी समाधान के लिए हो बातचीत : पुलवामा हमला


चंडीगढ़: जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को कहा कि इस समस्या को स्थायी तौर पर हल करने के लिए बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने आतंकी हमले को निंदनीय और कायरतापूर्ण करार दिया। 

सिद्धू ने कहा, ‘आखिर कब तक हमारे जवान अपनी जान देते रहेंगे, हमें इसका स्थायी समाधान निकालने के लिए बात करनी चाहिए’ उन्होंने कहा कि इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए, गालियां देने से कुछ नहीं होगा। पाकिस्तान पर नरम रुख दिखाते हुए सिद्धू ने यह भी कहा कि आतंकवाद का कोई देश नहीं होता, आतंकियों का कोई मजहब नहीं होता और ना ही उनकी कोई जाति होती है।

श्रमिकों के लिए क्रियान्वित पीएमवाईएमडी पैंशन योजना

पंचकूला 15 फरवरी।

प्रधानमंत्री श्रम योगी मान धन पैंशन योजना जिला पंचकूला के श्रमिक के लिए क्रियान्वित कर दी गई है। 

इस संबध में जानकारी देते हुए सहायक लेबर आयुक्त नवीन शर्मा ने बताया कि शहरी क्षेत्र के श्रमिक इस योजना के तहत अभयपुर स्थित अटल सेवा केन्द्र तथा ग्रामीण क्षेत्र के श्रमिक रायपुररानी के अंतोदय सरल केन्द्र में इस योजना का लाभ लेने के लिए सेवाएं आरम्भ कर दी गई है। श्रमिक पैंशन योजना के लिए इन केन्द्रों पर आवेदन कर सकते हैं।  

गिद्ध संरक्षण व उनके प्रकृति में पुनर्वास बारे कार्यषाला का आयोजन

पंचकूला 15 फरवरी।

रेडबिषप टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स, पंचकूला में दो दिवसीय गिद्ध संरक्षण व उनके प्रकृति में पुनर्वास बारे कार्यषाला का आयोजन वन एवं वन्य प्राणी विभाग, हरियाणा, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, भारत सरकार एवं बॉम्बे नैचुरल हिस्टरी सोसाईटी के सहयोग से किया गया। कार्यषाला की विशय वस्तु श्श्रंजंलन ैवसपबपजे श्रनकपबपवने नेम व िटमजमतपदंतल क्तनहे वित पजे ेनतअपअंसश् थी। इस कार्यषाला का शुभारंभ श्री सिद्धिनाथ राय, भा0प्र0से0, अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा सरकार, वन एवं वन्य प्राणी विभाग द्वारा   किया गया। इस कार्यषाला में वन, पषु पालन, औशधि नियंत्रण एवं पषु चिकित्सा विभाग के हरियाणा के साथ लगते पांच राज्यों (पंजाब, उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेष, हिमाचल एवं चण्डीगढ़ प्रषासन) के वरिश्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर डॉ, श्रीमती, अमरिंदर कौर, भा0व0से0, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं प्रबंध निदेषक, हरियाणा वन विकास निगम, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, हरियाणा, डॉ अनिल हुड्डा, भा0व0से0, श्री वी0एस0तंवर0, भा0व0से0, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य प्राणी वार्डन, हरियाणा, श्री जगदीष चन्द्र, भा0व0से0,  प्रधान मुख्य वन संरक्षक, सदस्य सचिव, हरियाणा, जैव विविधता बोर्ड, वन संरक्षक (वन्य प्राणी), पंचकूला, श्री एम0एल0राजवंषी, भा0व0से0, डॉ0 विभु प्रकाष, वरिश्ठ वैज्ञानिक, श्रीमती, निकिता प्रकाष, बॉम्बे नैचुरल हिस्टरी सोसाईटी एवं हरियाणा के सभी वन्य प्राणी मण्डलों के मण्डलीय वन्य प्राणी अधिकारी उपस्थित रहे तथा वन्यजीव विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर बोलते हुये मुख्य अतिथि श्री सिद्धिनाथ राय, भा0प्र0से0, ने बताया की गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र, पिंजौर गिद्धों के सरंक्षण के लिये देष का प्रथम अन्वेशक केन्द्र है। उन द्वारा बताया गया कि गिद्धों के सरंक्षण एवं पुनर्वास के लिये धन की कोई कमी नहीं होनी दी जायेगी। कार्यषाला में भाग लेने वाले प्रवक्ताओं ने इस केन्द्र के चारो तरफ 100 किलोमीटर के दायरे में औशधि मुक्त क्षेत्र तैयार करने के लिये व भोजन की उपलब्धता बारे विस्तार से चर्चा की। 

इस कार्यषाला के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुये श्री वी0एस0तंवर0, भा0व0से0  प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्य प्राणी वार्डन, हरियाणा ने गिद्ध संरक्षण के लिये किये गये अब तक के कार्यो पर संतोश व्यक्त किया व गिद्धो के प्राकृतिक आवास में छोड़ने की महत्त्वाकांक्षी योजना बारे सभी आस-पास के राज्यों से आये प्रतिभागियों से मिलजुलकर इसे सफल बनाने सामुहिक प्रयास करने का आह्वान किया। 

इस कार्यषाला के समापन पर आस पास से आये प्रतिभागियों ने जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र का दौरा किया और वहां पर गिद्ध संरक्षण से सम्बन्धित प्रयोगषालाओं एवं अन्य सुविधाओं की सराहना की।

शिक्षा विभाग हरियाणा के साथ बाल सुरक्षा कानून काउंसलिंग

पंचकूला 15 फरवरी।

हरियाणा बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा शिक्षा विभाग हरियाणा के साथ बाल सुरक्षा सुरक्षा कानून काउंसलिंग तकनीकों पर दो दिवसीय राज्य दरिया प्रशिक्षण आवास भवन सेक्टर 6 पंचकूला मैं आयोजित किया गया स्मार्ट शॉप में हरियाणा के विभिन्न जिला से काउंसलर्स ने हिस्सा लिया प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए  आयोग की चेयरपर्सन श्रीमती ज्योति बेंदा ने कहा कि बाल हित सर्वोपरि है हम तो जागे हैं और हमें औरों को जगाना है इस कार्यशाला में विभिन्न विषय विशेषज्ञों जैसे कि प्रोफेसर आदर्श कोहली, सीनियर प्रोफेसर पीजीआई चंडीगढ़ एवं मानबीर तंजीप मास्टरडे आरजू असिस्टेंट प्रोफेसर क्लिनिकल साइकोलॉजी ने प्रतिभागियों को  विभिन्न विषयों पर संबोधित किया।