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किर्ति आज़ाद के लिए दरभंगा सीट बनी चुनौती

दरभंगाः 

महागठबंधन में सीटों का फॉर्मूला तय होने की बात कही जा रही है. हालांकि लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सीटों पर उम्मीदवारी की पेंच महागठबंधन से लेकर एनडीएतक फंसी है. महागठबंधन में सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को लेकर कहा जा रहा है कि कांग्रेस 11 सीटों पर बिहार में चुनाव लड़ेगी.

सूत्रों की माने तो 21+11+5+2+1 का फॉर्मूला अपनाया गया है. यानी की आरजेडी 21, कांग्रेस 11, आरएलएसपी 5, हम 2 और वीआईपी को 1 सीट मिलेगी. लेकिन उम्मीदवारी को लेकर कई सीटों पर गणित उलझ रही है. जिसमें अब दरभंगा और मधुबनी सीट को लेकर भी पेंच फंसती नजर आ रही है.

हाल ही में कांग्रेस में शामिल होने वाले कीर्ति आजाद के लिए यह अच्छी खबर नहीं है. लेकिन दरभंगा सीट पर कांग्रेस की ओर से ताल ठोकने वाले कीर्ति आजाद से यह सीट छिन सकती है.

कीर्ति आजाद कांग्रेस ज्वाइन करने से पहले ही दरभंगा सीट पर लड़ने का दावा कर रहे थे. वहीं, कांग्रेस में आने के बाद भी वह दरभंगा सीट से ही लड़ने का दावा कर रहे थे. लेकिन अब इस सीट पर पेंच फंसती दिख रही है.

वहीं, दरभंगा सीट के अलावा मधुबनी सीट से चुनाव लड़ने वाले अब्दुल बारी सिद्दीकि के लिए भी अच्छी खबर नहीं है.

माना जा रहा है कि दरभंगा सीट आरजेडी के पाले में जा सकती है और अब्दुल बारी सिद्दीकि मधुबनी के स्थान पर दरभंगा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. ऐसे में कीर्ति आजाद के खाते में कौन सी सीट होगी यह भी बड़ा सवाल उठ रहा है.

दरअसल, कांग्रेस विधायक भावना झा के एक बयान के बाद दरभंगा और मधुबनी सीट पर पेंच फंसने के कयास बिहार की राजनीति में शुरू हो गए.

दरभंगा के बेनीपट्टी से विधायक भावना झा ने मधुबनी सीट पर शकील अहमद के लिए मांगा है. उन्होंने कहा कि सिद्दीकि साहब दरभंगा सीट से चुनाव लड़ें तो बेहतर होगा.

वहीं, दरभंगा सीट पर कीर्ति आजाद की दावेदारी को लेकर कहा कि वह बड़े नेता हैं. वह बड़े चेहरे हैं पूरे बिहार में कहीं से भी चुनाव लड़ेंगे तो वह जीत जाएंगे.

लेकिन दरभंगा सीट पर सिद्दीकि साहब को मिलेगा तो बेहतर होगा. क्योंकि मधुबनी सीट पर शकील अहमद की मजबूत पकड़ हैं.

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भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवारों की पहली सूची आज जारी कर सकती है

आज भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है।

इसे लेकर दिल्ली में केंद्रीय चुनाव समिति की आज अहम बैठक है।

इसके बाद उम्मीदवारों के नामों का एलान हो सकता है। कुल 180 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा हो सकती है। इसे लेकर दिल्ली में सियासी हलचल बढ़ गई है।

भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक आज शाम को पार्टी कार्यालय में होगी।

इस बैठक में 11 अप्रैल को होने वाले पहले चरण के मतदान वाली सीटों के उम्मीदवारों पर अंतिम
फैसला लिया जा सकता है।

चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक पहले चरण में बीस राज्यों की 90 सीटों पर मतदान होना है।

भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक समिति की बैठक में सबसे पहले पश्चिमी उत्तरप्रदेश की सीटों पर फैसला लिया जा सकता है।

इनमें नोएडा, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, बागपत, बिजनौर, कैराना, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और मेरठ शामिल हैं। 


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आंध्र प्रदेश में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़

आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम जिले के पेदाबयालू में आज सुबह सुरक्षाबलों और हथियारों से लैस नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई।

नक्सलियों के साथ राज्य पुलिस और सीआरपीएफ की 198 बटालियन की मुठभेड़ में दो नक्सली ढेर हो गए हैं।

इसमें एक सीआरपीएफ जवान भी घायल हो गया है जिसे कि अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुठभेड़ अब खत्म हो चुकी है। 

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शर्मिला टैगोर को चुनावी दंगल में उतारने की चर्चा

लोकसभा क्षेत्र के इस बार भी हॉट सीट बनने की संभावना है।

“शर्मिला टैगोर को चुनावी दंगल में उतारने की चर्चा काफी गर्म है”।

राव इंद्रजीत सिंह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए है, इस कारण कांग्रेस के पास इस क्षेत्र में कद्दावर नेता का अकाल सा पड़ गया है।

गत चुनाव में कांग्रेस को तीसरे नंबर रहते हुए करारी हार का सामना करना पड़ा था।

इस कारण कांग्रेस की ओर से इस बार मोहम्मद मंसूर अली खान पटौदी की पत्नी एवं सिने तारिका शर्मिला टैगोर को चुनावी दंगल में उतारने की चर्चा काफी गर्म है।

उनको चुनाव में मैदान उतारने के पीछे तर्क दिए जा रहे है कि वह मुस्लिम समुदाय के साथ हिंदुओं के भी वोट हासिल कर सकती है।

इसके अलावा उनके पंजाबी समाज के भी अच्छे खासे वोट लेने की संभावना है।

दरअसल उनके फिल्म स्टार बेटे सैफ अली खान की पत्नी एवं विख्यात फिल्म हीरोइन करीना कपूर खान पंजाबी समाज की है।

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मोबाइल ऐप की मदद से घर बैठे बनवा सकते है वोटर कार्ड

देश में लोकसभा चुनाव 2019 शुरू होने वाले है, इसको ध्यान में रखकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली हैं।

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए सभी देश वासियों में उतसाह बना हुआ हैं। 

लेकिन अगर आपके पास मतदाता पहचान पत्र वोटर कार्ड नहीं है, तो आप अगामी लोकसभा चुनाव 2019 में अपना कीमती वोट नहीं डाल सकेंगे।

भारत में जिन देश वासियों के पास वोटर कार्ड नहीं हैं, उनके लिए भारत सरकार ने एक खास ऐप लॉन्च किया है।

इस ऐप की मदद से वे लोग जिनके पास वोटर कार्ड नहीं हैं, वे अपना वोटर कार्ड घर बैठे ही बनवा सकते हैं।

चुनाव आयोग ने इस ऐप को देश वासियों के लिए लॉन्च किया है, Voter Helpline ऐप को आप गूगल प्ले स्टोर से भी डाउनलोड कर सकते है।

डाउनलोड होने के बाद आप वोटर हेल्पलाइन ऐप की मदद से अपना वोटर कार्ड बना सकते है।

वोटर हेल्पलाइन ऐप के डाउनलोड होने के बाद आपको इसमें रजिस्ट्रेशन करना होगा। 

इस ऐप की मदद से आप अपना नाम वोटर लिस्ट में चैक कर सकते हैं।

  • सबसे पहले आपको ऐप में जाकर सर्च ऑप्शन में अपना नाम इलेक्ट्रॉल रोल में सर्च करना होगा।
  • इसके बाद आपको अपना वोटर आईडी कार्ड का नंबर भी एंटर करना होगा। इसके बाद यह ऐप आपका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं इसकी जानकारी दे देगा।

वोटर हेल्पलाइन की मदद से आप आसानी से नए वोटर कार्ड को बनवा सकते है। साथ ही अगर आपके वोटर कार्ड में गलत जानकारी मौजूद है, तो आप उसे भी इस ऐप की मदद से ठीक कर सकते हैं। इसके अलावा आप भी अपने नए वोटर कार्ड का स्टेटस जान सकते है। 

वोटर हेल्पलाइन ऐप अपने यूजर्स को चुनाव आयोग से संबंधित जानकारियां भी उपलब्ध करवाएगा।

इतना ही नहीं यह ऐप यूजर्स को चुनाव से जुड़े नियम की जानकारी भी देगा। साथ ही यूजर्स चुनाव को लेकर अपनी शिकायत भी दर्ज कर सकते है।


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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश में उद्योगपतियों के कर्ज माफ किए जाते हैं लेकिन किसानों की कर्ज माफी नहीं होती

ओडिशा:

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को ओडिशा में रैली को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार व राज्य सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने रैली में कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सिंचाई, कोल्ड स्टोरेज आदि के वादे किए थे। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश में उद्योगपतियों के कर्ज माफ किए जाते हैं लेकिन किसानों की कर्ज माफी नहीं होती है।

राहुल गांधी ने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ में जीत के बाद दस दिनों के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर दिया। इसके एक दो दिन बाद हर किसान को ढाई हजार रुपये दिए।  

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए अपने घोषणा पत्र में स्वास्थ्य सेवा कानून के वादे को शामिल करने पर विचार कर रही है।

राहुल गांधी ने एक गैर सरकारी संगठन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में चिकित्सकीय पेशेवरों से कहा कि यह सुनिश्चित करना कांग्रेस की प्रतिबद्धता का हिस्सा है कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं तक हर किसी की पहुंच हो।

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करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर भारत ने पाकिस्तान से कहा,5000 श्रद्धालुओं को बिना वीजा जाने की अनुमति दे

पुलवामा आतंकी हमले के एक महीने बाद करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर भारत-पाकिस्तान के बीच वीरवार को अधिकारी स्तर की बैठक हुई।

दोनों देशों इस बात पर सहमत हुए कि श्रद्धालुओं की एंट्री के लिए पासपोर्ट अनिवार्य होगा।

भारतीय अधिकारियों ने प्रतिदिन पांच हजार श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए भेजे जाने पर जोर दिया।

इस दौरान भारत ने पाकिस्तान से करतारपुर गुरुद्वारे के लिए हर रोज 5000 श्रद्धालुओं को बिना वीजा जाने की अनुमति देने की मांग की।

यह बैठक पंजाब के गुरदासपुर जिले और सीमा के उस पार करतारपुर साहिब के बीच श्रद्धालुओं के लिए प्रस्तावित कॉरिडोर को खोलने पर चर्चा के लिए हुई। 

इसके अलावा यह प्रस्ताव भी दिया कि गुरु पर्वों और अन्य ऐतिहासिक दिवसों पर अलग से दस हजार श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति और इस कॉरिडोर को पूरा साल खुला रखा जाए। 

बैठक में यह भी बात हुई कि भारत सरकार करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए जाने वाले जत्थे में शामिल श्रद्धालुओं की सूची पाकिस्तान को देगी।

पाकिस्तान सरकार एक-दो दिन में उस पर अपनी अनुमति दे देगी। कोशिश रहेगी कि करतारपुर साहिब की यात्रा केवल पासपोर्ट से हो जाए।

वीजा और अन्य दस्तावेजों आदि की जरूरत न पड़े। इस प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है। 

अब 19 मार्च को दोनों देशों के तकनीक विशेषज्ञ डेरा बाबा नानक इंटरनेशनल बॉर्डर की जीरो रेखा पर करतारपुर साहिब के लिए बनाए जा रहे टर्मिनलों और अन्य निर्माण कार्यों की जांच करेंगे।

दोनों कॉरिडोर एक-दूसरे कैसे मिलेंगे, इस पर भी चर्चा होगी। दो अप्रैल को एक बार फिर दोनों देशों के अधिकारी पाकिस्तान वाघा बॉर्डर पर एक बैठक करेंगे।

इस बैठक में केवल पासपोर्ट के साथ यात्रा की अनुमति देने पर बातचीत होगी।

इस दौरान पाकिस्तानी शिष्टमंडल के मुखिया डॉ. मोहम्मद फैजल ने विश्वास दिलाया कि आतंकवादियों को श्री करतारपुर साहिब की पावन धरती का प्रयोग नहीं करने दिया जाएगा।

भारतीय अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया कि यह बैठक करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण को लेकर थी। इस बैठक को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत न समझा जाए।

यह बैठक दिल्ली में नहीं, दोनों देशों को बांटने वली सीमा अटारी में हुई है। दोनों पक्षों के बीच पांच घंटे तक लगातार बातचीत हुई।

करतारपुर साहिब पाकिस्तान में पंजाब के नरोवाल जिले में है।

रावी नदी के दूसरी ओर स्थित करतारपुर साहिब की डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से दूरी करीब चार किमी है।

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में भारतीय शिष्टमंडल के मुखिया गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव एससीएल दास ने बताया कि इस बैठक में पाकिस्तानी अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया गया है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा भारत सरकार की प्राथमिकता है।

भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और आतंकी सरगना हाफिज सईद के साथी गोपाल चावला की बैठक का मुद्दा उठाते हुए कहा कि गुरुद्वारे साहिब के दर्शनों को जाने वाले श्रद्धालुओं की पवित्रता के साथ कोई भी समझौता नहीं होगा।

जिस श्रद्धा के साथ श्रद्धालु करतारपुर जाएंगे, उनकी आस्था को कोई भी चोट न पहुंचे। 

सुबह पाकिस्तान से 20 सदस्यीय शिष्टमंडल अटारी सीमा के रास्ते पहुंचा। इस शिष्टमंडल में तीन महिला अधिकारी भी शामिल थीं।

कड़ी सुरक्षा के बीच पाकिस्तानी अधिकारियों को अटारी सीमा से आईसीपी स्थित कांफ्रेंस हाल में ले जाया गया।


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मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के पास सीएसटी ब्रिज हादसे में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है और 30 से अधिक घायल

फुटओवर ब्रिज हादसे पर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने स्थिति का जायजा लिआ और मारे गए 6 लोगों के परिजनों को 5-5 लाख का मुआवजा देने का ऐलान भी किया है।

मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के पास सीएसटी ब्रिज हादसे में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है और 30 से अधिक घायल हो गए हैं।

घायल लोगों को अस्पताल में इलाज चल रहा है। 

सड़क से मलबा हटाने का काम जारी है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने मृतकों के परिजन के लिए पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है।

उन्होंने कहा कि 40 साल पुराने इस पुल के गिरने की जांच एक उच्चस्तरीय समिति करेगी।

घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। उनके इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी।

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सुप्रीम कोर्ट – 50% वोटों का मिलान वीवीपैट की पर्ची से कराने की मांग

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट 21 विपक्षी पार्टियों के द्वारा दायर की गई याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा।

पार्टियों की मांग है कि आम चुनावों के नतीजे से पहले कम से कम 50% वोटों का मिलान वीवीपैट की पर्चियों से किया जाए।

चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने की मांग को लेकर गुरुवार को 10 से ज्यादा विपक्षी दलों के नेता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।

याचिकाकर्ताओं में आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू (टीडीपी), शरद पवार (एनसीपी), फारुक अब्दुल्लाह (एनसी), शरद यादव (एलजेडी), अरविंद केजरीवाल (आप), अखिलेश यादव (एसपी), डेरेक ओब्रायन (टीएमसी) और एमके स्टालिन (डीएमके) शामिल थे।

इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई करेंगे। 

पार्टियों ने कहा कि हमें ईवीएम की प्रमाणिकता पर संदेह है, जो चुनाव प्रक्रिया की पवित्रता पर भी संशय पैदा करता है।

ऐसे में आयोग यह अनिवार्य करे कि 50 फीसदी ईवीएम मतों का मिलान वीवीपैट पर्चियों से किया जाए। 21 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने चुनाव आयोग को भी ज्ञापन सौंपा।

नवंबर-दिसंबर में पांच विधानसभाओं में हुए चुनाव के दौरान भी इन पार्टियों के द्वारा ईवीएम को लेकर सवाल उठाए गए थे।

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Latest News : मुंबई में रेलवे स्टेशन के सामने फुटओवर ब्रिज गिरा

मुंबई CST स्टेशन के सामने एक बड़ा हादसा हुआ है। सीएसटी स्टेशन के सामने का फुट ओवर ब्रिज गिर गया है।

जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई है। और 23 लोग घायल हैं।

जो ब्रिज गिरा है वह सीएसटी स्टेशन को आजाद मैदान से जोड़ने वाला ब्रिज है।

हर रोज इस पर हजारों लोग गुजरते हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक जो ब्रिज गिरा है वह बेद पुराना था।

जिसके बजाय अब नया ब्रिज बनाना चाहिए था। लेकिन सरकार के लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ है। 

बताया जा रहा है कि हादसे के वक्‍त ब्रिज पर काफी लोग मौजूद थे।

हादसा छत्रपति शिवाजी रेलवे स्‍टेशन के बाहर हुआ है।

बताया जा रहा है कि लगभग 23 लोग घायल हुए हैं। 15 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका। और दो महिलाओं की मौत हो गई है।

जिस समय यह ब्रिज गिरा, ब्रिज पर तो सर्वाधिक भीड़ का समय होता ही है, ब्रिज के नीचे भी उस समय सबसे ज्यादा भीड़ होती है।

लिहाजा ब्रिज पर चल रहे लोगों के साथ-साथ उसके नीचे पहुंचे लोग भी इस दुर्घटना की चपेट में आए। मलबे के नीचे आई एक टैक्सी बिल्कुल पिचक गई।

मलबे में दबे सभी लोगों को निकाल लिया गया है।घटना के कुछ देर बाद ही घटनास्थल पर पहुंचे दमकल और पुलिसकर्मियों ने घायलों को निकट के सेंट जॉर्ज एवं जी.टी.हॉस्पिटल पहुंचाया।

मुंबई पुलिस के मुताबिक ‘टाइम्‍स ऑफ इंडिया बिल्डिंग के पास सीएसटी के प्‍लेटफॉर्म संख्‍या 1 को बीटी लेन से जोड़ने वाला फुटओवर ढह गया है। घायलों को अस्‍पताल ले जाया जा रहा है।

फिलहाल ट्रैफिक के चलते काफी देर तक एंबुलेंस घटनास्थल तक नहीं पहुंच पा रही थी।

इस दुर्घटना को लेकर रेलवे ने कहा है कि ब्रिज की जिम्मेदारी ब्रह्नमुंबई मुनिसिपल कॉर्पोरेशन की है। फिर भी रेलवे राहत कार्य में जुटा है। और रेलवे के डॉक्टर पूरा सहयोग कर रहे हैं।

दक्षिण मुंबई से निकलकर उपनगरीय मुंबई और ठाणे के लिए जानेवाले इसी मार्ग से गुजरते हैं। दुर्घटना के बाद यह मार्ग बंद कर दिया गया है। मलबा हटाने की कोशिश की जा रही है।

रेलवे के सूत्रों के अनुसार, इस ब्रिज के मलबे में अभी भी कई लोगों के दबे होने की आशंका है, जिसे देखते हुए इलाके में बड़े स्तर पर राहत कार्य शुरू कराए गए हैं।

मुंबई के जिस स्थान पर यह हादसा हुआ उससे कुछ ही दूरी पर मुंबई पुलिस और मुंबई महानगरपालिका के मुख्यालय स्थित हैं।

सेंट्रल रेलवे के डीआरएम डीके शर्मा के अनुसार, जिस ब्रिज के गिरने से यह हादसा हुआ उसकी देखरेख का काम बीएमसी करती है। उन्होंने बताया कि ब्रिज का निर्माण कार्य रेलवे ने कराया था, लेकिन रखरखाव की जिम्मेदारी बीएमसी की ही थी।

देश की आर्थिक राजधानी में किस तरह लापरवाही हो रही है इसका अंदाजा हम इसी से लगा सकते हैं कि यह साल भर में दूसरी ब्रिज गिरने की घटना है। 3 जुलाई 2018 को अंधेरी स्टेशन के करीब एक फुटओवर ब्रिज का हिस्सा गिर गया था।

जिसके चलते वेस्टर्न लाइन पर लोकल ट्रेनों की आवाजाही छप हो गई थी। हादसे में कई लोग जख्मी हुए थे। भारी वजन के चलते पुल गिरने की बात सामने आई थी।

हालांकि गोखले ब्रिज के गिरने के बाद भी सरकार ने किसी भी तरह की सतर्कता नहीं बरती और सीएसटी स्टेशन के करीब यह हादसा देखने को मिला।

जबकि CST स्टेशन मुंबई का बेहद प्रमुख स्टेशन है। साथ ही यह बेहद पुराना ब्रिज था जो गिरा है।