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श्री माता मनसा देवी – पंचकूला

पंचकूला:

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भारत की सभ्यता एवं संस्कृति आदिकाल से ही विश्व की पथ-प्रदर्शक रही है और इसकी चप्पा-चप्पा धरा को ऋषि मुनियों ने अपने तपोबल से पावन किया है। हरियाणा की पावन धरा भी इस पुरातन गौरवमय भारतीय संस्कृति, धरोहर तथा देश के इतिहास एवं सभ्यता का उदगम स्थल रही है। यह वह कर्म भूमि है, जहां धर्म की रक्षा के लिए दुनिया का सबसे बड़ा संग्राम महाभारत लड़ा गया था और गीता का पावन संदेश भी इसी भू-भाग से गुंजित हुआ है। वहीं शिवालिक की पहाडिय़ों से लेकर कुरूक्षेत्र तक के 48 कोस के सिंधुवन में ऋषि-मुनियों द्वारा पुराणों की रचना की गई और यह समस्त भूभाग देवधरा के नाम से जाना जाता है।


इसी परम्परा में हरियाणा के जिला पंचकूला में ऐतिहासिक नगर मनीमाजरा के निकट शिवालिक पर्वत मालाओं की गोद में सिन्धुवन के अतिंम छोर पर प्राकृतिक छटाओं से आच्छादित एकदम मनोरम एवं शांति वातावरण में स्थित है – सतयुगी सिद्घ माता मनसा देवी का मंदिर। कहा जाता है कि यदि कोई भक्त सच्चे मन से 40 दिन तक निरंतर मनसा देवी के भवन में पहुंच कर पूजा अर्चना करता है तो माता मनसा देवी उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करती है। माता मनसा देवी का चैत्र और आश्विन मास के नवरात्रों में मेला लगता है।


माता मनसा देवी के मंदिर को लेकर कई धारणाएं व मान्यताएं प्रचलित हैं। श्री माता मनसा देवी का इतिहास उतना ही प्राचीन है, जितना कि अन्य सिद्घ शक्तिपीठों का। इन शक्ति पीठों का कैसे और कब प्रादुर्भाव हुआ इसके बारे में शिव पुराण में विस्तृत वर्णन मिलता है। धर्म ग्रंथ तंत्र चूड़ामणि के अनुसार ऐसे सिद्घ पीठों की संख्या 51 है, जबकि देवी भागवत पुराण में 108 सिद्घ पीठों का उल्लेख मिलता है, जो सती के अंगों के गिरने से प्रकट हुए। श्री माता मनसा देवी के प्रकट होने का उल्लेख शिव पुराण में मिलता है। माता पार्वती हिमालय के राजा दक्ष की कन्या थी व अपने पति भगवान शिव के साथ कैलाश पर्वत पर उनका वास था। कहा जाता है कि एक बार राजा दक्ष ने अश्वमेध यज्ञ रचाया और उसमें सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया, परन्तु इसमें भगवान शिव को नहीं बुलाया, इसके बावजूद भी पार्वती ने यज्ञ में शामिल होने की बहुत जिदद की। महादेव ने कहा कि बिना बुलाए वहां जाना नहीं चाहिए और यह शिष्टाचार के विरूद्घ भी है। अन्त मे विवश होकर मां पार्वती का आग्रह शिवजी को मानना पड़ा। शिवजी ने अपने कुछ गण पार्वती की रक्षार्थ साथ भेजे। जब पार्वती अपने पिता के घर पहुंची तो किसी ने उनका सत्कार नहीं किया। वह मन ही मन अपने पति भगवान शंकर की बात याद करके पश्चाताप करने लगी। हवन यज्ञ चल रहा था। यह प्रथा थी कि यज्ञ में प्रत्येक देवी देवता एवं उनके सखा संबंधी का भाग निकाला जाता था। जब पार्वती के पिता ने यज्ञ से शिवजी का भाग नहीं निकाला तो पार्वती को बहुत आघात लगा। आत्म सम्मान के लिए गौरी ने अपने आपको यज्ञ की अग्नि में होम कर दिया। पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में प्राणोत्सर्ग करने के समाचार को सुन शिवजी बहुत क्रोधित हुए और वीरभद्र को महाराजा दक्ष को खत्म करने के लिए आदेश दिए। क्रोध में वीरभद्र ने दक्ष का मस्तक काटकर यज्ञ विघ्वंस कर डाला। शिवजी ने जब यज्ञ स्थान पर जाकर सती का दग्ध शरीर देखा तो सती-सती पुकारते हुए उनके दग्ध शरीर को कंधे पर रखकर भ्रान्तचित से तांडव नृत्य करते हुए देश देशातंर में भटकने लगे।


भगवान शिव का उग्र रूप देखकर ब्रहमा आदि देवताओं को बड़ी चिंता हुई। शिवजी का मोह दूर करने के लिए सती की देह को उनसे दूर करना आवश्यक था, इसलिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से लक्ष्यभेद कर सती के शरीर को खंड-खंड कर दिया। वे अंग जहां-जहां गिरे वहीं शक्तिपीठों की स्थापना हुई और शिव ने कहा कि इन स्थानों पर भगवती शिव की भक्ति भाव से आराधना करने पर कुछ भी दुलर्भ नहीं होगा क्योंकि उन-उन स्थानों पर देवी का साक्षात निवास रहेगा। हिमाचल प्रदेश के कांगडा के स्थान पर सती का मस्तक गिरने से बृजेश्वरी देवी शक्तिपीठ, ज्वालामुखी पर जिव्हा गिरने से ज्वाला जी, मन का भाग गिरने से छिन्न मस्तिका चिन्तपूर्णी, नयन से नयना देवी, त्रिपुरा में बाई जंघा से जयन्ती देवी, कलकत्ता में दाये चरण की उंगलियां गिरने से काली मदिंर, सहारनपुर के निकट शिवालिक पर्वत पर शीश गिरने से शकुम्भरी, कुरूक्षेत्र में गुल्फ गिरने से भद्रकाली शक्ति पीठ तथा मनीमाजरा के निकट शिवालिक गिरिमालाओं पर देवी के मस्तिष्क का अग्र भाग गिरने से मनसा देवी आदि शक्ति पीठ देश के लाखों भक्तों के लिए पूजा स्थल बन गए हैं।


एक अन्य दंत कथा के अनुसार मनसा देवी का नाम महंत मंशा नाथ के नाम पर पडा बताया जाता है। मुगलकालीन बादशाह सम्राट अकबर के समय लगभग सवा चार सौ वर्ष पूर्व बिलासपुर गांव में देवी भक्त महंत मन्शा नाथ रहते थे। उस समय यहां देवी की पूजा अर्चना करने दूर-दूर से लोग आते थे। दिल्ली सूबे की ओर से यहां मेले पर आने वाले प्रत्येक यात्री से एक रुपया कर के रूप में वसूल किया जाता था। इसका मंहत मनसा नाथ ने विरोध किया। हकूमत के दंड के डर से राजपूतों ने उनके मदिंर में प्रवेश पर रोक लगा दी। माता का अनन्य भक्त होने के नाते उसने वर्तमान मदिंर से कुछ दूर नीचे पहाडों पर अपना डेरा जमा लिया और वहीं से माता की पूजा करने लगा। महंत मंशा नाथ का धूना आज भी मनसा देवी की सीढियों के शुरू में बाई ओर देखा जा सकता है।
आईने अकबरी में यह उल्लेख मिलता है कि जब सम्राट अकबर 1567 ई. में कुरूक्षेत्र में एक सूफी संत को मिलने आए थे तो लाखों की संख्या में लोग वहां सूर्य ग्रहण पर इकटठे हुये थे। महंत मंशा नाथ भी संगत के साथ कुरूक्षेत्र में स्नान के लिये गये थे। कहते हैं कि जब नागरिकों एवं कुछ संतों ने अकबर से सरकार द्वारा यात्रियों से कर वसूली करने की शिकायत की तो उन्होंने हिंदुओं के प्रति उदारता दिखाते हुए सभी तीर्थ स्थानों पर यात्रियों से कर वसूली पर तुरंत रोक लगाने का हुकम दे दिया, जिसके फलस्वरूप कुरूक्षेत्र एवं मनसा देवी के दर्शनों के लिए कर वसूली समाप्त कर दी गई।

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श्री माता मनसा देवी के सिद्घ शक्तिपीठ पर बने मदिंर का निर्माण मनीमाजरा के राजा गोपाल सिंह ने अपनी मनोकामना पूरी होने पर लगभग पौने दो सौ वर्ष पूर्व चार वर्षाे में अपनी देखरेख में सन 1815 ईसवी में पूर्ण करवाया था। मुख्य मदिंर में माता की मूर्ति स्थापित है। मूर्ति के आगे तीन पिंडीयां हैं, जिन्हें मां का रूप ही माना जाता है। ये तीनों पीडिंया महालक्ष्मी, मनसा देवी तथा सरस्वती देवी के नाम से जानी जाती हैं। मंदिर की परिक्रमा पर गणेश, हनुमान, द्वारपाल, वैष्णवी देवी, भैरव की मूर्तियां एवं शिव लिंग स्थापित है। इसके अतिरिक्त श्री मनसा देवी मंदिर के प्रवेश द्वार पर माता मनसा देवी की विधि विधान से अखंड ज्योत प्रज्जवलित कर दी गई है। इस समय मनसा देवी के तीन मंदिर हैं, जिनका निर्माण पटियाला के महाराज द्वारा करवाया गया था। प्राचीन मदिंर के पीछे निचली पहाडी के दामन में एक ऊंचे गोल गुम्बदनुमा भवन में बना माता मनसा देवी का तीसरा मदिंर है। मदिंर के एतिहासिक महत्व तथा मेलों के उपर प्रति वर्ष आने वाले लाखों श्रद्घालुओं को और अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए हरियाणा सरकार ने मनसा देवी परिसर को 9 सितम्बर 1991 को माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड का गठन करके इसे अपने हाथ मे ले लिया था।
श्री माता मनसा देवी की मान्यता के बारे पुरातन लिखित इतिहास तो उपलब्ध नहीं है, परन्तु पिंजौर, सकेतडी एवं कालका क्षेत्र में पुरातत्ववेताओं की खोज से यहां जो प्राचीन चीजे मिली हैं, जो पाषाण युग से संबंधित है उनसे यह सिद्घ होता है कि आदिकाल में भी इस क्षेत्र में मानव का निवास था और वे देवी देवताओं की पूजा करते थे, जिससे यह मान्यता दृढ होती है कि उस समय इस स्थान पर माता मनसा देवी मदिंर विद्यमान था। यह भी जनश्रुति है कि पांडवों ने बनवास के समय इस उत्तराखंड में पंचपूरा पिंजौर की स्थापना की थी। उन्होंने ही अन्य शक्तिपीठों के साथ-साथ चंडीगढ के निकट चंडीमदिंर, कालका में काली माता तथा मनसा देवी मदिंर में देवी आराधाना की थी। पांडवों के बनवास के दिनों में भगवान श्री कृष्ण के भी इस क्षेत्र में आने के प्रमाण मिलते हैं। त्रेता युग में भी भगवान द्वारा शक्ति पूजा का प्रचलन था और श्री राम द्वारा भी इन शक्ति पीठों की पूजा का वर्णन मिलता है।


हरिद्वार के निकट शिवालिक की ऊंची पहाडियों की चोटी पर माता मनसा देवी का एक और मदिंर विद्यमान है, जो आज देश के लाखों यात्रियों के लिये अराध्य स्थल बना हुआ है, परन्तु उस मदिंर की गणना 51 शक्तिपीठों में नहीं की जाती। पंचकूला के बिलासपुर गांव की भूमि पर वर्तमान माता मनसा देवी मदिंर ही सिद्घ शक्ति पीठ है, जिसकी गणना 51 शक्ति पीठों में होने के अकाट्य प्रमाण हैं। हरिद्वार के निकट माता मनसा देवी के मदिंर के बारे यह दंत कथा प्रसिद्घ है कि यह मनसा देवी तो नागराज या वासुकी की बहिन, महर्षि कश्यप की कन्या व आस्तिक ऋषि की माता तथा जरत्कारू की पत्नी है, जिसने पितरों की अभिलाषा एवं देवताओं की इच्छा एवं स्वयं अपने पति की प्रतिज्ञा को पूर्ण करने तथा सभी की मनोकामना पूर्ण करने के लिए वहां अवतार धारण किया था, सभी की मनोकामना पूर्ण करने के कारण अपने पति के नाम वाली जरत्कारू का नाम भक्तों में मनसा देवी के रूप में प्रसिद्घ हो गया। वह शाक्त भक्तों में अक्षय धनदात्रि, संकट नाशिनी, पुत्र-पोत्र दायिनी तथा नागेश्वरी माता आदि नामों से प्रसिद्घ है।

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International Conference on Catalysis for Clean Energy Technologies and Sustainable Development Concludes Successfully

Chandigarh April 6, 2024

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The 2 day International Conference on Catalysis for Clean Energy Technologies and Sustainable Development came to a triumphant close today, marking a significant milestone in the pursuit of innovative solutions for a sustainable future. Hosted by by Dr. SSB UICET in collaboration with Catalysis Society of India and Reliance Industries Ltd., the conference brought together more than 250 eminent scholars, researchers, industry professionals, and policymakers from around the globe to exchange ideas, share insights, and foster collaborations in the field of catalysis. With a focus on leveraging catalytic processes for advancing clean energy initiatives and promoting sustainability, the conference fostered insightful discussions, knowledge exchange, and collaborative endeavors aimed at addressing pressing issues faced by us today.

The valedictory ceremony began with welcome address by Prof. Anupama Sharma, Conference Chair and Chairperson, Dr. SSBUICET. The report of the two day confluence was presented by Prof. Sushil Kansal, Organising secretary, CCETSD-2024.

The valedictory ceremony was graced by the esteemed presence of Prof. Bhola Ram Gurjar, Director of the National Institute of Technical Teachers’ Training and Research (NITTTR), Chandigarh as the Chief Guest. Prof. Gurjar, a distinguished authority in the realm of leading academicians and researchers who have worked extensively in the domain of urban emissions, air quality, health risk assessment, climate change and environmental sustainability, delivered an enlightening address, emphasizing the pivotal role of catalysis in advancing sustainability efforts worldwide. Prof. Gurjar in his address said that catalysis plays a pivotal role in advancing environmental sustainability by enabling cleaner production processes, enhancing energy efficiency, facilitating renewable energy conversion, and promoting circular economy principles. Thus embracing catalytic solutions is essential for achieving a more sustainable future and mitigating the environmental challenges confronting our planet.

Among the distinguished guests was Dr. Rakshveer Jasra, Senior Vice President of Reliance Industries Limited (RIL), who honored the occasion with his esteemed presence. The conference also witnessed the presence of senior scientists from Reliance including Dr. Prakash Kumar, CEO at Adsorption Technologies, Former Astt. Vice President R&D RIL, Dr. Sharad Lande, RIL, Dr. Manmoan Jain, Allied Silica Limited, Dr. Shivanand Pai, BPCL. Throughout the conference, attendees were treated to a series of engaging keynote presentations, panel discussions, and research paper presentations, covering a diverse range of topics spanning catalytic materials, process optimization, renewable energy integration, and environmental sustainability. The conference provided a platform for showcasing cutting-edge research through poster presentations and oral sessions, offering attendees the opportunity to engage with groundbreaking studies and network with peers from around the globe.

As the curtains draw on this remarkable gathering, Dr. Surinder Bhinder, Organising Secretary extend a heartfelt gratitude to all participants, sponsors, partners, volunteers, faculty and staff of UICET whose unwavering support and contributions have made this conference a resounding success.

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 *आबकारी एवं कराधान विभाग ने आबकारी कानूनों की उल्लंघना करने पर क्रॉस वर्ड हॉस्पिटैलिटी (कोको कैफे) सेक्टर-11 का बार लाइसेंस किया रद्द*

*कुछ और बार लाइसेंसधारी भी आबकारी विभाग, पंचकूला के रडार पर – आर.के. चौधरी*

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पंचकुला 6 अप्रैल: आबकारी एवं कराधान विभाग, पंचकूला ने क्रॉस वर्ड हॉस्पिटैलिटी (कोको कैफे) एल-4/एल-5 बार लाइसेंसधारी, सेक्टर-11, पंचकूला के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उसका बार लाइसेंस रद्द कर दिया है।

   श्री आर.के. चौधरी, डीईटीसी (आबकारी), पंचकूला ने बताया कि आबकारी कानूनों का आदतन उल्लंघनकर्ता होने के कारण, आबकारी एवं कराधान विभाग, पंचकूला द्वारा क्रॉस वर्ड हॉस्पिटैलिटी (कोको कैफे) का बार लाइसेंस रद्द किया गया है।

   उन्होंने बताया कि आबकारी विभाग, पंचकूला की विशेष चेकिंग टीम ने पुलिस के साथ मिलकर 9 मार्च, 2024 को क्रॉस वर्ड हॉस्पिटैलिटी (कोको कैफे), एल-4/एल-5 बार लाइसेंसधारी, सेक्टर-11, पंचकूला का निरीक्षण किया जिसके दौरान आबकारी कानूनों का उल्लंघन पाया गया।

      उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान टीम ने बिना वैध परमिट/पास के आईएमएफएल की 26 बोतलें, बीयर की 102 बोतलें और 9 खुली शराब की बोतलें भी बरामद की जिसके पश्चात विभाग द्वारा लाइसेंसधारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवायी गई । पहले भी, क्रॉस वर्ड हॉस्पिटैलिटी (कोको कैफे) एल-4/एल-5 लाइसेंसधारी ने आबकारी कानूनों का उल्लंघन किया था जिसके कारण हरियाणा आबकारी कानूनों के अनुसार लाइसेंसधारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई थी।

   श्री चौधरी ने बताया कि ऐसे कुछ और बार लाइसेंसधारी भी हैं जो आबकारी विभाग, पंचकूला के रडार पर हैं और उनके खिलाफ भी इस प्रकार की सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आबकारी एवं कराधान विभाग, पंचकूला नियमित रूप से बार लाइसेंसधारियों के परिसरों की जांच करेगा और किसी भी आबकारी उल्लंघना के मामले में उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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22 मार्च विश्व जल दिवस कार्यक्रम आयोजित-   नरेन्द्र मोदगिल

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पंचकूला 22 मार्च :  विश्व जल दिवस के मौके पर खंड  बरवाला के गांव बतोड़ मे जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन पंचकूला और जन स्वास्थ्य अभियान्त्रिकी मंडल पंचकूला  के द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

     खंड समन्वयक नरेंद्र मोदगिल ने विश्व जल दिवस पर संबोधित करते हुए बताया कि वर्ष 1992 में ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में पर्यावरण और विकास के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र ने एक सम्मेलन का आयोजन किया। उसी दिन विश्व जल दिवस मनाने की पहल की गई। बाद में 1993 में पहली बार विश्व जल दिवस मनाया गया। तब से हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। वहीं वर्ष 2010 में संयुक्त राष्ट्र मे सुरक्षित, स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता के अधिकार को मानवाधिकार के रूप में मान्यता दी। जल संरक्षण के बारे में खंड समन्वयक नरेंद्र मोदगिल ने  जल बचाने एवं जल को सहेज कर रखने के बारे में बताते हुए कहा कि जल को केवल बचाया जा सकता है ना कि बनाया जा सकता ।
     उन्होंने बताया कि जल हमारे लिए प्रकृति का अनमोल उपहार है, हमें इसे सहेज कर रखना चाहिए जैसे कि वर्षा के दिनों में हमें वर्षा के पानी को एकत्रित करके अपने अन्य घरेलू कामों में प्रयोग करना चाहिए जिससे पानी की बचत होती है ।
    इस मौके पर आजीविका मिशन की महिलाओं आंगनवाड़ी वर्कर,  महिला बाल विकास विभाग से सुपरवाइजर मनीषा नेहरा ,अनुपमा ,किरन आजीविका मिशन से सीमा शर्मा ,सुशील राणा, ममता ,कमलेश ,नसीब कौर,रीना रानी , सोनिया आदि ग्रामीण महिलाये मौजूद रहे ।

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Panjab University contingent won accolades in National Youth Festival

Chandigarh April 3, 2024

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Panjab University under the aegis of Department of Youth Welfare participated in All India National Inter-University Youth Festival 2023-24 organized by Association of Indian Universities, New Delhi at Punjab Agriculture University, Ludhiana from March 28 to April 01, 2024. In this event, students representing Panjab University bagged first positions in four items out of the six items in which PU participated. The contingent of Panjab University bagged first position in One Act Play, Mime, Clay Modeling & Cartooning along with third position in Instrumental Music     (Non-percussion).

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*सामाजिक कार्यों की प्रेरणा देती है रैड क्रॉस समिति : नीलम कौशिक*   

*भारतीय रैड क्रॉस समिति, पंचकूला की आजीवन सदस्य नीलम कौशिक ने शरीर दान करने की ली शपथ*

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पंचकूला अप्रैल 3: भारतीय रैड क्रॉस समिति जिला शाखा पंचकूला की आजीवन सदस्य , फर्स्ट एड होम नर्सिंग ट्रेनर एवं सामाजिक कार्यकर्ता नीलम कौशिक ने पीजीआई चंडीगढ़ में शरीर दान करने की शपथ ली ताकि मेडिकल स्टूडेंट्स इस पर रिसर्च कर सके । इससे पहले भी वे अंगदान की शपथ ले चुकी हैं उन्होंने बताया इन सबके पीछे रैड क्रॉस की प्रेरणा है। 

    नीलम कौशिक ने कहा कि वह वर्ष 2006 से रैड क्रॉस द्वारा संचालित वृद्ध आश्रम में बुजुर्गों की सेवा करती आ रही है। इसके साथ-साथ वर्ष 2016 से प्राथमिक सहायता व ग्रह परिचर्या की लेक्चरर भी हैं ।

     रैड क्रॉस के माध्यम से विभिन्न महाविद्यालयों , विधालयों और विभिन्न कैंपों के दौरान उन्होंने विद्यार्थियों और अध्यापकों को भी अंगदान व शरीर दान के लिए प्रेरित किया है। नीलम कौशिक ने बताया कि वे जहां भी लेक्चर के लिए जाती है वहा पर आम लोगों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने बताया कि वह रैड क्रॉस के साथ जुड़कर सामाजिक कार्यों के साथ जुड़ी रही व अंत समय मे उनका शरीर किसी के काम आए , यह उनके लिए सौभाग्य की बात है । उन्होंने कहा कि वह आम लोगो से भी यही प्रार्थना करती हैं कि मरने के बाद हमारा शरीर एक मिट्टी है ,मरने के बाद भी यह किसी के काम आ जाये तो बहुत से लोगो को नया जीवन दिया जा सकता है ।

    रैड क्रॉस सचिव सविता अग्रवाल ने बताया कि नीलम कौशिक एक बेहतर सामाजिक कार्यकर्ता है , जिनको इनके सामाजिक कार्यों को देखते हुए जिला प्रशासन पंचकूला व हरियाणा रैड क्रॉस द्वारा सम्मानित किया जा चुका है । नशा मुक्ति क्षेत्र में भी बेहतर कार्य करने के लिए इनको हरियाणा सरकार द्वारा भी सम्मानित किया गया है । अब इन्होंने अपना शरीर दान करने की प्रतिज्ञा ली है, इसके लिए वह उन्हें व उनके पूरे परिवार को बधाई देती हैं ताकि इनको देखकर ओर लोग भी इस कार्य को आगे बढ़ाएं । 

    इस अवसर पर सहायक सचिव डोली रानी ने भी इस कार्य के लिए नीलम को अपनी शुभकामनाएं दी । इस अवसर सहायक जरनैल सिंह , सुपरवाईजर गंभीर सिंह रैड क्रॉस का स्टाफ व बुजुर्ग उपस्थित रहे ।

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भारत निर्वाचन आयोग ने शुरू किए हैं कई ऑनलाइन मोबाइल एप्स – श्री सुशील सारवान

मतदाता व उम्मीदवार सरलतम तरीके से घर बैठे ही ले सकते हैं चुनाव से संबंधित नवीनतम जानकारियां- उपायुक्त

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पंचकूला, 2 अप्रैल – उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री सुशील सारवान ने बताया कि लोकसभा आम चुनाव 2024 के दौरान मतदाताओं की सुविधा के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से अनेक ऑनलाइन मोबाइल एप्स शुरू किए हुए हैं जो मतदाताओं के साथ-साथ उम्मीदवारों के लिए भी काफी फायदेमंद हैं। इन एप्स का प्रयोग करके मतदाता व उम्मीदवार सरलतम तरीके से घर बैठे ही चुनाव से संबंधित नवीनतम जानकारियां ले सकते है तथा अपनी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि 18 साल का कोई भी युवा या युवती अपना वोट बनवाना चाहता है तो वह voters.eci.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। इसी प्रकार भारत निर्वाचन आयोग ने c-Vigil के नाम से एक मोबाइल ऐप शुरू की है। इस मोबाइल ऐप को डाउनलोड कर कोई भी नागरिक आदर्श आचार संहिता की कहीं अवहेलना हो रही है तो उसकी फोटो या वीडियो बनाकर अपनी शिकायत भेज सकता है, जिसका निवारण निर्वाचन कार्यालय की ओर से 100 मिनट के अंदर किया जाएगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि ऑनलाईन नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए भी भारत निर्वाचन आयोग ने कैंडिडेट नॉमिनेशन एप्लीकेशन के नाम से एक ऐप बनाया है। कोई भी प्रत्याशी इस ऐप का प्रयोग कर अपने आवेदन को इस ऐप पर ऑनलाइन दर्ज करवा सकता है। इसमें ऑनलाइन भुगतान के माध्यम से अपनी जमानत राशि जमा करने का विकल्प प्रदान किया गया है। एक बार आवेदन दर्ज होने के बाद उम्मीदवार कैंडिडेट सुविधा ऐप का प्रयोग कर अपने आवेदन की आगामी कार्यवाही पर नजर रख सकते हैं।
उन्होंने बताया कि रिटर्निंग अधिकारियों के लिए आयोग ने एनकोर के नाम से एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है। इसमें उम्मीदवारों का आवश्यक डाटा फीड रहता है। उम्मीदवारों की संपत्ति के विवरण को देखने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने शपथ पत्र पोर्टल बनाया है। इस ऐप पर किसी उम्मीदवार की चल-अचल संपत्ति, हलफनामे को ऑनलाइन देखा जा सकता है।
उपायुक्त ने बताया कि इसी प्रकार भारत निर्वाचन आयोग ने बूथ ऐप के माध्यम से मतदाताओं की डिजिटल पहचान करने की सेवा शुरू की है। मतदाता वोटर हेल्पलाइन ऐप को अपने ईपीआईसी कार्ड से जोड़कर अपनी मतदाता पर्ची को डाउनलोड कर सकते हैं। वोटर टर्नआउट ऐप में कुल जनसंख्या के अनुपात में बने वोटों की संख्या को देखा जा सकता है।
श्री सुशील सारवान ने बताया कि दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए आयोग ने पीडब्ल्यूडी ऐप आरंभ किया है। इस ऐप का प्रयोग कर दिव्यांगजन अपने नाम, मतदाता पहचान पत्र आदि की जांच कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर इन सभी एप और उनके बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई है।

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LIFE LESSONS FOR LEADERSHIP IN KIRAN BEDI KI PATHSHALA

Chandigarh April 1, 2024

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Panjab University Alumni Association hosted an interactive session with Dr. Kiran Bedi IPS (Retd.) Former Lieutenant Governor of Puducherry and Distinguished PU Alumna at evening studies auditorium on April1, 2024. It was attended by more than two hundred fifty participants including distinguished alumni, eminent professors ,faculty members, senators, chairpersons students and research scholars from different department and walks of life. Students joined from public administration, UILS, Political science, English, zoology, sociology, Police administration, Defence studies, Hindi, history etc. to listen to the inspiring personality who gave excellent tips to lead a self-discipline student life to be successful in life.

Prof. Latika Sharma Dean Alumni Relations welcomed Dr. Kiran Bedi with Prof. Pam Rajput and DSW Prof. Simrat Kahlon. Dr Bedi’s love for sports and eagerness to learn and be on the move made her student days activity packed in which she secured two scholarships for academics and sports . She told students not to give in to distractions of social media , do those great  things which people would like to see for inspiration.She emphasised on optimum utilization of time in younger days to engage in sports and studies. She told the students  to build self-respect, learn to work with hands, lead ethical life, focus on goals to attain success which comes through good habits. Student can gain confidence by doing their own SWOT analysis to keep improving their self awareness for building good habits. She encouraged students to develop reading habits and engage in sports and physical activities. She asked the students their expectations and prompted them to articulate their goals for behavioral transformation. It was a highly interactive session which evoked a sense of commitment for self-development among the students. The replies of the students were recorded on the spot and many students responded. Dr. Bedi responded to all queries with high energy and enthusiasm making it a very enjoyable session for the students. This is beginning of a series of Alumni Connect interactive sessions to provide Alumni mentorship to students of PU.  

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कहीं तिलक लगाकर, फूल मालाएं पहनाकर, तो कहीं सेल्फी के साथ किया गया विद्यार्थियों का स्वागत

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पंचकूला अप्रैल 1: प्रवेश उत्सव के दौरान नए सत्र के प्रथम दिन जिला पंचकूला के विभिन्न विद्यालयों में विद्यार्थियों का जोरदार स्वागत किया गया ।विद्यालय में अलग-अलग प्रकार से विद्यार्थियों के आगमन की खुशी मनाई गई ।कुछ विद्यालय में अध्यापकों ने निपुण सेल्फी स्टैंड बनाए जिसमें बच्चों ने इस सत्र की अपनी पहली तस्वीर खिंचवाकर आनंदित महसूस किया। कुछ विद्यालय में विद्यार्थियों को फूल माला पहनाकर तिलक लगाकर बच्चों की आरती उतारी गई तो कुछ विद्यालयों में बच्चों को मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया गया।


जिला पंचकूला में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी संध्या मलिक की अध्यक्षता में बाल वाटिका से पांचवी एवं छठी से आठवीं कक्षा के लिए चलाए जा रहे विशेष दाखिला अभियान के अंतर्गत विभिन्न विद्यालयों के अध्यापक अध्यापिकाएं बहुत परिश्रम और लगन से कार्य कर रहे हैं । जिसके अंतर्गत विद्यालय प्रबंधन समितियां भी बढ़-चढ़कर आगे आ रही हैं ।


जिला एफ एल एन समन्वयक व जिला नोडल अधिकारी प्रवेश उत्सव असिन्द्र कुमार ने बताया कि जिले के सभी अध्यापक प्रवेश उत्सव को एक त्यौहार की तरह मना रहे हैं व इस कैंपेन में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं ।


100 प्रतिशत नामांकन, ठहराव एवं ट्रांजिशन वह जीरो प्रतिशत ड्रॉप आउट सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक क्लस्टर, खंड स्तर पर कमेटियों का निर्माण किया गया है जोकि जिला स्तरीय कमेटी की देखरेख में कार्य कर रही हैं । हाल ही में हुई डी पी आई यू मीटिंग में हुए निर्णय अनुसार गठित की गई कमेटियों से हर 3 दिन बाद प्रगति रिव्यू लिया जाएगा इस संदर्भ में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी द्वारा विशेष पत्र भी जारी किया गया है |

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*पंचकूला जोन की उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच की कार्यवाही 01, 8, 15 और 22 अप्रैल को सेक्टर-14, पंचकूला में की जाएगी*

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पंचकूला, 29 मार्च : उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम उपभोक्ताओं को विश्वसनीय, अच्छी वोल्टेज और निर्बाध बिजली की आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है। ‘पूर्ण उपभोक्ता संतुष्टि’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बिजली निगम द्वारा अनेक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम प्रारंभ किये गए हैं ताकि उपभोक्ताओं की समस्याओं को त्वरित रूप में सुलझाया जा सके। 

            इस संबंध में जानकारी देते हुए बिजली निगम के प्रवक्ता ने बताया कि जोनल उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच रेगुलेशन 2.8.2 के अनुसार प्रत्येक मामले में 1 लाख रुपये से अधिक और 3 लाख रुपये तक की राशि के वित्तीय विवादों से संबंधित शिकायतों की सुनवाई करेगा। पंचकूला जोन के अंतर्गत आने वाले जिलों (कुरुक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला, कैथल और यमुनानगर) के उपभोक्ताओं की शिकायतों का निवारण 01, 8, 15 और 22 अप्रैल को जोनल उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच, पंचकूला में उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

            उन्होंने बताया कि पंचकूला जोन के अंतर्गत आने वाले जिलों के उपभोक्ताओं के गलत बिलों, बिजली की दरों से सम्बंधित मामलों, मीटर सिक्योरिटी से जुड़े मामलों, खराब हुए मीटरों से सम्बंधित मामलों, वोल्टेज से जुड़े हुए मामलों का निस्तारण किया जाएगा। इस दौरान बिजली चोरी, बिजली के दुरूप्योग और घातक गैर-घातक दुर्घटना आदि मामलों पर विचार नहीं किया जाएगा। उपभोक्ता और निगम के बीच किसी भी विवाद के निपटान के लिए फोरम में वित्तिय विवादों से संबंधित शिकायत प्रस्तुत करने से पहले पिछले छह महीनों के दौरान उपभोक्ता द्वारा भुगतान किए गए बिजली के औसत शुल्क के आधार पर गणना की गई प्रत्येक माह के लिए दावा की गई राशि या उसके द्वारा देय बिजली शुल्क के बराबर राशि, जो कम है, उपभोक्ता को जमा करवानी होगी। उन्होंने बताया कि इस दौरान उपभोक्ता को प्रमाणित करना होगा कि यह मामला अदालत, प्राधिकरण या फोरम के समक्ष पेंडिंग (लंबित) नहीं है क्योंकि इस न्यायालय या फोरम में विचाराधीन मामलों पर बैठक के दौरान विचार नहीं किया जाएगा।

            उन्होंने उपभोक्ताओं से अपील करते हुए कहा कि वे अपनी बिजली से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए 1, 8, 15 और 22 अप्रैल को यू.एच.बि.वि.एन के मुख्यालय, विद्युत सदन, इंडस्ट्रियल प्लाट-3 और 4, सेक्टर-14, पंचकूला में प्रातः 11.30 बजे से दोपहर 1.30 बजे तक होने वाली कार्यवाही में सम्मिलित होकर अपनी समस्याओं का समाधान करवाएं।

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