सीईटी 2025

पारसमणि मंदिर सैक्टर 10 पंचकूला शारदीय नवरात्रि पर साईं भजन सन्ध्या का आयोजन व साईं लंगर प्रबंध किया गया

Panchkula : 04-10-2019

News 7 World Exclusive Report:

पारसमणि मंदिर सैक्टर 10 पंचकूला में साईं का दरबार देखने वाला था जिसके एक बार दर्शन से भक्तों के कष्ट दूर होते है।

पारसमणि मंदिर सैक्टर 10 पंचकूला में पारे का शिवलिग है जिसे देखने भक्त जन दूर दूर से दर्शन करने और पूजन अर्चन करके आंनद की अनुभूति मिलती है।

पारसमणि मंदिर सैक्टर 10 पंचकूला में शारदीय नवरात्रि पर माता रानी का दरबार आकर्षित करने वाला है।

मान्यता है, कि शारदीय नवरात्रि पर माता रानी सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करती है।

जिसे देखने भक्त जन दूर दूर से दर्शन करने और पूजन अर्चन करके आंनद की अनुभूति की जिसे न्यूज़ 7 वर्ल्ड (News7world) के माध्यम से जिसे देश ओर विदेश मे देखा जा रहा है।

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मानसून 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है, लेकिन बारिश का दौर जारी

Chandigarh:

मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र (Mrityunjai Mahapatra) ने कहा है कि देश में चार महीने का मानसून का मौसम (वर्षा ऋतु) आधिकारिक रूप से सोमवार को समाप्त होगा है, लेकिन इस बात की संभावना कम है कि अगले हफ्ते इसकी पूरी तरह से विदाई हो जाएगी।

मानसून सत्र की शुरूआत आधिकारिक तौर पर एक जून को हुई थी और 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है। मानसून 15 जुलाई को पश्चिमी राजस्थान के गंगानगर पहुंचा जो देश का आखिरी मानसून स्टेशन है।

हालांकि, मानसून ने वापस होने के कोई संकेत नहीं दिये हैं। पांच अक्टूबर तक जारी रह सकता है मानसून मानूसन अब भी राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में सक्रिय है। महापात्र ने बताया कि गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में कम दबाव वाले क्षेत्र के कारण बारिश हुई है और पांच अक्टूबर तक यह जारी रह सकता है।

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*यादविन्द्रा गार्डन में 4 से 6 जुलाई तक लगेगा मैंगो मेला*

प्याज की कीमतें नियंत्रित करेगी सरकार

दिल्ली:

राजधानी दिल्ली में इन दिनों प्याज के दाम 80 रूपये किलो तक पहुंच गए हैं। जिसे देखते हुए सरकार अब इसकी बढ़ती हुई कीमतों पर लगाम लगाने की तैयारी में जुट गई है।

प्याज की कीमते पिछले 15 दिनों मे जिस तरह से बढ़ी हैं उससे आम आदमी को प्याज काटने से ज्यादा खरीदने में आंसू आ रहे हैं।

सरकार प्याज की कालाबाजारी रोकने के लिए व्यापारियों पर जल्द ही शिकंजा कसेगी जिसके तहत प्याज की भंडारण सीमा तय की जाएगी।

सीमा तय होने के बाद कारोबारी तय कोटे से ज्यादा प्याज का भंडारण नहीं कर सकेंगे, और बाजार में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी और कीमतों पर रोक लगेगी।

मिली जानकारी के मुताबिक अगर जल्द ही प्याज के दाम नीचे नहीं आए तो सरकार ये ऐलान कर सकती है।

जानकारों का मानना है कि मानसून के दौरान प्याज उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिस के कारण आपूर्ति और पैदावार दोनों प्रभावित रहे हैं जिसके चलते प्याज की खुदरा कीमते 70-80 तक पहुंच गई हैं।

उपभोक्ता मंत्रालय के आधिकारिक आकड़ो के अनुसार पिछले सप्ताह दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 57 रूपये किलो थी जिसमें कि महज 7 दिनों में 20 से 30 रूपये का इजाफा हो गया है।

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*यादविन्द्रा गार्डन में 4 से 6 जुलाई तक लगेगा मैंगो मेला*

Google ने आज जापानी पर्वतारोही जुनको ताबेई को उनके 80 वें जन्मदिन पर डूडल बनाकर सम्मानित किया।

Google ने आज जापानी पर्वतारोही जुनको ताबेई को उनके 80 वें जन्मदिन पर डूडल बनाकर सम्मानित किया।

जूनो तबेई माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाली पहली जापानी महिला थीं, और इस महाद्वीप पर सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ने वाली पहली महिला भी थीं।

1939 में जन्मे, जुको ताबेई की परवरिश जापान के फुकुशिमा प्रान्त के एक छोटे से शहर मिहारू में हुई थी। चढ़ाई से उसका प्यार तब शुरू हुआ, जब 10 साल की उम्र में वह माउंट नासू की एक क्लास ट्रिप पर गई।

1969 में दो की माँ के रूप में, उन्होंने जापान के पहले लेडीज़ क्लाइम्बिंग क्लब की स्थापना की जो इस धारणा को धता बताने के लिए था कि महिलाओं को घर के अंदर रहना चाहिए।

1975 में, Junko Tabei माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली महिला बनीं। हालाँकि, उसे दुनिया की सबसे ऊँची चोटी पर चढ़ने वाले 36 वें व्यक्ति के रूप में याद किया जाना पसंद है।

“मैंने एवरेस्ट पर पहली महिला होने का इरादा नहीं किया,” उसने एक बार कहा था।

सफलतापूर्वक शिखर पर चढ़ने के बाद, उन्हें जापान के सम्राट, क्राउन प्रिंस और राजकुमारी द्वारा सम्मानित किया गया।

जुनको ताबेई पहाड़ पर चढ़ने वाले मीडिया ध्यान से अधिक प्यार करते हैं। एवरेस्ट के बाद, वह प्रत्येक महाद्वीप पर उच्चतम चोटी पर चढ़ने के लिए चली गई – एकॉनकागुआ, डेनाली, किलिमंजारो, विंसन, एल्ब्रस और पुणक जया।

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हिन्दी दिवस की बहुत बहुत बधाई व हार्दिक शुभकामनाएं।

हर वर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है।

14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी। इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये राजभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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भारतीय वायुसेना के बेड़े में आज 8 अपाचे हेलिकॉप्टर शामिल होंगे। अपाचे हेलिकॉप्टर दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक माने जाते हैं।

खबरों के मुताबिक आज वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर इन हेलिकॉप्टरों को शामिल कराएंगे।

दुश्मन के दांत खट्टे करने के लिए भारतीय वायुसेना के बेड़े में आज 8 अपाचे हेलिकॉप्टर शामिल होंगे। अपाचे हेलिकॉप्टर दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों में से एक माने जाते हैं।

खबरों के मुताबिक आज वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर इन हेलिकॉप्टरों को शामिल कराएंगे। दो पायलट का होना है जरूरी जानकारी के लिए आपको बता दें कि अपाचे हेलिकॉप्टर को उड़ाने के लिए 2 पायलट होने जरूरी हैं।

इस हेलिकॉप्टर में दो इंजन हैं साथ ही दो सीटें हैं। दो इंजन होने की वहज से इसकी रफ्तार बहुत तेज है। हेलिकॉप्टर की अधिकतम स्पीड 280 किलोमीटर प्रति घंटा है। इस हेलिकॉप्टर में एक खास बात यह भी है कि इसमें सेंसर भी लगा है, इस वजह से रात में भी ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है और इसे रडार पर पकड़ना मुश्किल होता है।

गौरतलब है कि अपाचे हेलिकॉप्टर अमेरिका में बनाए गए हैं। अपाचे हेलिकॉप्टर AH-64E दुनिया का सबसे एडवांस मल्टी रोल कॉम्बेट हेलिकॉप्टर है।

AH-64E अपाचे दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका लड़ाकू हेलिकॉप्टरों में से एक है। इसे अमेरिकी सेना भी इस्तेमाल करती है है। भारतीय वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अपाचे अटैक के आठ हेलिकॉप्टरों को पठानकोट एयरबेस पर तैनाती तय है। इससे वायुसेना के लड़ाकू क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी।

सितंबर 2015 में भारत-अमेरिका के बीच अपाचे हेलिकॉप्टरों की बड़ी डील हुई थी। जिसमें 22 अपाचे हेलिकॉप्टरों भारत को मिलने वाले हैं। इससे जुलाई को 4 हेलिकॉप्टर मिल चुके हैं, अब 8 हेलिकॉप्टर मंगलवार को मिल रहे हैं।

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सालासर धाम मंदिर सिरसा

सिरसा:

जय बाला जी

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भारत ने आज 73 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है।

नई दिल्ली:

देश आज 73वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। हर ओर जश्न है और आजादी के लिए लड़े दीवानों की याद में देशभक्ति के नारे गूंज रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर लालकिले के प्राचीर पर तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया। दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद लालकिले से नरेंद्र मोदी का ये पहला भाषण है, इसलिए इस भाषण पर ना सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया की नज़र है।

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Google Doodle: विक्रम साराभाई (Vikram Sarabhai) को उनकी 100वीं जंयती पर Google Doodle बना कर श्रद्धांजलि अर्पित करता है

नई दिल्ली: 

विक्रम साराभाई (Vikram Sarabhai) को उनकी 100वीं जंयती पर Google Doodle बनाया गया है. वह भारत के सबसे महान वैज्ञानिकों में से एक थे. उनका जन्म 12 अगस्त 1919 को हुआ था. 

विक्रम साराभाई  अपने दौर के उन गिने-चुने वैज्ञानिकों में से एक थे जो अपने साथ काम करने वाले वैज्ञानिकों और खासकर युवा वैज्ञानिकों को आगे बढ़ने में मदद करते थे. यही वजह थी कि उन्हें (Vikram Sarabhai) एक बेहतर लीडर भी माना जाता था.

साराभाई ने 1947 में अहमदाबाद में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) की स्थापना की थी. बता दें कि गूगल अलग-अलग क्षेत्र की उन बड़ी हस्तियों को Google Doodle बना कर श्रद्धांजलि अर्पित करता है जिन्होंने समाज के लिए बड़ा योगदान दिया है.

विक्रम साराभाई (Vikram Sarabhai) के पिता उद्योगपति थे और भौतिक विज्ञान के अध्ययन-अनुसंधान के इस केंद्र के लिए उन्होंने अपने पिता से ही वित्तीय मदद मिली थी.

उस समय साराभाई की उम्र महज 28 साल थी लेकिन कुछ ही सालों में उन्होंने पीआरएल को विश्वस्तरीय संस्थान बना दिया. साराभाई को उनके बेहतर काम के लिए वर्ष 1966 में पद्म विभूषण सम्मान से भी नवाजा गया था.

विक्रम साराभाई (Vikram Sarabhai) को भारतीय स्पेस प्रोग्राम का जनक भी माना जाता है. उन्हें 1962 में शांति स्वरूप भटनागर मेडल से भी सम्मानित किया गया था. 

30 दिसंबर, 1971 को उनकी मृत्यु उसी स्थान के नजदीक हुई थी जहां उन्होंने भारत के पहले रॉकेट का परीक्षण किया था. दिसंबर के आखिरी हफ्ते में वे थुंबा में एक रूसी रॉकेट का परीक्षण देखने पहुंचे थे और यहीं कोवलम बीच के एक रिसॉर्ट में रात के समय सोते हुए उनकी मृत्यु हो गई. 

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जम्मू-कश्मीर से Article 370 खत्म ‘मोदी है तो मुमकिन है’ का दावा फिर हुआ सही साबित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कमान देकर बदलाव की आशा जताई थी और साहसिक कदम उठाकर मोदी ने यह जता दिया कि संकल्पशक्ति हो तो हर काम हो सकता है।

सत्तर साल से देश के अंदर ही एक अलग देश की तरह चलते रहे जम्मू-कश्मीर को सही मायने में अभिन्न अंग बनाने का कदम पहली बार उठाया गया। विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ा है।

ऐसे कई लोग और दल हैं जिन्हें यह कदम रास नहीं आ रहा है, लेकिन उनसे ज्यादा बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है जिनके लिए यह ऐतिहासिक दिन है। सही मायने में जम्मू-कश्मीर अब भारत और भारतवासियों का हुआ है।

तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने एक चूक की थी जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुरुस्त किया है। ‘मोदी है तो मुमकिन है’ का दावा एक बार फिर साबित हो गया है।

पहले काल में नोटबंदी और जीएसटी, फिर तीन तलाक और अब अनुच्छेद-370 का समापन। वह भी सरकार में आने के महज दो तीन महीनों के अंदर। यही साबित करता है कि सरकार में संकल्पशक्ति अदभुत है।

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