रेड क्रॉस सोसायटी, सेक्टर-15, पंचकूला स्थित वृद्धाश्रम में मनाया गया विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस

*अश्विन मेले में माता के दरबार में 8 अक्टूबर को 20 लाख 95 हजार 160 रुपये चढ़ावा आया*

For Detailed

पंचकूला, 9 अक्तूबर – अश्विन नवरात्र मेले के दौरान श्री माता मनसा देवी एवम श्री काली माता मंदिर कालका में श्रद्धालुओं की भीड़ निरंतर माता के दरबार में मन्नते मांग रहे है। मंगलवार को लगभग 26 हजार 600 से अधिक श्रद्धालुओं ने मत्था टेक कर माता के दरबार में अरदास लगाई। श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड की तरफ से श्रद्धालुओं के लिए पुख्ता प्रबन्ध किये गए और बहुत ही स्वादिष्ट भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। विशेषकर नवरात्रों पर वृत रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग से भोजन का प्रबंध किया जा रहा है। 

श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष एवम उपायुक्त डा. यश गर्ग ने बताया श्री माता मनसा देवी, श्री काली माता मंदिर कालका एवम चंडी मंदिर में श्रद्धालुओं ने 8 अक्टूबर को कुल 20 लाख 95 हजार 521 रूपये की राशि दान के रूप में भेंट की। इनमे से श्री माता मनसा देवी मंदिर में 16 लाख 59 हज़ार 496 रुपये और श्री काली माता मंदिर कालका में 2 लाख 96 हजार 865 रुपये दान स्वरूप चढ़ाए है।

 इसके अलावा चंडी माता मंदिर में 1 लाख 39 हजार 160 रुपए की राशि का चढ़ावा आया है। श्री माता मनसा देवी मंदिर में एक नग सोने का नग जिसका वजन 1.5 ग्राम और चांदी के 22 नग भी दान स्वरूप चढ़ाए गये है, इनका वजन 318 ग्राम है। इसी प्रकार काली माता मंदिर में 25 सिल्वर के नग माता के दरबार में भेंट किए है, इनका वजन 86.5 ग्राम है। इस प्रकार दोनो मंदिरों में कुल 47 सिल्वर के नग चढ़ाए गए, इनका कुल वजन 404.7 ग्राम है। 

 उन्होंने बताया कि दोनों मंदिरों में 8 अक्टूबर को 26 हजार 600 से अधिक श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में मत्था टेका और मन्नते मांगी है। इस प्रकार हर रोज भारी भीड़ श्रद्धालुओं की माता के दरबार में उमड़ रही है। काली माता मंदिर में भी श्रद्धालु बड़ चढ़ कर माता के दरबार में मत्था टेक कर पूजा अर्चना कर रहे है।

https://propertyliquid.com

रेड क्रॉस सोसायटी, सेक्टर-15, पंचकूला स्थित वृद्धाश्रम में मनाया गया विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस

*जवाहर नवोदय विद्यालय पंचकुला में कक्षा 9 और 11 में प्रवेश रिक्त स्थानो पर परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू, अंतिम तिथि 30 अक्तूबर 2024*

For Detailed

पंचकूला, 9 अक्टूबर – जवाहर नवोदय विद्यालय मौली के प्राचार्य श्री रूप चंद ने बताया कि विद्यालय में कक्षा 9 और 11 में रिक्त स्थान पर प्रवेश परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रारंभ हो चुके हैं। 

उन्होंने बताया कि जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा 2025 के लिए दोनों कक्षाओं हेतु अंतिम तिथि 30 अक्तूबर 2024 निर्धारित की गई है। 

कक्षा 9 में पंजीकरण हेतु जो छात्र वर्तमान सत्र 2024-25 में सरकारी अथवा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालय में कक्षा 8 में अध्यनरत है जिस विद्यार्थी की आयु 01 मई 2010 से 31 जुलाई 2012( दोनों तिथियां के मध्य होनी चाहिए ) विद्यार्थी जिला पंचकूला का निवासी हो वह निशुल्क ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भर सकते हैं। अभिभावक नवोदय विद्यालय की वेबसाइट www.cbseitms.nic.in/2024/nvsix के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं । 

इसी प्रकार कक्षा 11 में पंजीकरण हेतु जो छात्र वर्तमान सत्र 2024-25 में सरकारी अथवा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालय में कक्षा 10 में अध्यनरत है उस विद्यार्थी की आयु 01 जून 2008 से 31 जुलाई 2010 (दोनों तिथियां के मध्य होनी चाहिए ) वह निशुल्क ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भर सकते हैं। अभिभावक नवोदय विद्यालय की वेबसाइट www.cbseitms.nic.in/2024/nvsxi_11 के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं । 

दोनो कक्षाओं के लिए परीक्षा 08 फरवरी 2025 को आयोजित की जाएगी। आवेदन फॉर्म संबंधित जानकारी के लिए परीक्षा प्रभारी दलीप कुमार के मोबाइल 9816159535 और गुलबीर सिंह के मोबाइल नंबर 94663 60928 से संपर्क किया जा सकता हैं।

https://propertyliquid.com

रेड क्रॉस सोसायटी, सेक्टर-15, पंचकूला स्थित वृद्धाश्रम में मनाया गया विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस

Punjab Governor addresses Seminar on “Understanding Srimanta Shankardeva: A Multi-Faceted Genius” in PU

Chandigarh October 8, 2024

For Detailed

Srimant Shankardev Chair, Panjab University, in collaboration with the Department of History, today organized a seminar titled “Understanding Srimanta Shankardeva: A Multi-Faceted Genius.”

The important seminar featured three insightful sessions dedicated to exploring the life and contributions of Srimanta Shankardeva, a revered figure in Assamese culture and spirituality.

The inaugural session was graced by the presence of His Excellency, Shri Gulab Chand Kataria, Hon’ble Governor of Punjab and Administrator of Chandigarh UT, who served as the chief guest. In his address, Shri Kataria emphasised the profound and timeless messages articulated by Srimanta Shankardeva, drawing parallels between his teachings and those of Guru Nanak Dev Ji. His reflections resonated with the audience, highlighting the universal relevance of Shankardeva’s insights.

Welcoming the attendees, PU Vice-Chancellor, Prof. Renu Vig highlighted the significance of Srimanta Shankardeva’s philosophy in contemporary society. She urged the audience to embrace his ideals in today’s world. Srimanta Sankardev Chair Coordinator, Prof. Yojna Rawat welcomed the guests.

The keynote address was delivered by Prof. Dayananda Pathak, who illuminated the multi-faceted nature of Shankardeva’s contributions, touching upon his writings on philosophy, life, culture, art, and tradition. Prof. Pathak’s insights provided a deeper understanding of how Shankardeva’s work continues to inspire and influence various fields.

The session concluded with a vote of thanks proposed by PU Registrar Prof. Y.P. Verma, who expressed gratitude to all speakers and participants for their valuable contributions to the event. This seminar not only celebrated the legacy of Srimanta Shankardeva but also encouraged dialogue on the enduring impact of his teachings in modern times.

Plenary Session I was chaired by Prof. Dayananda Pathak and co-chaired by Prof. Yojna Rawat. This session focused on “Srimanta Shankardeva and His Contribution to the Visual Arts in the Tradition of Assam,” featuring insightful lectures from Prof. Dinesh Chaubey, Prof. Jai Prakash Sharma, and Dr. Moushumi Kandali. The session concluded with a vote of thanks delivered by Prof. Sheena Pall, and was conducted by Dr. Tomeer Sharma from the Department of Sanskrit. A lunch was provided for all attendees following this session.

Plenary Session II, which followed lunch, was chaired by Prof. Dinesh Chaubey and co-chaired by Prof. Paru Bal Sidhu. This session featured engaging discussions on the theme of Shastriya Dance Tradition, with lectures delivered by Prof. Bandana Jha and Dr. Mallika Kandali.

The day continued with a Technical Session chaired by Prof. Bandana Jha and Prof. Monica Singh’ and co-chaired by Prof. Kumool Abi and Dr. Gaurav Gaur, where 25 research papers were presented by faculty and research scholars from Panjab University and beyond. The formal vote of thanks for this session was offered by Dr. Jasbir Singh, Chairperson of the Department of History.

The seminar concluded with a Valedictory Session chaired by Prof. Chander Tirkha, during which a report was presented by Prof. Yojna Rawat, the seminar coordinator. The final vote of thanks was delivered by DSW-Women Prof. Simrit Kahlon. Participants were treated to high tea, fostering further discussion and networking among attendees.

This seminar not only celebrated the rich legacy of Srimanta Shankardeva but also facilitated meaningful dialogue on his lasting impact in various fields.

https://propertyliquid.com

रेड क्रॉस सोसायटी, सेक्टर-15, पंचकूला स्थित वृद्धाश्रम में मनाया गया विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस

*कालका विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी शक्ति रानी शर्मा 10833 मतों से अंतर से जीती*

For Detailed

पंचकूला, 8 अक्तूबर – उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डा. यश गर्ग ने बताया कि हरियाणा विधानसभा आम चुनाव – 2024 में कालका विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी शक्ति रानी शर्मा ने 10833 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। 

उपायुक्त ने बताया कि कालका विधानसभा क्षेत्र में 202052 वोटरों के लिए 225 मतदान केन्द्र बनाए गए थे। इनमें से 145621 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी शक्ति रानी शर्मा ने 60612 मत प्राप्त किए। इनमें 115 डाक मत शामिल हैं।

कालका विधान सभा चुनाव में दूसरे नंबर पर इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी के प्रदीप चौधरी को 49729 मत मिले। इनमें से 185 डाक मत शामिल है। निर्दलीय उम्मीदवार गोपाल सुखोमाजरा ने 31729 मत प्राप्त किये। इनमें से 23 डाक मत भी शामिल हैं। 

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी चरण सिंह ने 1374 मत प्राप्त किये। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी ओम प्रकाश गुर्जर ने 858 मत प्राप्त किये। निर्दलीय अमित शर्मा को 582 मत प्राप्त मिले

 उन्होंने बताया कि कालका के 749 नागरिकों ने नोटा का प्रयोग किया। 

 रिटर्निंग अधिकारी एवं एसडीएम कालका राजेश पुनिया राजकीय महिला महाविद्यालय सेक्टरों 14 में ने विजेता उम्मीदवार को प्रमाण पत्र प्रदान किया।

https://propertyliquid.com

रेड क्रॉस सोसायटी, सेक्टर-15, पंचकूला स्थित वृद्धाश्रम में मनाया गया विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस

सिरसा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी श्री गोकुल सेतिया ने 7234 मतों से की जीत हासिल

For Detailed

सिरसा, 8 अक्तूबर – उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि हरियाणा विधानसभा आम चुनाव- 2024 में सिरसा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी श्री गोकुल सेतिया 7234 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। 

https://propertyliquid.com

रेड क्रॉस सोसायटी, सेक्टर-15, पंचकूला स्थित वृद्धाश्रम में मनाया गया विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस

*अश्विन मेले के दौरान भक्तो ने 7 अक्टूबर को भेंट की 26 लाख 42 हजार रुपये की राशि*

*नवरात्रों में वृत रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष भोजन का प्रबंध*

For Detailed

पंचकूला, 8 अक्तूबर – अश्विन नवरात्र मेले के दौरान श्री माता मनसा देवी एवम श्री काली माता मंदिर कालका में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही। दो दिनों में एक लाख 42 हजार 500 से अधिक श्रद्धालुओं ने मत्था टेक कर माता के दरबार में मन्नते मांगी। श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड की तरफ से श्रद्धालुओं के लिए पुख्ता प्रबन्ध किये गए और बहुत ही स्वादिष्ट भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। विशेषकर नवरात्रों पर वृत रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग से भोजन का प्रबंध किया जा रहा है। 

श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष एवम उपायुक्त डा. यश गर्ग ने बताया श्री माता मनसा देवी, श्री काली माता मंदिर कालका एवम चंडी मंदिर में श्रद्धालुओं ने 7 अक्टूबर को कुल 26 लाख 42 हजार रूपये की राशि दान स्वरूप भेंट की। इनमे से श्री माता मनसा देवी मंदिर में 22 लाख 5 हज़ार रुपये और श्री काली माता मंदिर कालका में 3 लाख 83 हजार 868 रुपये दान स्वरूप चढ़ाए है।

 इसके अलावा चंडी माता मंदिर में 15 हजार 350 रुपए की राशि का चढ़ावा आया है। श्री माता मनसा देवी मंदिर में चांदी के 27 नग भी दान स्वरूप अर्पित किए गये है, इनका वजन 310 ग्राम है। इसी प्रकार काली माता मंदिर में 58 सिल्वर के नग माता के दरबार में भेंट किए है, इनका वजन 319 ग्राम है। इस प्रकार दोनो मंदिरों में कुल 85 सिल्वर के नग चढ़ाए गए, इनका कुल वजन 629 ग्राम है। 

 उन्होंने बताया कि दोनों मंदिरों में 7 अक्टूबर को 63 हजार 500 से अधिक श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में मत्था टेका और मन्नते मांगी है। जबकि 6 अक्टूबर को 79 हजार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। इस प्रकार हर रोज भारी भीड़ श्रद्धालुओं की माता के दरबार में उमड़ रही है। काली माता मंदिर में भी श्रद्धालु बड़ चढ़ कर माता के दरबार में मत्था टेक कर पूजा अर्चना कर रहे है।

https://propertyliquid.com

रेड क्रॉस सोसायटी, सेक्टर-15, पंचकूला स्थित वृद्धाश्रम में मनाया गया विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस

*पंचकूला विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी श्री चंद्रमोहन ने 1976 मतों से की जीत हासिल*

For Detailed

पंचकूला, 8 अक्तूबर – उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डा. यश गर्ग ने बताया कि हरियाणा विधानसभा आम चुनाव- 2024 में पंचकूला विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी श्री चंद्रमोहन ने 1976 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। 

उपायुक्त ने बताया कि पंचकूला विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी श्री ज्ञानचंद गुप्ता ने 65277 वोट प्राप्त किए। जबकि कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी श्री चंद्रमोहन ने कुल 67253 मत प्राप्त किए। 

रिटर्निंग अधिकारी एवं एसडीएम पंचकूला श्री गौरव चौहान ने राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेक्टरों-1 में विजेता उम्मीदवार को प्रमाण पत्र प्रदान किया।

https://propertyliquid.com

रेड क्रॉस सोसायटी, सेक्टर-15, पंचकूला स्थित वृद्धाश्रम में मनाया गया विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस

*काउंटिंग स्टाफ को दी मतगणना की ट्रेनिंग*

*सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू, पहले डाक मतपत्रों, फिर ईवीएम की वोटों को किया जाएगा काउंट*

*मतगणना की सभी तैयारियां पूरी*

For Detailed

पंचकूला, 7 अक्तूबर – हरियाणा विधानसभा आम चुनाव -2024 की मतगणना के लिए आज पीडब्ल्यूडी रेस्टहाउस में काउंटिंग स्टाफ को ट्रेनिंग दी गई। काउंटिंग अब्जर्वर कालका अमित कुमार व काउंटिंग अब्जर्वर पंचकूला के महेश ने काउंटिंग स्टाफ को मतगणना के दौरान ध्यान रखने वाली जानकारी से अवगत करवाया। इस मौके पर चुनाव नायब तहसीलार अजय राठी और कानूनगो कुलदीप सिंह मौजूद रहे।

उन्होंने बताया कि आठ अक्तूबर को सुबह 8 बजे से मतगणना का कार्य शुरू किया जाएगा। दोनों विधानसभाओं में पहले सबसे पहले डाक मतपत्रों की गणना की जाएगी। इसके बाद ईवीएम मशीनों की गिनती राउंड वाइज की जाएगी। एक राउंड में 14 टेबलों को लगाया गया है यानी 14 ईवीएम मशीनों की गणना एक बार में की जाएगी और 17 राउंड में मतगणना का कार्य पूरा किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कालका विधानसभा में 202052 मतदाताओं में से 145621 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। फार्म-12डी के तहत 51 डाक मतपत्र प्राप्त हुए हैं और फार्म-12 के तहत 246 डाक मतपत्र जारी किये गए हैं, जो 8 अक्तूबर के सुबह 7 बजे से पहले तक जमा होनेे हैं। इसी तरह पंचकूला विधानसभा में 236193 मतदाताओं में से 140227 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। फार्म-12 डी के तहत 85 डाक मतपत्र प्राप्त हुए हैं और फार्म-12 के तहत 200 डाक मतपत्र जारी किये गए है। 

इस प्रकार मतगणना का कार्य सुचारू ढंग से सम्पन्न करने के लिए सुरक्षा के उचित प्रबंध किए गए है। सुरक्षा उपायों को को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी एवम डीसी डा. यश गर्ग ने चुनाव ऑब्जर्वर के साथ मतगणना केंद्रों का दौरा किया। उन्होंने बताया कि मतगणना की सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी है।

https://propertyliquid.com

रेड क्रॉस सोसायटी, सेक्टर-15, पंचकूला स्थित वृद्धाश्रम में मनाया गया विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस

*माता मनसा देवी मंदिर में लगाए जा रहे कानूनी शिविर में लोगो को किया उनके अधिकारों के प्रति जागरूक – सीजेएम*

*महिलाएं और व्यक्ति जागरूक होकर कानूनी अधिकारों का उठा रहे है लाभ*

For Detailed

पंचकूला, 7 अक्टूबर – मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव अजय कुमार घनघस ने बताया कि प्राधिकरण के निर्देशानुसार माता मनसा देवी मंदिर में नवरात्र मेले के अवसर पर नियमित रूप से कानूनी जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इन शिविरों में पैनल अधिवक्ता और एडवोकेट छात्र लोगो को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दे रहे है। 

सदस्य सचिव राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण एस.पी. सिंह, श्री जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सह अध्यक्ष, वीपी सिरोही के मार्गदर्शन में लगाए जा रहे जागरूकता शिवर में लोगो को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी देकर सचेत किया जा रहा है ताकि उनके अधिकारों का कोई हनन न कर सके।   

शिविर में घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा कानून, दहेज और कानून, सूचना का अधिकार, मौलिक अधिकार और कर्तव्य, प्रथम, सूचना रिपोर्ट सहित कई अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है। शिविर में महिलाओं और लोगो ने भाग लेकर लाभ उठाया। 

उन्होंने बताया है कि विधिक सहायता परामर्शदाता श्री. प्रदीप गुप्ता, सुश्री सरला चहल, सुश्री सोनिया सैनी और श्री विनोद कुमार शर्मा को स्टॉल पर पी एल वी सुश्री संतोष और सुश्री पिंकी धारी, स्वामी देवी दयाल लॉ कॉलेज, बरवाला कानून के छात्रों और सरकारी कॉलेज सेक्टर 1 पंचकूला के छात्रों ने भी इस शिविर में भाग लिया। 

शिविर में लोगों को प्राधिकरण की कानूनी सहायता योजनाओं के बारे में जागरूक किया गया और 14 दिसंबर 2024 को जिला न्यायालय, पंचकुला और उप-मंडल, कालका में आयोजित होने वाली आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में भी जागरूक किया गया ताकि लोग अधिक अधिक लाभ उठा सके।

https://propertyliquid.com

रेड क्रॉस सोसायटी, सेक्टर-15, पंचकूला स्थित वृद्धाश्रम में मनाया गया विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस

*श्री माता मनसा देवी*

For Detailed

पंचकूला:

भारत की सभ्यता एवं संस्कृति आदिकाल से ही विश्व की पथ-प्रदर्शक रही है और इसकी चप्पा-चप्पा धरा को ऋषि मुनियों ने अपने तपोबल से पावन किया है। हरियाणा की पावन धरा भी इस पुरातन गौरवमय भारतीय संस्कृति, धरोहर तथा देश के इतिहास एवं सभ्यता का उदगम स्थल रही है। यह वह कर्म भूमि है, जहां धर्म की रक्षा के लिए दुनिया का सबसे बड़ा संग्राम महाभारत लड़ा गया था और गीता का पावन संदेश भी इसी भू-भाग से गुंजित हुआ है। वहीं शिवालिक की पहाडिय़ों से लेकर कुरूक्षेत्र तक के 48 कोस के सिंधुवन में ऋषि-मुनियों द्वारा पुराणों की रचना की गई और यह समस्त भूभाग देवधरा के नाम से जाना जाता है। 

*भक्त सच्चे मन से 40 दिन तक पूजा अर्चना करने से होती ही मनोकामना अवश्य पूरी*

इसी परम्परा में हरियाणा के जिला पंचकूला में ऐतिहासिक नगर मनीमाजरा के निकट शिवालिक पर्वत मालाओं की गोद में सिन्धुवन के अतिंम छोर पर प्राकृतिक छटाओं से आच्छादित एकदम मनोरम एवं शांति वातावरण में स्थित है – सतयुगी सिद्घ माता मनसा देवी का मंदिर। कहा जाता है कि यदि कोई भक्त सच्चे मन से 40 दिन तक निरंतर मनसा देवी के भवन में पहुंच कर पूजा अर्चना करता है तो माता मनसा देवी उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करती है। माता मनसा देवी का चैत्र और आश्विन मास के नवरात्रों में मेला लगता है। 

माता मनसा देवी के मंदिर को लेकर कई धारणाएं व मान्यताएं प्रचलित हैं। श्री माता मनसा देवी का इतिहास उतना ही प्राचीन है, जितना कि अन्य सिद्घ शक्तिपीठों का। इन शक्ति पीठों का कैसे और कब प्रादुर्भाव हुआ इसके बारे में शिव पुराण में विस्तृत वर्णन मिलता है। धर्म ग्रंथ तंत्र चूड़ामणि के अनुसार ऐसे सिद्घ पीठों की संख्या 51 है, जबकि देवी भागवत पुराण में 108 सिद्घ पीठों का उल्लेख मिलता है, जो सती के अंगों के गिरने से प्रकट हुए। श्री माता मनसा देवी के प्रकट होने का उल्लेख शिव पुराण में मिलता है। माता पार्वती हिमालय के राजा दक्ष की कन्या थी व अपने पति भगवान शिव के साथ कैलाश पर्वत पर उनका वास था। कहा जाता है कि एक बार राजा दक्ष ने अश्वमेध यज्ञ रचाया और उसमें सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया, परन्तु इसमें भगवान शिव को नहीं बुलाया । इसके बावजूद भी पार्वती ने यज्ञ में शामिल होने की बहुत जिदद की। महादेव ने कहा कि बिना बुलाए वहां जाना नहीं चाहिए और यह शिष्टाचार के विरूद्घ भी है। अन्त मे विवश होकर मां पार्वती का आग्रह शिवजी को मानना पड़ा। शिवजी ने अपने कुछ गण पार्वती की रक्षार्थ साथ भेजे। जब पार्वती अपने पिता के घर पहुंची तो किसी ने उनका सत्कार नहीं किया। वह मन ही मन अपने पति भगवान शंकर की बात याद करके पश्चाताप करने लगी। हवन यज्ञ चल रहा था। यह प्रथा थी कि यज्ञ में प्रत्येक देवी देवता एवं उनके सखा संबंधी का भाग निकाला जाता था। जब पार्वती के पिता ने यज्ञ से शिवजी का भाग नहीं निकाला तो पार्वती को बहुत आघात लगा। आत्म सम्मान के लिए गौरी ने अपने आपको यज्ञ की अग्नि में होम कर दिया। पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में प्राणोत्सर्ग करने के समाचार को सुन शिवजी बहुत क्रोधित हुए और वीरभद्र को महाराजा दक्ष को खत्म करने के लिए आदेश दिए। क्रोध में वीरभद्र ने दक्ष का मस्तक काटकर यज्ञ विघ्वंस कर डाला। शिवजी ने जब यज्ञ स्थान पर जाकर सती का दग्ध शरीर देखा तो सती-सती पुकारते हुए उनके दग्ध शरीर को कंधे पर रखकर भ्रान्तचित से तांडव नृत्य करते हुए देश देशातंर में भटकने लगे। 

भगवान शिव का उग्र रूप देखकर ब्रहमा आदि देवताओं को बड़ी चिंता हुई। शिवजी का मोह दूर करने के लिए सती की देह को उनसे दूर करना आवश्यक था, इसलिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से लक्ष्यभेद कर सती के शरीर को खंड-खंड कर दिया। वे अंग जहां-जहां गिरे वहीं शक्तिपीठों की स्थापना हुई और शिव ने कहा कि इन स्थानों पर भगवती शिव की भक्ति भाव से आराधना करने पर कुछ भी दुलर्भ नहीं होगा क्योंकि उन-उन स्थानों पर देवी का साक्षात निवास रहेगा। हिमाचल प्रदेश के कांगडा के स्थान पर सती का मस्तक गिरने से बृजेश्वरी देवी शक्तिपीठ, ज्वालामुखी पर जिव्हा गिरने से ज्वाला जी, मन का भाग गिरने से छिन्न मस्तिका चिन्तपूर्णी, नयन से नयना देवी, त्रिपुरा में बाई जंघा से जयन्ती देवी, कलकत्ता में दाये चरण की उंगलियां गिरने से काली मदिंर, सहारनपुर के निकट शिवालिक पर्वत पर शीश गिरने से शकुम्भरी, कुरूक्षेत्र में गुल्फ गिरने से भद्रकाली शक्ति पीठ तथा मनीमाजरा के निकट शिवालिक गिरिमालाओं पर देवी के मस्तिष्क का अग्र भाग गिरने से मनसा देवी आदि शक्ति पीठ देश के लाखों भक्तों के लिए पूजा स्थल बन गए हैं।

एक अन्य दंत कथा के अनुसार मनसा देवी का नाम महंत मंशा नाथ के नाम पर पडा बताया जाता है। मुगलकालीन बादशाह सम्राट अकबर के समय लगभग सवा चार सौ वर्ष पूर्व बिलासपुर गांव में देवी भक्त महंत मन्शा नाथ रहते थे। उस समय यहां देवी की पूजा अर्चना करने दूर-दूर से लोग आते थे। दिल्ली सूबे की ओर से यहां मेले पर आने वाले प्रत्येक यात्री से एक रुपया कर के रूप में वसूल किया जाता था। इसका मंहत मनसा नाथ ने विरोध किया। हकूमत के दंड के डर से राजपूतों ने उनके मदिंर में प्रवेश पर रोक लगा दी। माता का अनन्य भक्त होने के नाते उसने वर्तमान मदिंर से कुछ दूर नीचे पहाडों पर अपना डेरा जमा लिया और वहीं से माता की पूजा करने लगा। महंत मंशा नाथ का धूना आज भी मनसा देवी की सीढियों के शुरू में बाई ओर देखा जा सकता है। 

आईने अकबरी में यह उल्लेख मिलता है कि जब सम्राट अकबर 1567 ई. में कुरूक्षेत्र में एक सूफी संत को मिलने आए थे तो लाखों की संख्या में लोग वहां सूर्य ग्रहण पर इकटठे हुये थे। महंत मंशा नाथ भी संगत के साथ कुरूक्षेत्र में स्नान के लिये गये थे। कहते हैं कि जब नागरिकों एवं कुछ संतों ने अकबर से सरकार द्वारा यात्रियों से कर वसूली करने की शिकायत की तो उन्होंने हिंदुओं के प्रति उदारता दिखाते हुए सभी तीर्थ स्थानों पर यात्रियों से कर वसूली पर तुरंत रोक लगाने का हुकम दे दिया, जिसके फलस्वरूप कुरूक्षेत्र एवं मनसा देवी के दर्शनों के लिए कर वसूली समाप्त कर दी गई। 

*मदिंर का निर्माण मनीमाजरा के राजा गोपाल सिंह ने मनोकामना पूरी होने पर करवाया*

श्री माता मनसा देवी के सिद्घ शक्तिपीठ पर बने मदिंर का निर्माण मनीमाजरा के राजा गोपाल सिंह ने अपनी मनोकामना पूरी होने पर लगभग पौने दो सौ वर्ष पूर्व चार वर्षाे में अपनी देखरेख में सन 1815 ईसवी में पूर्ण करवाया था। मुख्य मदिंर में माता की मूर्ति स्थापित है। मूर्ति के आगे तीन पिंडीयां हैं, जिन्हें मां का रूप ही माना जाता है। ये तीनों पीडिंया महालक्ष्मी, मनसा देवी तथा सरस्वती देवी के नाम से जानी जाती हैं। मंदिर की परिक्रमा पर गणेश, हनुमान, द्वारपाल, वैष्णवी देवी, भैरव की मूर्तियां एवं शिव लिंग स्थापित है। इसके अतिरिक्त श्री मनसा देवी मंदिर के प्रवेश द्वार पर माता मनसा देवी की विधि विधान से अखंड ज्योत प्रज्जवलित कर दी गई है। 

इस समय मनसा देवी के तीन मंदिर हैं, जिनका निर्माण पटियाला के महाराज द्वारा करवाया गया था। प्राचीन मदिंर के पीछे निचली पहाडी के दामन में एक ऊंचे गोल गुम्बदनुमा भवन में बना माता मनसा देवी का तीसरा मदिंर है। मदिंर के एतिहासिक महत्व तथा मेलों के उपर प्रति वर्ष आने वाले लाखों श्रद्घालुओं को और अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए हरियाणा सरकार ने मनसा देवी परिसर को 9 सितम्बर 1991 को माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड का गठन करके इसे अपने हाथ मे ले लिया था। 

*पुरातत्ववेताओं की खोज से यहां मिली प्राचीन चीजे*

श्री माता मनसा देवी की मान्यता के बारे पुरातन लिखित इतिहास तो उपलब्ध नहीं है, परन्तु पिंजौर, सकेतडी एवं कालका क्षेत्र में पुरातत्ववेताओं की खोज से यहां जो प्राचीन चीजे मिली हैं, जो पाषाण युग से संबंधित है उनसे यह सिद्घ होता है कि आदिकाल में भी इस क्षेत्र में मानव का निवास था और वे देवी देवताओं की पूजा करते थे, जिससे यह मान्यता दृढ होती है कि उस समय इस स्थान पर माता मनसा देवी मदिंर विद्यमान था। यह भी जनश्रुति है कि पांडवों ने बनवास के समय इस उत्तराखंड में पंचपूरा पिंजौर की स्थापना की थी। उन्होंने ही अन्य शक्तिपीठों के साथ-साथ चंडीगढ के निकट चंडीमदिंर, कालका में काली माता तथा मनसा देवी मदिंर में देवी आराधाना की थी। पांडवों के बनवास के दिनों में भगवान श्री कृष्ण के भी इस क्षेत्र में आने के प्रमाण मिलते हैं। त्रेता युग में भी भगवान द्वारा शक्ति पूजा का प्रचलन था और श्री राम द्वारा भी इन शक्ति पीठों की पूजा का वर्णन मिलता है। 

*देश के लाखों यात्रियों के लिये बना है अराध्य स्थल*

हरिद्वार के निकट शिवालिक की ऊंची पहाडियों की चोटी पर माता मनसा देवी का एक और मदिंर विद्यमान है, जो आज देश के लाखों यात्रियों के लिये अराध्य स्थल बना हुआ है, परन्तु उस मदिंर की गणना 51 शक्तिपीठों में नहीं की जाती। पंचकूला के बिलासपुर गांव की भूमि पर वर्तमान माता मनसा देवी मदिंर ही सिद्घ शक्ति पीठ है, जिसकी गणना 51 शक्ति पीठों में होने के अकाट्य प्रमाण हैं। हरिद्वार के निकट माता मनसा देवी के मदिंर के बारे यह दंत कथा प्रसिद्घ है कि यह मनसा देवी तो नागराज या वासुकी की बहिन, महर्षि कश्यप की कन्या व आस्तिक ऋषि की माता तथा जरत्कारू की पत्नी है, जिसने पितरों की अभिलाषा एवं देवताओं की इच्छा एवं स्वयं अपने पति की प्रतिज्ञा को पूर्ण करने तथा सभी की मनोकामना पूर्ण करने के लिए वहां अवतार धारण किया था, सभी की मनोकामना पूर्ण करने के कारण अपने पति के नाम वाली जरत्कारू का नाम भक्तों में मनसा देवी के रूप में प्रसिद्घ हो गया। वह शाक्त भक्तों में अक्षय धनदात्रि, संकट नाशिनी, पुत्र-पोत्र दायिनी तथा नागेश्वरी माता आदि नामों से प्रसिद्घ है।

https://propertyliquid.com