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लोकसभा चुनाव 2019: भाजपा में शामिल हुईं पैरालंपियन दीपा मलिक

लोकसभा चुनाव 2019: लोकसभा चुनाव 2019 से पहले हरियाणा की राजनी‍ति में एक बार फिर से बदलाव देखने को मिला है।

हथीन से इंडियन नैशनल लोकदल (इनेलो) पार्टी के विधायक केहर सिंह रावत और पैरालंपिक दीपा मलिक ने आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया है।

पैरालंपिक दीपा मलिक ने भी भाजपा में शामिल होकर राजनीति में कदम रख लिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुातबिक हरियाणा के प्रभारी और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ अनिल जैन और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने विधायक केहर सिंह और दीपा मलिक को शामिल करवाया है।

विधायक केहर सिंह के भाजपा में शामिल होने से इंडियन नैशनल लोकदल पार्टी को बड़ा झटका है।

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किसानों का अपमान करने वाले कभी देशभक्त नहीं हो सकते – राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों को बकाया नहीं देने को लेकर रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार और भाजपा पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा किसानों का अपमान करने वाला देशभक्त नहीं हो सकता।

राहुल गांधी ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, “आपकी (भाजपा की) असफलता आपकी है, उसकी सज़ा आप किसानों को क्यूँ दे रहे हो? हमारे किसान हमें जीवन देते हैं।

उनपर किया गया अत्याचार देश पर किया गया अत्याचार है। भारत के किसानों का असम्मान करने वाला कभी देशभक्त नहीं हो सकता।”

राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट के साथ एक मीडिया रिपोर्ट को टैग किया जिसमें दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का बकाया 10 हजार करोड़ को पार कर गया है।

इसमें से आधा बकाया उन सीटों से है जहां पहले चरण में मतदान होने जा रहा हैं।

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सुभाष बराला का दावा,हरियाणा की सभी सीटों पर भाजपा की होगी जीत

करनाल:

 भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव में हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटें भाजपा जीतेगी।

इस बार जनता ने फिर मन बना लिया है कि नरेंद्र मोदी को दाेबारा प्रधानमंत्री बनाएंगे।

वे रविवार को इंद्री रोड पर जैन समाज द्वारा आयोजित एक सामाजिक कार्यक्रम में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की।

बराला ने कहा है कि आज प्रदेश में और केंद्र में भाजपा ने जनता हित में कार्य किए हैं और इसीलिए जनता आज हमारे साथ खड़ी है।

कांग्रेस पर चुटकी लेते हुये कहा कि जींद उपचुनाव में जमानत भी मुश्किल से बचा पाये थे, उससे भी बुरा हाल लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का होगा।

बराला ने कहा कि लोकसभा चुनाव के हरियाणा प्रत्याशियों के नामों को केन्द्रीय नेतृत्व के पास भेज दिया गया है और आगे का फैसला भी केन्द्रीय नेतृत्व ही लेगा।

जैन धर्म के कार्यक्रम में अलग-अलग धर्मों के गुरु भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम में उनके साथ भाजपा के कई नेता, मंत्री कर्ण देव काम्बोज, नीलोखेड़ी विधायक भगवान दास कबीरपंथी भी पहुंचे। कार्यक्रम में धर्मगुरुओं ने लोगों को परमात्मा से जुड़ने के लाभ के बारे में बताया।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बराला ने बाद में भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर भी विचार किया।

इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री वेदपाल, प्रदेश सह मीडिया प्रभारी रणदीप घनगस, करनाल लोकसभा आईटी प्रभारी विनोद खर्ब, करनाल भाजपा जिलाध्यक्ष जगमोहन आनन्द, करनाल नगर निगम मेयर रेणुबाला गुप्ता भी साथ में उपस्थित रहे।

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लोकसभा चुनाव 2019 में सुरक्षित सीट की तालाश में राहुल

अमेठी लोकसभा चुनाव क्षेत्र 1967 से कांग्रेस की सीट रही है संजय गांधी की मृत्यु के पश्चात राजीव गांधी यहाँ से निर्वाचित हुए तभी से यह कांग्रेस की पारंपरिक सीट से बदल कर पारिवारिक सीट हो गयी।

2004 के बाद से कोई भी राहुल गांधी को चुनौती नहीं दे पाया था, लेकिन 2014 के चुनावों में भाजपा की दिग्गज नेता, टीवी अभिनेत्री से नेत्री बनी समृति ईरानी के आने से महौल बदला और राहुल को एक चुनौती का सामना करना पड़ा।

आम आदमी पार्टी द्वारा कुमार विश्वास को मैदान में उतारने से चुनावी समीकरण राहुल गांधी की ओर बैठ गए अन्यथा विश्वास द्वारा काटेगए वोट भी स्मृति के पक्ष में जाते और राहुल की जीत का अंतर कुछ 100 ही में सिमट जाता।

अब माहौल पूरी तरह से बदल चुका है राहुल गांधी ने अमेठी से सांसद होते हुए भी अकर्मण्यता का परिचय दिया और अमेठी के बारे में यह कहा जाता है कि राजीव गांधी ने 1981 में जिस झोंपड़ी से चुनाव प्रचार किया था 2019 के क्ंग्रेस चुनाव प्रचार भी उसी झोंपड़ी से किए जाएँगे (यह सिर्फ 1967 से आज तक कांग्रेस सांसदों के रहते अमेठी के हालात बयान करती प्रतीकात्मक बात है) भाजपा का मानना है कि 2004 से आज तक राहुल ने उतने वादे अमेठी से नहीं किए जीतने काम स्मृति ईरानी ने हारने के बाद भी अमेठी में करवा दिये।

लोगों के मन में स्मृति इरानि को लेकर था कि हारने के बाद स्मृति पुन: अमेठी नहीं आएंगीन, परंतु स्मृति ने न केवल वहाँ अपना दफ्तर बनाया अपितु वह बारंबार अमेठी आती रहीं और स्थानीय लोगों की समस्याओं का निदान करतीं रहीं।

2010 में जिला घोषित होने के बाद से 2017 तक यहाँ डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर का दफ्तर भी नहीं था। अमेठी ने गांधी परिवार को चुनाव दर चुनाव जितया परंतु अमेठी को गांधी परिवार से सिर्फ राजनैतिक अकर्मण्यता के सिवा कुछ भी हासिल नहीं हुआ।

आज जब 2019 के चुनाव सामने हैं, स्मृति के किये काम दिखने लगे हैं ऐसे में लोगों को स्मृति से काफी उम्मीदें हैं। चुनावी समीकरण अब स्मृति की ओर झुके हुए हैं।

बसपा सुप्रीमो ने हालांकि अमेठी सीट पर उम्मीदवार न उतारने की बात कही थी पर अब वह राहुल गांधी से नाराज़ चल रहीं हैं, विश्वास भी इस बार मैदान में नहीं हैं, चुनावी दंगल कर्मठ स्मृति तथा राहुल के बीच हैं जिसमे राहुल की जीत मुश्किल होती जान पड़ती है इसी लिए अब कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाइयां उन्हे अपने राज्यों की सुरक्षित सीटों से चुनाव लड़ने की प्रार्थना कर रहीं हैं।

भीतर ही भीतर स्मृति से डरे हुए रहल अप्रत्यक्ष रूप से यही चाहते हैं परन्तु परोक्ष रूप से इस पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं।

पत्तनमतिट्टा/कोट्टायम (केरल) : प्रदेश कांग्रेस ने वयनाड लोकसभा सीट के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी (एआईसीसी) अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम प्रस्तावित किया है. यह सीट राज्य में पार्टी का गढ़ मानी जाती है. वरिष्ठ नेताओं ने शनिवार को बताया कि राहुल गांधी ने इस अनुरोध पर फिलहाल प्रतक्रिया नहीं दी है.

एआईसीसी महासचिव ओमन चांडी ने पत्तनमतिट्टा जिले में संवाददाताओं से कहा कि केरल प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने गांधी से वयनाड से लड़ने का आग्रह किया है लेकिन उन्होंने प्रस्ताव पर टिप्पणी नहीं की है.

उन्होंने कहा कि पार्टी नेता मांग कर रहे हैं कि गांधी को किसी दक्षिण भारतीय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहिए और “हमने गांधी से वयनाड सीट से लड़ने का आग्रह किया है.” चांडी ने कहा, “उन्होंने अब तक इस अनुरोध पर टिप्पणी नहीं की है. लेकिन हमें उम्मीद है कि कुछ सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी.”

पार्टी केरल की 20 लोकसभा सीटों में से 16 पर चुनाव लड़ रही है और उसने 14 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है लेकिन वयनाड एवं वडाकरा से अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं. वहीं राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्नीथला ने कोट्टायम में कहा कि उन्होंने गांधी से वयनाड सीट से लड़ने का आग्रह किया था जब वह हाल ही में पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत करने केरल आए थे.

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भाजपा का ‘विजय संकल्प सभा’ चुनाव अभियान आज से शुरू

लोकसभा चुनाव 2019:

चुनाव के तैयारियों के बीच भाजपा रविवार से  ‘विजय संकल्प सभा’ के जरिये अपने चुनाव अभियान की शुरुआत करने जा रही है। भाजपा पूरे देश में 24 और 26 मार्च के बीच अभियान करेगी।  

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2019 के लिए भाजपा पूरे देश में 24 और 26 मार्च को ‘विजय संकल्प सभा’ का शंखनाद करेगी।

इस दौरान भाजपा 5 साल के कामकाज और चुनाव अभियान का पूरा प्रचार करेगी। 

इस अभियान में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित पार्टी के कई नेता शामिल होंगे। इतना ही नहीं लोकसभा उम्मीदवारों के बीच जाकर विजय संकल्प सभा को संबोधित भी करेंगे। 

राजनाथ सिंह 24 मार्च को लखनऊ और 26 मार्च को दिल्ली में विजय संकल्प सभा को संबोधित संबोधित करेंगे।

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भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को दी गई एक दिन पहले फांसी – 23 March – शहीद दिवस

भारत की आजादी के लिए आज ही के दिन हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूलने वाले महान स्वंतत्रता सेनानियों शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। 

भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिया जाना भारत के इतिहास में दर्ज सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है

23 मार्च 1931 को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी।

23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में भी जाना जाता है।

भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु और सुखदेव को फांसी दिया जाना भारत के इतिहास में दर्ज सबसे बड़ी एवं महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है

असेंबली में बम फेंकने के बाद भगत सिंह  वंहा से भागे नहीं लेकिन ब्रिटिश सरकार की चालबाजी का शिकार हो गये और गलत आरोप लगाकर उन्हें फांसी की सजा सुना दी गयी ।

भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव को 24 मार्च 1931 को फांसी दी जानी थी, लेकिन एक दिन पहले 23 मार्च को दी उन्हें फांसी दे दी गई थी क्योंकि तीनों वीर सपूतों को फांसी देने का एलान पहले ही किया जा चुका था।

23 मार्च की आधी रात को अंग्रेज हुकूमत ने भारत के तीन सपूतों- भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फंसी पर लटका दिया था। देश की आजादी के लिए खुद को देश पर कुर्बान करने वाले इन महान क्रांतिकारियों को याद करने के लिए ही शहीद दिवस मनाया जाता है।

यह खबर आग की तरह पूरे देश भर में फैल गई थी। लोग ब्रिटिश सरकार पर भड़के हुए थे और वे तीनों वीर सपूतों को देखना चाहते थे।

तीनों को फांसी को लेकर जिस तरह से लोग प्रदर्शन और विरोध कर रहे थे उससे अंग्रेज सरकार डर गई थी। माहौल को बिगड़ता देखकर ही फांसी का दिन और समय बदला दिया गया और एक दिन पहले ही फांसी दे दी।

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लोकसभा चुनाव 2019 : BJP में शामिल हुए गौतम गंभीर

भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी  गौतम गंभीर शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।

भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली और रविशंकर प्रसाद की मौजूदगी में पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर शुक्रवार को बीजेपी का दामन थाम लिया है। 

ऐसी संभावना है कि लोकसभा चुनाव 2019 के लिए गौतम गंभीर नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।

इस समय इस सीट से भाजपा की ओर से मीनाक्षी लेखी सासंद हैं।

गंभीर हमेशा गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करने में सबसे सक्रिय सदस्य रहे हैं।

बता दें कि हाल ही में भारतीय जनता पार्टी ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए 185 उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा की है। 

इस बीच भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति 22 मार्च को सुबह लगभग 11 बजे फिर से बैठक करेगी जिसमें सभी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने की संभावना है।

इस बीच ऐसी रिपोर्ट्स सामने आईं है कि गौतम गंभीर पार्टी में शामिल होने वाले संभावित उम्मीदवारों में से एक हैं।

अगर सब कुछ योजना के अनुसार होता है, तो पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे।

हाल ही में गौतम गंभीर को पद्म श्री सम्मान से भी नवाजा गया है।

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भारतीय जनता पार्टी द्वारा लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी,यूपी के 6 मौजूदा सांसद बाहर

भारतीय जनता पार्टी द्वारा बृहस्पतिवार को जारी लोकसभा उम्मीदवारों की पहली सूची में उत्तर प्रदेश के 28 प्रत्याशियों के नाम घोषित किये गये है।

पार्टी ने अपने छह वर्तमान सांसदों के टिकट काट दिये है। इनमें केंद्रीय मंत्री कृष्णा राज, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग चेयरमैन राम शंकर कठेरिया शामिल है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी तथा राजनाथ सिंह लखनऊ की अपनी पहले की सीटों पर दोबारा किस्मत आजमायेंगे।

पार्टी ने वीवीआईपी सीट मानी जाने वाली अमेठी लोकसभा की सीट से स्मृति ईरानी को एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाधी का मुकाबला करने के लिये मैदान में उतारा है।

भाजपा के एक नेता ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा की सीटें है बाकी सीटों के प्रत्याशियों की घोषणा जल्द ही कर दी जायेगी।

भाजपा की पहली सूची में कृष्णा राज. शाहजहापुर, और राम शंकर कठेरिया आगरा के अलावा अंशुल वर्मा हरदोई, बाबू लाल चौधरी फतेहपुर सीकरी, अंजू बाला मिश्रिख और सत्यपाल सिंह संभल का टिकट काटा गया है। इन सीटों पर जो नये प्रत्याशी घोषित किये गये है उनमें एसपी सिंह बघेल आगरा, परमेश्वर लाल सैनी संभल, राजकुमार चाहर फतेहपुर सीकरी, जयप्रकाश रावत हरदोई, अशोक रावत मिश्रिख और अरूण सागर शाहजहांपुर से शामिल हैं। 

पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी में नरेंद्र मोदी को 5,81,022 वोट मिले थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वन्दी अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 वोट मिले थे और मोदी ने यह चुनाव 3,71,784 वोटो से जीता था। 

भाजपा की पहली सूची में उत्तर प्रदेश में जिन लोगों को लोकसभा टिकट दिया गया है उनमें राघव लखनपाल सहारनपुर, संजीव कुमार बालियान मुजफफरनगर, कुंवर भारतेंद्र सिंह बिजनौर, राजेंद्र अग्रवाल मेरठ, सत्यपाल सिंह बागपत, विजय कुमार सिंह गाजियाबाद और महेश शर्मा गौतमबुद्ध नगर शामिल है।

इनमें वीके सिंह केंद्र सरकार में विदेश राज्य मंत्री, महेश शर्मा पर्यटन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार जबकि सत्यपाल सिंह भी राज्य मंत्री है।

वर्तमान में बिजनौर के सांसद कुंवर भारतेंद्र सिंह, संजीव कुमार बालियान मुजफफरनगर, राघव लखनपाल सहारनपुर , राजेंद्र अग्रवाल मेरठ, सत्यपाल सिंह बागपत, विजय कुमार सिंह गाजिया बाद और महेश शर्मा गौतमबुद्ध नगर से चुनाव लड़ेंगे।

उत्तर प्रदेश में पहले चरण में 11 अप्रैल को जिन लोकसभा सीटों पर मतदान होना है उनमें बागपत, बिजनौर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और कैराना शामिल है।


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Google ने होली के त्यौहार पर एक रंगीन डूडल बनाकर किया समर्पित

Google का डूडल

21 मार्च को Google ने होली के त्यौहार को एक रंगीन डूडल के रूप में चिह्नित किया है जो त्यौहार की उज्ज्वल और मज़ेदार भावना को दर्शाता है।

Google में भव्य कलाकृतियों के साथ-साथ होली के महत्व को बताते हुए एक कला और संस्कृति भी प्रदर्शित है।

होली, जिसे “रंगों का त्योहार” भी कहा जाता है, एक हिंदू त्योहार है जो वसंत के आगमन और सर्दियों के अंत का प्रतीक है।

भारत और नेपाल दो ऐसे देश हैं जो हर साल श्रद्धापूर्वक होली मनाते हैं। हालांकि, पूरे विश्व में भारतीय प्रवासी की उपस्थिति ने इसे एशिया और पश्चिम में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय भारतीय त्योहारों में से एक बना दिया है।

हिंदू कैलेंडर में ‘फाल्गुन’ महीने की पूर्णिमा पर – होली पूर्णिमा की रात को आती है।

परंपरागत रूप से, होली के लिए उत्सव मनाया जाता है – 20 और 21 मार्च को इस वर्ष – हिंदुओं द्वारा। पहले दिन समारोह लोगों के साथ उनके समुदाय या पिछवाड़े में बड़े अलाव जलाते हैं, और कच्चे नारियल और मकई का प्रसाद बनाते हैं।

दूसरे दिन, लोग रंगों, पिचकारियों, पानी की बंदूकें और पानी के गुब्बारे के साथ खेलते हैं।

21 march Holi

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होली का पर्व फूलों और रंगों का त्योहार

रंग हमारी भावनाओं को दर्शाते हैं। रंगों के माध्यम से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित होता है। यही कारण है कि हमारी भारतीय संस्कृति में होली का पर्व फूलों, रंग और गुलाल के साथ खेलकर मनाया जाता है।

रंगों का पर्व होली एक सांस्कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक त्यौहार है।

बल्कि यह पर्यावरण से लेकर आपकी सेहत के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। 

सनातन (हिंदू) धर्म में प्रत्येक मास की पूर्णिमा का बड़ा ही महत्व है और यह किसी न किसी उत्सव के रूप में मनाई जाती है।

उत्सव के इसी क्रम में होली, वसंतोत्सव के रूप में फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है।

फाल्गुन पूर्णिमा, हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का अंतिम दिन होता है। इससे आठ दिन पूर्व होलाष्टक आरंभ हो जाते हैं।

अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक के समय में कोई शुभ कार्य या नया कार्य आरंभ करना शास्त्रों के अनुसार वर्जित माना गया है।

होली शब्द का संबंध होलिका दहन से भी है अर्थात पिछले वर्ष की गल्तियां एवं वैर-भाव को भुलाकर इस दिन एक-दूसरे को रंग लगाकर, गले मिलकर रिश्तों को नए सिरे से आरंभ किया जाए। इस प्रकार होली भाईचारे, आपसी प्रेम एवं सद्भावना का पर्व है। 

होली, भारतीय समाज में लोकजनों की भावनाओं को अभिव्यक्त करने का आईना है। परिवार को समाज से जोड़ने के लिए होली जैसे पर्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रीति-रिवाजों और परंपराओं के अनुसार होली उत्तर प्रदेश के ब्रजमंडल में ‘लट्ठमार होली’ के रूप में, असम में ‘फगवाह’ या ‘देओल’, बंगाल में ‘ढोल पूर्णिमा’ और नेपाल देश में ‘फागु’ नामों से लोकप्रिय है।

मुगल साम्राज्य के समय में होली की तैयारियां कई दिन पहले ही प्रारंभ हो जाती थीं। मुगलों के द्वारा होली खेलने के प्रमाण कई ऐतिहासिक पुस्तकों में मिलते हैं। सम्राट अकबर, हुमायूं, जहांगीर, शाहजहां और बहादुरशाह जफर ऐसे बादशाह थे, जिनके समय में होली उल्लास से खेली जाती थी।

कुछ वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि रंगों से खेलने से स्वास्थ्य पर इनका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्योंकि रंग हमारे शरीर तथा मानसिक स्वास्थ्य पर कई तरीके से असर डालते हैं। पश्चिमी फीजिशियन और डॉक्टरों का मानना है कि एक स्वस्थ शरीर के लिए रंगों का महत्वपूर्ण स्थान है।

होली यह संदेश लेकर आती है कि जीवन में आनंद, प्रेम, संतोष एवं दिव्यता होनी चाहिए। जब मनुष्य इन सबका अनुभव करता है, तो उसके अंतःकरण में उत्सव का भाव पैदा होता है, जिससे जीवन स्वाभाविक रूप से रंगमय हो जाता हैं। रंगों का पर्व यह भी सिखाता है कि काम, क्रोध, मद, मोह  एवं लोभ रूपी दोषों को त्यागकर ईश्वर भक्ति में मन लगाना चाहिए। 

रंग हमारी भावनाओं को दर्शाते हैं। रंगों के माध्यम से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित होता है। यही कारण है कि हमारी भारतीय संस्कृति में होली का पर्व फूलों, रंग और गुलाल के साथ खेलकर मनाया जाता है।