श्री माता मनसा देवी मंदिर में चोला अर्पित करने की ऑनलाइन प्रक्रिया हुई शुरू

*MC Chandigarh penalizes Punjab & Sind Bank with ₹5000 challan for violation of SWM Rules in Sector 17*

*Chandigarh, August 2:-*

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In a stringent move to uphold the cleanliness and aesthetic integrity of Chandigarh, the Municipal Corporation Chandigarh has imposed a penalty of ₹5000 on Punjab and Sind Bank, Sector 17-B, under Rule 4 of the Solid Waste Management (SWM) Rules.

 The bank was found guilty of unauthorized stacking of construction and demolition (C&D) waste outside its premises without seeking prior permission, and for failing to clear the debris despite repeated reminders from the civic authorities.

This action was taken after multiple notices and verbal communications failed to elicit any response from the institution. The unattended waste not only posed a public nuisance but also undermined the civic body’s efforts to maintain a clean and garbage-free environment in the heart of the city.

MC Commissioner Sh. Amit Kumar,  IAS, has issued a stern warning to all violators, emphasizing that no individual or institution is above the law when it comes to maintaining public hygiene. He reiterated the Corporation’s zero-tolerance policy against non-compliance with the SWM Rules and called upon all stakeholders to act responsibly and in accordance with the prescribed waste disposal norms.

He said the beautification and cleanliness of Chandigarh cannot be compromised. He urged all citizens, institutions, and businesses to follow the Solid Waste Management Rules strictly. Those found violating will face strict penalties without exception,” the Commissioner said.

He said that the MCC will continue to monitor violations across the city, and such punitive actions will be taken wherever needed to enforce compliance and sustain Chandigarh’s cleanliness standards.

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श्री माता मनसा देवी मंदिर में चोला अर्पित करने की ऑनलाइन प्रक्रिया हुई शुरू

हरियाणा में हुआ छठे राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ का भव्य आगाज़

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में किया शुभारंभ

26 खेलों में प्रदेश के कुल 15,410 खिलाड़ी लेंगे भाग

खेल महाकुंभ केवल आयोजन नहीं, बल्कि युवाओं के सपनों को उड़ान देने का मंच – मुख्यमंत्री

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पंचकूला, 2 अगस्त — हरियाणा में आज खेल भावना और युवा ऊर्जा का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में छठे राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ का भव्य आगाज़ हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कबड्डी मैच की शुरुआत कर खेल महाकुंभ का विधिवत शुभारंभ किया और प्रतिभागी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि इस वर्ष के खेल महाकुंभ में प्रदेश के 15,410 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं, जो कुल 26 विभिन्न खेलों प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। यह खेल महाकुंभ केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि यह युवाओं के सपनों को उड़ान देने का एक सशक्त मंच है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से न केवल खिलाड़ियों को राज्य स्तर पर पहचान मिलती है, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए भी तैयार किया जाता है। उन्होंने कहा कि खेल महाकुम्भ की शुरुआत हरियाणा के स्वर्ण जयंती वर्ष 2017 में की गई थी। तब से अब तक पांच खेल महाकुम्भों का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है। 

2036 के ओलंपिक खेलों में हरियाणा के खिलाड़ियों द्वारा अधिक से अधिक पदक लाने के लिए अभी से तैयारियां शुरू

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2036 के ओलंपिक खेलों में भारत को एक खेल महाशक्ति के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इन खेलों की मेज़बानी भारत में करवाने का संकल्प भी व्यक्त किया है। इस दिशा में हरियाणा पहले ही सक्रियता से कार्य कर रहा है और व्यापक स्तर पर तैयारियाँ शुरू कर चुका है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि वर्ष 2036 के ओलंपिक खेलों में हरियाणा के खिलाड़ी देश के लिए सर्वाधिक पदक जीतकर भारत को वैश्विक मंच पर गौरव दिलाएंगे।

उन्होंने कहा कि हरियाणा का लक्ष्य है कि प्रदेश का हर गांव एक ऐसा खिलाड़ी तैयार करे, जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का तिरंगा फहराए। इसी उद्देश्य की पूर्ति की दिशा में ‘खेल महाकुंभ’ का आयोजन एक स्वर्णिम अध्याय सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि हमारा दीर्घकालिक उद्देश्य केवल हरियाणा को भारत की खेल राजधानी बनाना नहीं, बल्कि उसे विश्व की खेल राजधानी के रूप में स्थापित करना है। 

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि खेल महाकुंभ के अलावा, प्रदेश में साल भर विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित करने के लिए खेल कैलेण्डर भी तैयार किया जाता है। इस वर्ष के कैलेण्डर के अनुसार इस खेल महाकुम्भ के अलावा, राज्यस्तरीय अखाड़ा दंगल, मुक्केबाजी, वॉलीवाल, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, तैराकी, बास्केटबॉल, ताइक्वांडो, जिम्नास्टिक्स, हैंडबॉल इत्यादि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज से 10 साल पहले हमने हरियाणा में खेलों के लिए हर बच्चे को खेल से जोडने, हर गांव में खेल का मैदान बनाने और युवाओं को अवसर देने का विजन लिया था।

उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि आज हरियाणा को ‘खेलों की नर्सरी’ कहा जाता है। हमें खिलाड़ियों पर गर्व है, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है। चाहे वे ओलंपिक खेल हों, एशियाई खेल हों या राष्ट्रमंडल खेल हों, हरियाणा के खिलाड़ियों ने हर मोर्चे पर तिरंगे को ऊंचा फहराया है। खिलाड़ियों ने पेरिस ओलंपिक 2024 में देश द्वारा जीते गये 6 पदकों में से 5 पदक जीते। इससे पहले, टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत द्वारा जीते गए 7 पदकों में से 4 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने हासिल किए। यही नहीं, एशियाई खेलों में भी हमारा प्रदर्शन बड़ा ही सराहनीय रहा है। हांग्जो एशियाई खेल-2022 में, राज्य के 82 खिलाड़ियों ने भाग लिया। इसमें देश के 111 पदकों में से 28 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों ने जीते। राष्ट्रमंडल खेलों में भी हरियाणा के खिलाड़ियों का दबदबा रहा। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल 2022 के दौरान हरियाणा के खिलाड़ियों ने 20 पदक जीते। ये उपलब्धियां हमारी दूरदर्शी खेल नीतियों का परिणाम हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह खेल महाकुम्भ युवाओं की प्रतिभा को आगे बढ़ाने का माध्यम है। इसका उद्देश्य हर उस युवा को मंच प्रदान करना है, जो खेल में अपना भविष्य देखता है। बचपन से ही खिलाड़ियों को तराशने के लिए प्रदेश में खेल नर्सरियां खोली हुई हैं। इनमें उन्हें वित्तीय सहायता व प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इस समय प्रदेश में 1489 खेल नर्सरियां कार्यरत हैं। इनमें 37,225 खिलाड़ी प्रशिक्षण ले रहे हैं। इन नर्सरियों में नामांकित 8 से 14 वर्ष की आयु के खिलाड़ियों को 1500 रुपये तथा 15 से 19 वर्ष की आय आयु के खिलाड़ियों को दो हजार रुपये प्रति माह दिये जाते हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित रोजगार सुनिश्चित करने के लिए ‘हरियाणा उत्कृष्ट खिलाड़ी सेवा नियम 2021’ बनाये हैं। इसके तहत खेल विभाग में 550 नए पद बनाये गये। सरकार ने 224 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी है। खिलाड़ियों के लिए क्लास-वन से क्लास फोर तक के पदों की सीधी भर्ती में आरक्षण का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है, जो पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सबसे अधिक नकद पुरस्कार देता है। अब तक खिलाड़ियों को 593 करोड़ रुपये के नकद पुरस्कार दिए हैं। इसके अतिरिक्त, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 298 खिलाड़ियों को मानदेय भी दिया जा रहा है। राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले तथा पदक जीतने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। वर्ष 2014 से अब तक 29 हजार से अधिक छात्रों को 53 करोड़ 45 लाख रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। खिलाडियों को खेल उपकरण भी उपलब्ध करवा रहे हैं। इसके लिए हरियाणा खेल उपकरण प्रावधान योजना बनाई है। इसके तहत 15,634 खिलाड़ियों को उपकरण प्रदान किये जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि बचपन से ही खेलों के लिए प्रोत्साहन व प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। राज्य में मजबूत खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किया गया है ताकि खिलाड़ियों को सभी आधुनिक सुविधाएं मिल सकें। इस खेल महाकुम्भ के माध्यम से हम स्वास्थ्य और फिटनेस के प्रति भी जागरूकता बढ़ाना चाहते हैं। निरंतर फिटनेस पर ध्यान देना उतना ही आवश्यक है। उन्होंने कहा कि खेल महाकुंभ हरियाणा में खेलों के एक नए युग की शुरुआत करेगा। यह युवाओं को प्रेरणा देगा, उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करेगा और हरियाणा को खेलों की दुनिया में एक नई पहचान दिलाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सम्मानित भी किया।

हरियाणा खेलों का सिरमौर, खेल महाकुंभ के ज़रिए युवाओं को मिल रही नई ऊर्जा और पहचान – राज्य मंत्री गौरव गौतम

खेल तथा युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री गौरव गौतम ने कहा कि इस खेल महाकुंभ में प्रदेशभर से 15 हजार से अधिक खिलाड़ी 26 खेल विधाओं में भाग लेंगे, जो ‘खेलो इंडिया’ जैसे राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों से भी बड़ी भागीदारी है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी का युवाओं की ओर से अभिनंदन करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में हरियाणा सरकार खेलों को गाँव और ज़िला स्तर तक ले जाकर प्रतिभाओं को तराशने का कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गांव स्तर पर खेल नर्सरियाँ खोलकर ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने का काम कर रही है। केंद्र सरकार खेलो इंडिया के माध्यम से खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुविधा देकर खेल की प्रतिभा को निखारने का काम कर रही है। वहीं हरियाणा सरकार मिशन ओलंपिक विजय भव: के माध्यम से खिलाड़ियों को तराशने का काम कर रही है ताकि 2036 में हरियाणा के खिलाड़ी अधिक से अधिक मेडल लेकर आएं। ओलंपिक 2036 को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स साइंस और अंतरराष्ट्रीय स्तर की कोचिंग सुविधाएं दी जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि आज खेलों में हरियाणा देश का सिरमौर बन चुका है। भारत की आबादी का लगभग 2 प्रतिशत वाला हरियाणा के खिलाड़ियों का 60 प्रतिशत से ज्यादा मैडल पर कब्जा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा पूरी दुनिया में खेलों के क्षेत्र में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। आउटस्टैंडिंग स्पोर्ट्सपर्सन पॉलिसी के तहत पदक विजेताओं को सरकारी नौकरी देने का काम राज्य सरकार कर रही है।

खेल राज्य मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल में खेलों पर केवल 33 करोड़ रुपये खर्च किए जबकि वर्तमान सरकार वर्ष 2014 से 2024 तक 600 करोड़ रुपये खिलाड़ियों और खेलों पर खर्च कर चुकी है। हरियाणा के खिलाड़ियों की ऊर्जा, मेहनत और नायाब खेल नीति की बदौलत खिलाड़ियों ने प्रदेश व देश का नाम विश्व मंच पर रोशन किया है। 

इस अवसर पर सांसद श्री कार्तिकेय शर्मा, कालका की विधायक श्रीमती शक्ति रानी शर्मा, पंचकूला के मेयर श्री कुलभूषण गोयल, प्रदेश की बीजेपी उपाध्यक्ष बतो कटारिया, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता, खेल विभाग के प्रधान सचिव श्री नवदीप सिंह विर्क, निदेशक श्री संजीव वर्मा, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बबीता फौगाट और दीपक हुड्डा सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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श्री माता मनसा देवी मंदिर में चोला अर्पित करने की ऑनलाइन प्रक्रिया हुई शुरू

जनहित सर्वोपरि की भावना से कार्य करें कर्मचारी- मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

हरियाणा विकास और नवाचार की धरती, आज हर क्षेत्र में छू रहा नई ऊँचाइयाँ — मुख्यमंत्री

विपक्ष के नेता लगाते थे नौकरियों की बोली, जबकि हमारी सरकार युवाओं को मेरिट पर दे रही नौकरियाँ — मुख्यमंत्री

सरकार का लक्ष्य सशक्त, समावेशी और आत्मनिर्भर हरियाणा का निर्माण — नायब सिंह सैनी

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पंचकूला,2 अगस्त — हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि कर्मचारी राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था की रीढ़ हैं और प्रदेश के विकास में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। कर्मचारियों का कार्यक्षेत्र चाहे जो भी हो, भावना केवल एक होनी चाहिए ‘जनहित सर्वोपरि’। मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों से आह्वान  किया कि सभी एक टीम की तरह मिलकर एक सशक्त, समावेशी और आत्मनिर्भर हरियाणा का निर्माण करें।

मुख्यमंत्री शनिवार को पंचकूला में आयोजित नवनियुक्त ग्रुप—डी कर्मचारियों के परिचयात्मक कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

श्री नायब सिंह सैनी ने कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सरकारी नौकरी मात्र नौकरी नहीं होती, बल्कि यह उस मातृभूमि की सेवा का अवसर होता है, जिसने हमें सब कुछ दिया। उस समाज की सेवा जिसने हमें पहचान दी। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी जनता और शासन के बीच की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं।

उन्होंने कहा कि हरियाणा विकास और नवाचार की धरती है। हरियाणा आज देश में एक अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है। कृषि, उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, महिला सशक्तिकरण, डिजिटल गवर्नेस जैसे हर क्षेत्र में हम नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। यह सफलता केवल नीति-निर्माताओं की नहीं, यह सफलता मेहनती और ईमानदार अधिकारियों व कर्मचारियों की भी है, जो दिन-रात अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं। इसलिए कर्मचारियां को सदैव उस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सेवा, सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता और कार्यकुशलता की भावना के साथ कार्य करते रहना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और प्रदेश में हर क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। वर्ष 2014 में भारत अर्थव्यवस्था के मामले में दुनिया में 14वें स्थान पर था, लेकिन पिछले 11 वर्षों में आर्थिक उन्नति के बाद आज भारत की अर्थव्यस्था दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन चुकी है।

श्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष के नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान विपक्ष के एक नेता चुनाव प्रचार के दौरान कह रहे थे कि मुझे 50 वोट दो और मैं एक नौकरी दूंगा। नौकरियों की बोलियां लग रही थी, लेकिन हमारी सरकार ने आज इस प्रकार के सिस्टम के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और केवल मैरिट के आधार पर नौकरियां दी हैं। आज गरीब परिवारों के बच्चे भी सरकारी नौकरी में आ रहे हैं, उनके सपने अब पूरे हो रहे हैं। पहले की सरकार में तो बच्चों को उनकी मेहनत का फल नहीं मिलता था लेकिन आज युवाओं को उनकी मेहनत के बल पर नौकरी मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार वर्ष 2014 से ‘जन सेवा ही परम धर्म’ के मंत्र के साथ गति से काम कर रही है। राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी अपनाई है। आज यह नीति केवल कागजों पर नहीं है, बल्कि ज़मीन पर हकीकत में दिखती भी है।

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के लिए सरकार प्रशिक्षण, कौशल विकास और कल्याण के लिए सदैव साथ है। हर स्तर पर एक बेहतर कार्य संस्कृति, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल प्रक्रियाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में 30 हजार सरकारी नौकरियां दी हैं। ग्रुप सी व डी के पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार खत्म कर लिखित परीक्षा का प्रावधान किया है। सरकारी नौकरियों के अलावा, 2083 रोजगार मेलों का आयोजन करके 1 लाख 6 हजार 283 युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार से जोड़ा है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ‘यूनिफाइड पेंशन स्कीम’ की तर्ज पर हरियाणा के कर्मचारियों को भी यू.पी.एस. का लाभ एक अगस्त, 2025 से दिया है। इसकी अधिसूचना गत 2 जुलाई को की जा चुकी है। इस स्कीम का लाभ हरियाणा सरकार के 2 लाख कर्मचारियों को मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गत 26 व 27 जुलाई को ग्रुप सी के लिए आयोजित ‘कॉमन पात्रता परीक्षा’ का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया, जिसमें अधिकारियों, कर्मचारियों, रोडवेज विभाग, निजी स्कूलों सहित अन्य संबंधित एनजीओ ने अपना योगदान देकर युवाओं को परीक्षा केंद्रों तक सुगमता से पहुंचाया। किसी भी युवा को कोई परेशानी नहीं होने दी गई।

हरियाणा में अब सिफारिश से नहीं, मेहनत से मिल रही सरकारी नौकरी – राज्य मंत्री गौरव गौतम

युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता मंत्री श्री गौरव गौतम ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने बिना पर्ची और बिना खर्ची की नीति के तहत 24,000 युवाओं को पारदर्शी तरीके से रोजगार प्रदान करने का वादा किया था, जिसे उन्होंने पूरा करके दिखाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आशीर्वाद से उन्हें युवाओं के प्रतिनिधि के रूप में काम करने का अवसर मिला है, और इस भूमिका को वे पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं।

श्री गौतम ने कहा कि आज हरियाणा पारदर्शिता और ईमानदारी के मामले में देश में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले प्रदेश में पैरालिसिस सरकार चल रही थी। उस समय युवाओं को न्याय की उम्मीद नहीं दिखाई देती थी। यहां तक कि युवाओं को नौकरी के लिए नेताओं और दलालों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन आज वही युवा कोचिंग सेंटर, खेल मैदान और लाइब्रेरियों में मेहनत करते दिखाई देते हैं। यह बदलाव मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की दूरदर्शिता का परिणाम है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में बिना किसी सिफारिश और खर्च के सरकारी नौकरियां मिल रही हैं। यह केवल एक नारा नहीं बल्कि एक मजबूत नींव है जो आने वाले समय में हरियाणा को ईमानदारी और पारदर्शिता की मिसाल के रूप में स्थापित करेगा।

श्री गौरव गौतम ने सभी नव नियुक्त कर्मचारियों को शुभकामनाएं देते हुए आह्वान किया कि वे पूर्ण समर्पण और निष्ठा से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।

इस अवसर पर विधायक श्रीमती शक्ति रानी शर्मा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता, पंचकूला के मेयर श्री कुलभूषण गोयल, महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, मानव संसाधन विभाग के आयुक्त एवं सचिव श्री सी.जी. रजीनीकांथन, मानव संसाधन विभाग के निदेशक श्री विनय प्रताप सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त की जारी

हरियाणा के 16 लाख 77 हजार किसानों के खातों में पहुंचे 353 करोड़ रुपये

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंचकूला में आयोजित पीएम किसान उत्सव दिवस राज्य स्तरीय समारोह में बतौर मुख्य अतिथि की शिरकत

यह केवल वित्तीय सहायता नहीं, बल्कि किसानों को दिए गए भरोसे का प्रमाण है – मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी

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पंचकूला, 2 अगस्त – प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज वाराणसी उत्तर प्रदेश से पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के 9 करोड़ 70 लाख किसानों के खातों में 20वीं किस्त जारी कर 20 हजार 500 करोड़ रुपये का लाभ प्रदान किया। इसमें हरियाणा के 16 लाख 77 हजार किसानों के खातों में 353 करोड़ रुपये की राशि डाली गई है। इस उपलक्ष्य में जिला पंचकूला में पीएम किसान उत्सव दिवस राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इसके अलावा, अन्य जिलों में भी पीएम किसान उत्सव दिवस समारोह का आयोजन किया गया, जहां कैबिनेट व राज्य मं‌त्रियों ने शिरकत की। कार्यक्रमों के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा किसानों को दिए गए संबोधन को लाइव सुना गया।

अपने संबोधन में श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि आज प्रधानमंत्री द्वारा जारी 20वीं किस्त का वितरण केवल एक वित्तीय सहायता नहीं, बल्कि देश के किसानों को दिए गए भरोसे का प्रमाण है। यह उस संकल्प की पुनः पुष्टि है, जो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अन्नदाता के कल्याण के लिए लिया है। मुख्यमंत्री ने 20वीं किस्त जारी करने के लिए प्रदेश के किसानों की ओर से प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया।

उल्लखेनीय है कि कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई यह योजना, भारत के करोड़ों किसानों के जीवन में एक नई ऊर्जा, एक नया आत्मविश्वास लेकर आई है। छोटे व मध्यम वर्ग के किसानों को 2- 2 हजार रुपये की तीन किस्तों के रूप में सीधी सहायता दी जाती है। यह पारदर्शिता और प्रतिबद्धता नए भारत की पहचान बन चुकी है।

हरियाणा सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया है। इसके साथ, किसानों की आय में बढ़ोतरी, तकनीकी नवाचार और जल-संरक्षण जैसे क्षेत्रों में भी अनुकरणीय कार्य किए हैं। राज्य सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी पात्र किसान इन योजनाओं से वंचित न रहे।

किसानों की समृ‌द्धि से ही विकसित भारत संकल्प होगा पूरा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए 4 स्तम्भों पर विशेष जोर दिया है। इनमें किसान, गरीब, महिला व युवा शामिल हैं। प्रथम स्तम्भ किसानों की समृ‌द्धि से ही इस संकल्प को पूरा किया जा सकता है। प्रधानमंत्री के इसी विजन को साकार करने के लिए हरियाणा सरकार किसानों की खुशहाली और कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को भी कारगर ढंग से लागू कर रहे हैं। ये योजनाएं हमारी डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं।

हरियाणा सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘विकसित भारत- विकसित हरियाणा’ को ओर गति से आगे बढ़ा रही है। वर्ष 2047 में भारत जब स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा, तब किसान आत्मनिर्भर, जल और पर्यावरण के प्रति सजग, डिजिटल और वैश्विक बाजार से जुड़ा व उच्च गुणवत्ता और ब्रांडेड उत्पादक होगा।

इस अवसर पर खेल राज्य मंत्री श्री गौरव गौतम, सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विजेंद्र कुमार, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. साकेत कुमार, कृषि विभाग के निदेशक श्री राजनारायण कौशिक, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री ज्ञान चंद गुप्ता, पंचकूला मेयर कुलभूषण गोयल, बीजेपी प्रदेश उपाअध्यक्ष बतों कटारिया, सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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*MC Chandigarh celebrated Teej with Safaimitras: Mayor Honors Women Workforce at Rani Laxmi Bai Bhawan*

*Chandigarh, August 1:*

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In a heartfelt and vibrant celebration of Zero Waste Teej, the Municipal Corporation Chandigarh organized a special event today at Rani Laxmi Bai Mahila Bhawan, Sector 38, dedicated to honoring its women workforce, especially the Safaimitras (women sanitation workers). The celebration was graced by city Mayor Smt. Harpreet Kaur Babla, who attended the event as the Chief Guest.

The Mayor joined the lady staff of MCC, particularly the Safaimitras, in celebrating the festival with great enthusiasm and cultural fervor. She applauded their dedication and tireless efforts in maintaining the city’s cleanliness, emphasizing their crucial role in building a healthier and more beautiful Chandigarh.

MC councillors and the Chairperson of the Art and Culture Committee, Smt. Anju Katyal also supported and encouraged the lively participation of the women staff of MCC.

The event featured colorful cultural performances including traditional Giddha, dance routines, and fun-filled games. The joyous atmosphere reflected the spirit of Teej and provided a platform for women employees to relax, express themselves, and be recognized for their service.

Prizes were awarded to winners of various competitions and games, further adding to the excitement and camaraderie of the event.

The celebration of Teej with Safaimitras not only highlighted the significance of the festival but also served as a gesture of gratitude and empowerment for the women sanitation workers who are the unsung heroes of the city.

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खेल महाकुंभ में हरियाणा के खिलाडी दिखाएंगे अपने जौहर

हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा ख्ेाल महाकुभं का उदघाटन करना  प्रस्तावित

प्रदेशभर से 3200 खिलाडी लेंगे राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में भाग-उपायुक्त

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पंचकूला 1 अगस्त- तीन दिवसीय खेल महाकुंभ का ताऊ देवीलील स्टेडियम, सैक्टर-3 में 2 अगस्त से 4 अगस्त 2025 तक आयोजन किया जाएगा, राज्यभर के खिलाडियों को अपनी  श्रेष्ठ प्रतिभा का  प्रर्दशन करने का अवसर मिलेगा।

उपायुक्त श्रीमती मोनिका गुप्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि एथलैटिक, बैडमिंटन, बास्केटबाल और हैंडबाल में पुरूष और महिला खिलाडी राज्यभर से भाग लेंगे। इसके अलावा हाॅकी खेल में सिर्फ महिला खिलाडी अपना प्रतिभा का जौहर दिखाएंगी। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी खेल महाकुंभ के उदघाटन समारोह में आना प्रस्तावित है।

उन्होने बताया कि हरियाणा के खिलाडियों ने अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर मैडल जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया है और इस तरह के खेलों के माध्यम से खिलाडियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का बडा प्लेटफार्म मिलता है।

उन्होने बताया कि एथलैटिक, बैडमिंटन, बास्केटबाल, हाॅकी और हैंडबाल में पूरे हरियाणा से 3200 खिलाडी इन खेलों में भाग लेंगे और इनमें से ही मैडल जीतकर खिलाडी राष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा का नाम रोशन करेंगे।

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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने भेजी ग्रामीण क्षेत्रों और गांवों में कानूनी साक्षरता और जागरूकता शिविर आयोजित करने के लिए मोबाइल कानूनी साक्षरता वैन

अगस्त पूरे माह चलेगा कानूनी जागरूकता कार्यक्रम

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पंचकूला, 1 अगस्त सुश्री अपर्णा भारद्वाज, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-सह-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए), पंचकूला ने बताया कि हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (एचएएलएसए) कार्य योजना-2025 के अंतर्गत, पंचकूला जिले के ग्रामीण क्षेत्रों और गांवों में कानूनी साक्षरता और जागरूकता शिविर आयोजित करने के लिए एचएएलएसए द्वारा एक मोबाइल कानूनी साक्षरता वैन (स्वराज माजदा) भेजी गई है। ये शिविर डीएलएसए द्वारा तैयार कार्यक्रम के अनुसार अगस्त 2025 के पूरे महीने में आयोजित किए जाएंगे।
यह पहल श्री सूर्य प्रताप सिंह, सदस्य सचिव, एचएएलएसए के निर्देशों और श्री वेद प्रकाश सिरोही, जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, डीएलएसए पंचकूला के कुशल मार्गदर्शन में कार्यान्वित की जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य जमीनी स्तर तक पहुँचना और महत्वपूर्ण कानूनी जानकारी के प्रसार के माध्यम से ग्रामीण आबादी का कानूनी सशक्तिकरण सुनिश्चित करना है।
इस अभियान के तहत, आज पंचकूला की सिविल जज (सीनियर डिवीजन)-सह-अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सुश्री कीर्ति वशिष्ठ ने जिला न्यायालय परिसर से मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस कार्यक्रम में पैनल अधिवक्ता, अर्ध-विधिक स्वयंसेवक (पीएलवी) और डीएलएसए के कर्मचारी उपस्थित थे।
मोबाइल वैन शिविरों के लिए नियुक्त अधिवक्ताओं और पीएलवी की टीम के साथ बातचीत करते हुए, माननीय सुश्री कीर्ति वशिष्ठ ने उन्हें कानूनी जागरूकता का सक्रिय प्रसार करने के लिए प्रेरित किया और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) द्वारा शुरू किए गए ष्राष्ट्र के लिएष् शीर्षक से चल रहे 90 दिवसीय मध्यस्थता अभियान के महत्व पर भी जोर दिया। इस अभियान का उद्देश्य मध्यस्थता के माध्यम से लंबित मामलों के निपटारे में तेजी लाना है।
सुश्री वशिष्ठ ने कहा कि योग्य मामलों की पहचान करने और मध्यस्थता के लाभों के बारे में पक्षों को जागरूक करने में कानूनी बिरादरी का सक्रिय सहयोग और भागीदारी महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस अभियान के तहत निम्नलिखित श्रेणियों के मामलों को मध्यस्थता के लिए उपयुक्त माना जा रहा हैरू
’ वैवाहिक विवाद
’ मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) मामले
’ एनआई अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत चेक बाउंस मामले
’ वाणिज्यिक विवाद
’ सेवा संबंधी मामले
’ समझौता योग्य आपराधिक अपराध
’ ऋण वसूली मामले
’ बेदखली विवाद
’ भूमि अधिग्रहण संबंधी मामले
’ अन्य संबंधित दीवानी मामले
सुश्री अपर्णा भारद्वाज ने आगे बताया कि मोबाइल वैन शिविरों के दौरान, आम जनता को हालसा और नालसा द्वारा संचालित विभिन्न कानूनी सहायता योजनाओं और कल्याणकारी कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। 1 अगस्त से 30 अगस्त, 2025 तक चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीण आबादी के दरवाजे तक सीधे कानूनी जागरूकता लाना और वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र को बढ़ावा देना है, जिससे एक अधिक समावेशी और सुलभ न्याय वितरण प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा।
सुश्री भारद्वाज ने कहा कि डीएलएसए, पंचकूला अनुसूचित गांवों के सभी निवासियों से इन शिविरों में सक्रिय रूप से भाग लेने और उनके घर-द्वार पर उपलब्ध कराई जा रही कानूनी सहायता और सेवाओं का लाभ उठाने की अपील करता है।

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श्री माता मनसा देवी मंदिर में चोला अर्पित करने की ऑनलाइन प्रक्रिया हुई शुरू

उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव  ने सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ समाधान शिविर में लंबित शिकायतों को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की

रि ओपन शिकायतों के साथ साथ लंबित पडी शिकायतों का भी त्वरित गति से निवारण करें अधिकारी – उपायुक्त

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पंचकूला, 1 अगस्त- उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनित गर्ग ने  आज चंडीगढ से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी उपायुक्तों के साथ समाधान शिविरों में लंबित शिकायतों की समीक्षा की व प्रदेश के सभी जिलों के उपायुक्तों को लंबित शिकायतों का तुरंत निपटान करने के निर्देश दिए।  

इसके उपरांत उपायुक्त श्रीमती मोनिका गुप्ता ने लघु सचिवालय के सभागार में अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने बैठक में विकास एवं पंचायत विभाग, राजस्व विभाग, जनस्वास्थ्य विभाग, यूएचबीवीएन, एचएसवीपी तथा पुलिस विभाग को 60 दिन से लंबित पडी शिकायतों और रि ओपन हुई शिकायतों का जल्द से जल्द समाधान करने के निर्देश दिए। उन्होने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि समाधान शिविर में आने वाले लोगो की समस्याओं का समाधान तुरंत होना चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री का सपना समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को न्याय दिलाते हुए सरकार की योजनाओं का लाभ मिले। उन्होंने कहा कि आमजन की समस्याओं का समाधान अधिकारियों की प्राथमिकता होनी चाहिए।

इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त निशा यादव, डीडीपीओ विशाल पराशर, एलडीएम, आरटीए पंचकूला, तहसीलदार, डीएसडब्लयूओ, एआरसी, डिवलेपमेंट एवं पंचायत, एक्सईन पंचायती राज, जिला परिषद, डीआरडीए, एलिमेंट्री एजुकेशन, फोरेस्ट, एचएसवीपी, हाउसिंग बोर्ड, यूएचबीवीएन, हेल्थ, ट्रांसपोर्ट, आरटीए, एचएसआईआईडीसी, डीईओ सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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श्री माता मनसा देवी मंदिर में चोला अर्पित करने की ऑनलाइन प्रक्रिया हुई शुरू

इग्नू ने दाखिलों की 15 अगस्त तक फिर बढ़ाई: डॉ धर्म पाल

इग्नू के शैक्षिक कार्यक्रमों के माध्यम से कृषि क्षेत्र में बनाएं करियर

पंचकूला, 1 अगस्त

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इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉ धर्म पाल ने जानकारी देते हुए बताया की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू), शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों में शिक्षार्थियों को प्रवेश दे रहा है। कृषि नीति पर एक पीजी प्रमाणपत्र कार्यक्रम भी ऑनलाइन मोड में पेश किया जाता है। डिप्लोमा कार्यक्रम उद्यमशील हैं और कृषि सम्बंधित क्षेत्रों में रोजगारपरक कौशल विकसित करने में सक्षम हैं। शैक्षिक कार्यक्रम डेयरी फार्मिंग, जैविक खेती, मधुमक्खी पालन, पोल्ट्री उत्पादन, रेशम उत्पादन, कृषि नीति, कृषि लागत प्रबंधन, जल और वाटरशेड प्रबंधन, डेयरी प्रौद्योगिकी, मांस प्रौद्योगिकी, फलों और सब्जियों से मूल्य वर्धित उत्पाद, बागवानी के उभरते क्षेत्रों में पेश किए जाते हैं।

कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के कार्यक्रमों ने नौकरी के व्यापक अवसरों और निरंतर सीखने और विकास की क्षमता के साथ एक आशाजनक कैरियर मार्ग की पेशकश की। यह व्यक्तियों को मूल्यवान कौशल से सुसज्जित करता है जिनकी कृषि-खाद्य उद्योग में उच्च मांग है। कृषि विद्यालय के शैक्षणिक कार्यक्रम कृषि आधारित उद्योगों जैसे उर्वरक, कीटनाशक, बीज, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि मशीनरी आदि में पेशेवर बनने के लिए बेहद उपयोगी हैं। ये कार्यक्रम जैविक खेती जैसी कृषि स्टार्ट-अप गतिविधियों को शुरू करने में मदद करते हैं। वर्मीकम्पोस्ट, अनुबंध खेती, किसानों की उत्पादक कंपनियां, कृषि-इनपुट, प्रसंस्करण, कृषि-विपणन आदि। स्कूल मल्टीमीडिया सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का उपयोग करके विभिन्न माध्यमों से अपने शिक्षार्थियों तक पहुंचता है। पाठ्यक्रम में डोमेन क्षेत्रों में ज्ञान और कौशल का आदान-प्रदान करने के लिए मुद्रित स्व-शिक्षण सामग्री और ऑडियो/वीडियो शामिल हैं। परामर्श सत्र नामित अध्ययन केंद्रों पर ऑफ़लाइन और रेडियो/टीवी/वेब परामर्श के माध्यम से ऑनलाइन भी आयोजित किए जाते हैं। इग्नू के सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा, युजी और पीजी पाठ्यक्रमों में दाखिलों की तिथि 15 अगस्त तक बढ़ा दी गयी है

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Paras Health Panchkula Advocates Timely Intervention for Rare Cancers This Sarcoma Awareness Month

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Panchkula, 30th July 2025: As part of Sarcoma Awareness Month, Paras Health Panchkula is stepping up efforts to raise awareness about sarcomas—rare but aggressive cancers that affect the bones and soft tissues. Known for their subtle onset and rapid progression, sarcomas require early detection and a specialized, multidisciplinary treatment approach to improve patient outcomes and preserve quality of life.

Sarcomas are among the rarest forms of cancer. Despite their rarity, they pose serious challenges due to their painless symptoms and highly variable presentation. These cancers can originate in bones, muscles, fat, nerves, or connective tissues and typically present as persistent swelling, unexplained pain, or limited mobility. In India, the average time between symptom onset and diagnosis of sarcoma is estimated to range from four to six months—often leading to advanced-stage detection, when treatment becomes significantly more complex and outcomes less favorable.

According to the Indian Council of Medical Research’s National Cancer Registry Programme (ICMR-NCRP), India is projected to record 1.57 million new cancer cases in 2025, marking a sharp rise from 1.39 million in 2020.  This increasing cancer load—paired with diagnostic delays in rare conditions like sarcoma—highlights the urgent need for stronger early detection systems. The country’s overall cancer burden is also expected to cross 29.8 million DALYs (Disability-Adjusted Life Years) by 2025, further underscoring the clinical and socioeconomic impact of delayed diagnoses.

Commenting on the criticality of early diagnosis, Dr. Jagandeep Singh Virk, Senior Consultant, Ortho Oncology and Orthopedics and Joint Replacement Surgery , Paras Health Panchkula, said, “Sarcoma is rare, but when missed, the consequences can be life-altering. A delay of even ten days can mean the difference between saving a limb or requiring amputation. That’s why we are actively training orthopedists, physiotherapists, and family doctors to consider sarcoma when pain lingers despite normal imaging. Early detection not only increases survival chances but also preserves mobility and reduces the physical and emotional toll on patients.”

Dr. Pankaj Mittal, Facility Director, Paras Health Panchkula added, At Paras Health Panchkula, we acknowledge that managing a plethora of rare cancers like sarcoma is more than just clinical care; it, in fact, entails a strategic multidisciplinary approach. We, as a health care institution, are constantly building upon the best diagnostic processes, multidisciplinary expertise, and care pathways for the delivery of well-timed and effective treatment. Alongside that, community awareness also holds great importance, for which we are engaged in educating patients and primary care providers about the early signs of sarcoma. Bridging clinical excellence with outreach and accessibility would, we hope, help cut down the time of diagnosis and enhance results for the largely rare but life-changing cancers.

Paras Health Panchkula’s Orthopaedic Oncology team plays a central role in diagnosing and treating these complex cases. The hospital offers a comprehensive model of care, including advanced imaging, image-guided biopsies, limb-sparing surgeries, and structured post-operative rehabilitation. This multidisciplinary approach ensures minimal surgical trauma and promotes faster, more complete recovery.

To mark Sarcoma Awareness Month, the hospital is conducting awareness drives, patient education sessions, and outreach initiatives encouraging timely consultations for persistent joint pain, unexplained lumps, or chronic bone discomfort—symptoms that are too often ignored.

Paras Health Panchkula remains committed to advancing rare cancer care through specialized clinical services, early diagnosis, and sustained community awareness—ensuring that no sarcoma case is overlooked simply because it did not appear urgent at first glance.

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