विरासत सांस्कृतिक प्रदर्शनी में हाथ से बनी वस्तुएं बनी आकर्षण का केन्द्र*

पंचकूला दिसम्बर 25: स्वदेशी जागरण मंच की ओर से पंचकूला के सैक्टर 5 परेड ग्राऊंड में चल रहे स्वदेशी महोत्सव 2025 में विरासत दि हेरिटेज विलेज कुरुक्षेत्र द्वारा लगाई गई सांस्कृतिक प्रदर्शनी में हाथ से बनी वस्तुएं आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। यह जानकारी स्वदेशी महोत्सव के संयोजक राजेश गोयल ने दी। उन्होंने कहा कि स्वदेशी के प्रचार प्रसार के लिए प्रदर्शनी में अनेक हस्त निर्मित वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है।
इस विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए विरासत सांस्कृतिक प्रदर्शनी के संयोजक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि लडक़ी की विदाई के समय दी जाने वाली फुलझड़ी हरियाणा की हस्तकला का ऐसा नायाब नमूना है जो सबको अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। मुलतानी मिट्टी एवं कागज से निर्मित पेपरमैसी के बोहिये हरियाणा की लोक परंपरा को तो दर्शा ही रहे हैं साथ ही स्वदेशी वस्तुओं का प्रचार भी कर रहे हैं। यह कागज, मुलतानी मिट्टी को गलाकर बनाये जाने वाली सामान रखने के लिए प्रयोग की जाने वाली वस्तु रही है।
डॉ. पूनिया ने कहा कि यहां पर बनाए गए सेल्फी प्वाइंट तथा हरियाणा की लोक संस्कृति पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती रही है। यहां पर रखी गई चारपाई पर बैठकर फोटो खिंचाने के साथ ही हरियाणा की चक्की, गंडासा, पगड़ी बंधाओ, फोटो खिंचाओ के साथ भी पर्यटकों ने खूब आनंद लिया। हरियाणा के परिवहन के साधन गड्ढा तथा लोहार के गड्ढे के साथ भी पर्यटकों ने सेल्फी ली। यहां पर भारतीय बाट परंपरा के 500 से अधिक सालों का इतिहास भी दर्शाया गया है। इसके साथ ही खेतीबाड़ी के औजार पर्यटकों को अपनी ओर लुभाते रहे।

उन्होंने बताया कि यहां पर हरियाणा के लोक परिधान के प्रतीक के रूप में हरियाणवी खारा, घागरा सभी को प्रदर्शित किया गया है। इसके साथ ही बटेऊ गिलास भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते रहे। इतना ही नहीं यहां पर हरियाणवी लोक परंपरा में प्रयोग किए जाने वाले असंख्य बर्तनों ने पर्यटकों को खूब लुभाया। इसके साथ ही यहां पर कुएं में सामान निकालने के लिए प्रयोग किए जाने वाले कांटे एवं बिलाई भी लोगों को खूब पसंद आए। विरासत सांस्कृतिक प्रदर्शनी में प्रदर्शित खाट एवं पीढ़ा हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं।