
न्यूज़ 7 वर्ल्ड के प्रधान संपादक श्री संदीप नारंग जी से बातचीत में प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक एवं पूर्व प्राचार्य डॉ. रविन्द्र पुरी ने सर्दियों में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
डॉ. रविन्द्र पुरी ने कहा कि सर्दियों का मौसम जहाँ कई लोगों के लिए आराम, गर्माहट और त्योहारों का समय होता है, वहीं अनेक लोगों के लिए यह मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण भी साबित होता है। जैसे-जैसे तापमान गिरता है और धूप की अवधि कम होती जाती है, वैसे-वैसे मूड में गिरावट, ऊर्जा की कमी, बेचैनी और उदासी बढ़ने लगती है।
उन्होंने बताया कि इसका मुख्य कारण धूप की कमी, तेज रोशनी का अभाव और शारीरिक गतिविधियों में कमी है। ये सभी तत्व दिमाग में मौजूद मूड को संतुलित करने वाले हार्मोन जैसे सेरोटोनिन, डोपामिन और मेलाटोनिन को प्रभावित करते हैं।
डॉ. पुरी के अनुसार, इन्हीं कारणों से सर्दियों में कई मानसिक समस्याओं के बढ़ने की आशंका रहती है, जिनमें
सीज़नल डिप्रेशन, जनरलाइज़्ड एंग्जायटी डिसऑर्डर, ओवरथिंकिंग, नेगेटिव थॉट्स, सोशल एंग्जायटी, पैनिक अटैक, इंसोम्निया, ओब्सेसिव–कम्पल्सिव लक्षण, लो एनर्जी, मोटिवेशन की कमी, थकान और चिड़चिड़ापन शामिल हैं। इसके अलावा कुछ साइको-सोमैटिक समस्याएँ जैसे पाचन से जुड़ी दिक्कतें भी देखने को मिल सकती हैं।
उन्होंने बताया कि सर्दियों में दिन छोटे हो जाते हैं और धूप की कमी के कारण दिमाग को पर्याप्त रोशनी नहीं मिल पाती, जिससे सेरोटोनिन का स्तर प्रभावित होता है। यह सीधे तौर पर मूड, नींद और ऊर्जा पर असर डालता है।
डॉ. रविन्द्र पुरी ने यह भी कहा कि ठंड के कारण लोग कम चलते-फिरते हैं, घर में ज्यादा समय बिताते हैं और एक्सरसाइज़ लगभग बंद कर देते हैं। इसका असर दिमाग के केमिकल्स, हार्मोन, नींद और शरीर की ऊर्जा पर पड़ता है। नियमित वॉक या व्यायाम न करने से तनाव बाहर नहीं निकल पाता और सुस्ती, वजन बढ़ना व थकान बढ़ जाती है।
मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रखने के उपाय
डॉ. पुरी ने सर्दियों में मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए कुछ आसान सुझाव दिए—
- रोज़ 10–20 मिनट धूप अवश्य लें
- रोज़ाना 20–30 मिनट वॉक या हल्की एक्सरसाइज़ करें
- नाश्ते में केला, अखरोट, बादाम, डार्क चॉकलेट, ओट्स, अंडा, दूध और दही शामिल करें
- सामाजिक संपर्क बनाए रखें, चाहे फोन पर बातचीत ही क्यों न हो
- गहरी सांस लेने का अभ्यास करें
- सोने से 1 घंटा पहले मोबाइल और स्क्रीन से दूरी बनाएं, क्योंकि नीली रोशनी मेलाटोनिन को प्रभावित कर नींद और मूड दोनों खराब करती है
सर्दियों में अपनी मानसिक सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए