Department of Indian Theatre celebrated World Theatre Day

अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सिख दस्तार घटना पर आधारित लघु फिल्म, नवंबर में भारत में स्वतंत्र रूप से प्रीमियर की जाएगी

गुरिंदर सिंह खालसा ने सिखसामाजिक संस्थाओं से अपने प्रयासों का समर्थन करने के लिए आगे आने का आग्रह किया

गुरिंदर सिंह खालसा, भारतीय-अमेरिकी सिख कार्यकर्ता, उद्यमी, और परोपकारी, जिन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता को पेश करने के लिए एक अलग मिसाल पेश की और उन्हें यूएसए की इंडियाना माइनॉरिटी बिजनेस मैगज़ीन द्वारा विविधता के चैंपियंस में चुने जाने के बाद जनवरी में प्रतिष्ठित 2019 रोजा पार्क्स ट्रेलब्लेज़र पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) आधारित सिख राजनीतिक कार्रवाई समिति (पीएसी) सक्रिय रूप से विदेशी भूमि पर सिख धर्म के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए काम कर रही है।

यह पुरस्कार उनके अभियान के लिए दिया गया है, जिसमें यूएसए परिवहन सुरक्षा प्रशासन (टीएसए) (Transportation Security Administration) को सिख समुदाय की दस्तार के प्रति अपनी हेडगियर नीति को बदलने के लिए मजबूर किया और साहस और करुणा का निरंतर प्रदर्शन किया।

आज 7 जुलाई को, गुरिंदर ने चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें उन्होंने सिख और अन्य सामाजिक संस्थाओंसे आग्रह किया कि वह उनकी वास्तविक जीवन की घटना पर आधारित एक लघु फिल्म के प्रचार के लिए आगे आएं, कयोंकि इस घटना के बाद यूएसए में एयरपोर्ट पर होने वाली जाँच में सिखों को बडी राहत मिली।

गुरिंदर ने कहा, “मैं शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC), दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और अन्य सामाजिक संगठनों से आग्रह करता हूं कि वह आगे आकर अपने स्थापित संस्थानों में शॉर्ट फिल्म ‘सिंह’ को जनता को दिखाएं। फिल्म नवंबर के महीने में स्वतंत्र रूप से प्रीमियर के लिए उपलब्ध होगी, जब पूरी दुनिया गुरु नानक जी की 550 वीं जयंती मनाएगी। फिल्म अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संदेश देने के नजरिए के से अंग्रेजी भाषा में बनाई गई है, लेकिन पंजाब के लिए, हम पंजाबी भाषा में ही डबिंग कर रहे हैं ताकि भाषा एक बाधा न बने।”

यूएसए में, खालसा ने राष्ट्रव्यापी प्रयास शुरू किया कि उन्हें 2007 में एक उड़ान में सवार होने से मना कर दिया गया क्योंकि उन्होंने बफ़ेलो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रत्येक सुरक्षा उपाय से सफलतापूर्वक गुजरने के बाद भी अपनी दस्तार उतारने से इनकार कर दिया था। मानदंड के अनुसार, खालसा को अमेरिकी अधिकारियों ने सिख समुदाय की दस्तार के प्रति टीएसए नीति बदलने के लिए याचिका पर 25,000 हस्ताक्षर प्राप्त करने के लिए कहा था, लेकिन अपने अथक प्रयासों के कारण वह 67,000 हस्ताक्षर प्राप्त करने में सफल रहे और अमेरिकी कांग्रेस को सिख दस्तार के लिए नीति बदलने के लिए मजबूर किया। इसने पूरे समुदाय को एक राहत दी है क्योंकि अब टीएसए एजेंट नई नीति के अनुसार सिख पगड़ी नहीं छू सकते हैं यदि उन्होंने हवाई अड्डों पर सुरक्षा उपायों को सफलतापूर्वक बिना किसी अलार्म या ध्वनि के पारित किया है।

गुरिंदर की इस घटना से प्रेरित होकर अमेरिका की 19 वर्षीय एक बहुत ही प्रतिभाशाली फिल्म निर्माता जेना रूइज़ ने एक शक्तिशाली और प्रेरणादायक फिल्म ‘सिंह’ लिखी और निर्देशित की। इस लघु फिल्म में, गुरिंदर जो कि अपनी माँ के अंतिम दिनों में उन्हें मिलने के लिए जा रहे हैं, उन्हें अपने धार्मिक विश्वासों और उड़ान भरने के बीच का कठिन फैसला लेने बारे दर्शाया गया है।

गत महीने, शॉर्ट फिल्म ‘सिंह ’ने कोवेलाइट इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ‘द शॉर्ट ऑफ द ईयर’ का पुरस्कार जीता, जो कि बुट्टे, मोंटाना में होता है। अब गुरु नानक की 550 वीं जयंती समारोह के दौरान नवंबर 2019 में भारत में इसका प्रीमियर होना है।


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